द लीडर : उत्तराखंड के चमोली जिले में ऋषि गंगा तपोवन बिजली प्रोजेक्ट की निर्माणाधीन सुरंग में करीब 35 लोग फंसे हैं. इनमें तीन इंजीनियर शामिल हैं. इन तक पहुंचने के लिए राहत बचाव की टीम की राह में मलबा आड़े आ रहा है. इस आपदा में लगभग 170 लोग अभी भी लापता हैं. जबकि 34 लोगों की मौत हो चुकी है. इनके शव बरामद हुए हैं. वहींं राहत-बचाव टीम सुरंग में फंसे लोगों की जिंदगियां बचाने की जंग लड़ रही है.
सुरंग के अंदर राहत-बचाव अभियान जारी है. आइटीबीपी की डीआइजी अपर्णा कुमार के मुताबिक सुरंग में कुछ लोगों के फंसे होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि तकनीकी टीम वर्टिकल ड्रिलिंग कर रही है. और सर्वेक्षण व रेकी का काम भी चल रहा है. जल्द सुरंग के अगले हिस्से तक पहुंचने की कोशिशें जारी है.
टेक्निकल टीम सर्वे और रेक्की कर रहे हैं। तपोवन टनल में ड्रिलिंग का काम चल रहा है: अपर्णा कुमार, DIG, ITBP #UttarakhandGlacierBurst pic.twitter.com/RvutR90owC
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 11, 2021
वहीं, चमोली जिले के जिन गांवों का आपदा के कारण संपर्क टूट चुका है. उन तक पहुंचने के लिए आइटीबीपी के जवान झूला पुल बना रहे हैं. ताकि प्रभावित गांवों तक पहुंचकर राहत कार्य सुचारू किए जा सकें.
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बीती सात फरवरी की सुबह करीब 10:30 बजे उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा स्थित तपोवन बिजली प्रोजेक्ट क्षतिग्रस्त हो गया था. इससे नदियां उफान पर आ गईं. और एक आपदा सामने आई.
शुरुआत में इस आपदा में करीब 150 लोगों के लापता होने की बात सामने आई थी. बाद में ये आंकड़ा बढ़ गया. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुताबिक बचाव टीम दिन-रात अभियान चलाए है.
बहरहाल, घटना के दिन से ही प्रभावित क्षेत्र में बचाव कार्य जारी है. आइटीबीपी, एनडीआरएफ और सेना के जवान कई लोगों को सुरक्षित निकाल चुके हैं.
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