Thursday, October 17, 2024
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उत्तराखंड : ग्लेशियर आने से उफान पर नदियां, खाली कराए जा रहे अलकनंदा के तट पर बसे गांव

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मुख्यमंत्री ने लोगों से आह्वान किया है कि वे अफवाहों से बचें. सोशल मीडिया पर कोई पुराना वीडियो साझा न करें, जिससे पैनिक हो. स्थिति से निपटने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.


तीन पर्वतारोही उस चोटी को फतह करने से पहले लापता, जो ‘वर्टिकल लिमिट’ फिल्म में दिखाई गई


 

मुख्यमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में टोल-फ्री नंबर जारी किया है.

बरेली : सुलह के बाद चंदपुर गांव में दोबारा तामीर होगा धार्मिक स्थल, रखी बुनियाद

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द लीडर : बरेली के बिथरी चैनपुर क्षेत्र के चंदपुर गांव में ध्वस्त किए गए एक धार्मिक स्थल को दोबारा तामीर कराया जा रहा है. शनिवार को दरगाह आला हजरत से जुड़े संगठन जमात रजा-ए-मुस्तफा के प्रतिनिधि मंडल और बीडीए के अधिकारियों की मौजूदगी इसकी बुनियाद रखी गई.

आरोप है कि बीती 7 जनवरी को बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) की कार्रवाई में धार्मिक स्थल को ढहाया गया था. जमात रजा-ए-मुस्तफा के नेतृत्व में स्थानीय ग्रामीणों ने इसका जबरदस्त विरोध किया. और जिला प्रशासन के आला अधिकारियों के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज कराई. लगातार चली बातचीत के बाद धार्मिक स्थल के दोबारा निर्माण का रास्ता साफ हुआ है.

जमात के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सलमान हसन खां ने शनिवार का अपना प्रतिनिध मंडल बीडीए में भेजा था. इसमें दरगाह ताजुश्शरिया के सज्जादानशीन मुफ्ती असजद मियां के दामाद फरमान हसन खान, डॉ. मेंहदी हसन, शमीम अहमद, हैदर अली आदि शामिल थे.


जाटों से जस्टिस काटजू का आह्वान, मुजफ्फरनगर दंगों के लिए मुसलमानों से माफी मांग लें


 

बीडीए के अधिकारियों से बातचीत के बाद ये प्रतिनिधमंडल चंदपुर गांव गया और धार्मिक स्थल की नींव रखी. इसकी रस्म नूरी मस्जिद के इमाम शारिक रज़ा ने अदा की. फातिहा और दुआ की गई. जमात के उपाध्यक्ष सलमान हसन खां ने प्रशासन के इस कदम का स्वागत किया है. जमात के प्रवक्ता समरान खान ने बताया कि बुनियाद रख दी गई है.

बंगाल : भाजपा की परिवर्तन यात्रा में जेपी नड्डा ने ममता सरकार पर प्रशासन के राजनीतिकरण और पुलिस के अपराधीकरण का आरोप जड़ा

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द लीडर : भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को पश्चिम बंगाल में ‘परिवर्तन यात्रा’ प्रारंभ कर दी है. इस दौरान वे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार पर जमकर हमलावर दिखे. जेपी नड्डा ने कहा कि ,’ मां, माटी और मानुष के नाम पर आई इस सरकार ने बंगाल की जनता के साथ धोखा किया है.’ सवाल उठाया कि यहां क्या है, तानशाही. उन्होंने सरकार पर प्रशासन का राजनीतिकरण, पुलिस के अपराधीकरण और सरकारी संस्थाओं के भ्रष्टाचार में आकंड डूबने का आरोप लगाया है. (Bengal Nadda Mamata Government)

बंगाल में इसी साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं. यहां कुल 294 सीटें हैं. जिन पर जीत के लिए भाजपा जी-जान से जुटी है. बंगाल, भाजपा की प्रमुखता में किस कदर शामिल है. इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि जब बिहार के विधानसभा चुनाव हो रहे थे. तब, गृहमंत्री अमित शाह बिहार के बजाय बंगाल में पार्टी को मजबूती देने में सक्रिय थे.


