Friday, October 18, 2024
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ट्रैक्टर रैली : दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में कहा कि किसान नवरीत की मौत खून बहने और सदमे से हुई

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द लीडर : दिल्ली में 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड में मारे गए किसान नवरीत की मौत को लेकर दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट को अवगत कराया है. पुलिस ने कहा है कि नवरीत का ट्रैक्टर पलट गया था. सिर में चोट लगने के कारण सदमे और रक्तस्राव के चलते मौत हुई, न कि पुलिस की गोली से. दरअसल, मृतक परिवार की ओर से ये आरोप लगाया गया था कि नवरीत की मौत पुलिस की गोली से हुई है.

नवरीत यूपी के रामपुर जिले के रहने वाले थे. वे हादसे से कुछ दिन पहले ही ऑस्ट्रेलिया से वापस लौटे थे. और यहां किसान आंदोलन में भाग लेने दिल्ली गए थे. ट्रैक्टर रैली में हिंसा भड़क गई थी. इस दौरान नवरीत का ट्रैक्टर पलट गया था. इसके कुछ वीडियो भी सामने आई थी. इसी हादसे में उनकी मौत हो गई थी.

नवरीत की मौत के कारणों को लेकर कुछ पत्रकारों ने भी सवाल उठाए थे. और कहा था कि उनकी मौत गोली लगने से हुई है. हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये गोली से मौत का तथ्य सामने नहीं आया है.


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इसको लेकर पुलिस ने कई पत्रकारों के खिलाफ मुकदमे में भी दर्ज किए थे. जिसमें वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई, सिद्धार्थ वरदराजन, जफर आगा, कांग्रेस नेता शशि थरूर, इस्मत आरा समेत अन्य लोग शामिल हैं.

चुनाव आयोग : बंगाल समेत पांच राज्यों में 27 मार्च से डाले जाएंगे वोट और 2 मई को जारी होंगे नतीजे

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द लीडर : चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की तारीखों का ऐलान कर दिया है. पांचों राज्यों में विधानसभा की 824 सीटें हैं. इन पर कुल आठ चरणों में वोट डाले जाएंगे. पहले चरण के लिए 27 मार्च को मतदान होगा. और आखिरी चरण की वोटिंग 29 अप्रैल को होगी. मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने चुनावों की घोषणा करते हुए कहा कि चुनाव अधिकारियों का टीकाकरण कराया जाएगा.

जिन पांच राज्यों में चुनाव होना है, उनमें बंगाल के अलावा तमिलनाडु, असम, केरल और पुडुचेरी शामिल हैं. चुनाव के लिए लिहाज सबसे बड़ा राज्य बंगाल है, जहां विधानसभा की 294 सीटे हैं. और तमिलनाडु में 234, केरल में 140 सीटें हैं.

बंगाल में दूसरे चरण के लिए एक अप्रैल, तीसरा चरण-6 अप्रैल, चौथा-10 अप्रैल, पांचवां चरण-17 अप्रैल, छठा चरण 22 अप्रैल, सातवां चरण 26-अप्रैल और आठवें चरण के लिए 29 अप्रैल को ममदान होगा.


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पुडुचेरी और तमिलनाडु, केरल में छह अप्रैल को चुनाव होंगे और दो मई को मतगणना होगी. जबकि असम में तीन चरणों में चुनाव होंगे. ये तारीखें हैं- 27 मार्च, एक और 6 अप्रैल. असम में चुनाव केंद्रों की संख्या 88,936 है.

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि मतदान का समय एक घंटा बढ़ाया गया है. वहीं डोर-टू-डोर अभियान में पांच से ज्यादा लोग शामिल नहीं होंगे.

दक्षिण के तीन राज्यों में एक ही दिन चुनाव

दक्षिण भारत के तीन राज्य, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में एक ही दिन यानी 6 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. खास बात ये है कि तमिलनाडु में 234 सीटें हैं और यहां एक दिन ही चुनाव कराने का फैसला किया गया है. ये पहला मौका है जब तमिलनाुड के दिग्गज नेता एम करुणानिधि और जयललिता के बिना चुनावी मैदान सजा होगा.

