Thursday, October 17, 2024
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महंगाई के खिलाफ सड़क पर उतरी कांग्रेस, राहुल गांधी बोले-इस सरकार में बस ‘महंगाई का विकास’

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देश का मन क्या है, बजट पर जनता के रिएक्शन से भांप गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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नई दिल्ली : देश अब समय नहीं गंवाना चाहता. वह तेजी से आगे बढ़ने का मन बना चुका है. देश का मन बनाने में युवा मन की काफी अहम भूमिका है. इस साल के बजट पर जिस तरह से देशवासियों की सकारात्मक प्रतिक्रिया आई है. उससे पता चलता है कि मूड ऑफ द नेशन क्या है? नीति आयोग की छठी गवर्निंग काउंसिल की बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह बातें कहीं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि, ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ एक ऐसे भारत के निर्माण का मार्ग है, जो न केवल अपनी जरूरत भर का उत्पादन करे. बल्कि दुनिया के लिए प्रॉडक्ट बनाए. उसके उत्पादन गुणवत्ता की कसौटी पर खरे उतरें.

हम कृषि प्रधान देश हैं. इसके बावजूद आज 65,000 से 70,000 करोड़ का खाद्य तेल दूसरे देशों से लाते हैं. हम इसे बंद कर सकते हैं. हमारे किसानों के खाते में पैसा जा सकता है, जिसके हकदार किसान हैं, लेकिन इसके लिए हमें अपनी योजनाएं उस तरह की बनानी होंगी.


उन्नाव हत्याकांड : प्रेम का प्रस्ताव ठुकराने पर पानी में मिलाकर दिया था जहर, दो नाबालिग लड़कियों की मौत मामले में दो गिरफ्तार


 

केंद्र सरकार ने अलग-अलग क्षेत्रों के लिए पीएलआइ स्कीम प्रारंभ की हैं. देश की उत्पादन क्षमता बढ़ाने का ये शानदार मौका है. राज्यों को चाहिए कि इस स्कीम का भरपूर लाभ उठाएं. और राज्य में ज्यादा से ज्यादा निवेश आकर्षित करें. कॉरपोरेट टैक्स की दरें कम करने का फायदा भी राज्यों को उठाना चाहिए.

बजट का जिक्र करते हुए कहा कि इस बार इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए आवंटित बजट की काफी चर्चा हो रही है. इंफ्रास्ट्राक्चर पर ये खर्च, देश की अर्थव्यवस्था को कई स्तर पर आगे बढ़ाने का काम करेगा. और रोजगार के तमाम नए अवसर भी पैदा करेगा.


कांग्रेस ने पूछा, 32.73 रुपये लागत है तो 100 रुपये लीटर क्यों बेच रहे पेट्रोल


 

प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 के बाद से गांव और शहरों में 2.40 करोड़ से अधिक आवास बनवाए गए हैं. देश के छह शहरों में आधुनिक तकनीक से घर बनाने का एक और अभियान चल रहा है. एक महीने में नई तकनीक से अच्छे घर बनाने के मॉडल तैयार होंगे.

पानी की किल्लत और प्रदूषित जल से होने वाली बीमारी विकास की दिशा में बड़ी बाधक हैं. इस दिशा में मिशन के रूप में काम चल रहा है. जल मिशन से साढ़े तीन करोड़ ग्रामीण घरों को पाइप वाटर सप्लाई से जोड़ा जा चुका है.

उन्नाव हत्याकांड : प्रेम का प्रस्ताव ठुकराने पर पानी में मिलाकर दिया था जहर, दो नाबालिग लड़कियों की मौत मामले में दो गिरफ्तार

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द लीडर : उन्नाव के चर्चित-दो नाबालिग लड़कियों की मौत का राज खुल गया है. विनय नामक एक युवक ने प्रेम में असफल होने पर लड़कियों पानी में कीटनाशक मिलाकर पिलाया था. शुक्रवार को पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इसमें विनय के साथ उसका एक नाबालिग साथी शामिल है.

