द लीडर : दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने टूलकिट मामले में गिरफ्तार क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को जमानत दे दी है. बीती 13 फरवरी को दिल्ली पुलिस ने 22 साल की दिशा को बैंगलुरू से हिरासत में लिया था. उन्हें एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत मिली है. इससे एक दिन पहले-सोमवार को अदालत ने दिशा को एक दिन की पुलिस रिमांड पर भेजने का आदेश दिया था, जबकि पुलिस ने 5 दिन की रिमांड मांगी थी.
शनिवार को अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई थी. और कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. मंगलवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने इस मामले में फैसला सुनाया है.
Toolkit case: Delhi court grants bail to 21-year-old climate activist Disha Ravi
— Press Trust of India (@PTI_News) February 23, 2021
दिशा रवि की ओर से अदालत में पेश अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल ने अदालत से अपील करते हुए इस आधार पर जमानत मांगी कि दिशा का खालिस्तानी अांदोलन से कोई ताल्लुक नहीं था. और उनका काम जलवायु और कृषित तक ही सीमित था. अग्रवाल ने कहा कि मैं दिल्ली नहीं छोड़ूंगा, मैं यहां किसी भी जांच में बाधा डालने के लिए नहीं हूं.
किसान आंदोलन : 22 साल की क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि गिरफ्तार, पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा
उन्होंने अदालत में दिशा का पक्ष रखते हुए कहा कि उनके खिलाफ देशद्रोह या हिंसा भड़काने का कोई मामला नहीं पाया गया था.
वहीं, दिल्ली पुलिस ने सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका पर रवि की रिहाई का विरोध किया था. तर्क दिया था कि रवि ने अनय आरोपियों के साथ, खालिस्तानी कैंडियन संगठनों, पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के साथ मिलकर भारत को बदनाम करने की साजिश रची थी.
टूलकिट का विवाद पैदा हुआ था, जब स्वीडन की मशहूर क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने किसान आंदोलन के समर्थन में एक ट्वीट किया था. बाद में उस ट्वीट को लेकर ये दावा किया गया कि ये टूलकिट है. पुलिस ने चार फरवरी को इस मामले में एफआइआर दर्ज की थी.
जांच के बाद पुलिस ने दिशा रवि, निकित जैकब और शांतनु के इस मामले में आरोपी होने का दावा किया. और कहा कि इन तीनों ने ही वो टूलकिट तैयार की थी, और दिशा ने ग्रेटा को टूलकिट भेजी थी.