दक्षिण अफ्रीकी सेना ने सैन्य सेवाओं में शामिल महिलाओं को हिजाब पहनने की इजाजत दे दी है। सेना के प्रवक्ता ने गुरुवार को कहा कि दक्षिण अफ्रीकी सेना ने अपनी पोशाक नीति में संशोधन किया है, ताकि मुस्लिम महिलाएं अपनी वर्दी के हिस्से के रूप में हेडस्कार्फ पहन सकें।
पिछले साल जनवरी में मेजर फातिमा इसहाक को जून 2018 में विलफुल डिफेक्शन के साथ क्रिमिनल चार्ज किया गया था और बेहतर प्रदर्शन के बावजूद निर्देशों का पालन करने में नाकाम रहने लगाकर हेडस्कार्फ़ को वर्दी में से हटाने को कहा गया।
यह भी पढ़ें – अफगानिस्तानी सुप्रीम कोर्ट की दो महिला जजों की गोली मारकर हत्या
केपटाउन के पास कैसल ऑफ गुड होप में सैन्य अदालत ने जनवरी 2020 में सभी आरोपों को वापस ले लिया। इसहाक को सिर पर तंग हिजाब पहनने के अपवाद बताया गया, जिसने कानों को नहीं ढंका था।
अदालत के फैसले के बाद भी सेना ने अपनी पोशाक नीति में संशोधन नहीं किया। लिहाजा इसहाक के लिए धार्मिक आस्था पर बंदिशों के नियमों को दक्षिण अफ्रीका की समानता अदालत में चुनौती दी गई।
प्रवक्ता मफी मुगोबोजी ने गुरुवार को समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, ” साउथ अफ्रीकन नेशनल डिफेंस फोर्स के ड्रेस रेगुलेशन को मुस्लिम महिलाओं द्वारा ड्रेस नियमों में निर्धारित शर्तों के अनुसार पहनने की अनुमति दे दी गई है।”
इसहाक का प्रतिनिधित्व करने वाले दक्षिण अफ्रीका स्थित कानूनी संसाधन केंद्र ने बुधवार को ट्विटर के माध्यम से फैसले का स्वागत किया और कहा कि यह समानता अदालत की सराहनीय कोशिश है।