Thursday, October 17, 2024
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बंगाल में भाजपा के खिलाफ चुनाव प्रचार करने पहुंचे किसान नेता, नंदीग्राम में रैली

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द लीडर : पश्चिम बंगाल का नंदीग्राम जो पिछले कुछ दिनों से ममता बनर्जी और भाजपा के बीच सियासी अखाड़े का केंद्र बना है. उसमें किसान नेताओं की भी एंट्री हो गई है. शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा के नेता नंदीग्राम में रैली निकाल रहे हैं, इसमें राकेश टिकैत, बलवीर सिंह राजेवाल जैसे बड़े किसान नेता शामिल हैं. नंदीग्राम की सड़कों पर एक नारा गूंज रहा है-लड़ेंगे, जीतेंगे. (Farmer Leaders Bngal Campaign Bjp)

किसान नेताओं ने साफ किया है कि वे किसी राजनीतिक दल के लिए वोट नहीं मांगेंगे. बल्कि जनता से ये अपील करने आए हैं कि भाजपा को वोट न दें. राकेश टिकैत ने विपक्ष को भी निशाने पर लिया है. ये कहते हुए कि विपक्ष ने किसान आंदोलन को उतनी ताकत के साथ समर्थन नहीं दिया, जितना उसे देना चाहिए था.

 

केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर पिछले करीब 108 दिनों से किसान अांदोलन जारी है. सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर हजारों किसान डेरा डाले हुए हैं. वे तीनों कृषि कानूनों को रद किए जाने की मांग उठाए हैं.


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दूसरी तरफ बजट सत्र से ही सरकार ने अपना रुख साफ कर दिया है कि वो इन कानूनों के मुद्​दे पर बैकफुट पर नहीं आने वाली. यही वजह है कि सरकार और किसानों के बीच शुरुआत में बातचीत का जो सिलसिला चल रहा था. 11 दौर की बैठक के बाद वो ठप पड़ा है.

सरकार के अड़ियल रुख को देखते हुए किसान नेताओं ने बंगाल में भाजपा के खिलाफ चुनाव प्रचार करने का ऐलान किया था. जिसकी शुरुआत नंदीग्राम से हो गई है. नंदीग्राम जिले से ही बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और शुभेंदु अधिकारी चुनाव मैदान में हैं. ऐसे में किसानों की रैली का प्रत्यक्ष लाभ ममता को मिलने के कयास लगाए जा रहे हैं.

नंदीग्राम में ही ममता पर हुआ था कथित हमला

गत दिनों ममता बनर्जी पर नंदीग्राम में कथित रूप से हमला हुआ था, जिसमें उनके पैर, कंधे और गले में चोटें आईं थी. घटना के दूसरे दिन यानी शुक्रवार की शाम उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया था.

पंचायत चुनाव : हाईकोर्ट पहुंचा आरक्षण का मामला, राज्य सरकार ने अंतिम सूची पर लगाई रोक

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द लीडर : उत्तर प्रदेश त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के आरक्षण का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. शुक्रवार को हाईकोर्ट ने आरक्षण प्रक्रिया पर फौरीतौर पर रोक लगा दी है. इसके बाद राज्य सरकार में अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने राज्य के सभी डीएम को एक पत्र भेजा. जिसमें कहा कि अदालत के फैसले के बाद ही अंतिम आरक्षण सूची जारी होगी. तब तक के लिए इसे रोक दिया जाए. (Panchayat Elections Reservation High Court)

अजय कुमार ने राज्य सरकार की आरक्षण प्रक्रिया को लेकर फरवरी में जारी किए गए शासनादेश को चुनौतीदी है. इसमें सीटों का आरक्षण 2015 के पिछले चुनाव के आधार पर किए जाने की मांग की है. जनहित याचिका में कहा गया है कि 1955 से आगे के चुनावों को आधार बनाया जाना गलत है.