बंगाल में पूरी दमखम से डटी भाजपा

पांच राज्यों में सबसे दिलचस्प चुनाव बंगाल का है. केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा, बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ पूरे दमखम से मैदान में उतरी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह से लेकर अन्य प्रमुख नेता लगातार बंगाल की जनता से मुखातिब हो रहे हैं. भाजपा में दूसरी लेयर के नेता भी बंगाल की जनसभाओं को संबोधित करने पहुंच रहे हैं.


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#AMU : लापता छात्र अशरफ का चौथे दिन भी नहीं लगा कोई सुराग, एक बार दिल्ली में मिली लोकेशन और फिर रहस्य

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अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के छात्र अशरफ अली मंगलवार से लापता हैं. अब तक उनका कोई सुराग नहीं मिला है. इसको लेकर साथी छात्रों में गम और आक्रोश बढ़ने लगा है. शुक्रवार को छात्रों ने सर सय्यद हॉल में बैठक कर प्रॉक्टर के समक्ष मांग रखी. प्रॉक्टर ने पुलिस के हवाले से छात्रों को यकीन दिलाया कि अगले 10 घंटे में अशरफ को ढूंढ लिया जाएगा. (AMU Missing Student Ashraf Delhi)

बिहार के अररिया जिले के रहने वाले अशरफ बीए स्पैनिश में अंतिम वर्ष के छात्र हैं. वो एएमयू के साउथ ब्लॉक हॉस्टल में रहते हैं. मंगलवार की दोपहर से अशरफ गायब हैं. रात को अन्य साथियों को जब इसकी भनक लगी तो वे सक्रिय हुए और ट्वीट के जरिये पुलिस तक बात पहुंचाई. बुधवार को प्रॉक्टरियल बोर्ड की ओर से पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई गई थी.


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पुलिस के मुताबिक अशरफ की लोकेशन दिल्ली में ट्रेस हुई थी, जहां उनका मोबाइल 50 सेकेंड के लिए ऑन हुआ था. उसके बाद फिर फोन बंद हो गया. इस सुराग पर पुलिस की एक टीम दिल्ली भेजी जा चुकी है.

छात्रों की ओर से सोशल मीडिया पर #WhereIsAshrafAliअभियान चलाया जा रहा है.

एएमयू के प्रॉक्टर प्रोफेसर वसीम अहमद ने ‘द लीडर‘ को बताया कि एक बार अशरफ की लोकेशन दिल्ली के आनंद बिहार में ट्रेस हुई. उसके आधार पर पुलिस की एक टीम पहले से दिल्ली में है, दूसरी टीएम आज फिर रवाना हुई है. दिल्ली में अशरफ के परिचितों से भी संपर्क किया जा रहा है.

हालांकि अभी तक कोई और लीड नहीं मिल पाई है. लापता होने से पहले अशरफ ने जिन नंबरों पर बात की, उनसे भी कोई प्रगति नहीं मिली है. (AMU Missing Student Ashraf Delhi)


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प्रॉक्टर वसीम अहमद बताते हैं कि एक बात जरूर सामने आई कि अशरफ वाट्स-एप ज्यादा वक्त तक एक्टिव रहते थे. संबंधि‍त कंपनी से उसकी डिटेल भी मांगी गई है. उन्होंने कहा कि अशरफ के अभिभावक भी आज ही अलीगढ़ पहुंचे हैं. शाम तक उनसे बात होगी.

इसी सिलसिले में अभी फिर एसएसपी से मुलाकात करने जा रहे हैं. वह बताते हैं कि जिला और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच इस व‍िषय पर लगातार संवाद बना है और छात्र को तलाशने की कोशिशें जारी हैं. (AMU Missing Student Ashraf Delhi)

महंगाई : साईकिल से विधानसभा पहुंचे तेजस्वी, शशि थरूर ने खींचा ऑटो रिक्शा

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द लीडर : डीजल-पेट्रोल के बढ़ते दामों को लेकर विपक्ष ने शुक्रवार को एक फिर अपना विरोध जताया है. बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव साईकिल से विधानसभा पहुंचे. वहीं, कांग्रेस नेता शशि थरूर ने तिरुवनंतपुरम में ऑटो रिक्शा चालकों के साथ ऑटो खींचकर अपना विरोध दर्ज कराया है.

यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने महंगाई को लेकर सरकार को घेरते हुए ट्वीट किया, ‘पेट्रोल पहुंचा सौ पर और सिलेंडर हजार, फिर भी कहती है सरकार, सब है गुलजार, बहुत हुई महंगाई की मार अबकी बार भाजपा बाहर.’

तेजस्वी यादव ने कहा कि, ‘निर्धनों को चूसने वाली धनवानों की प्रियतम सरकार ने पेट्रोल, डीजल और गैस की कीमतें बढ़ाकर आम आदमी को मरने पर मजबूर कर दिया है. डबल इंजन की सरकार गरीबों को लूटकर, पूंजीपतियों के लिए खुलकर बैटिंग कर रही है.’

इससे पहले तेजस्वी ने रोजगार के मुद्दे पर सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि काठ की हांडी एक बार ही चढ़ती है. 20 लाख नौकरियों का वादा करके सत्ता में आई सरकार की डिक्शनी से अब रोजगार शब्द ही गायब हो गया है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी सरकार पर लगातार हमलावर है. उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘सिर्फ हमारे दो का कल्याण-‘हम दो उनके’ पीसीयू उनके, विकास भी सिर्फ ‘उनका’, जन का क्या? राहुल गांधी केंद्र सरकार के चंद उद्योगपितयों के लिए काम करने के मुद्​दे पर घेर रहे हैं.

दूसरी तरफ ट्रेड यूनियनों ने शुक्रवार को भारत बंद का आह्वान कर रखा है. इसके मद्​देनजर देश के कई हिस्सों में ट्रकों का संचालन ठहरा है.


मजदूरों के लिए लड़ने वाली 23 साल की नोदीप कौर को डेढ़ महीने बाद मिली जमानत, किन संगीन धाराओं में बंद थीं, जानते हैं


 

जयपुर ट्रक एसोसिएशन के गोपाल सिंह राठौर ने समाचार एजेंसी एएनआइ से बातचीत में कहा कि डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमतें और जीएसटी में जोड़ी गई धाराएं ट्रांसपोर्टर और ट्रक मालिकों के लिए घातक हैं. मोदी जी ने वन नेशन वन टैक्स का नारा दिया था. हमारी मांग है कि इसको भी जीएसटी में शामिल किया जाए. राज्य सरकार ने भी वैट बढ़ा रखा है.

मजदूरों के लिए लड़ने वाली 23 साल की नौदीप कौर रिहा, जेल के बाहर स्वागत को उमड़ी भीड़

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द लीडर : नौदीप कौर. एक 23 साल की लड़की, जो मजदूरों के अधिकारों की लड़ाई लड़ती है. पिछले करीब डेढ़ महीने से जेल में बंद थीं. पुलिस ने उन पर संगीन धाराएं लगाई थीं. आइपीसी की धारा-307 (हत्या की कोशिश) धारा-146 (दंगा) धारा-353 (सरकारी सेवक को अपने कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए हमला करना) आदि. (Nodeep Kaur Laborers Bail)

शुक्रवार को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने नोदीप को जमानत दी और रात तक नौदीप रिहा हो गई हैं. उनके स्वागत के लिए जेल के बाहर भारी संख्या में भीड़ उमड़ी.

12 जनवरी को नौदीप को दिल्ली-हरियाणा के कुंडली बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया था. जब वह श्रमिकों के एक आंदोलन में शामिल हुई थीं. तभी उन पर ये संगीन इल्जाम लगाए गए थे.

नौदीप के स्वागत के लिए रात को जुटी भीड़

नौदीप, पंजाब के मुक्तसर की रहने वाली हैं और सोनीपत के कुंडली क्षेत्र की एक औद्योगिक इकाई में काम करती थीं. वह दलित समुदाय से आती हैं. उनके साथ शिव कुमार समेत कुछ अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था.