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बहरहाल, बंगाल में भाजपा लगातार मजबूत हो रही है. सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के कई नेता और विधायक भाजपा का दामन थाम चुके हैं. इसमें ममता सरकार के मंत्री रहे शुभेंदु अधिकारी समेत अन्य नाम हैं. कुछ ज्वॉनइिंग की पाइपलाइन में हैं.

भाजपा नेता ऐसा दावा कर रहे हैं. भाजपा की बढ़ती ताकत ने लगातार तीसरी बार बंगाल की सत्ता पर काबिज होने का अरमान रखने वालीं ममता बनर्जी के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है.

बंगाल के मालदा में भाजपा की परिवर्तन रैली में जुटे समर्थक. फोटो, साभार जेपी नड्डा का ट्वीटर हैंडल.

शनिवार को मालदा में हुई परिवर्तन यात्रा में जेपी नड्डा ने कहा कि जो शुरुआत सबने देखी है. और जनसैलाब के रूप में जिस तरह का समर्थन मिलता दिख रहा है. वो बंगाल में परिवर्तन की नई बहार है.

मालदा में रोड शो के दौरान नड्डा ने कहा कि मैं, देख रहा हूं कि बंगाल की जनता ने टोलाबाजी और भ्रष्टाचार की सरकार को जड़ से उखाड़ फेंकना तय कर लिया है. इस दौरान उन्होंने रवींद्रनाथ टैगोर को श्रद्धांजलि भी अर्पित की.

किसानों के मुद्​दे पर ममता सरकार पर आक्रामक होते हुए कहा कि बंगाल के 25 लाख लोगों ने केंद्र सरकार को पीएम सम्मान निधि योजना के लिए अर्जी भेजी, तो ममता जी कहती हैं कि मैं भी योजना लागू करूंगी.


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बोले, ममता दीदी ने बंगाल में किसानों के साथ बड़ा अन्याय किया है. अपनी जिद के कारण किसानों को छह हजार रुपये की सम्मान निधि योजना का लाभ नहीं मिलने दिया. वह शाहपुर में आयोजित एक कृषि सम्मान-सह भोज में भी शामिल हुए.

जाटों से जस्टिस काटजू का आह्वान, मुजफ्फरनगर दंगों के लिए मुसलमानों से माफी मांग लें

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द लीडर : पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में साल 2013 के दंगों ने हिंदू-मुसलमानों के बीच नफरत की जो गहरी खांई खड़ी कर दी थी. क्या, किसान आंदोलन उस पर मिट्टी डालकर पाटने का काम रहा है? इसका सामाजिक और राजनीतिक विशलेषण जारी है. इस बीच सुप्रीमकोर्ट के न्यायाधीश रहे जस्टिस मार्केंडय काटजू ने जाटों से एक अपील की है. उन्होंने 2013 के उस घटनाक्रम के लिए मुसलमानों से माफी मांगने का आह्वान किया है. (Justice Katju Muzaffarnagar Riots Muslims)

मुफ्फरनगर दंगें में करीब 43 लोगों की मौत हो गई थी. और बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था. तब से इस क्षेत्र में सामाजिक भाईचारा बहाली की कोशिशें चली आ रही हैं, जो नफरत की उस दरार को भरने में असफल थीं. मगर किसान आंदोलन उन घावों का मरहम बन रहा है.


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शनिवार को जस्टिस काटजू ने कहा कि ‘2013 के दंगों के बाद जाटों को लेकर मेरी राय बदल गई थी. उन्होंने (जाटों ने) क्या किया, और किस तरह से धुव्रीकरण हुआ. सब कुछ साफ है. हालांकि मौजूदा किसान आंदोलन में वे जिस तरह खड़े हो रहे और उनमें मुसलमान भी शामिल हैं. उससे मेरी राय फिर बदली है. ऐसा लगता है कि मुसलमानों से उनकी दुश्मनी खत्म हो चुकी है.’