बीते 3 मार्च को राज्य की करीब 59 हजार अधिक ग्राम पंचायत की सीटों पर आरक्षण सूची जारी की गई थी. और इस पर 8 अगस्त तक आपत्तियां मांगी गईं, जिनका 15 मार्च तक निस्तारण किया जाना था. आगामी 17 मार्च तक अंतिम आरक्षण सूची घोषित हो जाती.

लेकिन मामला हाईकोर्ट में पहुंचने के बाद आरक्षण प्रक्रिया अटक गई है. और ये संभावना जताई जा रही है कि चुनाव की तारीखों पर भी इसका असर पड़ेगा. अधिकारियों का कहना है कि पहले 24-26 मार्च के बीच चुनावी तारीखों का ऐलान किए जाने की संभावित तैयारी चल रही थी.

बहरहाल, अब पंचायत के उम्मीदवारों की निगाहें हाईकोर्ट पर टिक गई हैं. खासतौर से उन उम्मीदवारों की, जो नई आरक्षण नीति के कारण चुनावी दावेदारी से वंचित हो हो रहे थे. इस मामले में हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 15 मार्च को नियत हुई है.

रामुपर पहुंचे अखिलेश यादव, आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी से साईकिल रैली का आगाज

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रामपुर : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) शुक्रवार को रामपुर पहुंचे हैं. उन्होंने सांसद आजम खान के आवास पर जाकर उनकी बीवी डॉ. तजीन फातिमा से मुलाकात की. अखिलेश यादव ने मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी (Jauhar University) कैंपस से साईकिल यात्रा का आगाज क‍िया. इस बीच आजम खान की बीवी डा. तजीन फातिमा ने कहा कि ये लड़ाई जौहर यूनविर्सिटी को बचाने और आजम खान व समाजवादी पार्टी के नेताओं पर किए गए उत्पीड़न के खिलाफ है. इसलिए रैली की शुरुआत रामपुर से हो रही है. (Akhilesh Yadav Ramupar Azam Khan Jauhar University)

इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि आजम खान पर जितने मुकदमे दर्ज किए गए हैं, देश में पहले किसी सांसद पर एकसाथ इतने मुकदमे नहीं लिखे गए. उन्होंने कहा कि आज वे हमारे बीच नहीं हैं. और मैं समझता हूं कि कहीं न कहीं प्रशासन ने उन्हें सरकारे के इशारे पर झूठे मामलों में फंसाया है. हमें न्यायालय पर भरोसा है कि आजम खान और उनके परिवार को न्याय मिलेगा.

आजम खान रामपुर जिले से सांसद हैं और उनकी बीवी डॉ. तजीन फातिमा रामुपर शहर विधानसभा सीट से विधायक हैं. जौहर यूनविर्सिटी के भूमि विवाद और अन्य मामलों को लेकर आजम खान पिछले लगभग सालभर से जेल में बंद हैं. तजीन फातिमा भी करीब नौ महीने जेल में रह चुकी हैं. उनके बेटे अब्दुल्ला आजम भी जेल में बंद हैं.

 

फरवरी में अखिलेश यादव ने रामपुर जाकर तजीन फातिमा से मुलाकात की थी, जब वह जेल से छूटकर आईं थीं. और कहा था कि जौहर यूनविर्सिटी को बचाने की लड़ाई लड़ेंगे. इसी क्रम में पार्टी ने रामपुर से साईकिल यात्रा का आयोजन रखा है.


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शनिवार को साईकिल यात्रा रामपुर से रवाना होगी, जो बरेली, शाहजहांपुर, लखमीपुर, सीतापुर होते हुए लखनऊ तक जाएगी. रामुपर से लेकर लखनऊ तक यात्रा को भव्य बनाने के लिए पार्टी जिला, तहसीलवार तैयारियों में जुटी है. एक समाचार एजेंसी से बातचीत में तजीन फातिमा ने कहा कि एक यूनिवर्सिटी को बर्बाद करने की जो कोशिशें हो रही हैं. वो दुखद हैं. ये रैली आजम खान के परिवार, सपा के उन कार्यकर्ताओं के लिए भी है, जिन्हें प्रताड़ित किया गया है.

