Thursday, October 17, 2024
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रामपुर : किसान आंदोलन में शामिल होने पर पुलिस ने सज्जादानशीन को कथित रूप से हड़काया, मौलाना तौकीर बोले-ऐसी घटनाएं बर्दाश्त नहीं

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द लीडर : किसान आंदोलन में शामिल होने पर उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले की एक दरगाह के सज्जादानशीन को पुलिस द्वारा कथित रूप से हड़काने का मामला सामने आया है. बरेली के आला हजरत खानदान से ताल्लुक रखने वाले इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां शुक्रवार को रामपुर पहुंचे. और सज्जादानशीन से मुलाकात की. मौलाना ने कहा कि महज आंदोलन में जाने भर से अगर एक वर्ग विशेष के लोगों को निशाना जाएगा. भेदभावपूर्ण कार्रवाई हुई तो इसका कड़ा विरोध होगा. (Rampur Police Farmer Agitation Maulana)

पत्रकारों से बातचीत में मौलाना ने कहा कि हम सबकी जिम्मेदारी है कि कानून व्यवस्था हाथ में न लें. लेकिन शांतिपूर्वक विरोध करना हमारा संवैधानिक अधिकार है. इससे किसी को नहीं रोका जा सकता.

सज्जादानशीन के साथ पुलिस ने जो अभद्र व्यवहार किया है. इससे लोगों में नाराजगी है. आौर इसके जिम्मेदार पुलिस अधिकारी हैं. पुलिस को चाहिए कि कानून व्यवस्था का पालन कराए, न कि कानून को अपने हाथों में लेकर किसी को हड़काने लगे.

मौलाना ने कहा कि हम किसान आंदोलन का समर्थन करते हैं और जल्द ही आंदोलन में शामिल होने जाएंगे. उन्होंने सीएए-एनआरसी आंदोलन का हवाला देते हुए कहा कि जिन लोगों के हाथ में पत्थर हैं-और वो फुटेज में कैद हुए हैं. उन पर कार्रवाई करना तो ठीक है. लेकिन बेकसूरों के घरों पर नोटिस चस्पा किया जाना, बर्दाश्त नहीं होगा.


संसद में बोले प्रधानमंत्री मोदी, किसान आंदोलन का सम्मान, मगर कृषि सुधार जरूरी


 

मौलाना बोले, वर्ग विशेष के लोगों को अपमानित करने का खुलकर विरोध किया जाएगा. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि लगता है कि यहां के कप्तान फिल्में ज्यादा देखते हैं.

इसलिए वे लोगों को फिल्मी अंदाज में हड़का रहे हैं. इससे पहले गुरुवार को मौलाना ने बरेली में अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में सज्जादानशीन को कथित रूप से हड़काए जाने की घटना की निंदा की थी.

रामपुर के किसान की हुई थी ट्रैक्टर परेड में मौत

26 जनवरी को दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड हुई थी. इसमें एक किसान नवरीत की मौत हो गई थी, जो रापपुर जिले के ही निवासी थे. नवरीत की मौत से जुड़ी खबर प्रकाशित करने पर द वायर के संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और रिपोर्टर इस्मत आरा के विरुद्ध रामपुर पुलिस ने केस दर्ज किया था. ये मामला अदालत में है.

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रोना विल्सन-कभी बेगुनाहों की आवाज उठाते थे, आज खुद ही आतंकवाद के आरोप में कैद हैं 

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द लीडर : रोना विल्सन. अमेरिका के मशहूर अखबार ‘द वॉशिंगटन पोस्ट’ के जरिए चर्चा में हैं. वो, प्रधानमंत्री की हत्या की साजिश रचने के आरोप में जेल में बंद हैं. वॉशिंगटन पोस्ट ने अमेरिका की साइबर फोरेंसिक लैब-आर्सेनल कंसलटिंग की जांच के आधार पर एक रिपोर्ट छापी है. जिसमें दावा किया है कि विल्सन के लैपटॉप में पीएम की हत्या की साजिश से जुड़े, जो सबूत मिले हैं-वो प्लांट किए गए थे. (Rona Wilson Imprisoned Terrorism)