लखनऊ रेंज की आइजी लक्ष्मी सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि, विनय ने पूछताछ में बताया कि तीन लड़कियों में एक के साथ उसकी दोस्ती हो गई थी. मगर लड़की ने उसका प्रेम प्रस्ताव ठुकरा दिया था और मोबाइल नंबर देने से इनकार कर दिया.

विनय ने खेत में इस्तेमाल होने वाला कीटनाशक पानी की बोतल में मिलाकर रखा. और वो बोतल उस लड़की को दे दी. बाकी की दो लड़कियों ने पानी छीनकर पिया और बेहोश हो गईं.

घटना असोहा क्षेत्र के बबुरहा गांव की है. दलित समुदाय की तीन लड़कियां बुधवार को पशुओं के लिए चारा लेने खेत पर गई थीं. शाम तक नहीं लौटीं तो परिजनों ने उन्हें ढूंढना शुरू किया. वे गांव से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर एक खेत में बंधक हालत में मिली थींं.

अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने दो लड़कियों को मृत घोषित कर दिया था. तीसरी लड़की कानपुर के एक अस्पताल में भर्ती है. डॉक्टरों के मुताबिक उसकी हालत में स्थिर है.


उन्नाव : खेत में बंधक मिलीं दो नाबालिग लड़कियों की मौत कैसे हुई, इस राज का एकमात्र गवाह


 

इस घटना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री मायावती, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से लेकर सिनेमा जगत से न्याय की आवाजें उठी. शासन ने इस मामले में छह टीमें गठित कर जांच शुरू की थी. और शुक्रवार को मामला खुलकर सामने आ गया.

शुक्रवार को ही दोनों लड़कियों का अंतिम संस्कार किया गया था. इसके साथ ही फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल पर जाकर कुछ सबूत भी जुटाए थे. चूंकि लड़कियों को जब घटनास्थल से बरामद किया गया था, तब उनके मुंह से झाक निकलने की बात सामने आई थी. इस तथ्य को ध्यान में रखकर पुलिस जांच को आगे बढ़ा रही थी.

 

कांग्रेस ने पूछा, 32.73 रुपये लागत है तो 100 रुपये लीटर क्यों बेच रहे पेट्रोल

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द लीडर : डीजल-पेट्रोल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. मध्यप्रदेश समेत कुछ राज्यों में पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर के भाव तक जा पहुंचा है. इस मुद्​दे पर विपक्ष सरकार को घेर रहा है. शुक्रवार को कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने सरकार से सवाल किया है कि, आज पेट्रोल की लागत 32.72 रुपये और डीजल की 33.46 रुपये प्रति लीटर है. फिर आप पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर पर क्यों बेच रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने डीजल पर 820 प्रतिशत और पेट्रोल पर 258 प्रतिशित अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी लगा दी है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीटर पर एक रिपोर्ट साझा करते हुए तंज कसा-वो जुमलों का शोर मचाते हैं, हम सच का आईना दिखाते हैं. ट्वीट पर राहुल गांधी ने जो रिपोर्ट शेयर की है. उसके मुताबिक, ‘जून 2014 में जब नरेंद्र मोदी सरकार पहली बार सत्ता में आई, तब ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमत 91 डॉलर प्रति बैरल थी. और देश में पेट्रोल 71 रुपये और डीजल 57 रुपये प्रति लीटर के भाव में बिक रहा था.’

रिपोर्ट के मुताबिक ‘लेकिन, अब करीब सात साल बाद ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल का दाम 30 डॉलर प्रति बैरल कम होकर 63 डॉलर प्रति बैरल आ पहुंचा है. फिर भी पेट्रोल सेंचुरी बना रहा है और डीजल उसे चेज कर रहा है.

साल 2021 में अब तक तेल की कीमतें 19 बार बढ़ाई गई हैं. मतलब 45 दिन में 19 बार कीमतों में इजाफा हुआ है. 15 फरवरी 2020 से 15 फरवरी 2021 के बीच पेट्रोल 17.05 रुपये और डीजल 14.8 रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ है.’


उन्नाव : खेत में बंधक मिलीं दो नाबालिग लड़कियों की मौत कैसे हुई, इस राज का एकमात्र गवाह


 

समाजवादी पार्टी के मुखिया और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कहा, कि भाजपा ने हर वर्ग के लोगों को दुखी किया है और किसानों के सामने संकट पैदा कर दिया.