Akhilesh Yadav Ramupar Azam Khan Jauhar University

उन्होंने जोर देकर कहा कि ये बेहद अफसोसनाक बात है कि अपने ही देश में अपने ही लोगों द्वारा एक शिक्षण संस्थान को बर्बाद किया जा रहा है. हर वक्त बुल्डोजर तैयार खड़ा रहता कि कब गेट ढहा दिया जाए, दीवार गिरा दें या लाइब्रेरी को बर्बाद कर दें. हम न्यायपालिका के आभारी हैं कि प्रशासन के हर संभव प्रयास के बाद भी यूनविर्सिटी को टूटने से बचाये रखा. (Akhilesh Yadav Ramupar Azam Khan Jauhar University)


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डॉ. फातिमा ने कहा कि, जहां तक विश्वविद्यालय की जमीन की बात है तो ये जमीन हमें सरकार ने नहीं दी है. बल्कि हमने सरकार से इजाजत लेकर विश्वविद्यालय के लिए जमीन खरीदी थी. मगर हर छोटी-छोटी चीज पर आठ-आठ मुकदमे दर्ज कर दिए गए. जबिक आजम खान द्वारा संचालित स्कूल में गरीब बच्चे 20 रुपये महीने पर सीबीएसई बोर्ड की शिक्षा हासिल कर रहे हैं.

देश में ऐसा कौन सा सीबीएसई स्कूल है, जहां 20 रुपये मासिक फीस पर पढ़ाई हो रही हो. मैं तो यही समझती हूं कि एक व्यक्ति, परिवार से तो किसी की दुश्मनी हो सकती है, लेकिन एक शिक्ष्ज्ञण संस्थान से क्या दुश्मनी होगी, जो जौहर यूनिवर्सिटी के साथ बरती जा रही है. (Akhilesh Yadav Ramupar Azam Khan Jauhar University)

दरगाह आला हजरत से उलमा को फरमान, दहेज वाली शादियों में निकाह न पढ़ाएं-काजी

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सुन्नी बरेलवी मुसलमानों के मरकज (Centre) दरगाह आला हजरत से उलमा के लिए अधिकारिक रूप से ये फरमान जारी हो गया है कि बेशुमार खर्च और दहेज वाली शादियों में निकाह, हरगिज न पढ़ाएं. इतना ही नहीं अगर शादी में बैंडबाजा, नाच-गाना, आतिशबाजी और महिलाएं बेपर्दगी की हालत में हों, तब भी निकाह न पढ़ाया जाए. गुरुवार को दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हानी मियां की सरपरस्ती और सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां की अध्यक्षता में उलमा की एक बैठक में ये फैसला लिया गया. (Dargah Ala Hazrat Marriage Dowry Kazi)

दरगाह से सुन्नी-बरेलवी विचारधारा के मानने वाले उलमाओं तक एक विस्तृत गाइडलाइन का पंप्लेट भेजा जा रहा है, जिसमें मुस्लिम समाज में फैली बुराईयों को थामने के लिए कड़ाई बतरने की अपील शामिल है.

ये सारी कवायद अहमदाबाद की उस घटना के बाद शुरू हुई, जिसमें 23 साल की आयशा ने दहेज प्रताड़ना से तंग आकर साबरमती नदी में कूदकर जान दे दी थी. इस घटना ने देश के तमाम संजीदा लोगों के साथ मुस्लिम समाज को भी अंदर से हिला डाला. और देश के विभिन्न हिस्सों से दहेज के खिलाफ आवाजें उठने लगीं. इसी कड़ी में गत दिवस आगरा में उलमा और समाजसेवियों ने दहेज न लेने के पंपलेट बांटे थे.