इस रिपोर्ट ने भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़ी गिरफ्तारियों पर एक बार फिर से बहस खड़ी कर दी है. जिसमें कई जानी-मानी हस्तियां जेलों में बंद हैं-जैसे वकील, प्रोफेसर, सामाजिक कार्यकर्ता. साल 2018 के जनवरी महीने में महाराष्ट्र के पुणे स्थित भीमा कोरेगांव में एल्गार परिषद के एक कार्यक्रम में हिंसा भड़क गई थी. जिसके बाद पुणे पुलिस ने दिल्ली, मुंबई समेत कई जगहों से गिरफ्तारियां की थीं. रोना विल्सन भी उन में से एक हैं.

कौन हैं रोना विल्सन

केरल के कोल्लम जिले में जन्में रोना विल्सन ने दिल्ली यूनिवर्सिटी और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) से पढ़ाई की है. पढ़ाई के दौरान ही वे सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय हो गए थे. और आतंकवाद जैसे गंभीर आरोपों में जेल की सजा काट रहे बेगुनाहों की रिहाई के लिए आवाज उठाने लगे.


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राजनीतिक कैदियों की रिहाई समिति के सचिव

दिल्ली यूनिवर्सिटी के डाॅ. जाकिर हुसैन कॉलेज के प्रोफेसर रहे एसएआर गिलानी ने एक कमेटी बनाई थी. जिसका नाम है, कमेटी फॉर रिलीज ऑफ पॉलिटिकल प्रिजनर्स (CRPP). रोना विल्सन इस समिति के पब्लिक रिलेशन सचिव हैं. 2001 के संसद हमले में कथित भूमिका के लिए प्रोफेसर गिलानी भी गिरफ्तार हुए थे. हालांकि बाद में वे इस मामले से बरी हो गए थे. उनकी रिहाई के लिए आवाज उठाने वालों में रोना प्रमुख माने जाते हैं.

गिरफ्तारी को लगे आरोप नकारते रहे आरोपी

मानवाधिकार के लिए काम करने वाली अधिवक्ता सुधा भारद्वाज, आनंद तेलतुंबड़े, कवि वरवरा राव, रोना विल्सन-ये सभी भीमा कोरेगांव प्रकरण में जेल में बंद हैं. और अपने ऊपर लगे गंभीर आरोपों को नकारते हैं. हालांकि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) का दावा है कि आरोपियों के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध हैं. बहरहाल, अमेरिका की फोरेंसिक रिपोर्ट ने इस केस की जांच को लेकर एक और सवाल खड़ा कर दिया है.


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वॉशिंगटन पोस्ट की खबर में क्या दावा

वॉशिंगनटन पोस्ट ने रोना विल्सन से जुड़ी जो खबर छापी है. उसमें बताया कि विल्सन के लैपटॉप में एक मैलवेयर डाला गया. इसके जरिेये करीब दो साल तक उनके कंप्यूटर की रैकी की गई. उसी मैलवेयर से आतंकवाद से जुड़े सबूत कंप्यूटर में प्लांट किए गए. लैब में कहा गया कि ये अब तक का सबसे जटिल केस है. इस खबर को अंग्रेजी के अखबारों ने भी प्रकाशित किया है.

‘प्रधानमंत्री ने चीन को सौंपी हिंदुस्तान की जमीन’-राहुल के आरोपों पर नकवी की अशोभनीय टिप्पणी

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द लीडर : भारत-चीन सरहद विवाद को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)  पर कड़े प्रहार किए हैं. उन्होंने कहा कि ‘प्रधानमंत्री डरपोक हैं, जो चीन (China) के खिलाफ खड़े नहीं हो सकते. हमारे जवानों की शहादत को नजरंदाज कर रहे हैं. सेना के बलिदान को धोखा दे रहे हैं. भारत में किसी को ऐसा करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए. प्रधानमंत्री इस पर क्यों नहीं बोल रहे.’ (Prime Minister India Land China)

राहुल गांधी ने सवाल उठाया कि ‘मोदी ने भारत की जमीन चीन को क्यों दे दी? उन्हें, और रक्षा मंत्री को इसका जवाब देना चाहिए. क्यों, सेना को कैलाश रेंज से पीछे हटने को कहा गया? देपसांग प्लेंस से चीन वापस क्यों नहीं गया? हमारी जमीन फिंगर-4 तक है.