मुफ्फरनगर की महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत, जयंत चौधरी के साथ गुलाम मुहम्मद जौला. फोटो, ट्वीटर

जस्टिस काटजू कहते हैं कि ‘स्पष्ट है कि कुछ स्वार्थी राजनेताओं के सांप्रदायिक दुष्प्रचार ने उन्हें गुमराह किया था. हर किसी से गलती होती है. लेकिन समझदार वो है, जो अपनी गलतियों से सबक लेकर माफी मांगता है. इसलिए मैं, जाटों से आह्वान करता हूं कि वे 2013 के लिए मुसलमानों से माफी मांगें.’


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पश्चिम उत्तर प्रदेश को जाट लैंड के तौर पर भी जाना जाता है. किसान नेता महेंद्र सिंह टिकेत, जो कि वर्तमान आंदोलन का बड़ा चेहरा बनकर उभरे राकेश टिकेत कि पता थे. गुलाम मुहम्मद जौला, उनके सबसे करीबी माने जाते थे. यहां तक कि वे महेंद्र सिंह टिकेत के मंचों का संचालन भी किया करते थे. मगर 2013 के दंगों के बाद जौला और टिकेत परिवार अलग हो गए थे.

पश्चिमी यूपी की महापंचायत में उमड़ी भीड़

पिछले दिनों जब गाजीपुर बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन से राकेश टिकेत का एक भावुक वीडियो सामने आया. उसने इस क्षेत्र के सामाजिक तानेबाने को भी बदलकर रख दिया है. नफरतें, आंसुओं में बहने लगीं. इसके बाद पश्चिमी यूपी में महापंचायतें प्रारंभ हुईं. एक मंच पर गुलाम मुहम्मद जौला भी आए. उन्होंने मंच से जाट समुदाय को उनकी 2013 की गलती याद दिलाई. अब पश्चिमी यूपी में नफरत की दीवारें ढह रही हैं.

इसे भी पढ़ें: राजनेताओं को नहीं मालूम संकट का हल, उन्हें देश की हर समस्‍या के लिए मुसलमानों को बलि का बकरा बनाना है : बजट पर जस्टिस काटजू

सरसों के खेत में मरने को फेंकी गई बेटी ने मौत को हराया

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उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में करीब डेढ़ साल पहले एक बच्ची को मटके में बंद करके जमीन में जिंदा दफनाने का मामला सामने आया था. मौत को हराने वाली वो बेटी आज अच्छी परवरिश पा रही है. अब एक और वैसी ही घटना सामने आई है. जिसमें एक नवजात बच्ची को सरसों के खेत में फेंक दिया गया. लोगों की नजर पड़ी. प्राइवेट चिकित्सक रवि खन्ना के यहां उपचार के बाद उसने भी मौत को हरा दिया है. वे दोनों स्वस्थ हैं. 

चक्का जाम करने को सड़क पर किसान, दिल्ली की सीमाओं पर कड़ा पहरा

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द लीडर : संयुक्त किसान मोर्चा के देशभर में चक्का जाम के आह्वान पर कई राज्यों में किसान सड़कों पर हैं. दिल्ली में पुलिस बल का व्यवस्था कड़ा पहरा है. करीब 50 हजार जवान दिल्ली के अंदर और सीमाओं पर तैनात हैं. कई मेट्रो सेवाएं, प्रमुख स्थल बंद कर दिए गए हैं. हालांकि किसान मोर्चा पहले ही साफ कर चुका है कि दिल्ली में चक्का जाम नहीं होगा. फिर भी दिल्ली पुलिस ने एहतियात के तौर पर अपनी सुरक्षा पुख्ता कर रखी है. (Farmers Road Block Delhi Borders)

केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 73 दिनों से किसानों का आंदोलन जारी है. दिल्ली के सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसान धरने पर बैठे हैं. किसानों की मांग है कि कानून रद किए जाएं. इसी के समर्थन में शनिवार यानी चक्का जाम की अपील की गई थी. इसके अंतर्गत हाईवे को बंद किया जाना है.

दिल्ली में तैनात पुलिस बल

गाजीपुर बॉर्डर पर पत्रकारों से बातचीत में किसान नेता राकेश टिकैत ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में चक्का जाम न किए जाने की बात कही थी. इसलिए यूपी के अधिकांश हिस्सों में जाम का कोई असर नहीं है. पश्चिमी यूपी में जरूर हलचल है.