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गुरुवार को दरगाह पर हुई बैठक में मदरसा मंजरे इस्लाम के प्रधानाचार्य मुफ्ती आकिल रजवी ने बैठक में मौजूद इमाम हजरात से इस बात का संकल्प लिया कि वे जुमे की नमाज में इस बावत जरूर तकरीर करेंगे. बताएंगे कि इस्लाम में शादी-निकाह के अलावा कोई और रस्म, जैसे मंगनी, मेंहदी, दिन-तारीख की कोई जगह नहीं है. तंजीम उलमा-ए-इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्​दीन रजवी ने भरोसा दिलाया कि उनकी टीम देशभर में ये पैगाम लेकर जाएगी.

कारी अब्दुर्रहमान कादरी ने देशभर की दरगाह, खानकाहों से गुजारिश की है कि तमाम मतभेद भूलकर इस मुहिम में शामिल हों. मुफ्ती सलीम नूरी ने कहा कि समाज में फैली बुराईयां खत्म हों. इसके नियम-कायदों पर पहले हमें अमल करना होगा. तभी समाज से इन्हें मिटाने में कामयाबी मिलेगी.


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मुफ्ती खुर्शीद आलम ने कहा कि उनके इलाके में दस-दस लोगों की एक टीम समाज के बीच ये पैगाम लेकर जाएगी. और उम्मीद है कि लोग इस पर अमल करेंगे. इस दौरान मौलाना अहसानुल हक चतुर्वेदी, मुफ्ती कफील हाशमी आदि मौजूद रहे. दरगाह के मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी बताते हैं कि टीटीएस की टीम दरगाह के इस पैगाम को देशभर तक पहुंचाएगी.

समाज के हर फिरके से दहेज के खिलाफ आवाज

मुस्लिम समाज असंख्यक धड़े, फिरके और विचारधाराओं में बंटा है. ये पहला मौका है, जब किसी मुद्​दे पर समाज के सभी धड़े दहेज के खिलाफ खड़े हुए हैं. हालांकि धर्मगुरुओं की आवाजें, समाज पर कितना असर छोड़ पाएंगी. ये देखना होगा. क्योंकि दहेज, महंगी शादियां समाज के एक वर्ग के रुतबे में शुमार हो चुकी हैं. उलमा का मानना है कि अगर काजी साहस दिखाकर दो-चार शादियों में निकाह पढ़ाने से इनकार कर दें, तो यकीनन बदलाव का असर नजर आएगा.

महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग की परीक्षा स्थगित, सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरे हजारों छात्र

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द लीडर : महाराष्ट्र सरकार ने राज्य की सबसे प्रतिष्ठित-महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (MPSC)की प्रारंभिक परीक्षा स्थगित करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. इसके विरोध में छात्र सड़कों पर उतर आए हैं. गुरुवार को पुणे, औरंगाबाद, नागपुर समेत कई शहरों में छात्रों ने धरना-प्रदर्शन किया. और परीक्षा बहाली की मांग उठाई है. (Maharashtra Public Service Commission Exam Postponed)

गुरुवार को एमएससी की वेबसाइट पर जारी आदेश में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण के कारण परीक्षा स्थगित की गई है. आगामी 14 मार्च को राज्य में आयोग की परीक्षा होनी थी और छात्र इसकी तैयारी में जी-जान से जुटे थे. इस बीच परीक्षा स्थगन के आदेश ने उन्हें आक्रोशित कर दिया है.

कोविड-काल में पिछले सालभर से काम धंधे चौपट हैं. सरकारी और निजी, दोनों क्षेत्रों में नौकरी का संकट अलग. महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि देश-दुनिया में बेरोजगारी बड़ी चुनौती बनकर उभरी है.

यूपी में लेखपाल की नौकरी वाले वीडियो वायरल

उत्तर प्रदेश में लेखपाल की कथित भर्ती से जुड़े कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए हैं, जिसमें अभ्यर्थी अपनी भर्ती के लिए सरकार की पारदर्शी व्यवस्था की प्रशंसा कहते सुने जा रहे हैं. जिसको लेकर यूजर सवाल भी उठा रहे हैं, कि राज्य में भर्ती का विज्ञापन ही नहीं जारी हुआ तो कुछ लोगों की भर्तियां कैसे हो गईं.