पूर्व चीफ जस्टिस गोगोई ने क्यों कहा कि मनमाफिक फैसले नहीं दिए तो आप पर अटैक करेंगे!


 

मोदी ने फिंगर-3 से फिंगर-4 की जमीन चीन को सौंप दी है. पीएम ने हिंदुस्तान की जमीन चीन को पकड़ाई है-ये एक सच्चाई है. मोदी जी ने चीन के सामने सिर झुका दिया. जो रणनीतिक क्षेत्र है, जहां चीन अंदर आकर बैठा है. रक्षामंत्री ने उस बारे में एक भी शब्द नहीं बोला.’

 

शुक्रवार को राहुल गांधी ने इन गंभीर आरोपों के साथ सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं. दरअसल, गुरुवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में बताया था कि भारत-चीन सीमाओं से दोनों देशों की सेनाएं अपने निर्धारित स्थान के लिए पीछे हटने लगी हैं. सीमा का मुद्​दा बातचीत के जरिये ही हल हो सकता है. उन्होंने स्पष्ट किया था कि हम अपनी एक इंच भी जमीन किसी को लेने नहीं देंगे.


पैंगोंग झील से पीछे हटेंगी सेनाएं, रक्षामंत्री बोले हम अपनी एक इंच भी जमीन किसी को लेने नहीं देंगे


 

दो दिन पहले ही चीन के ग्लोबल टाइम्स ने भारत-चीन सीमा से सैनिकों के पीछे हटने से जुड़ी खबर प्रकाशित की थी. इसके बाद गुरुवार को भारतीय रक्षामंत्री ने भी बताया कि सेनाएं पीछे हटना शुरू हो गई हैं.

इसी को लेकर राहुल गांधी ने सरकार पर ये सवाल उठाए हैं. राहुल के आरोपों के बीच केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की प्रतिक्रिया आई है. समाचार एजेंसी एएनआइ से बातचीत में नकवी ने राहुल गांधी के लिए कुंदबुद्धि पप्पू जी-जैसे शब्दों का उपयोग करते हुए अशोभानीय टिप्पणी की है.

पूर्व चीफ जस्टिस गोगोई ने क्यों कहा कि मनमाफिक फैसले नहीं दिए तो आप पर अटैक करेंगे!

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द लीडर : अयोध्या की राम जन्मभूमि पर फैसला सुनाने वाले भारत के पूर्व चीफ जस्टिस (CJI) रंजन गोगोई ने न्यायपालिका (Judiciary) की बढ़ती आलोचनाओं को लेकर अपनी राय जाहिर की है. उन्होंने कहा कि हम एक कठिन (टेरिबल) दौर में रह रहे हैं. इसमें जिस भी शख्स के पास ताकत और तेज आवाज है. वे, सब संभावित खतरे हैं. और ये खतरे चारों ओर से हैं. जजों पर हमलों को लेकर गोगोई ने कहा कि, चाहे जितने हमले हों, जज दबाव में नहीं आते. असल में, जजों पर हमले करके ये संदेश देने की कोशिश की जाती है कि अगर आप हमारे मनमाफिक फैसला नहीं देंगे. तो रिटायरमेंट के बाद आप पर अटैक करेंगे. मगर जज, इससे झुकते नहीं. कुछ, टूट जाते हैं.

गुरुवार को इंडिया टुडे के कॉन्क्लेव में जस्टिस गोगोई ने ये बातें कहीं. उनसे पूछा गया कि आपके बारे में कहा जाता है कि राम मंदिर से जुड़ा फैसला सुनाने के कारण आपको राज्यसभा भेजा गया-गोगोई बोले, ये सब फिजूल की बातें हैं.

जस्टिस गोगोई ने अपने ऊपर लगे उस आरोप को भी खारिज किया, जिसमें यौन उत्पीड़न के एक मामले में खुद ही खुद को क्लीन चिट दिए जाने की बात शामिल हैं. जस्टिस गोगोई ने कहा कि ये आधारहीन आरोप है. और तथ्यों को जांचना चाहिए.


