लखनऊ : गाजियाबाद के मुरादानगर हादसे में मुख्यमंत्री (Chief Minister) योगी आदित्यनाथ ने बड़ा एलान करते हुए आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA)के तहत कार्रवाई का आदेश जारी किया है. इसके साथ ही पीड़ित परिवारों को 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है. बीती तीन जनवरी को मुरादनगर के एक शमशान स्थल पर निर्माणाधीन भवन का छज्जा गिरने से कम से कम 24 लोगों की मौत हो चुकी है. (Chief Minister NSA Muradnagar)
इस दिल दहलाने वाली घटना में 17-18 लोग घायल हो गए थे. जिनका इलाज चल रहा है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्थानीय प्रशासन पूरे मामले की जांच में जुटा है. इस मामले में ईओ नगर पालिका, इंजीनियर और सुपरवाइज को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया था. वहीं ठेकेदार फरार था.
जिस पर 25 हजार रुपये का ईनाम रखा गया था. देर रात वो पुलिस की गिरफ्त में आ गया है. गाजियाबाद के एसएसपी ने समाचार एजेंसी एएनआइ से बातचीत में कहा कि ठेकेदार से पूछताछ जारी है. आरोपियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
रविवार को ये हादसा तब हुआ, जब एक अंतयेष्टी में लोग शमशान स्थल पहुंचे थे. दोपहर को अचानक भवन का छज्जा ढह गया और करीब 40 से अधिक लोग उसके नीचे दब गए थे. बाद में व्यापक बचाव अभियान चलाकर लोगों को बाहर निकाला गया था.
परिजनों ने किया था प्रदर्शन
सोमवार को पीड़ित परिजनों ने मुरादनगर में विरोध-प्रदर्शन किया था. चूंकि मुख्यमंत्री पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि इस लापरवाही में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा. इसलिए स्थानीय प्रशासन भी पूरी शिद्दत के साथ कार्रवाई में जुटा है.
द लीडर. पश्चिम बंगाल बंगाल के विधानसभा चुनाव इसी साल होने हैं. उसके लिए राजनीतिक घमासान शिद्दत इख्तेयार कर रहा है. हालांकि बिहार चुनाव के बाद ही यह तय हो गया था कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लेमीन (एआइएमआइएम) के मुखिया असदुद्दीन उवैसी का अगला पड़ाव पश्चिम बंगाल होगा, जिसका उन्होंने रविवार को कोलकाता पहुंचकर विधिवत एलान कर दिया. (Maulana Tauqeer Owaisi Bengal)
उनके इस एलान के कुछ घंटे बाद ही एक और एलान दरगाह आला हजरत खानदान की अहम शख्सियत मौलाना तौकीर रजा खां की तरफ से हुआ है. ऑल इंडिया इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के नाम से राजनीतिक पार्टी चलाने वाले मौलाना तौकीर ने धमकी भरे लहजे में कहा है कि अगर उवैसी बंगाल जाते हैं तो हम भी वहां जाएंगे.
उन्हें (उवैसी) सांप्रदायिक दलों से सांठगांठ की बुनियाद पर मुस्लिम वोटों का बंटवारा नहीं करने देंगे. बंगाल चुनाव के बाद हैदराबाद जाकर भी उवैसी को चुनौती पेश की जाएगी
बंगाल में तृणमूल और भाजपा के बीच मचे घमासान के बीच उवैसी ने कोलकाता से सीधे हुगली जिले के श्रीरामपुर क्षेत्र के फुरफुरा शरीफ मजार पहुंचकर हाजरी दी. पीरजादा अब्बास सिद्दीकी के साथ बैठक के बाद बंगाल के विधानसभा चुनाव में उतरने का एलान कर दिया. (Maulana Tauqeer Owaisi Bengal)
उनके ऐसा करते ही तृणमूल कांग्रेस के साथ कांग्रेस ने भी उन्हें आड़े हाथों लिया है. सबसे खास बात यह कि इस खींचतान में आइएमसी के मुखिया मौलाना तौकीर रजा खां भी कूद आए हैं. वह एआइएमआइएम सुप्रीमो उवैसी को चेतावनी पहले ही दे चुके थे.