ऐसा ही एक वीडियो विराज नामक यूजर ने यू-ट्यूब पर साझा किया है. हालांकि इन वीडियो की अभी तक कोई सत्यता सामने नहीं आई है कि ये किसने तैयार किए हैं.

एएमयू के लापता छात्र अशरफ 14 दिन बाद दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके में मिले

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अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU)से पिछले 14 दिनों से लापता छात्र-अशरफ अली मिल गए हैं. यूपी पुलिस ने उन्हें दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके से पकड़ा है. अलीगढ़ के एसएसपी मुनिराज जी के मुताबिक, अशरफ सशकुल हैं. पूछताछ में उन्होंने डिप्रेशन (अवसाद) में होने की बात कबूली है. जिसका वे इलाज भी करा रहे थे. उनके गायब होने में किसी तरह की कोई अप्रिय घटना शामिल नहीं है.

अशरफ अली मूलरूप से बिहार के अररिया जिले के रहने वाले हैं. और एएमयू में बीए सेकेंड ईयर-स्पैनिश भाषा के छात्र हैं. बीती 23 फरवरी को वह कैंपस में थे और शाम को यहीं से गायब हो गए. छात्रों ने अशरफ के लापता होने को लेकर पुलिस को ट्वीट किया. बाद में एएमए प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने थाने में शिकायत दर्ज कराई. इस पर अलीगढ़ पुलिस तीन टीमें बनाकर अशरफ को खोजने में जुटी थी.

25 जनवरी को अशरफ की लोकेशन दिल्ली के आनंदबिहार क्षेत्र में मिली थी. और उसके बाद उनका फोन बंद हो गया था. इसलिए पुलिस अशरफ के दिल्ली में होने के पुख्ता संदेह के आधार पर उन्हें खोजने में जुटी थी. एसएसपी मुनिराज जी बताते हैं कि जैसे ही पुलिस को सूचना मिली कि अशरफ जामा मस्जिद इलाके में हैं, पुलिस की टीमें वहां पहुंची और उन्हें हिरासत में ले लिया.


#AMU : लापता छात्र अशरफ का चौथे दिन भी नहीं लगा कोई सुराग, एक बार दिल्ली में मिली लोकेशन और फिर रहस्य


पिछले 14 दिनों से अशरफ का परिवार बेहाल है. उनकी मां का एक रोते हुए वीडियो भी वायरल हुआ था. अशरफ के लापता होने के बाद से ही एएमयू के प्रॉक्टर प्रोफेसर वसीम अहमद और विवि प्रशासन, जिला-पुलिस प्रशासन के संपर्क में बना रहा और हर छोटे से छोटे तथ्य को ध्यान में रखकर जांच करने में लगा रहा. दूसरी तरफ छात्र भी अशरफ की तलाश को लेकर सोशल मीडिया पर #WhereIsAshrafAliके साथ सक्रियता से जुटे रहे.

केजरीवाल के रामराज्य में ‘कट्टर देशभक्त’ बने ‘कपिल मिश्रा’ आम आदमी पार्टी का सबसे शानदार मॉडल

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अतीक खान

 

भगवान श्रीराम, जिनके राज्य को ‘रामराज्य’ कहा जाता है. वो प्रेम-त्याग और करुणा का इतना अथाह सागर है. जिसकी तलहटी तक रत्ती भर भी नफरत, कट्टरता, भेदभाव, छल और सिंहासन के लोभ की गुंजाइश नजर नहीं आती. बल्कि वो मानवता की एक ऐसी जीवंत मिसाल है, जो 130 करोड़ भारतवंशियों को बंधुत्व के बंधन में बांधे हुए है. फिर अन्ना आंदोलन से दिल्ली का सिंहासन लपकने वाले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ‘अपने रामराज्य’ की तुलना ‘श्रीराम के रामराज्य’ से कैसे कर सकते हैं. तब, जब केजरीवाल के रामराज्य में ‘कट्टरता का विष’ फैला होगा, जिसके लिए श्रीराम के राज्य में कोई जगह नहीं थी. (Kapil Mishra Model Aam Aadmi Party Kejriwal Ramrajya)

6 मार्च को केजरीवाल सरकार की कैबिनेट ने ‘दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन’ की स्थापना को मंजूरी दी. केजरीवाल ने बोर्ड बनाने के तीन प्रमुख लक्ष्य भी गिनाए. पहला, दिल्ली स्कूलों में कट्टर देशभक्त छात्रों की फौज तैयार की जाएगी.