नौदीप की बहन ने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. इसमें उन्हें न सिर्फ गलत तरीके से गिरफ्तार करने, बल्कि थाने में पुरुष पुलिस कर्मियों द्वारा यौन उत्पीड़न किए जाने का भी दावा किया था.


सोशल मीडिया पर सरकार का शिंकजा : यूजर के सत्यापन, शिकायत दर्ज करने से लेकर कई और नियम, जानिए


 

जनवरी के आखिर तक नौदीप को लेकर देश में अधिक चर्चा नहीं हुई. मगर 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद जब फरवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति कमला हैरिसी की भांजी मीना हैरिस ने नवदीप को लेकर ट्वीट किया.

जिसमें लिखा कि, एक 23 साल की मजदूर अधिकार कार्यकर्ता नौदीप कौर को गिरफ्तार किया गया. यातनाएं दी गईं और पुलिस हिरसात में यौन शोषण किया गया. मीना हैरिस के इस ट्वीट के बाद नौदीप को लेकर देशभर से उनके पक्ष में आवाजें उठीं. सुप्रीमकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण नौदीप को लेकर लगातार ट्वीटर पर आवाज उठाते रहे हैं.

8 फरवरी को पंजाब राज्य अनुसूचित आयोग ने अतिरिक्त मुख्य सचि-गृह से नौदीप कौर को राहत सुनिश्चित करने के लिए कहा. इतना ही नहीं नौदीप कौर की कथित गैरकानूनी हिरासत पर स्वता: संज्ञान लेते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया था.

शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई हुई. जस्टिस जिंगन ने नौदीप को जमानत देने का आदेश दिया है. क्या कौर को पुलिस हिरासत में प्रताड़ित किए जाने के आरोप सही हैं, इस मामले की जांच की मांग की गई है.

सोशल मीडिया पर सरकार का शिंकजा : यूजर के सत्यापन, शिकायत दर्ज करने से लेकर कई और नियम, जानिए

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द लीडर : केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया पर लगाम कसने की नीति बना ली है. इसके तहत फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम, यू-ट्यूब और वाट्स-एप आदि सोशल मीडिया कंपनियों को भारतीय यूजर्स के एकाउंट का सत्यापन करना होगा. और उनकी शिकायतों के निस्तारण की ठोस व्यवस्था बनानी होगी. सरकार ने साफ किया है कि 24 घंटे के अंदर शिकायत दर्ज कर 15 दिन में निस्तारण करना होगा. ये नई व्यवस्था तीन माह के अंदर लागू हो जाएगी.

गुरुवार को केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद और केंद्रीय मंत्री प्रकाश ने एक प्रेस कांफ्रेंस जानकारी साझा की. रवि शंकर ने कहा कि सोशल मीडिया कंपनियां भारत में व्यापार करें. पैसे कमाएं. उनका स्वागत है. वे आम आदमी को मजबूत करें. सरकार आलोचना और असहमति के अधिकार का स्वागत करती है.

लेकिन उपभोक्ताओं को एक ऐसा मंच भी देना पड़ेगा, जहां वे शिकायत कर सकें. और तय समय में उनको समाधान मिल जाए. आज हम सब देख रहे हैं कि सोशल मीडिया पर अभद्र, भड़काऊ और अमर्यादित सामग्री किस कदर फैली है. जो किसी भी एंगल से एक सभ्य समाज में स्वीकार्य नहीं हो सकती.


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कानून मंत्री के मुताबिक भारत में वाट्स-एप के 53 करोड़ यूर्जस हैं. यू-ट्यूब पर 48.8 करोड़, फेसबुक पर 41 करोड़, इंस्टाग्राम पर 21 करोड़ और ट्वीटर पर 1.75 करोड़ भारतीय यूजर्स हैं, जो एक बड़ी तादाद है.

मगर संसद, कोर्ट और सिविल सोसायटी के माध्यम से ऐसी शिकायतें सामने आईं, जहां अभद्र-अमर्यादित सामग्री को लेकर चिंता जताई गई. फेक न्यूज का और बुरा हाल है. वित्तीय ठगी, हिंसा उकसाने वाली चीजें भी चल रहीं.