कुछ समय पहले उत्तर प्रदेश के बरेली शहर स्थित आवास आवास पर प्रेस कांफ्रेंस में कहा था-अगर उवैसी बंगाल गए तो फिर हम हैदराबाद जाएंगे. उनके खिलाफ कंडीडेट उतारेंगे. सोमवार को मौलाना ने द लीडर से बातचीत में कहा-सांप्रदायिक दलों को फायदा पहुंचाने के लिए मुस्लिम वोटों के बंटवारे की कोशिश नाकाबिले कुबूल है. (Maulana Tauqeer Owaisi Bengal)
उवैसी ही नहीं हम भी बंगाल जाएंगे. वहां मुसलमानों के बीच एआइएमआइएम की असलियत बयां करेंगे. बताएंगे कि भाजपा से मिलकर उवैसी कौम को कितना बड़ा नुकसान पहुंचाने की कोशिश रहे हैं.
अपनी इस कोशिश को कामयाब बनाने के लिए हम मुहिम छेड़ेंगे. किसी के बहकावे में आकर चुनाव में बंटें नहीं, मुसलमानों को समझाएंगे. मौलाना ने कहा कि बात यहीं खत्म नहीं होगी. बंगाल का हिसाब हैदराबाद में भी चुकता किया जाएगा. वहां लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी-आइएमसी, उवैसी के खिलाफ मजबूत उम्मीदवार लड़ाएगी. (Maulana Tauqeer Owaisi Bengal)
एआइएमआइएम के मुखिया असदुद्दीन उवैसी बरेली में दरगाह आला हजरत पर हाजरी देने भी आ चुके हैं. पिछले साल वह बरेली में मौलाना तौकीर रजा खां के मेहमान बने थे. साथ मिलकर सांप्रदायिक दलों के खिलाफ लड़ने का एलान किया था. संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में दोनों ही ने एक दूसरे की तारीफ की थी.
उस वक्त की बातचीत में साफ संकेत मिले थे कि दोनों मुस्लिम शख्सियत साथ मिलकर चुनावी रण में कूदेंगी.
उवैसी के बरेली आने पर हुई दोस्ती बंगाल चुनाव से पहले टूटती दिख रही है. वहां के चुनाव में दोनों के रास्ते अलग होंगे. उवैसी तृणमूल कांग्रेस की मुखिया एवं बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ ताल ठोकेंगे तो इसके जवाब में मौलाना तौकीर एआइएमआइएम की मुखालेफत करते दिखाई देंगे. यानी दोनों के रास्ते अलग होंगे. दोस्ती सियासी दुश्मनी में तब्दील हो जाएगी. (Maulana Tauqeer Owaisi Bengal)
दरगाह आला हजरत
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में आला हजरत की दरगाह है, जो देश में सुन्नी-बरेलवी मुसलमानों का मरकज (केंद्र) मानी जाती है. मौलाना तौकीर रजा खां का ताल्लुक इसी घराने है. यूपी, बिहार, बंगाल समेत देशभर से सुन्नी मुसलमानों की दरगाह आला हजरत से अकीदत है. ऐसे में अगर मौलाना तौकीर रजा खां बंगाल का रुख करते हैं, तो उवैसी को चुनौती मिल सकती है. (Maulana Tauqeer Owaisi Bengal)
नई दिल्ली : केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच सातवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही. किसान प्रतिनिधि मंडल अपने स्पष्ट मत के साथ तीनों कृषि कानूनों (Farm Laws) को रद किए जाने की मांग पर अड़ा रहा. आखिर में साफ किया जब तक कानून वापस नहीं होंगे, किसान घर नहीं जाएंगे. वे दिल्ली (Delhi) की सीमाओं पर ही डटे रहेंगे. बहरहाल, अब आठ जनवरी एक बार फिर से बैठक होगी. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने आठ जनवरी को किसी निष्कर्ष पर पहुंचने की उम्मीद जताई है. (Farmers Leader Government Meeting)
सोमवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान संगठनों के प्रतिनिधि मंडल के साथ कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक की. जो दोपहर दो बजे शुरू हुई. करीब चार घंटे तक वार्ता चली. इससे पहले आंदोलन के दौरान मारे गए करीब 50 किसानों को श्रद्धांजिल देते हुए दो मिनट की शोकसभा हुई.