बच्‍चे नेक इंसान बनें और रटकर पास होने की परीक्षा से मुक्ति मिले. तीन में पहले लक्ष्य-कट्टर देशभक्त पर ठहरकर विचार कीजिए. इस सवाल के साथ, क्या कट्टरता किसी समाज में अच्छे-नेक इंसान बना सकती है?

चूंकि 10 मार्च को अरविंद केजरीवाल ने रामराज्य की अवधारणा पर चलने की बात कही है. इसलिए ये सवाल और भी वाजिब हो जाता है कि रामराज्य में कट्टरता का कोई स्‍थान हो सकता है? केजरीवाल ने बड़ी चतुराई के साथ कट्टरता को देशभक्ति के साथ जोड़ दिया है.

जिस पर विपक्ष भी सवाल उठाने का दम नहीं दिखा सकता. लेकिन जब रामराज्य और लोकतांत्रिक व्यवस्था में किसी भी प्रकार की कट्टरता का सवाल उठता है, तो नीयत परखना जरूरी हो जाता है. (Kapil Mishra Model Aam Aadmi Party Kejriwal Ramrajya)

यहां केजरीवाल सरकार की नीयत में खोट है. वो अपने राजनीतिक लाभ के लिए भाजपा के राष्ट्रवाद की काट में कट्टर देशभक्ति की शिक्षा लेकर आ रही है. भाजपा से होड़ में ही वो रामराज्य की अवधारणा का दांव लाई है.

साल 2011 का अन्ना हजारे अांदोलन, जिसने कांग्रेस को गर्त में ढकेल दिया. केजरीवाल उसी आंदोलन से निकलकर दिल्ली की सत्ता पर काबिज हैं.

मुख्यमंत्री बनने के बाद कई बड़ी शख्सियतें केजरीवाल से छिटककर दूर हो चुकी हैं, जिसमें वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव, कवि कुमार विश्वास समेत अन्य कई बड़े नाम शामिल हैं. केजरीवाल पर पार्टी पर एकाधिकार के आरोप भी लगते रहे हैं.


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2013 से केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं. और इसमें कोई संदेह नहीं कि उन्होंने सरकारी शिक्षा व्यवस्था में काबिलेतारीफ काम किया है. केजरीवाल के कहेनुसार 25 प्रतिशत बजट सरकारी स्कूलों की शिक्षा का कायाकल्प करने पर खर्च किया है.

जाहिर है कि स्कूलों की सूरत बदली है. इन्हीं स्कूलों के बच्चों ने मेडिकल, इंजीनियरिंग की बड़ी परीक्षाओं में सफलता पाई है. (Kapil Mishra Model Aam Aadmi Party Kejriwal Ramrajya)

फिर आखिर अचानक केजरीवाल ने कैसे ये जांच लिया कि दिल्ली स्कूलों के छात्रों में देशभक्ति की कमी है. क्या केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में ऐसा कोई सर्वे कराया है, जिससे ये सामने आया हो कि दिल्लीवासी देश के दूसरे राज्यों की तुलना में कम देशभक्त हैं. इसलिए उनके बच्चों को कट्टर देशभक्ति की डोज देना जरूरी हो गया है.


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भाजपा नेता कपिल मिश्रा, जो पहले आम आदमी पार्टी से विधायक चुने गए थे. बाद में पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए. फरवरी 2020 में दिल्ली दंगें भड़काने में उनकी भूमिका सामने आई थी. कुछ वीडियों में वे लगातार भड़काऊ बातें करते सुने गए थे. क्या केजरीवाल अपने पुराने सहयोगी कपिल मिश्रा जैसे कट्टर देशभक्त तैयार करना चाहते हैं. (Kapil Mishra Model Aam Aadmi Party Kejriwal Ramrajya)

(ये लेखक के निजी विचार हैं.)

