अफगानी नागरिकों की बेबसी, क्या बोल रही है सोशल मीडिया की अतरंगी दुनिया ?

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द लीडर. काबुल तालिबान के कब्ज़े में आने के बाद से ही अफगानी अपने रहने के लिए नए ठिकाने तलाश रहे हैं. तालिबान के राज में भविष्य को लेकर आशंकित अफगानी नागरिक जल्द से जल्द कहीं सुरक्षित स्थान के लिए निकलना चाह रहे हैं. हर दिन सोशल मीडिया पर कोई न कोई फोटो चर्चा में रहती है, जिसमे अफगानी नागरिकों की बेबसी दिखाई दे रही होती है.

राजधानी काबुल स्थित इंटरनेशनल एयरपोर्ट से रोजाना कई भयावह और दिल को दहलाने वाली तस्वीर और वीडियो सामने आ रहे हैं. इनमें एक तस्वीर ऐसी भी है जिसमें 134 यात्रियों को ले जाने की क्षमता वाले अमेरिकी प्लेन की तरफ दौड़ते हजारों लोग नजर आ रहे हैं. इन तस्वीरों और वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर भी लोग लगातार अपना रिऐक्शन दे रहे हैं.

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किस जगह की है तस्वीर 

क्षमता से अधिक अफगानी नागरिकों के साथ उड़ान भरने के लिए तैयार ये प्लेन अमेरिकी वायु सेना का C-17 ग्लोबमास्टर एयरक्राफ्ट है. इस प्लेन की 134 यात्रियों को लेकर जाने की क्षमता है. यहां से अफगानी नागरिकों को बाहर निकालने के लिए ये रविवार को काबुल स्थित अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर पहुंचा था. जैसे ही प्लेन एयरपोर्ट पर उतरा हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ इसकी तरफ दौड़ पड़ी.

अमेरिका के रक्षा अधिकारियों के अनुसार, “इस प्लेन में इतनी संख्या में लोगों को यहां से निकालने का हमारा पहले से कोई प्लान नहीं था. हालांकि एक बार जब इतनी बड़ी संख्या में लोग इसमें चढ़ गए. तब हमनें उन्हें वापस नहीं उतारने का फैसला लेते हुए क्षमता से अधिक यात्रियों के साथ ही उड़ान भरने का फैसला लिया.”

साथ ही अधिकारियों ने बताया, “पहले कहा जा रहा था कि प्लेन में 800 लोग सवार थे. हालांकि बाद में पता चला कि इनकी संख्या 640 थी.” रक्षा अधिकारियों ने बताया, “काबुल स्थित अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से उड़ान भरने के बाद ये प्लेन कतर पहुंचा.”

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सोशल मीडिया पर मिल रहे हैं इस तरह के रिऐक्शन 

इन तस्वीरों को लेकर दुनिया भर के संगठन और लोग अपना रिऐक्शन दे रहे हैं. मानवधिकारों के लिए काम कर रहे वकील कासिम राशिद ने इन तस्वीरों पर लिखा, ये डरावनी तस्वीर उन 640 अफगानी शरणार्थियों की है जो काबुल छोड़ने के लिए अमेरिका के प्लेन में चढ़ गए हैं. इस प्लेन की श्रमता 150 लोगों को ले जाने की है.”

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वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा, “किसी तरह से एयरक्राफ्ट में चढ़कर काबुल छोड़कर जाने की कोशिश करते लोग.”

किमीकि नाम की यूजर ने लिखा, “ये घबराहट और डर की तस्वीर है जो यहां फैला हुआ है. ये वो क़िस्मत वाले लोग हैं जो यहां से निकलने में सफल रहे हैं.”

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वहीं एक अन्य यूजर का कहना है कि अमेरिका के नागरिक भी वहां के राष्ट्रपति जो बाइडन की सरपरस्ती में उतने ही सुरक्षित हैं जैसे अफगानिस्तान के लोग थे. जल्द ही राष्ट्रपति अमेरिका के लोगों को भी उसी तरह आज़ादी दिला देंगे जिस तरह उन्होंने अफगानी लोगों को दिलाई है. बताते चले कि अफगानिस्तान के कब्ज़े में आने के बाद से अमरीकी प्रेसिडेंट जो बाइडन की जमकर आलोचना की जा रही है.

बांग्लादेश की एक लेखक और धर्मनिरपेक्ष मानवतावादी महिला तसलीमा नसरीन लिखतीं है कि “अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा महिलाओं की तस्वीरें तोड़ दी जाती हैं। तालिबान का द्वेष इतना मजबूत है कि वे मांस और खून की महिलाओं को बर्दाश्त नहीं करेंगे”

एलेक्स नाम के यूजर ने एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा है कि “हताश माता-पिता अपने बच्चों को हवाई अड्डे की दीवारों पर फेंक देते हैं और सैनिकों को निर्णय लेना पड़ता है कि कौन पीछे छूट जाता है जबकि ब्रिटिश और अमेरिकी राजनेता मुद्दों और कैमरों को चकमा देते हैं”

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प्रियंका नाम की यूजर ने लिखा कि “विश्व मानवतावादी दिवस पर मुझे इन बहनों के लिए बुरा लग रहा है।
वे तालिबान शासित राज्य नहीं जीना चाहती हैं। वे जीवन के लिए भीख माँग रही हैं। कृपया अपनी आवाज उठाएं और उनके लिए प्रार्थना करें।

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