जैसे कि बैठक से पहले ही किसान नेताओं ने स्पष्ट किया था कि उनकी एक ही मांग है-सरकार कृषि कानूनों को वापस करे और एमएसपी की गारंटी सुनिश्चित करे. वार्ता की मेज पर उन्होंने यही एक मुद्दा रखा. कृषि मंत्री ने किसान नेताओं से कानून पर चर्चा की पेशकश की. जिस पर किसान राजी नहीं हुए. (Farmers Leader Government Meeting)
बैठक के बाद अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने समाचार एजेंसी एएनआइ से बातचीत में कहा कि, ‘सरकार काफी दबाव में है. हम सभी ने कहा कि हमारी मांग है, तीनों कानूनों को निरस्त कराना. हम कानूनों को रद करने के अलावा किसी दूसरे विषय पर चर्चा नहीं चाहते हैं. कानून रद किए जाने तक विरोध वापस नहीं लिया जाएगा.’
Govt is under tremendous pressure. We all said that this is our demand (repeal of the laws). We don't want discussion on any other topic except for on repeal of the laws. Protests will not be withdrawn until repeal of laws: Hannan Mollah, General Secretary, All India Kisan Sabha pic.twitter.com/UIWAEuYQlm
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एएनआइ से कहा कि, ‘हम चाहते थे कि किसान संगठन तीनों कानूनों पर चर्चा करें. मगर संगठन कानून निरस्त किए जाने पर अड़े रहे. फिर भी आज की चर्चा को देखते हुए मुझे पूरी उम्मीद है कि अगली बैठक में हम एक सार्थक संवाद कर निष्कर्ष पर पहुंचेंगे.’
Looking at today's discussion, I hope that we will have a meaningful discussion during our next meeting and we will come to a conclusion: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar https://t.co/qI6PmeHM07
भारतीय किसान यूनियन के नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि मंत्री चाहते थे कि हम कानूनों पर बिंदुवार चर्चा करें. हमने इसे खारिज कर दिया. कहा कि कानूनों पर चर्चा करने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि हम कानूनों को रद कराना चाहते हैं. सरकार हमें संशोधन की ओर से ले जाना चाहती है, जो मंजूर नहीं है.
पिछले 39 दिनों से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों के हजारों किसान दिल्ली की सीमाअों पर डेरा डाले हैं. वे केंद्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत हैं. इसी क्रम में सरकार और किसान नेताओं के बीच संवाद भी जारी है. बीते 30 दिसंबर को भी दोनों पक्ष वार्ता के पटल पर बैठे थे. (Farmers Leader Government Meeting)
नई दिल्ली : दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों द्वारा कथित रूप से हमले की जांच के लिए सुप्रीमकोर्ट ने मुकदमा दायर किया है. पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्रों ने किसानों के विरुद्ध हुई कार्रवाई पर खुला पत्र जारी करते हुए शीर्ष अदालत से हस्तक्षे का अनुरोध किया था. सुप्रीमकोर्ट ने इसी पत्र का संज्ञान लिया है.
बार एंड बेंच की एक रिपोर्ट के अनुसार पत्र में कहा गया है कि अपने गृह राज्य में दो महीनों तक शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बाद किसानों को मजबूरन दिल्ली मार्च करना पड़ा. लेकिन कोई हल नहीं निकला. छात्रों का दावा है कि सरकार और पक्षपाती मीडिया संस्थान, किसानों का संकट दूर करने के बजाय प्रदर्शनकारियों को अलगाववादियों के रूप में प्रदर्शित कर रहे हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक छात्रों ने कहा कि, ‘इस गंभीर संकट का हल तलाशने के बजाय और गैर-पक्षपाती मीडिया शांतिपूर्ण आंदोलन को अलगाववाद से जोड़कर धुव्रीकरण की कोशिश कर रहे हैं. यहां तक कि क्रूर हमलों में घायल होने के बावजूद किसान, सांप्रदायिकता मुक्त रसोई और भोजन का बंदोवस्त कर रहे हैं.’ छात्रों ने के इस पत्र में मीडिया चैनलों के विरुद्ध भी कार्रवाई की मांग उठाई गई है.
पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के हजारों किसान पिछले 39 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं. आंदोलन के लिए जब पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली कूच कर रहे थे. उनके विरुद्ध पुलिस कार्रवाई हुई थी. इसमें आंसू गैस के गोले दागने से लेकर लाठीचार्ज तक की कार्रवाई के आरोप लगे थे. बीते रविवार को राजस्थान से दिल्ली आ रहे किसानों पर भी हरियाणा में आंसू गैस के गोले दागने का मामला सामने आ चुका है.