बंगाल में नहीं तो क्या पाकिस्तान में बोलेंगे जय श्रीराम, शाह का ममता पर वार-गुंडे जिताते हैं इनको चुनाव


 

हाल ही में तृणमूल कांग्रेस पार्टी की सांसद महुआ मोईत्रा ने इस प्रकरण को लेकर संसद में बयान दिया था. जस्टिस गोगोई ने कहा कि अगर आप किसी पर आरोप लगा रहे हैं तो उसका नाम लेने की भी हिम्मत दिखाइए.

यौन उत्पीड़न मामले पर उन्होंने कहा कि, पहले ही दिन मैंने ये केस जस्टिस बोबड़े के हवाले कर दिया था. जोकि अभी मौजूदा सीजेआइ हैं और उस समय सबसे वरिष्ठ जज थे. जस्टिस बोबड़े ने ही जांच कमेटी बनाई थी. फिर मैंने कैसे खुद को क्लीन चिट दे दी. फैक्ट सही कीजिए. आप नई पीढ़ी के जजों को ये बताना चाहते हैं कि आपका मुंह बंद रखा जाएगा.

एनआरसी एक बड़ा राजनीतिक खेल

असम में एनआरसी को लेकर भी जस्टिस गोगोई ने अपना मत रखा है. उन्होंने कहा कि असम में एनआरसी राजनेताओं का बड़ा खेल है. बीजेपी की सरकार हो या कांग्रेस की. पिछले 50 सालों से राजनीतिक पार्टियां ये खेल रही हैं. अवैध प्रवासियों को कहा जाता है कि हमें वोट दीजिए-हम तुम्हारी रक्षा करेंगे. जबिक दूसरी ओर स्थानीय लोगों से कहा जाता है कि हमें वोट दो-हम अवैध प्रवासियों को बाहर निकाल देंगे.


जानिए, कैसे इस आंदोलन से शुरू हुआ नरेंद्र मोदी का राजनीतिक कॅरियर और बने प्रधानमंत्री


 

अब हिमंता बिस्व सरमा कह रहे हैं कि चुनाव के बाद एक फुलप्रूफ एनआरसी लाएंगे. आखिर इसमें क्या गलत है. इसे क्यों नहीं लागू किया जाता. पूरे देश में एनआरसी के सवाल पर बोले-जब एक राज्य में 40-50 साल से एनआरसी नहीं हो पा रही है तो पूरे देश में एनआरसी का सवाल कहां है.

मौलाना तौकीर रजा ने आखिर क्यों कहा कि आतंकवादी कहो चाहे पाकिस्तानी, अब मुसलमान चुप नहीं बैठेंगे

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बरेली : सुन्नी-बरेलवी मुसलमानों के प्रमुख केंद्र (आला हजरत खानदान) से ताल्लुक रखने वाले और आइएमसी के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां ने किसान आंदोलन के समर्थन में बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा कि पिछले करीब 90 दिनों से किसान सड़क पर बैठे हैं. ये इंसानियत को शर्मसार करने वाली बात है. मैं, अपील करता हूं कि किसान भाईयों के बारे में हमदर्दी से सोचें और उनके साथ शामिल हों. मौलाना का आरोप है कि रामपुर पुलिस ने किसान आंदोलन में शामिल होने वाले कुछ लोगों से अभद्रता की है. शुक्रवार को मैं उनसे मिलने रामपुर जाऊंगा.

बंगाल में नहीं तो क्या पाकिस्तान में बोलेंगे जय श्रीराम, शाह का ममता पर वार-गुंडे जिताते हैं इनको चुनाव

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द लीडर : पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव (Bengal Assembly Election) के लिए भाजपा (BJP) न सिर्फ पूरे दमखम के साथ मैदान में है. बल्कि ममता सरकार (Mamata Government) के खिलाफ निर्मम होकर, बेहद आक्रामक प्रचार को आकार दे रही है. गुरुवार को गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने कूचबिहार मैदान से जिस अंदाज में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार पर जोरदार हमले किए. वो भाजपा की तरकश से निकले चंद तीर हैं. चुनावी तारीख का ऐलान होने तक ऐसे तीरों की जबरदस्त बौछार देखने को मिल सकती है. जिससे बचाव कर, पलटवार करना टीएमसी के लिए खासा मुश्किल भरा होगा. (Bengal Pakistan Shah Mamata)