भाजपा ने जो कहा था जब करने का समय आया तो, ऐसा कानून बना दिया, जिससे खेती-किसान संकट में चली जाएगी. पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ने से महंगाई भी बढ़ती है.

उन्नाव : खेत में बंधक मिलीं दो नाबालिग लड़कियों की मौत कैसे हुई, इस राज का एकमात्र गवाह

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द लीडर : उन्नाव के एक खेत में बंधक हालत में मिलीं तीन मे से दो की मौत हो चुकी है. और तीसरी लड़की कानुपर के अस्पताल में भर्ती है. दोनों की मौत कैसे हुई? ये रहस्य अभी तक बरकरार है, जो पोस्टमार्ट रिपोर्ट में भी पूरी तरह साफ नहीं हो सका. शुक्रवार को दोनों मृतक लड़कियों का अंतिम संस्कार कर दिया गया है. उन्हें घटनास्थल के पास ही दफनाया गया है. फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL)की टीम ने घटना के स्थान पर जाकर साक्ष्य जुटाए हैं.

उन्नाव में घटना स्थल पर साक्ष्य जुटाती टीम.

पूरी घटना का एकमात्र चश्मदीद गवाह, तीसरी लड़की है, जिनका कानपुर के अस्पताल में इलाज चल रहा है. भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद उस बच्ची को दिल्ली के एम्स में भर्ती कराने की मांग उठा चुके हैं. दूसरी तरफ पीड़ित परिवार इस मामले की सीबीआइ जांच चाहता है.


यूपी : उन्नाव में बेहोश मिलीं तीन नाबालिग बच्चियों में दो की मौत, राहुल गांधी से लेकर स्वरा भास्कर ने क्या कहा


 

गांव में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है. लखनऊ रेंज की आइजी ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से कई चीजों का खुलासा हुआ है. तीसरी लड़की की हालत स्थिर है. हमारी जांच टीमों को भी प्रगति मिली है.

घटनाक्रम बुधवार का है. उन्नाव के असोहा क्षेत्र के गांव बबरुहा में दलित समुदाय की तीनों बच्चियां चारा लेने खेत पर गईं थीं. दोपहर करीब 3 बजे निकलीं बच्चियां, जब शाम तक घर नहीं लौटीं, तो परिजनों ने उनकी तलाश शुरू की. एक खेत में तीनों दुपट्टे से बंधी मिलीं. अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने दो को मृत घोषित कर दिया था.


इसे भी पढ़ें : चीन ने पहली बार माना कि गलवान घाटी में भारत के साथ संघर्ष में उसके 4 सैनिक मारे गए


 

इस घटना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री मायावती, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग उठाई है. इसके साथ ही राज्य की कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए हैं.

उन्नाव के गांव बबरुहा में तैनात पुलिस बल.

वहीं, भीम आर्मी के नेताओं ने गुरुवार को ही गांव में धरना दिया था और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की थी. इस सबके बीच लड़कियों की मौत का रहस्य गहराया है. अब तक की जांच के आधार पर पुलिस का मानना है कि लड़कियों की मौत जहर से हुई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दोनों लड़कियों के शरी पर किसी तरह के चोट के निशान नहीं पाए गए.

चीन ने पहली बार माना कि गलवान घाटी में भारत के साथ संघर्ष में उसके 4 सैनिक मारे गए

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द लीडर : चीन ने पहली बार ये कुबूल किया है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी (Galwan Velley) में इंडियन आर्मी (Indian Army) के साथ झड़प में उसके चार सैनिक (Solder) मारे गए थे. चीन (China) की सेना-पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA)का एक अखबार है, पीएलए डेली. शुक्रवार को अखबार में उन चारों चीनी सैनिकों को याद करते हुए एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई है, जो 15 जून 2020 में गलवानी घाटी में भारत के साथ संघर्ष में मारे गए थे. ये सैनिक हैं, चेन होंगून, शियाओ सियुआन, चेन शिआंगरोंग और वांग झुओरान.