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किसान नेता दर्शनपाल सिंह के मुताबिक दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक किसान हॉर्न बजाकर अपनी एकजुटता का संदेश देंगे. इसके साथ ही ये अपील भी की गई कि जाम शांतिपूर्वक तरीके से किया जाए.

जाम को लेकर मोर्चा की गाइडलाइन
  • देश भर में राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों को दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक जाम किया जाएगा।
  • इमरजेंसी और आवश्यक सेवाओं जैसे एम्बुलेंस, स्कूल बस आदि को नहीं रोका जाएगा।
  •  चक्का जाम पूरी तरह से शांतिपूर्ण और अहिंसक रहेगा। प्रदर्शनकारियों को निर्देश दिए जाते है कि वे इस कार्यक्रम के दौरान किसी भी अधिकारी, कर्मचारियों या आम नागरिकों के साथ किसी भी टकराव में शामिल न हो।
  • दिल्ली NCR में कोई चक्का जाम प्रोग्राम नहीं होगा क्योंकि सभी विरोध स्थल पहले से ही चक्का जाम मोड में हैं। दिल्ली में प्रवेश करने के लिए सभी सड़कें खुली रहेंगी, सिवाय उनके, जहां पहले से ही किसानों के पक्के मोर्चे लगे हुए है।

जम्मू-कश्मीर में 551 दिन बाद इंटरनेट 4-जी सेवा बहाल, उमर अब्दुल्ला ने दी मुबारकबाद

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द लीडर : जम्मू-कश्मीर में 18 महीने बाद इंटरनेट की 4-जी सेवा बहाल हो गई है. अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिया गया था. तब से ही घाटी में 4-जी सेवा बंद थी. शुक्रवार को नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्लाह ने इंटरनेट सेवा बहाली पर एक ट्वीट कर मुबारकबाद दी है. करीब 551 दिनों तक जम्मू-कश्मीर को इंटरनेट की हाईस्पीड सेवा से वंचित होकर 2-जी पर आश्रित रहना पड़ा है. (Internet 4g Service Jammu Kashmir)

जम्मू-कश्मीर प्रशासन के प्रवक्ता रोहित कंसल ने शुक्रवार की रात एक ट्वीट के माध्यम से इसकी जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 4-जी इंटरनेट सेवा बहाल की जा रही है. हालांकि इससे पहले घाटी में इंटरनेट सेवा बहाली का ट्रायल होता रहा है.

घाटी का एक दृश्य

कोविड-19 के समय पूरा देश लॉकडाउन था. और पढ़ाई-लिखाई, ऑफिस के सारे कामकाज सब ऑनलाइन पर टिक गए. उस वक्त जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट बंद का मुद्​दा उठा था. इसको लेकर विपक्षी दल लगातार सरकार की आलोचना करते हुए इंटरनेट बहाली की मांग उठाते रहे हैं.

अब जबकि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है. सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर सरकार ने अस्थायी रूप से इंटरनेट सेवा बंद कर रखी है. हरियाणा के कई जिलों में भी इंटरनेट बंद है. इन क्षेत्रों में इंटरनेट बंदी की आलोचना के बीच घाटी का मुद्​दा भी उठता रहा है.


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हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला ने राज्य में 4-जी इंटरनेट सेवा को लेकर प्रधानमंत्री पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि जल्द ही भारत में 5-जी इंंटरनेट सेवा शुरू होने की की बात हो रही है. जबकि जम्मू-कश्मीर के बाशिंदों को 4-जी भी नहीं दिया जा रहा. उन्होंने कहा था कि कुछ दिन प्रधानमंत्री जम्मू-कश्मीर में रहें तो शायद जान सकें कि 2-जी सेवा से काम में किस तरह की मुश्किलें आ रही हैं.

पूर्व नौकरशाह और राजनेता शाह फैसल ने घाटी में इंटरनेट सेवा बहाली को एक बड़ी सकारात्मक पहल बताया है.

