लखनऊ | उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन को हटाने की प्रक्रिया अब शुरू कर दी गई है। रविवार को सरकार की तरफ से जारी किए गए आदेश के अनुसार प्रदेश के जिस भी ज़िले में 600 से कम एक्टिव कोरोना के मामले होंगे, वहां से लॉकडाउन को हटा दिया जाएगा।
बात अगर कोरोना सेकंड वेव की करें तो इसकी शुरुआत अप्रैल में हुई थी। धीरे धीरे यह देश में भयानक तरीके से फैलने लगी। शुरू में इसको लेकर के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक वर्चुअल मीटिंग में देश के मुख्यमंत्रियों को इससे लड़ने के तौर तरीके बताए थे।
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व्यापारियों ने बिना लॉकडाउन बाजार किए थे बंद
उस समय हाईकोर्ट से लेकर व्यापारी तक सभी लॉकडाउन की सलाह दे रहे थे। राजधानी लखनऊ के 5 बड़े बाज़ार चौक, अमीनाबाद, हज़रतगंज, अलीगंज और भूतनाथ व्यापारियों ने खुद ही बंद कर दिए थे।
इन सभी मार्केटों को व्यापार मंडल की ओर से कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बंद करवा दिया गया था। हालांकि उस समय कोरोना कर्फ्यू नहीं लगा था।
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द लीडर ने इस मामले में लखनऊ के तमाम व्यापारी नेताओं से बात करी। उन्होंने क्या कुछ कहा यह आप भी जाने-
लखनऊ की आबादी 50 लाख से ज़्यादा है, अगर यहाँ 2 हज़ार या ढाई हज़ार एक्टिव मरीज़ हैं तो बहुत ज़्यादा नहीं है, ऐसे में लखनऊ को भी खोल देना चाहिए।
ईद और सहालक के टाइम में कारोबार होना था लेकिन वह समय निकल चूका है। ये महामारी सरकार की गलती नहीं थी लेकिन अब लखनऊ में व्यापार फिर से शुरू नहीं हो पा रहा है यह सरकार की गलती जरूर है।
अशोक मोतियानी
अध्यक्ष
उत्तर प्रदेश कपड़ा उद्योग प्रतिनिधि मंडल
सरकार को अब ढील देनी चाहिए, पूरी तरह नहीं तो कम से कम दोपहर 12 से शाम 4 बजे के बीच दुकानों को खोलने की अनुमति होनी चाहिए।
इस बीच दुकाने पूरी तरीके से खुलनी चाहिए। हम सभी लोग सरकार के साथ चलने को तैयार हैं। हम सभी व्यापारियों ने माल खरीद कर दुकानों में भर लिया था। इस बार ज़्यादा नुकसान हुआ है।
अनिल बजाज
चेयरमैन
मोहन मार्केट अमीनाबाद
यह फैसला सरकार ने व्यापारियों के हित में नहीं किया है। स्टाफ की सैलरी में कोई सहायता नहीं, बिजली का बिल नहीं माफ़ किया, GST में कोई सहूलियत नहीं, बैंक से लोन पर कोई छूट नहीं।
लखनऊ में सबसे पहले चौक सर्राफा बाज़ार ने खुद बंद करने की पहल की थी उसके बाद सब जुड़ते चले गए थे। यह हमने सरकार का समर्थन करने के लिए किया था लेकिन सरकार ने शराब की दुकाने खोल कर दूसरे व्यापार को बंद रखा। सरकार को हमारी भी कठिनाइयां समझनी चाहिए।
विनोद माहेश्वरी
महामंत्री
चौक व्यापार मंडल
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बंद करने का दिया था आदेश
19 अप्रैल को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने योगी सरकार को सूबे के पांच सबसे प्रभावित जिलों में लॉकडाउन का आदेश दिए था। अदालत ने लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर और प्रयागराज में 26 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाने का आदेश दिया था।
19 अप्रैल को इस आदेश के आने के बाद योगी सरकार ने स्पष्ट किया था कि वह लॉकडाउन नहीं लगाएगी। सरकार ने हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इसके एक दिन बाद 20 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
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गौरतलब हैं कि 20 अप्रैल को ही प्रधानमंत्री मोदी ने देश को सम्बोधित करते वक़्त यह कहा था कि लॉकडाउन को आखिरी विकल्प रखा जाए।
बंगाल चुनाव पर था केंद्र का ध्यान
उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था की टेस्टिंग पर ज़ोर दिया जाए लेकिन राज्यों में लॉकडाउन को आखरी विकल्प रखा जाए। दरअसल उस समय बंगाल चुनाव में प्रचार अपनी चरम सीमा पर था।
बात अगर प्रधानमंत्री मोदी की आखिरी रैली की करें तो 23 अप्रैल को बंगाल में 4 चुनावी रैलियां थी जो की कोरोना के चलते रद्द कर दी गई थी।
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23 अप्रैल को भारत में कोरोना के 3,46,786 मामले सामने आए थे। उस समय प्रधानमंत्री मोदी ने लॉकडाउन को अंतिम विकल्प बताया था।
19 अप्रैल को लखनऊ में कोविड के 5897, 20 अप्रैल को 5014, 21 अप्रैल को 5902 केस थे। उस समय राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी BJP की तरफ से बंगाल में चुनावी रैलियां कर रहे थे।
10 अप्रैल को बंगाल में चौथे चरण का मतदान था जिससे पहले 8 अप्रैल को योगी आदित्यनाथ बंगाल में रैली को सम्बोधित किया था।
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पश्चिम बंगाल में पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, शिवराज सिंह चौहान और योगी आदित्यनाथ की दर्जनों रैलियां होती रहीं, सोशल डिस्टेंसिंग का मजाक उड़ता रहा, कोविड प्रोटोकॉल तोड़े जाते रहे।
बंगाल चुनाव खत्म होते ही लग गया था लॉकडाउन
पश्चिम बंगाल में आखिरी चरण का मतदान 29 अप्रैल को हुआ था जिसके बाद 1 मई से प्रदेश में पूरी तरीके से लॉकडाउन लगा दिया गया था। गौरतलब है की इससे पहले वीकेंड लॉकडाउन भी चल रहा था।
अब आज जब प्रदेश में प्रति दिन 100 से 200 कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं तो शर्तो व नियमों के साथ लॉकडाउन हटाने की बात करी जा रही है।
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