लखनऊ | अलीगढ़ जहरीली शराब कांड में मरने वालों का आंकड़ा 83 पहुंच गया है। इस बीच, सोमवार को शासन ने अलीगढ़ के CO खैर, CO गभाना, CO सिविल लाइन, SDM खैर, SDM कोल को सस्पेंड कर दिया है। इसके अलावा SHO खैर, SHO जवां और SHO लोधा भी निलंबित हो गए हैं।
इससे पहले जिला आबकारी अधिकारी धीरज शर्मा, आबकारी निरीक्षक राजेश यादव, प्रधान सिपाही अशोक कुमार, निरीक्षक चंद्रप्रकाश यादव, इंस्पेक्टर लोधा अभय कुमार शर्मा और सिपाही रामराज राना को भी सस्पेंड किया जा चुका है।
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DM, SSP और ADM को बचा रही सरकार
इस पूरे मामले में अब तक DM चंद्रभूषण सिंह, SSP कलानिधि नैथानी और आबकारी के नोडल अधिकारी एडीएम फाइनेंस विधान जायसवाल को लगातार सरकार बचाने में जुटी हुई है।
बताया जाता है कि DM चंद्रभूषण सिंह मुख्यमंत्री और SSP देश के एक बड़े प्रशासनिक अफसर के करीबी हैं। यही कारण है कि इतनी बड़ी घटना के बावजूद इनपर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
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अब तक क्या-क्या हुआ ?
अलीगढ़ में गुरुवार 27 मई की देर रात लोधा के करसुआ, खैर के अंडला और जवां के छेरत में लोगों ने अलग-अलग ठेकों से देसी शराब खरीदी थी।
शराब पीने के बाद रात में मौतें होने लगी। शुक्रवार रात तक 27 लोगों की मौत हो गई। प्रशासन ने देसी शराब के ठेके बंद कर दिए, इसके बावजूद चोरी से शराब बिकी। पिसावा के शादीपुर और जट्टारी में लोगों ने शराब खरीदी।
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इन सभी ने रात में शराब पी, जिससे शनिवार सुबह शादीपुर में 6 लोगों की मौत हो गई। इन सभी के परिजन ने 4 शवों का बिना पोस्टमार्टम के ही अंतिम संस्कार कर दिया।
इसके अलावा लोधा में 11, खैर में 2, जवां में 2, टप्पल में 4, गभाना में 3 और पिसावा में 2 मौतें हुई हैं। इसके अलावा भी कई गांवों में शराब पीने वालों की मौत हो चुकी है।
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