सुन्नी-बरेलवी उलमा ने भारतीय राजदूत म्हात्रे की याद में आतंकवाद विरोध दिवस मनाया

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द लीडर : पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ सुन्नी-बरेलवी मसलक के उलमा ने एक बड़ा फैसला लेते हुए 5 फरवरी को आतंकवाद विरोध दिवस मनाया है. उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में दरगाह आला हजरत परिसर स्थित इस्लामिक रिसर्च सेंटर पर ऑल इंडिया तंजीम उलमा-ए-इस्लाम के नेतृत्व में एक कार्यक्रम हुआ. तंजीम के महासचिव मौलाना शहाबुद्​दीन रजवी ने इस्लामिक इदारों (संस्थानों) में पाकिस्तान द्वारा आतंक को शह दिए जाने की निंदा की है.

मौलाना ने कहा कि, रविंद्र हरेश्वर म्हात्रे, जोकि ब्रिटेन में भारत के राजदूत थे. 6 फरवरी 1984 को ब्रिटेन में उन्हें अगवा कर मौत के घाट उतार दिया गया था. इस घटना को पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के सहयोग से अंजाम दिया गया था.  म्हात्रे को याद करते हुए हम आतंक के खात्मे के लिए एकजुटता की अपील करते हैं.

उलमा ने पाकिस्तान को नसीहत देते हुए कहा कि उसे भारत में आतंकी गतिविधियां संचालित करने से बाज आना चाहिए. पूर्व में उसकी ओर से ऐसी जितनी भी कोशिशें हुईं हैं, भारत ने उन सबको नाकाम किया है. इस बात की जरूरत जताई कि सभी को मिलकर पाकिस्तान के इस नापाक इरादे को दुनिया के सामने उजागर करना चाहिए.

मुफ्ती कमर रजा खा ने अपने संबोधन में कहा कि इस्लाम अमन-शांति का पैगाम लेकर आया. पैगंबर-ए-इस्लाम ने किसी शख्स को तकलीफ नहीं पहुंचाई. मौलाना मुजाहिद हुसैन बोले, आतंकी संगठनों के कारण पूरी दुनिया में मुसलमानों की छवि खराब हुई है.


किसानों के चक्का जाम से एक दिन पहले दिल्ली पुलिस अलर्ट, दिल्ली सीमाओं की सुरक्षा सख्त


 

इसलिए मुसलमानों को इसके खिलाफ पूरी ताकत से आवाज उठानी चाहिए. मौलाना ताहिर रजा फरीदी ने भारत सरकार से मांग की है कि आतंक को पालने वाले संगठनों के विरुद्ध सख्त कदम उठाए जाएं. इस दौरान मुफ्ती हाशिम रजा खां, मुफ्ती तौकीर अहमद, मौलाना फाईक आलम, मौलाना खुर्शीद अहमद, आरिफ अंसारी आदि ने अपने विचार रखे.

किसानों के चक्का जाम से एक दिन पहले दिल्ली पुलिस अलर्ट, दिल्ली सीमाओं की सुरक्षा सख्त

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द लीडर : संयुक्त किसान मोर्चा के 6 फरवरी को तीन घंटे का चक्का जाम करने के आह्वान पर दिल्ली पुलिस ने सीमाओं पर सुरक्षा-व्यवस्था और सख्त कर दी है. शुक्रवार को दिल्ली पुलिस ने चक्का जाम को लेकर बैठक की. हालांकि किसान नेताओं ने साफ किया है कि दिल्ली में चक्का जाम नहीं होगा. इसलिए क्योंकि यहां पहले से ही सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन चल रहा है. (Delhi Police Borders Tightens Farmers)

बैठक के दिल्ली पुलिस ने पत्रकारों से बातचीत में 6 फरवरी की सुरक्षा कड़ी करने की बात कही गई है. कृषि कानूनों को लेकर टीकरी बॉर्डर पर पिछले 72 दिनों से किसान धरने पर बैठे हैं. सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर का भी यही हाल है. तीनों बॉर्डर क्षेत्रों पर भारी बैरिकेड, कीलें, खांई लगाने के साथ बड़ी संख्या में सशस्त्र बल तैनात हैं.