चीन ने अपने सैनिकों के मारे जाने की बात तब स्वीकार की है, जब एक समझौते के तहत दोनों देशों की सेनाएं एक निश्चित स्थान के लिए तनाव स्थल से पीछे हट गई हैं. 15 जून के इस संघर्ष में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे.

पीएलए-डेली के मुताबिक सेंट्रल मिलिट्री कमिशन ऑफ चाइना (CMC)ने चारों सैनिकों को याद किया है, जो काराकोरम पहाड़ियों पर तैनाती के दौरान मारे गए थे.

इसे भी पढ़ें : भारतीय सेना प्रमुख की चीन को लेकर चिंता, म्यांमार मिलिट्री के साथ चलेगा ‘ऑपरेशन सनराइज’

हालांकि उस संघर्ष के बाद एक रूसी समाचार एजेंसी ने दावा किया था कि इस संघर्ष में चीन के 40 से अधिक सैनिक मारे गए थे. लेकिन चीन ये रहस्य बनाए रहा और कभी खुलकर अपने सैनिकों के हलाक होने की बात सार्वजनिक नहीं की.

पिछले दिनों भारत-चीन सीमा प्रकरण पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में बताया था कि पैंगोंग झील इलाके से सेनाओं के पीेछे हटने का जो समझता हुआ है. उसके आधार पर दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटने लगी हैं. रक्षामंत्री ने कहा था कि सीमा का विवाद बातचीत से ही हल हो सकता है.


पैंगोंग झील से पीछे हटेंगी सेनाएं, रक्षामंत्री बोले हम अपनी एक इंच भी जमीन किसी को लेने नहीं देंगे


 

चीन के साथ पिछले करीब एक साल से बने इस विवाद को लेकर विपक्ष सरकार पर लगातार हमलावर रहा है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार ये आरोप लगाते रहे हैं कि सरकार ने भारतीय जमीन का हिस्सा चीन को सौंप दिया है.

देश के कई हिस्सों में रेल पटरियों पर बैठे रहे किसान, राकेश टिकैत ने फसल जलाने तक की चेतावनी दे डाली

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द लीडर : किसान आंदोलन के रेल रोको अभियान के बीच गुरुवार को एक तरफ किसान रेल की पटरियों पर डेरा जमाए रहे तो, दूसरी तरफ किसान नेता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार को सख्त चेतावनी दी है. हरियाणा के हिसार में महापंचायत को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा कि सरकार हमारे सब्र का इम्तिहान न ले. उसे लगता कि फसल कटाई के लिए किसान लौट जाएंगे, तो ऐसा हरगिज नहीं होगा. अगर जरूरत पड़ी तो हम अपनी फसलों को आग लगाने से भी पीछे नहीं हटेंगे.

रेल रोके अभियान के दौरान रेल पटरियों पर जमे किसान.

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर बुधवार को पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत देश के अन्य हिस्सों में किसान रेल पटरियों पर जमे दिखए दिए. रोल रोको अभियान शांतिपूर्वक रहा है.


पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की साजिश रची गई, SC में सुनवाई बंद


 

इस बीच हरियाणा में महापंचायत में राकेश टिकैत ने कहा कि हमारा अगला लक्ष्य 40 लाख ट्रैक्टर का है. देशभर में जाकर इन्हें इकट्ठा करेंगे. अगर ज्यादा समस्या की तो ये ट्रैक्टर भी वही हैं और किसान भी वही हैं. ये दोबारा दिल्ली आएंगे. इस बार क्रांति होगीी, जो खेल में औजार इस्तेमाल होते हैं, वे सब जाएंगे.

केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले करीब तीन महीने से किसान दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं. सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को प्रतिदिन विरोध-प्रदर्शन होता है.


यूपी : उन्नाव में बेहोश मिलीं तीन नाबालिग बच्चियों में दो की मौत, राहुल गांधी से लेकर स्वरा भास्कर ने क्या कहा


 

बजट सत्र के दौरान केंद्र सरकार ने संसद में कृषि कानूनों की जरूरत का हवाला देते हुए काफी हद तक ये संदेश साफ कर दिया है कि वो कानूनों को वापस लेने नहीं जा रही है.