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ममता बनर्जी पर कथित हमले को झूठा साबित करने में भाजपा से ज्यादा उतावली कांग्रेस

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द लीडर : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर नंदीग्राम में हुए कथित हमले को लेकर राजनीतिक गहमागहमी बढ़ी है. डॉक्टरों ने एक हेल्ड बुलेटिन जारी किया है, जिसमें ममता को पैर, कंधे और गले में चोटें आने की बात कही गई है और वह 28 घंटे तक डॉक्टरों की निगरानी में रहेंगी. विपक्ष इस हमले को फर्जी बता रहा है. जिसमें भाजपा से अधिक कांग्रेस उतावली नजर आ रही है. (Congress BJP Alleged Attack Mamta Banerjee False)

जबकि ये पूरा मामला जांच का विषय है. जांच के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकता है. ये ध्यान रखना जरूरी है कि ये घटना मुख्यमंत्री के साथ हुई है, जिसे किसी भी रूप में हल्के में नहीं लिया जा सकता है.

गुरुवार को भाजपा नेता तथागत रॉय, समिक भट्टाचार्य के अलावा टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ममता से मिलने एएसकेएम अस्पताल पहुंचे, जहां वह भर्ती हैं. तथगात रॉय ने कहा कि हम लोग मानवीय संवेदना के आधार पर ममता बनर्जी से मिलने आए थे, लेकिन डॉक्रों की सलाह है कि अभी किसी से नहीं मिलना है. हम उनके शीष्र स्वास्थ होने की कामना करते हैं.

जबिक कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी कथित हमले के बाद से ही ममता बनर्जी पर लगातार हमलावर हैं. उन्होंने फिर दोहराया कि, ‘अगर ये षडयंत है तो सीबीआइ, सीआइडी को बुलाओ? सिर्फ षड्यंत्र का बहाना बनाकर ममता बनर्जी आम लोगों का ध्यान खींचना चाहती हैं. सीसीटीवी फुटेज निकालो ना, इससे सारा रसच सामने आ जाएगा. लेकिन वो ये नहीं करेंगी, क्योंकि चुनाव नजदीक है. ऐसा बहाना बनाकर वो चुनाव जीतने की कोशिश कर रही हैं.’

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दूसरी तरफ तृणमूल कांग्रेस का एक प्रतिनिधि मंडल चुनाव आयोग के कार्यालय पहुंचा है. इसमें सांसद डेरेक ओब्रायन, राज्यमंत्री चंद्ररिमा भट्टाचार्या और पार्थ चटर्जी शामिल हैं. ये ममता बनर्जी पर नंदीग्राम में हुए हमले के मामले में शिकायत दर्ज कराने पहुंचे हैं. वहीं, भाजपा ने भी इस मामले में आयोग में शिकायत दर्ज कराने की बात कही है.


बंगाल : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला, हाथ-पैर में आई चोट


 

नंदीग्राम से कार्यक्रम के बाद बुधवार की रात जब ममता बनर्जी अपनी गाड़ी की ओर लौट रही थीं. तभी उन पर ये कथित हमला हुआ है. ममता ने पत्रकारों से कहा था कि उन्हें तीन-चार लोगों ने धक्का दिया और गाड़ी में बंद करने का प्रयास किया. घटना के वक्त पुलिस बल नहीं था. (Congress BJP Alleged Attack Mamta Banerjee False)

इस बीच ममता बनर्जी से मुलाकात करने पहुंचे बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनकड़ को जनता के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा.

