द लीडर : सिंघु बॉर्डर पर पिछले दो दिनों से जारी तनाव के बीच शुक्रवार की रात संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रेस कांफ्रेंस की. और ये आरोप लगाया है कि भाजपा किसानों की लड़ाई को सिख बनाम हिंदू का मसला बनाना चाहती है, जिससे उसे बाज आना चाहिए. बॉर्डर क्षेत्र पर इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. मगर वो नहीं जानते कि इंटरनेट बंद करके इंकलाब की आवाज नहीं दबाई जा सकती. (BJP Kisan Movement Hindu Sikhs)
किसान नेता डॉ. दर्शनपाल सिंह ने आंदोलन स्थलों पर नेट बहाल किए जाने की मांग उठाई है. उन्होंने कहा कि जैसा कल गाजीपुर बॉर्डर पर घटा. आज सिंघु बॉर्डर पर भी वही हुआ. भाजपा और आरएसएस के लोग आंदोलन में फूट डालने का षड्यंत्र रच रहे हैं. वो इसमें सफल नहीं होंगे.
26 जनवरी को आंदोलन का जो नजारा था. वैसा फिर हो रहा है. मुहाली, लुधियाना से सैकड़ों वाहन बॉर्डर के लिए रवाना हो चुके हैं. उन्होंने देशवासियों से इस शांतिपूर्ण संघर्ष में शामिल होने का आह्वान किया है.
सिंघु बॉर्डर से जबरन किसानों का आंदोलन खाली कराने पहुंची भीड़ का पथराव, हालात नाजुक
किसान नेता बलवीर सिंह राजेवाल ने कहा कि सरकार ने 26 जनवरी को एक साजिश रची थी. जिसमें वो बेनकाब हो चुकी है. हरियाणा से हजारों किसान आंदोलन में शामिल होने आ रहे हैं. अगले दिनों में यहां और किसान आएंगे. और सरकार को मांगें मानने पर मजबूर होना पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि आज गुरुद्वारा के सामने भाजपा-आरएसएस के लोगों ने जो प्रदर्शन किया. वो शर्मनाक है. हिंदू-सिख भाई-भाई हैं.
इस देश में सबको शांति से रहने का हक है. सरकार को झूठ, अफवाहें फैलाने से बचा चाहिए. एक अन्य किसान नेता ने कहा कि झूठ की उम्र काफी छोटी होती है. समाज जान चुका है कि सच क्या है. यहां इंटरनेट बंद कर दिया गया है, ताकि लोगों तक सूचनाएं न पहुंच पाएं.
केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 65 दिनों से किसान दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलनरत हैं. 26 जनवरी को किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकाली थी, जिसमें कई जगहों पर हिंसा भड़क गई थी.