दूसरी तरफ किसान नेता कानून वापसी न होने तक आंदोलन जारी रखने पर अड़े हैं. चूंकि अब गेहूं की फसल तैयार होने को चली है. इसको लेकर ये दावा किया जाने लगा कि आंदोलन स्थल पर किसानों की संख्या कम हो रही है.

इसी संदर्भ में राकेश टिकैत ने हरियाणा की महापंचायत में सरकार को चेतावनी देकर किसानों की ताकत का परिचय दिया है.

पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की साजिश रची गई, SC में सुनवाई बंद

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द लीडर : भारत के मुख्य न्यायाधीश रहने के दौरान जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की साजिश रची गई थी. मामले की जांच कर रहे जस्टिस एके पटनायक की रिपोर्ट में साजिश स्वीकार की गई है. गुरुवार को सुप्रीमकोर्ट ने इस केस की सुनवाई के दौरान कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर साजिश के तथ्य को खारिज नहीं किया जा सकता है. अब 21 महीने बाद इस मामले की सुनवाई बंद कर दी गई है.

सुप्रीमकोर्ट की एक कर्मचारी ने अप्रैल 2019 में पूर्व सीजेआइ पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. वह 2018 में सीजेआइ के आवास पर बतौर जूनियर कोर्ट असिस्टसेंट पद पर तैनात रही थीं. उनका दावा था कि बाद में उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है.


पूर्व चीफ जस्टिस गोगोई ने क्यों कहा कि मनमाफिक फैसले नहीं दिए तो आप पर अटैक करेंगे!


 

महिला ने एक हलफनामे में तमाम दावे और आरोपों का उल्लेख करते इसकी कॉपी 22 जजों को भेजी थी. इस खबर को देश के चार वेब पोर्टल्स ने प्रकाशित किया था. इस तरह ये मामला सामने आया था.

सुप्रीमकोर्ट ने पूर्व सीजेआइ पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोप मामले में स्वता संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू की थी. 25 अप्रैल 2019 को जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने सुनवाई की थी.

अदालत ने इस मामले की जांच करने का निर्णय लिया था कि ये आरोप सीजेआइ और कोर्ट की गरिमा को प्रभावित करने की साजिश का हिस्सा तो नहीं हैं. इसी बीच एक अधिवक्ता ने भी साजिश का दावा करते हुए जांच की मांग की थी.

गुरुवार को अदालत ने सुनवाई के दाैरान कहा कि केस को दो साल हो रहे हैं. और साजिश की जांच में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य हासिल कर पाने की गुंजाइश काफी कम रह गई है.

 

गोगोई ने दिए कई महत्वपूर्ण फैसले

जस्टिस गोगोई ने मुख्य न्यायाधीश रहते हुए कई महत्वपूर्ण फैसले दिए हैं. इसमें अयोध्या राम मंदिर जन्मभूमि का केस प्रमुख है. रिटायरमेंट के बाद जस्टिस गोगोई को राज्यसभा का सदस्य नामित किया गया था.

मुखर हुए जस्टिस गोगोई हुए

हाल में इंडिया टुडे के काॅन्क्लेव में जस्टिस गोगोई ने जजों को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा था कि जजों पर दबाव रहता है, कि अगर फैसला मानमाफिक नहीं दिया तो उन पर हमला किया जाएगा. लेकिन जज इससे नहीं डरते, कुछ टूट जाते हैं.


यूपी : उन्नाव में बेहोश मिलीं तीन नाबालिग बच्चियों में दो की मौत, राहुल गांधी से लेकर स्वरा भास्कर ने क्या कहा


 

यूपी : उन्नाव में बेहोश मिलीं तीन नाबालिग बच्चियों में दो की मौत, राहुल गांधी से लेकर स्वरा भास्कर ने क्या कहा

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द लीडर : उत्तर प्रदेश का उन्नाव जिला एक बार फिर चर्चा में है. असोहा इलाके के बबुरहा गांव की तीन नाबालिग बच्चियां गांव के बाहर बेहोश हालत में पाई गईं. इनमें दो की मौत हो गई, जबकि एक की हालत नाजुक है. उसका कानपुर में उपचार चल रहा है. इस दिल दहलाने वाली घटना को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. प्रशासन ने गांव में सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है.