इस स्थिति में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की जवाबदेही तय करनी होगी. इसके लिए सरकार ने नीति बनाई है. जिसमें इन कंपनियों को शिकायत निस्तारण अधिकारी नियुक्ति करना पड़ेगा. यूजर की शिकायत 24 घंटे के अंदर दर्ज करनी होगी और अधिकतम 15 दिन में निस्तारण करना पड़ेगा.


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खासकर किसी महिला की गरिमा-आत्म सम्मान से जुड़ी शिकायत-सामग्री आती है ताे से प्राथमिकता पर हल करना होगा. और 24 घंटे के अंदर वो सामग्री हटानी होगी. हर महीने की डिटेल सार्वजनिक करनी होगी. मसलन कितनी शिकायतें आईं और कितनी निस्तारित हुईं.

खुराफात करने वाला कंटेट किसने बनाया, बताना होगा

रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया पर काफी भड़काऊ कंटेट वायरल कर दिया जाता है. देश के अंदर और बाहर से भी. मगर कंपनियों को ये बताना पड़ेगा कि कंटेट सबसे पहले किसने बनाया. यानी कंटेट तैयार करने वाले की जानकारी देनी पड़ेगी. अगर कंटेंट भारत के बाहर बना है तो उसे देश में किसने आगे बढ़ाया. उसके बारे में बताना होगा.

ये देश की सुरक्षा, एकता-अखंडता और विदेश संबंध से जुड़ा मसला है. ऐसा उन्हीं मामलों में होगा, जिनमें पांच साल से अधिक की सजा का प्रावधान है. अगर कोई गैरकानून सामग्री मंच पर है तो उसे हटाना होगा. सोशल मीडिया एकाउंट का वॉलिंटरी सत्यापन कराने की व्यवस्था बनानी होगी. फिर चाहे मोबाइल से करें या किसी अन्य तरीके से.

डिजिटल मीडिया पोर्टल की निगरानी

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि टीवी, अखबार की तरह डिजिटल मीडिया पोर्टल को भी किसी कोड का पालन करना होगा. अभी उन पर कोई बंधन नहीं है. इसलिए सरकार ने समझा कि सबके लिए बराबरी का मैदान होना चाहिए. और सभी मीडिया प्लेटफॉर्म एक मंच पर आएं.

उन्होंने कहा कि न्यूज पोर्टल को अपने बारे में सूचना देनी होगी. शिकायत निस्तारण की व्यवस्था भी बनानी पड़ेगी. अभी हम उनसे रजिस्ट्रेशन के लिए अभी नहीं कर रहे हैं.


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कांग्रेस ने हर तरीके से लोकतंत्र का अपमान किया, उन्हें खुद को शीशे में देखने की जरूरत : पीएम मोदी

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द लीडर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुडुचेरी में एक रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस दूसरों को लोकतंत्र विरोधी कहने का एक भी मौका नहीं गंवाती है. जबकि हकीकत ये है कि उन्होंने हर तरीके से लोकतंत्र को अपमानित किया है. प्रधानमंत्री ने कांग्रेस को खुद को शीशे में देखने की सलाह दी है. (Congress Insults Democracy PM Modi)

पीएम ने कहा कि हमारे औपनिवेशिक शासकों ने बांटों और राज करो की नीति अपनाकर देश पर राज किया था. आज, कांग्रेस भी बांटो-झूठ बोलो और राज करो की नीति पर चल रही है. तंज कसा-कांग्रेस झूठ बोलने में गोल्ड, सिल्वर और ब्रांज मेडल विजेता हैं.

2016 में पुडुचेरी के लोगों ने बड़ी उम्मीद के साथ कांग्रेस को वोट दिया था कि सरकार उनकी समस्याओं का समाधान करेगी. मगर पांच साल बाद जनता निराश है. उनके सपने और उम्मीदें टूट चुकी हैं.