समर्थकों से खचाखच भरे कूचरविहार मैदान में परिवर्तन रैली को संबोधित करते हुए शाह ने ममता राज की कानून व्यवस्था को कठघरे में खड़ा किया. ये कहते हुए कि ‘ममता दीदी को बड़ा भरोेसा कि चुनाव जीतने के लिए जनता की जरूरत नहीं है.’

आरोप लगाया, ‘उनके पास गुंडे हैं, गुंडे. उन्हें गुंडे चुनाव जिताते हैं. लेकिन मैं कहने आया हूं कि ममता दीदी, इस बार बंगाल का चुनाव ऐतिहासिक होने जा रहा है. आपके दंगा प्रमुख (टीएमसी प्रत्याशियों) के सामने, भाजपा का बूथ स्तर का कार्यकर्ता लड़ेगा और चुनाव जीतेगा.’

बंगाल के ठाकुरगंज में आयोजित भाजपा की रैली में जुटी समर्थकों की भीड़. इस रैली को गृहमंत्री अमित शाह ने संबोधित किया.

बोले-‘बंगाल के अंदर ऐसा माहौल बना दिया गया है कि जय श्रीराम बोलना गुनाह है. अरे, ममता दीदी-बंगाल में जय श्रीराम नहीं बोला जाएगा, तो क्या पाकिस्तान में बोला जाएगा.’

विकास के मुद्​दे पर भी सरकार को घेरा. कहा कि ममता दीदी आप हमें गरीबों की सेवा करने से नहीं रोक सकतीं. मैं, आपको कहता हूं कि आप मई के बाद हमें नहीं रोक पाएंगी, क्योंकि तब आप मुख्यमंत्री ही नहीं रहेंगी.


बंगाल : भाजपा की परिवर्तन यात्रा में जेपी नड्डा ने ममता सरकार पर प्रशासन के राजनीतिकरण और पुलिस के अपराधीकरण का आरोप जड़ा


 

गृहमंत्री ने किसानों का मुद्​दा उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार किसानों को हर साल छह हजार रुपये सम्मान निधित देती है. क्या, आपको नहीं मिल रहा है, नहीं. इसलिए क्योंकि, ममता दीदी आपका अकाउंट नंबर ही नहीं भेज रही हैं. लेकिन आप चिंता मत कीजिए.

हमारी सरकार बनवाएं. कैबिनेट की पहली बैठक में ये फैसला होगा कि आपको सम्मान निधि मिले. वो भी पिछली दो बकाया निधियों समेत यानी कुल 18 हजार रुपये आपके खातों में आएंगे.

शाह ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि हम सभी समाजों और उनकी संस्कृति को आगे लेकर बढ़ने वाले लोग हैं. इसी कारण आज पूरा भारत मोदीजी के नेतृत्व में भाजपा के साथ जुड़ा रहा है.


उवैसी के बंगाल में चुनाव लड़ने के एलान पर यूपी से मौलाना तौकीर का बड़ा एलान


 

बंगाल की 294 व‍िधानसभा सीटों पर इसी साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं. मुख्य लड़ाई राज्य के सत्ताधारी दल-टीएमसी और भाजपा के बीच है. भाजपा, बंगाल में अपनी सरकार बनाने के लिए पूरी शिद्​दत के साथ जुटी है. इस कोश‍िश में टीएमसी सरकार के मंत्री रहे शुभेंदु अधिकारी समेत कुछ विधायकों को भी भाजपा में जोड़ा है.

पैंगोंग झील से पीछे हटेंगी सेनाएं, रक्षामंत्री बोले हम अपनी एक इंच भी जमीन किसी को लेने नहीं देंगे

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द लीडर : भारत-चीन सीमा पर पिछले साल से बना गतिरोध खत्म होता दिख रहा है. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को संसद में बताया कि ‘चीन के साथ पैंगोंग झील से पूर्व सेनाओं के हटने के स्तर पर समझौता हुआ है. भारत अपने बेस फिंगर तीन और चीन फिंगर आठ के पीछे हटेगा. ये प्रक्रिया कल से शुरू हो चुकी है. अपनी पुरानी जगह पर जाएंगे.’