 

बंगाल : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला, हाथ-पैर में आई चोट

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द लीडर : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कथित रूप से हमला किए जाने का मामला सामने आया है. नंदीग्राम के मरौलिया बाजार में जब वह अपनी गाड़ी में चढ़ने जा रही थीं. आरोप है कि तभी किसी ने उन्हें धक्का दे दिया. ममता बनर्जी का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह काफी परेशान नजर आ रही हैं. और कह रही हैं कि चार-पांच लोगों ने उन्हें गाड़ी में चढ़ते समय धक्‍का दे द‍िया था. इससे हाथ और पैर में चोट आई है. (Bengal Attack Chief Minister Mamata Banerjee)

पत्रकारों से बातचीत में ममता बनर्जी इसमें साजिश का आरोप लगाते हुए कहती हैं कि वहां उस वक्त कोई पुलिसकर्मी नहीं था. घटना को लेकर कई राजनीतिक हस्तियों ने ममता बनर्जी के प्रति संवेदना जताई और घटना की जांच की मांग की है. वहीं, चुनाव आयोग ने पूरे मामले पर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है.

तेजस्वी का भाजपा-चुनाव आयोग पर निशाना

बिहार में आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि, बंगाल पुलिस चुनाव आयोग द्वारा नियंत्रित है, जिसे बीजेपी निर्देशित कर रही है. देश की जनता जानती है कि जिन लोगों को लोकतंत्र पर भरोसा नहीं है. हार की खीज और कुंठा निकालने के लिए वे किसी भी हद तक जा सकते हैं.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाला ने कहा कि ये दुखद है. घटना में जो भी आरोपी हैं, उन्हें फौरन हिरासत में लिया जाए.

अखिलेश ने की समिति बनाकर जांच की मांग

समाजवादी पार्टी के मुखिया और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट किया. ममता बनर्जी के चोटिल होने की सूचना मिली है. उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना. इस संदर्भ में एक उच्च स्तरीय समिति बनाकर जांच होनी चाहिए, जिससे सच सामने आ सके.

कुम्भ में नहीं होगी रोक टोक, नए मुख्यमंत्री ने पलटा फैसला

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द लीडर, देहरादून। कुर्सी संभालते ही उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री ने त्रिवेंद्र सरकार का एक फैसला सुधारते हुए तेवर दिखा दिए हैं। उन्होंने कहा कि कुम्भ में श्रद्धालुओं पर कोई रोक टोक नहीं होगी,देश के कोने- कोने से आने वाले श्रद्धालु ठीक से कुम्भ स्नान करें यह सुनिश्चित किया जाएगा। (Kumbh Chief Minister Reverses Decision)

उल्लेखनीय है कि त्रिवेंद्र सरकार के निर्देशों के अनुरूप कोरोना का हवाला देकर कुम्भ क्षेत्र में कई बंदिशें लगा दी गई थी। जिनकी वजह से बाहर से आने वाले लोगों के साथ ही स्थानीय लोग भी परेशान हैं।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि अभी बहुत से काम करने हैं लेकिन सबसे पहले कुम्भ ठीक से सम्पन्न कराना है। इसके लिए मैं आज ही अधिकारियों से बात कर रहा हूँ। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि देश के किसी कोने से आये श्रद्धालु को कोई परेशानी न हो।


तीरथ ने मुख्यमंत्री पद संभाला, मंत्रियों को शपथ दो दिन बाद


 

यहां यह जानना भी जरूरी है कि सरकारी तौर भी कुम्भ 1 अप्रेल से शुरू होना है जबकि 3 मार्च से पेशवाई चल रही है। अब तक कोई शाही स्नान नहीं हो पाया। अब शिवरात्रि को पहला शाही स्नान होगा। बजट जारी न होने से सारे निर्माण कार्य रुके हैं। तीरथ के रूख से साफ जाहिर है कि आलाकमान तक ने इसका संज्ञान लिया है।

तीरथ ने जिस तरह अपनी ताजपोशी के लिए तीन लोगों ,पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह का आभार जताया उससे भी जाहिर हुआ कि उन्हें इन तीनों ने पूरी ताकत देकर भेजा है और वह पिछली सरकार के फैसले बदल भी सकते हैं। (Kumbh Chief Minister Reverses Decision)