भोपाल : मध्यप्रदेश के इंदौर में देवी-देवताओं के साथ गृहमंत्री अमित शाह का कथित रूप से उपहास उड़ाने के जिस मामले में कॉमेडियन अनवर फारूकी गिरफ्तार किए गए हैं. उस मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है. घटना के दो दिन बाद पुलिस ने कहा है कि शिकायतकर्ता की ओर से जो वीडियो उपलब्ध कराए गए हैं. उनसे ये साबित नहीं होता कि फारूकी ने देवी-देवताओं का अपमान किया है.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ‘तुकागंज पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर कमलेश शर्मा ने बताया कि उनके पास फारूकी के विरुद्ध सीधे कोई सुबूत नहीं है. आयोजक के तौर पर उनके विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है.’ इस मामले में फारूकी के साथ एडविन एंथोनी, प्रखर व्यास, प्रियम व्यास और नलिन यादव भी गिरफ्तार हुए हैं.
घटनाक्रम बीते शुक्रवार का है. मुनरो कैफे में एक कॉमेडी-शो का आयोजन रखा गया था. अनवर फारूकी के आने की भनक पर हिंदूवादी नेता सक्रिय हो गए. स्थानीय भाजपा विधायक मालिनी गौड़ के बेटे एकलव्य गौड़ शो में पहुंचे. उन्होंने फारूकी पर देवी-देवताओं का मजाक उड़ाने का आरोप लगाते हुए कार्यक्रम बंद कर दिया.
घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें फारूकी, एकलव्य को समझाते नजर आ रहे हैं कि किसी की भावना को ठेस पहुंचाने का उनका इरादा नहीं है. बहरहाल, शो बंद हो जाता है और पुलिस फारूकी को गिरफ्तार कर लेती है. आरोप है कि फारूकी के साथ मारपीट भी की गई. सोशल मीडिया पर इसके कुछ वीडियो वायरल हुए हैं.
फारूकी के समर्थन में उतरे कलाकर
घटना के बाद मुंबई के कई हास्य कलाकारों ने अनवरी फारूकी की गिरफ्तारी की निंदा की है. इसमें वरुण ग्रोवर, वीर दास, कनीज सुर्खा, अग्रिमा जोशुआ और रोहन जोशी आदि शामिल हैं.
गुजरात के फारूकी मुंबई में करते कॉमेडी
मूल रूप से गुजरात के जूनागढ़ निवासी मुनव्वर फारूकी, स्टैंड-अप कॉमेडी करते हैं. यू-ट्यूब पर उनके 5.20 लाख फॉलोअर्स हैं. वर्तमान में मुनव्वर मुंबई में रहते हैं एफपीआइ की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते साल अप्रैल में मुंबई के एक हिंदूवादी नेता रमेश सोलंकी ने भी फारूकी के मुंबई पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. सोलंकी ने भी अपनी शिकायत में देवी-देवताओं के अपमान का आरोप लगाया था. (Comedian Munawwar Farooqui-Jail)
द लीडर : कोरोना महामारी ने पिछले नौ महीनों से देश के शिक्षण संस्थानों की रंगत ही छीन रखी है. ठीक नौ महीने के बाद सोमवार को कुछ राज्यों में स्कूल-कॉलेज खुले हैं. इसमें महाराष्ट्र, केरल और बिहार शामिल हैं. यहां कक्षा नौ से लेकर इंटरमीडिएट तक के विद्यालयों को सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन कराते हुए शुरू किया गया है.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की ओर से बताए गए एक आंकड़े के मुताबिक देश में करीब 33 करोड़ विद्यार्थी हैं. ये संख्या प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत छात्रों की है. वहीं, करीब 1.15 करोड़ शिक्षक हैं. गत वर्ष मार्च में लॉकडाउन लागू होने के बाद से देश भर के स्कूल-कॉलेज बंदद हो गए. और शिक्षक-छात्रों की ये विशाल आबादी विद्यालयों से दूर हो गई. हालांकि इस अंतराल में ऑनलाइन पढ़ाई जरूर जारी रही.
समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक बांकीपुपर के राजकीय बालिका हायर सेकेंडरी स्कूल में कक्षा नौ से 12वीं तक की छात्राएं सोमवार को विद्याललय पहुंचीं. प्रधानाचार्य ने कहा कि महामारी के सभी प्रोटोकॉल का पालन कराते हुए कक्षाएं संचालित की गई हैं.