पीएम ने कहा कि कांग्रेस हाईकमान ने पुडुचेरी के हर सेक्टर को नुकसान पहुंचाया है. कांग्रेस लोगों के लिए काम करने में भरोसा नहीं करती है. मुझे समझ नहीं आता कि आखिर कांग्रेस क्यों नहीं चाहती कि कोई दूसरा लोगों के लिए काम करे.

प्रधानमंत्री ने कहा कि पुडुेचरी के लोग बड़े काबिल हैं. और ये काफी सुंदर इलाका है. मछुआरों में गजब का हुनर है. मैं यहां इसलिए हूं ताकि लोगों को भरोसा दिला सकूं कि सरकार उनकी हर संभव मदद करेगी.

हाल ही में पुडुचेरी में बड़ा राजनीतिक उलटफेर हुआ है. पहले, केंद्र सरकार ने उप-राज्यपाल रहीं किरणबेदी को बर्खास्त कर दिया था. और इसके बाद कांग्रेस में अंदरूनी घमासान मचा. कई विधायकों के इस्तीफा के बाद कांग्रेस सरकार गिर गई थी. (Congress Insults Democracy PM Modi)


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इसको लेकर मुख्यमंत्री रहे वी नारायणसामी ने केंद्र सरकार पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया था. वहीं, कांग्रेस के अन्य बड़े नेताओं ने भी केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा था. यह कहते हुए कि केंद्र सरकार राज्यों की चुनी हुई सरकारें गिरवा रही है. गुरुवार को इसी के जवाब में प्रधानमंत्री ने पुडुचेरी पहुंचकर कांग्रेस पर तीखे प्रहार किए हैं.

दरअसल, पुडुचेरी में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. कांग्रेस के राज्य की सत्ता से, बेदखल होने के बाद भाजपा मजबूती के साथ अपनी जगह बनाने में जुटी है. (Congress Insults Democracy PM Modi)

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टूलकिट : दिशा के बाद शांतनु को अदालत से राहत, 9 मार्च तक गिरफ्तार नहीं कर सकेगी दिल्ली पुलिस

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द लीडर : टूलकिट मामले में दिशा रवि (Disha Ravi) की जमानत के बाद शांतनु मुलुक (Shantnu) को फौरीतौर पर गिरफ्तारी से राहत मिल गई है. गुरुवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने शांतनु को 9 मार्च तक प्रोटेक्शन दी है. यानी इस बीच दिल्ली पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकेगी. 9 मार्च को ही शांतनु की जमानत याचिका पर सुनवाई होनी है. (Toolkit Delhi Police Shantanu)

किसान आंदोलन के समर्थन में टूलकिट को लेकर क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि, निकिता जैकब और शांतनु के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई थी. इसमें दिशा को 13 फरवरी को बैंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था. वह 10 दिन तक दिल्ली पुलिस की हिरासत में रहीं.


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23 फरवरी को पटियाला हाउस कोर्ट ने दिशा को जमानत दी थी. इस मामले में दूसरे आरोपी शांतनु के वकील ने कोर्ट में कहा कि, अभी दिल्ली पुलिस का जवाब नहीं मिला है. इसके लिए 7 दिन की और मोहलत चाहिए. इस बीच पुलिस जब भी चाहे शांतनु से पूछताछ कर सकती है, वो हाजिर होंगे.

टूलकिट मामले में पुलिस का आरोप है कि खालिस्तानी संगठनों की मदद से दिशा, निकिता और शांतनु ने देश को बदनाम करने की साजिश रची थी. दावा किया था कि ये टूलकिट भी इन्हीं लोगों ने बनाई थी. हालांकि दिशा रवि को जमानत देते समय कोर्ट ने कई महत्वपूर्ण टिप्पणियां की थीं.


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कहा था कि, ‘मेरे ख्याल से नागरिक एक लोकतांत्रिक देश में सरकार पर नजर रखते हैं. सिर्फ इसलिए कि वो राज्य की नीतियों से असहमत हैं. उन्हें जेल में नहीं रखा जा सकता.राजद्रोह का आरोप इसलिए नहीं लगाया जा सकता कि सरकार को उससे चोट पहुंची है.’

