प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों कहा कि भारत के राष्ट्रवाद पर चौतरफा हमलों से देशवासियों को आगाह करना जरूरी
द लीडर : ‘हमारा लोकतंत्र (Democracy) वेस्टर्न इंस्टीट्यूशन नहीं है. यह मानव संस्थान है. भारत का इतिहास लोकतांत्रिक संस्थानों के उदहारणों से भरा है. प्राचीन भारत में 81 गणतंत्रों का…
समृद्ध, खुशहाल भारत बनाना है, तो नागरिकों को एक-दूसरे से झगड़ना बंद करना होगा : जस्टिस काटजू
भारत, कई धर्म-जातियों, भाषाओं नस्लों के साथ मिलकर एक जबरदस्त विविधता (Diversity) वाला मुल्क है. इसकी वजह यह है कि ये मोटे तौर पर अप्रवासियों (Migrants) का देश है. जैसे…
राजनेताओं को नहीं मालूम संकट का हल, उन्हें देश की हर समस्या के लिए मुसलमानों को बलि का बकरा बनाना है : बजट पर जस्टिस काटजू
भारतीय वित्त मंत्री ने संसद में जो बजट पेश किया है, वह मेरे अनुसार निराशाजनक, दिशाहीन और अवास्तविक है. हालांकि यह दावा किया गया कि यह भारत को आत्मनिर्भर बना…
किसान आंदोलन पर जस्टिस काटजू को ऐसा क्यों लगता है कि, विनाश काले विपरीत बुद्धि
बताया गया है कि दिल्ली के गाज़ीपुर, टीकरी और सिंघू बॉर्डर पर इंटरनेट सेवाओं को अधिकारियों ने बंद कर दिया है. अधिकारी शायद समझते हैं कि ऐसा करने से वे…
बॉर्डर पर इतनी फोर्स तो, क्या आज की रात किसान आंदोलन की आखिरी रात होगी!
किसान आंदोलन का हश्र, क्या होगा? कम से कम अब तक तो ये साफ हो चुका है. दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर सील कर दिया है. गाजीपुर बॉर्डर पर बेहिसाब…
कश्मीर के पूर्व ब्यूरोक्रेट शाह फैसल ने की मोदी सरकार की जमकर तारीफ
द लीडर : देश की सबसे प्रतिष्ठित IAS सेवा से अचानक इस्तीफा देकर सुर्खियां में छाने वाले पूर्व ब्यूरोक्रेट और राजनेता शाह फैसल (Shah Faisal) एक बार फिर से चर्चा…
ट्रंप ने अपनी सरकार में भारतीय मूल के लोगों को अहम जिम्मेदारी क्यों नहीं दी थी?
आखिरकार बाइडेन ने अमरीकी राष्ट्रपति पद की शपथ ले ली. भारत का ज्यादातर हिंदी और अंग्रेज़ी मीडिया इसकी लाइव कवरेज कर रहा था, पर अपनी आदत के मुताबिक मेरा ध्यान…
प्रधानमंत्री मोदी ने नहीं दिया नेपाल विदेशमंत्री को मिलने का समय
नेपाल के विदेशमंत्री तीन दिन के दौरे पर भारत आए राजनाथ सिंह और जयशंकर से हुई मुलाकात रिश्तों में फिर से गर्माहट लाने की कवायद भारत दौरा नेपाल के विदेशमंत्री…
नौकरी गंवाकर मिडिल क्लास अपनी नई पहचान से खुश : रवीश कुमार
2019 में अगर 100 लोग वेतनभोगी थे यानी जिन्हें नियमित सैलरी मिलती थी, उनमें से 21 लोगों की नौकरी 2020 में चली गई है. 2016 से ही यह संख्या कम…