पटना, द लीडर हिंदी | बिहार में कोरोना से हुई मौत के आंकड़े में बड़े घालमेल का खुलासा हुआ है. इसकी आशंका बहुत पहले से लगाई जा रही थी कि यहां मौत के सही आंकड़े छुपाए जा रहे हैं और अब सरकार के रिकॉर्ड से ही इस बात पर से पर्दा उठ गया है.
24 घंटे में कोरोना से मृतकों का आंकड़ा 5,458 से बढ़कर सीधे 9,429 हो गया है यानी आंकड़े सीधे 73 फ़ीसदी बढ़ गए हैं.
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ऐसे में सवाल उठ रहे हैं की क्या राज्य सरकार ने मौत के आंकड़े को छिपाया. लोगों का कहना है कि अगर अस्पताल और श्मशान के आंकड़ों से अंदाजा लगाया जाए तो ये संख्या कहीं ज़्यादा निकलेगी.
दरअसल, बिहार सरकार हर दिन कोरोना से होने वाली मौत का आंकड़ा जारी कर रही थी और ये आंकड़े जिलों से भेजी जा रही रिपोर्ट के आधार पर होते थे.
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अब जांच में पता चला है कि ज़िलों से मृतकों की जो संख्या भेजी जा रही थी उसमें बड़े पैमाने पर हेरा फेरी की गई है.
हाईकोर्ट की फटकार के बाद 18 मई को राज्य सरकार ने कोरोना से होने वाली मौत को लेकर जांच के लिए ज़िलों में दो तरह की टीम बनाई थी.
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दोनों स्तर की जांच में ये पाया गया है कि मौत के आंकड़े को छिपाया गया और सरकार को ग़लत जानकारी भेजी गई. अब सरकार ग़लत आंकड़े भेजने वालों पर कार्रवाई की बात कह रही है.
पिछले साल कोरोना की शुरुआत होने से लेकर इस वायरस से संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 7,15,179 हो गई, जिसमें से पांच लाख से अधिक लोग इसकी चपेट में कुछ महीने पहले ही आए.
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दिलचस्प बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के बाद ठीक होने वालों की संख्या मंगलवार को 7,01,234 बतायी थी जिसे बुधवार को संशोधित करके 6,98,397 कर दिया गया है.
बिहार में कोरोना वायरस के मरीजों के ठीक होने का प्रतिशत मंगलवार को जहां 98.70 प्रतिशत बताया गया था उसे बुधवार को संशोधित करके 97.65 प्रतिशत कर दिया गया है.
स्वास्थ्य विभाग द्वारा आंकडों में संशोधन किये जाने के बाद विपक्ष को सरकार पर निशाना साधने को एक नया अवसर मिल जाएगा.
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