बता दें कि इस मामले में तीसरी आरोपी निकिता जैकब ने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया था, जहां से उन्हें राहत मिल गई थी. निकिता पेशे से अधिवक्ता हैं. तीनों आरोपियों के लिए कोर्ट से अब तक की बड़ी राहत मानी जा रही है.

विदेशियों के ट्वीट के बाद विवाद

किसान आंदोलन के समर्थन में अमेरिकी पॉप सिंगर रिहाना, मशहूर क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग और अमेरिकी उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस की भांजी मीना हैरिस ने ट्वीट के जरिये किसान आंदोलन को अपना समर्थन जताया था. इसमें ग्रेटा के ट्वीट में टूलकिट का दावा किया गया. और इसी को लेकर दिल्ली पुलिस ने 3 फरवरी को अज्ञात के विरुद्ध एफआइआर दर्ज की थी.

बाद में जांच के बाद दिशा, निकितिा और शांतनु को आरोपी बनाया गया. दिशा की गिरफ्तारी की देश-दुनिया भर में कड़ी आलोचना हुई थी. तब सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों ने इसको लेकर सफाई पेश की थी. यह कहते हुए कि कानून के मुताबिक कार्रवाई की जा रही है. (Toolkit Delhi Police Shantanu)


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चीफ जस्टिस बोबड़े ने ‘योर ऑनर’ कहने पर कानून के छात्र को चेताया, जानते हैं क्यों नहीं बोलना चाहिए योर ऑनर

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द लीडर : चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया-एसए बोबड़े के नेतृत्व में सुप्रीमकोर्ट (Supreme Court) की एक बेंच ने, कानून के एक छात्र (Law Student) द्वारा न्यायाधीशों को योर ऑनर (Your Honour) कहकर संबोधित किए जाने पर चेतावनी दी है. छात्र के संबोधन पर जस्टिस बोबड़े ने कहा कि, ”हम यूएस सुप्रीमकोर्ट नहीं हैं. हमें इस तरह संबोधित न करें.” (Chief Justice Bobde Warns Your Honor)

इस पर छात्र ने माफी मांगी. और कहा कि ‘माई लॉर्ड’ (My Lords) के तौर पर संबोधित करूंगा. जस्टिस बोबड़े ने कहा, ‘जो भी हो, लेकिन कोई गलत शब्द नहीं.’ और अदालत ने मामले की सुनवाई चार सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी. जस्टिस बोबड़े ने कहा, ‘हम मामले को चार सप्ताह के लिए स्थगित कर रहे हैं. चूंकि आपने हमें गलत तरीके से संबोधित किया है.’ अधीनस्थ न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान ये हुआ.

इसलिए नहीं कह सकते योर ऑनर

अब सवाल ये उठता है कि सुप्रीमकोर्ट या हाईकोर्ट के जजों को ‘योर ऑनर‘ के रूप में संबोधित क्यों नहीं कर सकते. एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय में विधि विभाग के डीन व एसोसिएट प्रोफेसर अमित सिंह कहते हैं, चूंकि सुप्रीमकोर्ट या हाईकोर्ट के जज न्याय-भगवान के प्रतिनिधि का दर्जा रखते हैं.

इसलिए क्योंकि, उनके पास उन मामलों में भी अपने विवेक से फैसला सुनाने का अधिकार है, जो विधि में स्पष्ट रूप से वर्णित नहीं है. इस तरह उन्हें ‘योर लॉर्डशिप’ या ‘माई लॉर्ड’ कहकर संबोधित किया जाता है. निचली अदालत में ‘योर ऑनर’ कहकर संबोधित कर सकते हैं. क्योंकि वहां ‘मजिस्ट्रेट’ को विधि में जितना वर्णित है, उसी दायरे में फैसला देने का अधिकार होता है. (Chief Justice Bobde Warns Your Honor)


टूलकिट मामले में गिरफ्तार दिशा रवि को 9 दिन बाद मिली जमानत


 