तीनों बच्चियां, पशुओं के लिए चारा लाने निकली थीं. बुधवार को देर शाम तक घर न लौटने पर परिजनों ने उनकी तलाश शुरू की. इस बीच तीनों बच्चियां गांव के बाहर एक दुपट्टे से बंधी पाई गईं. उन्नाव के एसपी आनंद कुलकर्णी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा दो लड़कियों को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया है. और एक को इलाज के लिए रेफर किया गया है. घटनास्थल पर काफी झाग पड़ा मिला. पृथम दृष्टया जहर के लक्ष्ण मिले हैं. जांच के लिए छह टीमें गठित की गई हैं.

राहुल बोले न्याय दिलाकर ही रहेंगे

घटना को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि केवल दलित समाज को ही नहीं यूपी सरकार महिला सम्मान व मानवाधिकारों को भी कुचलती जा रही है. लेकिन वे याद रखें कि मैं और पूरी कांग्रेस पार्टी पीड़ितों की आवाज बनकर खड़े हैं और न्याय दिलाकर ही रहेंगे.

 

उत्तर प्रदेश के एडीजी-कानून व्यवस्था ने कहा कि बच्चियों के पोस्टमार्टम से जो तथ्य प्रकाश में आएंगे, उनके आधार पर आगे की कार्रवाई करेंगे. अभी परिजन जो बता रहे हैं, हम उस पर कार्रवाई कर रहे हैं.

स्वरा भास्कार ने साधा निशाना

घटना को लेकर अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने ट्वीट में लिखा, ‘और क्या होना बाकी है???? उत्तर प्रदेश में और क्या होना है कि अजय बिष्ट की सरकार का इस्तीफा मांगा जा सके..और राष्ट्रपति शासन लागू हो?’

मी टू : पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ पूर्व मंत्री एमजे अकबर की आपराधिक मानहानि याचिका खारिज

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द लीडर : दिल्ली की एक अदालत ने मी-टू के चर्चित मामले में पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर पूर्व विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर की आपराधिक मानहानि की याचिका खारिज कर दी है. इस फैसले को अकबर के लिए बड़ा झटका तो भारत में मी-टू अभियान की सफलता के तौर पर देखा जा रहा है. अदालत ने एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की है. देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध शर्मनाक हैं, जहां उनके सम्मान में रामयण और महाभारत लिखी गई.

साल 2018 में यूरोप से मी-टू अभियान चर्चा में आया था. तब भारत में पत्रकार प्रिया रमानी ने तत्कालीन विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. इसी मामले में अकबर को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. बाद में उन्होंने प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया था.

अदालत ने एक फरवरी को इस मामले की सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यौन उत्पीड़न अक्सर बंद दरवाजे के पीछे होता है.


निकिता जैकब को तीन हफ्ते की अग्रिम जमानत, दिशा की रिहाई को लेकर विरोध-प्रदर्शन


 

इसे नजरंदाज नहीं किया जा सकता ये भी कहा कि यौन शोषण की शिकायतों के लिए मैकेनिज्म की कमी है. पीड़ित महिलाएं चरित्रहनन और बदनामी के ड से अक्सर आवाज नहीं उठा पाती हैं.

प्रिया रमानी ने एमजे अकबर पर 20 साल पहले यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. तब, जब अकबर एक अखबार के संपादक थे और प्रिया रमानी उनके मातहत कार्यरत थीं.

एमजे अकबर की ओर से पेश वरिष्ठ वकील गीता लूथरा ने कोर्ट में कहा कि 20 साल पहले उनके साथ यौन उत्पीड़न किया गया. इन आरोपों को साबित करने में वह नाकाम रही हैं.


बांग्लादेशी नौकरानी की हत्या पर सऊदी महिला को मौत की सजा


 

फैसले पर खुशी जताते हुए प्रिया रमानी ने कहा कि इस सच्चाई के बावजूद कि मैं पीड़ित हूं. फिर भी मुजरिम की तरह कोर्ट में खड़ी थी. मैं उन सभी लोगों को धन्यावाद देती हूं जो मेरे साथ खड़े रहे और आवाज उठाई. अदालत का भी.