Puducherry: Schools reopen for students of classes 1 to 12 after remaining shut for months due to the Coronavirus spread. Half-day classes from 10 am to 1 pm will be held till January 18th after which full-day classes will resume. pic.twitter.com/xrDOIwz1fg
वहीं, महाराष्ट्र के नागपुर और केरल के कोच्चि में भी विद्यालय खुले हैं. कोच्चि के सेंट टेरेसा कॉलेज की प्राचार्य डा. लिज्जी मैथ्यू ने एएनआइ से बातचीत में कहा कि, कॉलेज में हैंडवॉश की व्यवस्था की गई है. छात्रों से मास्क और सेनेटाइजर साथ लाने को कहा है. अधिकतम 20 छात्रों को कक्षा में बैठाने की योजना बनी है. जिसका अनुपालन कराया जाएगा.
24 मई से सीबीएसई की परीक्षा
केंदीय माध्यमिक शिक्षा परिषद आगामी 4 मई से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा आयोजन की स्कीम घोषित कर चुका है. शिक्षकों का मानना है कि विद्यालय खुलने को लेकर ये भी एक बड़ी वजह है. क्योंकि ऑनलाइन पढ़ाई में छात्रों को वो लाभ नहीं मिल पा रहा है, जो ऑफलाइान में मिलता है. बहरहाल, केंद्र सरकार कोरोना टीकाकरण अभियान की तैयारी में जुटी है. उम्मीद जताई जा रही है कि ये अभियान प्रारंभ होने के बाद विद्यालयों में पठन-पाठन पूरी तरह से पटरी पर आ जाएगा.
द लीडर : उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित मुरादानगर शमशाम स्थल पर रविवार को हुए हादसे में मरने वालों की संख्या 24 हो गई है. करीब 17 से 18 लोग घायल हैं. इस मामले में नगर पालिका की ईओ समेत तीन अधिकारी-कर्मचारियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. जबकि ठेकेदार फरार है. सोमवार को मृतकों के परिजनों ने मुरादनगर में विरोध-प्रदर्शन किया. सुरक्षा-व्यवस्था के लिहाज से भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है.
रविवार दोपहर को मुरादनगर के शमशान घाट पर एक अंत्येष्टि थी. उसी में शामिल होने के लिए ये लोग शामशान घाट पहुंचे थे. वहां पहले से निर्माणाधीन एक भवन का छज्जा अचानक गिर गया. जिससे ये दिल दहलाने वाला हादसे सामने आया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अधिकारी इस पूरे मामले की जांच कर रहे हैं.
शुरुआती जांच के बाद पालिका की ईओ, इंजीनियर और सुपरवाइजर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. एसपी ग्रामीण इराज राजा ने पत्रकारों से बातचीत में तीनों की गिरफ्तार की पुष्टि करते हुए कहा कि उन्हें जेल भेजने की तैयारी चल रही है. वहीं, आरोपी ठेकेदार की तलाश जारी है. इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत अन्य नेताओं ने दुख प्रकृट किया है.
द लीडर : केंद्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों के एक प्रतिनिधि मंडल और सरकार के बीच सोमवार यानी आज दोपहर करीब 2 बजे बातचीत होने जा रही है. सातवें दौर की इस बातचीत के लिए किसान नेता विज्ञान भवन की ओर रवाना हो चुके हैं.
ये बैठक ऐसे समय होने जा रही है, जब किसान सर्दी में बारिश की आफत का सामना कर चुके हैं. तो दूसरी तरफ कानून रद न होने की हालत में वे 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर-ट्रॉली से परेड करने की चेतावनी भी दे चुके है. इन दोनों कारणों से ये बैठक काफी अहम मानी जा रही है.
पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान समेत कई राज्यों के हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 39 दिनों से आंदोलनरत हैं. उनकी मांग है कि सरकार तीनों कृषि कानून रद करे और न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी रूप दे. बीते 30 दिसंबर को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की मौजूदगी में किसान नेताओं के साथ बातचीत हुई थी. इसमें दो मुद्दों पर दोनों पक्षों में सहमति बनी थी. दो प्रमुख मुद्दों पर गतिरोध बना है. इन्हीं दो मामलों पर आज प्रमुखता से बातचीत होगी.
दो जनवरी को किसान संगठनों की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने प्रेस कांफ्रेंस की थी. इसमें किसानों ने चेताया था कि अगर 26 जनवरी तक कानून रद नहीं किए जाते हैं तो 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर वे ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर दिल्ली में परेड करेंगे. ये सिलसिला 6 जनवरी से ही प्रारंभ कर दिया जाएगा और विभिन्न दिवसों में चलता रहेगा.
