नई गाइडलाइंस के चलते 5 साल से कम उम्र के बच्चों को मास्क की ज़रुरत नहीं : जानें पूरी खबर

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नई दिल्ली, द लीडर हिंदी | केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज की तरफ से जारी कोरोना संक्रमित बच्चों के इलाज के लिए जरूरी गाइडलाइन जारी की गई है.

इसमें कोरोना संक्रमित बच्चों को रेमडेसिविर देने से सख्त मना किया गया है. साथ ही कहा गया है कि 5 साल या इससे कम उम्र के बच्चों को मास्क की भी जरूरत नहीं है.

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केंद्र सरकार की तरफ से ये गाइलाइंस 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए जारी की गई है. Asymptomatic और Mild कैटेगरी के कोविड संक्रमित बच्चों में किसी भी जांच की जरूरत नहीं है. बच्चों में समस्या ज्यादा देखने को मिले तभी जांच जरूरी है.

जब बच्चों में कोरोना के माइल्ड केस में गले में दिक्कत, खांसी व सांस लेने में परेशानी नहीं है तो और अगर ऑक्सीजन लेवल 94 प्रतिशत से ज्यादा है तो बुखार में 4-6 घंटे पर पैरासीटामॉल (paracetamol) खांसी के लिए गर्म पानी से गरारा देना चाहिए. एंटीमाइक्रोबिअल (Antimicrobial) नहीं देना है.

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6 मिनट का वॉक टेस्ट

गाइडलाइंस में बताया गया है कि 12 साल से ऊपर के बच्चों को परिजनों की निगरानी में 6 मिनट का वॉक टेस्ट कराना चाहिए. यह हृदय तथा फेफड़ों की स्थिति को समझने को लेकर क्लीनिकल टेस्ट का एक तरीका है.

इसमें बच्चे की अंगुली में पल्स ऑक्सीमीटर लगा दें और कमरे में 6 मिनट लगातार पैदल चलाएं. इस दौरान ऑक्सीजन सैचुरेशन के स्तर को देखें.

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अगर 94% से वो कम हो जाता है या फिर सैचुरेशन में 3-5% ड्रॉप होता है या चलने पर बच्चे को सांस की दिक्कत महसूस होती है तब अस्पताल में दाखिल करने की नौबत आ सकती है.

यह टेस्ट 6 से 8 घंटे पर घर में किया जा सकता है. गौर करने वाली बात यह है कि जिन्हें अस्थमा की गंभीर दिक्कत है उन बच्चों का यह टेस्ट नहीं करना है.

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मॉनिटरिंग चार्ट

रेस्पिरेटरी रेट (2-3 बार), सांस की दिक्कत, बुखार, बीपी, SpO2, नाखून या ओठ का नीला, छाती खींचने को लेकर सुबह 8 से रात 8 बजे तक 4 बार करें. आइसोलेशन में गए बच्चों से परिवार के सदस्य संपर्क में रहें. पॉजिटिव बातचीत करें. फोन या वीडियो कॉल का सहारा लिया जा सकता है.

मॉडरेट संक्रमण में बच्चों का ऑक्सीजन लेवल गिरकर 90 प्रतिशत तक आ सकता है. ऐसे में निमोनिया की शिकायत हो सकती है और इसके लिए हमेशा निगरानी रखने की जरूरत पड़ती है.

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पांच साल से कम उम्र के बच्चों को मास्क की जरूरत नहीं

5 साल या इससे कम उम्र के बच्चों को मास्क लगाने की जरूरत नहीं है. 6 से 11 साल के बच्चे पैरेंट्स की निगरानी में मास्क लगा सकते हैं. 12 साल या इससे ऊपर के बच्चे ठीक वैसे ही मास्क का प्रयोग कर सकते हैं जैसे कि बड़े करते हैं.

एचआरसीटी स्कैन टेस्ट से बचें

एचआरसीटी (HRCT) स्कैन टेस्ट डॉक्टर के कहने पर बहुत जरूरी हो तभी कराना चाहिए. रूटीन के तौर पर एचआरसीटी का इस्तेमाल घातक साबित हो सकता है.

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COVID 19 इन्फेक्शन के स्क्रीनिंग को लेकर HRCT नहीं कराना चाहिए. Asymptomatic और Mild केस में भी इसकी जरूरत नहीं है. इलाज के रिस्पॉन्स को जांचने के लिए इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.

इलाज के बाद भी मरीज की हालत बिगड़ती जा रही है, तब ऐसी स्थिति में HRCT कराना चाहिए.

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