रक्षमंत्री, पूर्वी लद्​दाख के मौजूदा हालात से संसद को अवगत कराया. उन्होंने कहा कि ‘चीन ने कई बार अतिक्रमण की कोशिश की है. लेकिन सेना ने उसे नाकाम कर दिया. दोनों पक्षों की ओर से सितंबर से बातचीत जारी है. सीमा का मुद्​दा बातचीत से ही हल हो सकता है.’

भारत और चीन के साथ करीब 34,80 किलोमीटर सीमा साझा करता है. बीते साल 2020 के जून माह में लद्​दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पास भारत-चीन सेना में झड़प हुई थी. इस तनाव के कारण 15 जून को फिर गलवान घाटी में झड़प हुई. जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे.


जानिए, कैसे इस आंदोलन से शुरू हुआ नरेंद्र मोदी का राजनीतिक कॅरियर और बने प्रधानमंत्री


 

इसको लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर सवाल उठाता रहा है. बुधवार को भी कांग्रेस के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने संसद में चीन के साथ विवाद का मुद्​दा सदन में उठाया था.

गुरुवार को रक्षामंत्री ने संसद को हालात से वाकिफ कराया. उन्होंने कहा कि ‘हम अपनी एक इंच जमीन भी किसी को लेने नहीं देंगे. ये हमारे हौसलों का यही नतीजा है कि हम पूर्वी लद्​दाख में सीमा गतिरोध के मद्​देनजर समझौते की स्थिति तक पहुंचे हैं.

उन्होंने कहा कि भारत ने चीन से हमेशा कहा है कि द्विपक्षीय संबंध दोनों पक्षों के प्रयास से बने रह सकते हैं.’ हम हर चुनौती का सामना करने में सक्षम हैं.


आपदा : 34 शव बरामद, 170 लोग अभी भी लापता, सुरंग में फंसीं 35 जिंदगियां बचाने की जंग जारी


 

आपदा : 34 शव बरामद, 170 लोग अभी भी लापता, सुरंग में फंसीं 35 जिंदगियां बचाने की जंग जारी

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द लीडर : उत्तराखंड के चमोली जिले में ऋषि गंगा तपोवन बिजली प्रोजेक्ट की निर्माणाधीन सुरंग में करीब 35 लोग फंसे हैं. इनमें तीन इंजीनियर शामिल हैं. इन तक पहुंचने के लिए राहत बचाव की टीम की राह में मलबा आड़े आ रहा है. इस आपदा में लगभग 170 लोग अभी भी लापता हैं. जबकि 34 लोगों की मौत हो चुकी है. इनके शव बरामद हुए हैं. वहींं राहत-बचाव टीम सुरंग में फंसे लोगों की जिंदगियां बचाने की जंग लड़ रही है.

सुरंग के अंदर राहत-बचाव अभियान जारी है. आइटीबीपी की डीआइजी अपर्णा कुमार के मुताबिक सुरंग में कुछ लोगों के फंसे होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि तकनीकी टीम वर्टिकल ड्रिलिंग कर रही है. और सर्वेक्षण व रेकी का काम भी चल रहा है. जल्द सुरंग के अगले हिस्से तक पहुंचने की कोशिशें जारी है.

वहीं, चमोली जिले के जिन गांवों का आपदा के कारण संपर्क टूट चुका है. उन तक पहुंचने के लिए आइटीबीपी के जवान झूला पुल बना रहे हैं. ताकि प्रभावित गांवों तक पहुंचकर राहत कार्य सुचारू किए जा सकें.


ऋषिगंगा की बाढ़ : घायल हिमालय की एक और चीत्कार और चेतावनी


 

बीती सात फरवरी की सुबह करीब 10:30 बजे उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा स्थित तपोवन बिजली प्रोजेक्ट क्षतिग्रस्त हो गया था. इससे नदियां उफान पर आ गईं. और एक आपदा सामने आई.

