द लीडर : भारत-चीन सीमा पर पिछले साल से बना गतिरोध खत्म होता दिख रहा है. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को संसद में बताया कि ‘चीन के साथ पैंगोंग झील से पूर्व सेनाओं के हटने के स्तर पर समझौता हुआ है. भारत अपने बेस फिंगर तीन और चीन फिंगर आठ के पीछे हटेगा. ये प्रक्रिया कल से शुरू हो चुकी है. अपनी पुरानी जगह पर जाएंगे.’
रक्षमंत्री, पूर्वी लद्दाख के मौजूदा हालात से संसद को अवगत कराया. उन्होंने कहा कि ‘चीन ने कई बार अतिक्रमण की कोशिश की है. लेकिन सेना ने उसे नाकाम कर दिया. दोनों पक्षों की ओर से सितंबर से बातचीत जारी है. सीमा का मुद्दा बातचीत से ही हल हो सकता है.’
भारत और चीन के साथ करीब 34,80 किलोमीटर सीमा साझा करता है. बीते साल 2020 के जून माह में लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पास भारत-चीन सेना में झड़प हुई थी. इस तनाव के कारण 15 जून को फिर गलवान घाटी में झड़प हुई. जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे.
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इसको लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर सवाल उठाता रहा है. बुधवार को भी कांग्रेस के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने संसद में चीन के साथ विवाद का मुद्दा सदन में उठाया था.
गुरुवार को रक्षामंत्री ने संसद को हालात से वाकिफ कराया. उन्होंने कहा कि ‘हम अपनी एक इंच जमीन भी किसी को लेने नहीं देंगे. ये हमारे हौसलों का यही नतीजा है कि हम पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध के मद्देनजर समझौते की स्थिति तक पहुंचे हैं.
उन्होंने कहा कि भारत ने चीन से हमेशा कहा है कि द्विपक्षीय संबंध दोनों पक्षों के प्रयास से बने रह सकते हैं.’ हम हर चुनौती का सामना करने में सक्षम हैं.
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