राजस्थान से हरियाणा होकर दिल्ली आ रहे किसानों पर रविवार की रात हरियाणा में किसानों के एक जत्थे पर आंसू गैस के गोले दागने का मामला सामने आया है. रविवार देर रात ये वीडिया सोशल मीडिया पर वायरल होते रहे. जिन्हें कई राजनेता और अभिनेताओं ने ट्वीट करते हुए किसानों के प्रति ऐसी कार्रवाई को दुख बताया है. इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में हरियाणा पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि बैरिकेड तोड़ने पर आंसू गैस की कार्रवाई की गई है.
द लीडर : उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक दिल दहलाने वाले हादसे में कम से कम 21 लोगों की मौत हो गई है. वहीं, मलवे में दबे करीब 38 लोगों को बाहर निकाला जा चुका है. राहत बचाव कार्य जारी है. इस घटना पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख जताया है.
घटना रविवार दोपहर की है. मुरादनगर शमशान स्थल पर निर्माण कर चल रहा था. तेज बाारिश के कारण लिंटर गिरने से ये हादसा हो गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है. इसके साथ ही डीएम और एसएसपी को प्रभावी ढंग से राहत बचाव अभियान चलाने का निर्देश दिया है.
मेरठ की कमिश्नर अनीता सी मेश्राम ने पत्रकारों से बातचीत में 21 लोगों की मौत की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि हादसा कैसे हुआ. इसकी जांच की जा रही है. दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
मुरादनगर, गाजियाबाद स्थित श्मशान में छत गिरने की घटना अत्यन्त दुखद है I मृतकों के परिवार जन को मेरी शोक संवेदनाएं ! मैं प्रार्थना करता हूं कि इस दुर्घटना में आहत लोग शीघ्र स्वस्थ हों I स्थानीय प्रशासन राहत और सहायता हेतु कार्यरत है : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद pic.twitter.com/II2QYEnSAv
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिस वक्त ये हादसा हुआ. उस समय वहां अंत्येष्टी के लिए लोग पहुंचे थे. इसी में शामिल कई लोगों की मौत हुई है. इस घटना ने निर्माण कार्यों के दौरान बरती जाने वाली लापरवाही को एक बार फिर से उजागर किया है.
मंडल आयुक्त मेरठ और आईजी रेंज मेरठ को मौके पर जाकर घटना की रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। ज़िलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गाजियाबाद मौके पर हैं और राहत कार्य कर रहे हैं। घटना दुखद है मेरी संवेदना शोक संतप्त परिजनों के साथ है: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ https://t.co/yrGSXDpXKfpic.twitter.com/Q0Vei4n7x1
द लीडर : पाकिस्तान के बलूचिस्तान में आतंकवादियों ने 11 कोयला खनिकों को अगवा कर मौत के घाट उतार दिया है. इस हादसे के बाद इमरान सरकार विपक्ष के निशाने पर है. प्रधानमंत्री इमरान खान ने घटना पर अफसोस जताते हुए आतंकियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई किए जाने की बात कही है.
घटनाक्रम रविवार रात का है. पुलिस अधिकारी मोअज्जम अली जटोई ने डॉन अखबार को बताया कि सशस्त्र आतंकवादियों ने खनिकों का अपहरण कर हत्या की है. जेटोई के मुताबिक शुरुआती जांच में ये पता लगा है कि हमलावरों ने खनिकों की पहचान शिया हजारा समुदाय के रूप में की. इसके बाद घटना को अंजाम दिया गया.
क्वेटा के उपायुक्त मुराद कास ने डॉन अखबार से बातचीत में कहा कि अब तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है. न ही किसी संगठन ने घटना की जिम्मेदाी ली है. प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक ट्वीट में इसे, ‘आतंकवाद का एक और कायराना व अमानवीय कार्य ‘ करार देते हुए घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा कि हत्यारों को पकड़ने और पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने के लिए सरकार साथ है.
The condemnable killing of 11 innocent coal miners in Machh Balochistan is yet another cowardly inhumane act of terrorism. Have asked the FC to use all resources to apprehend these killers & bring them to justice. The families of the victims will not be left abandoned by the govt
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) नेता बिलावल भुट्टो ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि निर्देशों की हत्या आतंकवाद से भी जघन्य है.
Chairman PPP @BBhuttoZardari strongly condemns the brutal massacre of eleven coal-miners in Bolan and terms the killing of innocent labourers as worst form of terrorismhttps://t.co/yVfNIiG8eS