शुरुआत में इस आपदा में करीब 150 लोगों के लापता होने की बात सामने आई थी. बाद में ये आंकड़ा बढ़ गया. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुताबिक बचाव टीम दिन-रात अभियान चलाए है.

बहरहाल, घटना के दिन से ही प्रभावित क्षेत्र में बचाव कार्य जारी है. आइटीबीपी, एनडीआरएफ और सेना के जवान कई लोगों को सुरक्षित निकाल चुके हैं.


एक्सक्लूसिव: ग्लेशियर टूटने से नहीं हुआ ऋषि गंगा हादसा, यहां दफ्न है दुनिया का सबसे बड़ा रहस्य


 

यूएपीए के तहत 2016 से 19 के बीच 5,922 और राजद्रोह के अंतर्गत 2019 में 96 लोग हुए गिरफ्तार

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द लीडर : गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत साल 2016 से 2019 के बीच देश के विभिन्न हिस्सों से करीब 5,922 लोगों की गिरफ्तारी  हुई है. जबकि साल 2019 में 93 लोगों के खिलाफ राजद्रोह (Sedition) का मामला दर्ज किया गया. इसमें 96 लोगों की गिरफ्तारी (Arrested) हुई है. बुधवार को संसद (Parliament) में पूछे गए प्रश्नों के जवाब में गृह मंत्रालय की ओर से ये जानकारी दी गई है.

गृहराज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने एक लिखित जवाब में कहा कि राजद्रोह के मामले में गिरफ्तार 76 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किए गए, जिसमें 23 लोगों को अदालत ने बरी कर दिया है.

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक यूएपीए और राजद्रोह के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है. दरअसल, वर्ष 2019 में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिया था. उस समय राज्य के नेताओं, कार्यकर्तओं के विरुद्ध यूएपीए के अंतर्गत कार्रवाई की गई थी. हालांकि सरकार ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने का हवाला देकर अपनी कार्रवाई का बचाव किया था.


प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों कहा कि भारत के राष्ट्रवाद पर चौतरफा हमलों से देशवासियों को आगाह करना जरूरी


 

वर्तमान में किसान आंदोलन चल रहा है. बीती 26 जनवरी को दिल्ली में किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा भड़क गई थी और इसमें एक किसान नवरीत की मौत हो गई थी. इस पर कुछ पत्रकारों ने ट्वीट किया कि नवरीत की मौत पुलिस कार्रवाई में हुई है.

इसको लेकर वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडेय, कांग्रेस सांसद शशि थरूर, पत्रकार जफर आगा, सिद्धार्थ वरदराजन के विरुद्ध राजद्रोह के अंतर्गत कार्रवाई की गई है. यूएपीए और राजद्रोह जैसी संगीन धाराओं के अंतर्गत हो रही इन कार्रवाईयों को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर सवाल उठाता रहा है.


सहारनपुर : जिसका दिल, अपने अरबपति दोस्तों के लिए धड़कता हो, वो किसानों की क्या परवाह करेगा-प्रियंका गांधी


 

संसद के बजट सत्र के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलामनबी आजाद ने ये मुद्​दा उठाया था. उन्होंने कहा था कि पत्रकारों और देश के मंत्री रहे एक शख्स के विरुद्ध राजद्रोह की कार्रवाई करना उचित नहीं है. उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की थी कि उनका दिल बड़ा है. सरकार को ऐसी कार्रवाईयों से बचना चाहिए.

सहारनपुर : जिसका दिल, अपने अरबपति दोस्तों के लिए धड़कता हो, वो किसानों की क्या परवाह करेगा-प्रियंका गांधी

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द लीडर : उत्तर प्रदेश के सहारनपुर की किसान रैली में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने तीन नए कृषि कानूनों को राक्षसरूपी बताते हुए कहा कि ये सरकार के अरबपति मित्रों की मदद करेंगे, और किसानों को मारेंगे. इस सरकार के लोग और प्रधानमंत्री किसानों का मजाक उड़ा रहे हैं. 78 दिनों से आंदोलन कर रहे किसानों को आतंकवादी, आंदोलन जीवी कह रहे. ये सब कहने-बोलने वाले देशभक्त नहीं हो सकते.