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Kisan Agitation Shut Down Internet
आंदोलन में शामिल किसान

सिंघु बॉर्डर से किसान नेता जगतार सिंह बाजवा ने कहा, सभी राज्य और जिलों के हाईवे पर शनिवार को दोपहर 12 से 3 बजे तक चक्का जाम किया जाएगा. दिल्ली में पहले से ही किसान बैठे हैं. इसलिए यहां चक्का जाम वाली स्थिति नहीं है.

इस बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को संसद में दोहराया कि, भारत सरकार कानूनों में किसी भी संशोधन के लिए तैयार है. इसका मतलब ये नहीं कि कानूनों में कोई गलती है. उन्होंने कहा कि पूरे एक राज्य में लोग गलतफहमी का शिकार हैं. किसानों को इस बात के लिए बरगलाया जा रहा है कि ये कानून आपकी जमीन ले जाएंगे.


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उन्होंने कांग्रेस पर बड़ा पलटवार करते हुए कहा कि दुनिया जानती है कि पानी से खेती होती है. खून से खेती सिर्फ कांग्रेस ही कर सकती है, भारतीय जनता पार्टी खून से खेती नहीं करती है.

बीती 26 जनवरी को किसानों ने दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकाली थी, जिसमें हिंसा हो गई थी. यहां तक कि दीप सिद्धू के नेतृत्व में बेकाबू भीड़ लाल किला पहुंची और वहां धार्मिक झंडा फहराया था. इस परेड में एक किसान की नवरीत की मौत हो गई थी. किसान आंदोलन को लेकर अब तक करीब 190 मौतें हो चुकी हैं.

ग्रेटाथुनबर्ग पर दिल्ली पुलिस की सफाई-एफआइआर टूलकिट बनाने वालों के खिलाफ, कन्हैया कुमार का तंज क्यूं थू-थू करवा रहे हो भाई

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द लीडर : किसान आंदोलन का समर्थन जताने वाली स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटाथुनबर्ग पर एफआइआर मामले में दिल्ली पुलिस ने सफाई दी है. विशेष आयुक्त प्रवीर रंजन ने कहा कि एफआइआर में किसी का नाम नहीं है. ये कवल टूलकिट बनाने वालों के खिलाफ है, जो जांच का विषय है. दिल्ली पुलिस उस मामले की जांच करेगी. इस सफाई पर जेएनयू के छात्रनेता रहे कन्हैया कुमार ने तंज कसा है.

कन्हैया कुमार ने एक ट्वीट में कहा कि, ‘अब दिल्ली पुलिस कह रही है कि स्कूल-किड पर नहीं टूलकिट पर एफआइआर की है. भाई, क्यूं दुनिया में भारत की थू-थू करवा रहे हो. अगर सचमुच देश को बचाना है तो ट्वीटर से ज्यादा फॉर्मर को प्रमुखता देनी होगी.’

ग्रेटा बोलीं, कोई धमकी डिगा नहीं सकती

ग्रेटाथुनबर्ग विश्व की जानमानी पर्यावरण कार्यकर्ता हैं. किसानों के आंदोलन पर उन्होंने एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने शांतिपूर्ण किसान आंदोलन को समर्थन दिया था. गुरुवार को उनके विरुद्ध जब एफआइआर की खबर सामने आई. तो ग्रेटा ने एक और ट्वीट किया. इसमें दोहराया कि मानवाधिकार के मुद्​दे पर कोई भी धमकी उन्हें डिगा नहीं सकती है.


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भारत को बदनाम करने की विदेशी साजिश : जावड़ेकर

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जो टूलकिट का मामला है. बेहद गंभीर है. साफ होता है कि कुछ विदेशी ताकतें भारत को बदनाम करने की साजिश कर रही हैं.

इससे पहले अमेरिकी पॉप स्टार रिहाना ने किसान आंदोलन से जुड़ी सीएनएन की खबर को रि-ट्वीट करते हुए कहा था कि हम इस पर बात क्यों नहीं करते? उनके इस ट्वीट के बाद से पूरी दुनिया में आंदोलन पर चर्चा होनी लगी. बाद में भारतीय विदेश मंत्रालय ने रिहाना के इस ट्वीट की आलोचना की थी.