अमित सिंह बताते हैं कि ‘कुछ साल पहले वकीलों ने एक मुहिम चलाई थी. वो ये कि अदालत में ‘योर लॉर्डशिप’ का संबोधन छोड़ दिया जाए. इस तर्क के साथ कि ‘माई लॉर्डशिप’ अंग्रेजी जमाने का है. आजाद भारत की न्यायव्यवस्था में ‘योर ऑनर’ इस्तेमाल किया जाना चाहिए. (Chief Justice Bobde Warns Your Honor)

साल 2014 में सुप्रीमकोर्ट में एक याचिका पहुंची थी. जो ‘माई लॉर्ड, योर ऑनर और योर लॉर्डशिप’ के संबोधन से जुड़ी थी. इस पर सुप्रीमकोर्ट कोर्ट ने कहा था कि न्यायाधीशों को सम्मान और गरिमापूर्ण तरीके से संबोधित किया जाना चाहिए. न्यायाधीशों के प्रति ‘सर’ का संबोधन भी स्वीकार्य है.


अगर पुलिस अधिकारी अदालत के आदेश का अनुपालन नहीं करा पाते तो वे अपने पद पर बने रहने के लायक नहीं : मद्रास हाईकोर्ट


 

न्यायमूर्ति एचएल दत्तू और न्यायमूर्ति एसए बोबड़े की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान कहा था कि ‘हमने कब कहा कि यह अनिवार्य है. आप हमें सिर्फ गरिमापूर्ण तरीके से संबोधित कर सकते हैं’. अब सात साल बाद फिर ये मामला न्यायमूर्ति एसए बोबड़े के सामने आया, जब वह चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया हैं. (Chief Justice Bobde Warns Your Honor)

टूलकिट मामले में गिरफ्तार दिशा रवि को 9 दिन बाद मिली जमानत

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द लीडर : दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने टूलकिट मामले में गिरफ्तार क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को जमानत दे दी है. बीती 13 फरवरी को दिल्ली पुलिस ने 22 साल की दिशा को बैंगलुरू से हिरासत में लिया था. उन्हें एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत मिली है. इससे एक दिन पहले-सोमवार को अदालत ने दिशा को एक दिन की पुलिस रिमांड पर भेजने का आदेश दिया था, जबकि पुलिस ने 5 दिन की रिमांड मांगी थी.

शनिवार को अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई थी. और कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. मंगलवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने इस मामले में फैसला सुनाया है.

दिशा रवि की ओर से अदालत में पेश अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल ने अदालत से अपील करते हुए इस आधार पर जमानत मांगी कि दिशा का खालिस्तानी अांदोलन से कोई ताल्लुक नहीं था. और उनका काम जलवायु और कृषित तक ही सीमित था. अग्रवाल ने कहा कि मैं दिल्ली नहीं छोड़ूंगा, मैं यहां किसी भी जांच में बाधा डालने के लिए नहीं हूं.


किसान आंदोलन : 22 साल की क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि गिरफ्तार, पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा


 

उन्होंने अदालत में दिशा का पक्ष रखते हुए कहा कि उनके खिलाफ देशद्रोह या हिंसा भड़काने का कोई मामला नहीं पाया गया था.

वहीं, दिल्ली पुलिस ने सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका पर रवि की रिहाई का विरोध किया था. तर्क दिया था कि रवि ने अनय आरोपियों के साथ, खालिस्तानी कैंडियन संगठनों, पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के साथ मिलकर भारत को बदनाम करने की साजिश रची थी.

टूलकिट का विवाद पैदा हुआ था, जब स्वीडन की मशहूर क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने किसान आंदोलन के समर्थन में एक ट्वीट किया था. बाद में उस ट्वीट को लेकर ये दावा किया गया कि ये टूलकिट है. पुलिस ने चार फरवरी को इस मामले में एफआइआर दर्ज की थी.

जांच के बाद पुलिस ने दिशा रवि, निकित जैकब और शांतनु के इस मामले में आरोपी होने का दावा किया. और कहा कि इन तीनों ने ही वो टूलकिट तैयार की थी, और दिशा ने ग्रेटा को टूलकिट भेजी थी.