प्रियंका गांधी ने गांव, जवान और किसानों को केंद्र में रखकर सरकार पर तीखे वार किए. उन्होंने कहा कि भाजपा अरबपति दोस्तों के लिए जमाखोरी, ठेकेदारी के दरवाजे खोल रही है. ये कानून लाकर मंडी व्यवस्था, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) खत्म करने जा रही है. इस स्थिति में किसानों की आवाज झुकेगी. ऐसा कोई कानून नहीं होगा, जो किसानों की मदद करेगा.

सहारनपुर की किसान रैली को उमड़ी भीड़

बोलीं, पिछले चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि सरकार बनते ही गन्ने का बकाया 15 हजार करोड़ रुपये ब्याज समेत भुगतान कराएंगे. इसके उलट मोदी जी ने 16 हजार करोड़ रुपये में दो हवाईजहाज खरीदे हैं. आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इनकी जबान में कितना वजन है.

20 हजार करोड़ रुपये खर्च करके संसद का सौंदर्यीकरण कराएंगे. इस सबके बीच आपको गन्ने का 15 हजार करोड़ का बकाया आज तक नहीं मिला. तंज कसा-जिनका दिल अपने अरबपति दोस्तों के लिए धड़कता हो वो किसानों की क्या परवाह करेंगे.


संसद में बोले प्रधानमंत्री मोदी, किसान आंदोलन का सम्मान, मगर कृषि सुधार जरूरी


 

मगर किसानों का दिल अपनी धरती के लिए धड़कता है. किसान ने ही हरित और श्वते क्रांति के जरिये देश को आत्मनिर्भर बनाया है. उसी किसान का बेटा सरहद की हिफाजत करते हुए कुर्बानी देता है.और प्रधानमंत्री की सुरक्षा भी करता है.

लेकिन पीएम उस किसान का दिल नहीं पहचान रहे हैं. हर रोज किसानों का अपमान किया जा रहा है. यहां तक कि खुद पीएम ने संसद में किसानों को आंदोलन जीवी कहकर मजाक उड़ाया है.

सहारनपुर की किसान रैली में प्रिंयका गांधी को हल भेंंट करते कार्यकर्ता.

प्रियंका ने कहा कि इस देश को किसान ने बनाया है. मोदीजी अमेरिका, पाकिस्तान और चीन जा सकते हैं. मगर अपने ही देश की जिस सीमा पर किसान पिछले 78 दिनों से धरने पर बैठा है. उस तक नहीं जा सकते. किसान प्रतीक्षारत हैं कि जिन्हें हमने वोट देकर प्रधानमंत्री बनाया है. वो हमारे पास आएंगे.

बोलीं, जो देश बेच रहा हो. उनसे क्या उम्मीद करेंगे? एयर इंडिया, सेल, ओएनजीसी समेत कई सरकारी कंपनी बेच दीं. मैं आपसे ये कहने आई हूं कि कांग्रेस और मैं आपके साथ खड़ी हूं. जिससे आप उम्मीद रख रहे हैं वो आपके लिए कुछ नहीं करेंगे. उनके वादे-शब्द, सब खोखले हैं.


प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों कहा कि भारत के राष्ट्रवाद पर चौतरफा हमलों से देशवासियों को आगाह करना जरूरी


 

सवाल उठाया कि लॉकडाउन में इनके अरबपति मित्र कहां थे-जब लोग पैदल गांवों की तरफ आ रहे थे? ये सरकार जिन लोगों के लिए काम करती है-उन्हें आपकी रत्ती भर भी परवाह नहीं है. आप एक कदम पीछे मत हटिए. हम आपके साथ खड़े हैं. कांग्रेस की सरकार आएगी तो ये कानून रद होंगे.

आपकी मदद के लिए कानून बनेंगे, न कि आपको बेचने के लिए. हम आपके दिल और जीवन के साथ राजनीति नहीं करेंगे. धर्म और जाति के आधार पर न ही तोड़ेंगे और न ही बांटेंगे.