
द लीडर हिंदी: बांदा के रहने वाले हरीश कटियार समझते रहे कि उनके साथ चचेरे भाई अतुल कटियार को बदमाशों ने किडनैप कर लिया है, लेकिन यह सच नहीं था. हरीश को गुमान भी नहीं था कि उनके अपहरण का सच क्या है. अगर यूपी के ज़िला बरेली की पुलिस इतनी तत्परता नहीं दिखाती तो हरीश को यह पता भी नहीं लग पाता कि दरअसल जिस चचेरे भाई का वो साथ में किडनैप होने की बात मान रहे थे, हक़ीक़त में वही किडनैपर था बल्कि इससे भी कहीं आगे की चीज़.
कल सामने आया था अपहरण केस
इस सनसनीख़ेज़ अपहरण के मास्टर माइंड के बारे में बताने से पहले आपको इस बेहद चौंकाने वाले अपहरण की कहानी बताते हैं. पुलिस तक यह मामला गुज़रे दिन पहुंचा. तब जबकि पवन विहार कॉलोनी की रहने वाली किरन ने बारादरी थाने में मुक़दमा दर्ज कराया कि उनके पति अनूप कटियार का अपहरण हो गया है. फोन करके उनसे 5 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई है. तब पुलिस हरकत में आ गई.
बांदा में भी दर्ज मिला मुकदमा
किरन के मुताबिक़ अनूप अपने रिश्तेदार हरीश कटियार से मिलने हरदोई जाने की बात कहकर रविवार को घर से गए थे. वो रिटायर्ड लेखपाल अमर सिंह के बेटे हैं. मूल रूप से हरदोई में पाण्डेयपुर के रहने वाले हैं. रिटायरमेंट के बाद बरेली में ही बस गए. पुलिस ने तफ़्तीश शुरू की तो अहरण का ऐसा ही एक मुक़दमा बांदा में दर्ज हुआ था, जो हरीश कटियार की पत्नी ज्योति ने दर्ज कराया था, जिनका कहना था कि उनके पति को छोड़ने के नाम पर 15 लाख रुपये मांगे गए हैं. हरीश कटियार का बांदा में अंडे का बड़ा कोराबार है. पत्नी टीचर हैं. रहने वाले वो हरदोई के ही हैं. तब एसएसपी अनुराग आर्य को लगा कि यह तो बड़ा मामला है.
एसपी सिटी और नार्थ को सौंपी जांच
उन्होंने एसपी सिटी मानुष पारीक, एसपी उत्तरी मुकेश चंद्र मिश्र को ज़िम्मेदारी सौंपी. अपहर्ता को छुड़ाने और अपहरणकर्ताओं को पकड़ने के लिए कई टीमें गठित कर दीं. सर्विलांस सेल भी एक्टिव हो गई. आख़िरकार रात भोजीपुरा थाने के इलाक़े घुरसमरसपुर में अपहरणकर्ताओं और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई. अपहर्ता को सकुशल छुड़ाकर पुलिस ने आठ अपहरणकर्ताओं को दबोच लिया, जिनमें तीन को पुलिस की गोली लगी है. उनके तीन साथी अभी फरार है.
पूछताछ में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
पुलिस की पूछताछ में यह राज़फ़ाश हो गया कि जिस अनूप के अपहरण का बारादरी थाने में मुक़दमा दर्ज किया गया था, इस बेहद चौंकाने वाले मामले में मास्टरमाइंड वही है. हरीश कटियार की पत्नी के साथ उसने अपनी पत्नी से भी फिरौती वसूलने का प्लान तैयार किया था. उस प्लान का हिस्सा यह भी था कि अगर फिरौती नहीं मिलती तो हरीश कटियार को मार देंगे लेकिन उसकी क़िस्मत अच्छी थी कि बरेली पुलिस ऐसा होने से पहले ही उस तक पहुंच गई. एसएसपी अनुराग आर्य ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस करते हुए बताया कि कैसे बांदा से हरीश कटियार को अपहरण करके बरेली लाया गया और कैसे अहरणकर्ताओं तक पुलिस पहुंची?
आरोपियों का पुराना क्राइम रिकार्ड नहीं
इस अपहरण कांड में जितने भी लोग पकड़े गए हैं, उनका पुराना आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है लेकिन दिमाग़ उन्होंने कमाल का लगाया. ऐसी फुलप्रूफ योजना बनाई कि पुलिस भी चकरा गई, पर वो सर्विलांस से मात खा गए. मोबाइल से लोकेशन ट्रेस होने के बारे में जितनी उनकी जानकारी थी, बरेली का सर्विलांस सेल उससे कहीं ज़्यादा हाईटेक हो चुका है. एसएसपी ने अपहरणकर्ताओं को पकड़ने में शामिल रही पुलिस टीमों के साथ सर्विलांस सेल को भी 25 हज़ार के नक़द ईनाम की घोषणा की है.
बरेली पुलिस काे अदा किया शुक्रिया
प्रेस काफ्रेंस के दौरान एसएसपी अनुराग आर्य बेहद ख़ुश थे. ज़िले में उनकी अगुवाई वाली पुलिस टीम ने एक और शानदार गुडवर्क अंजाम दिया है. अपहरण के मामलों में अकसर पुलिस के पहुंचने पर या उससे पहले अपहर्ता को मार दिया जाता है लेकिन बरेली और बांदा से जुड़े इस मामले में सकुशल बरामदगी हुई है. बदमाशों से तीन तमंचे, कारतूस, खोखे, दो कारें, नौ मोबाइल बरामद हुए हैं. गैंग के तीन सदस्य अभी फरार हैं. उन्हें पकड़ने के लिए भी पुलिस की टीमें पीछा कर रही हैं. हरीश कटियार ने भी बरेली पुलिस का शुक्रिया अदा किया है.