मैं हर गिरती लाश के पास दो आंसू बहाकर उन तक पहुंचना चाहता हूं जो अभी जिंदा हैं

हफीज किदवई वह जो इंसान था, लाश बन गया. वह जो मेरा दोस्त था, मुर्दा हो गया. वह जो मेरे रिश्तेदार थे, ठंडे हो गए. वह जिन्हें मैं जानता था,…