न्यूजीलैंड की क्राइस्टचर्च मस्जिद से कनाडा में ट्रक से कुचलने की घटना तक-कैसे मुसलमानों से नफरत को पीएम ने हराया

द लीडर : ‘लंदन और इस देश का हर एक मुसलमान जानता है कि, हम उनके साथ हैं. हमारे किसी भी समुदाय में इस्लामोफोबिया की कोई जगह नहीं है. ये नफरत घिनौनी और कपटी है. इसे हर हाल में रोकना चाहिए.’ ओंटारियो की सिटी ऑफ लंदन की घटना पर ये बयान कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का है. जिसमें 20 साल के छात्र ने एक मुस्लिम परिवार को ट्रक से रौंद दिया. इसमें चार लोग मारे गए हैं. और एक बच्चा घायल है.

ये हसता खलेता परिवार कनाडा का था, जिसे ट्रक हमले में रौंद दिया गया. इसमें शामिल ये बच्चा ही जीवित बचा है. अन्य लोग मारे गए हैं-फोटो साभार ट्वीटर

कनाडा की सिटी आफ लंदन की इस घटना से पूरी दुनिया स्तब्ध है. ओंटारियो पुलिस के मुताबिक, ये एक सुनियोजित घटना थी. आरोपी नथानियल वेल्टमैन ने, इस परिवार को सिर्फ इसलिए निशाना बनाया, क्योंकि वो मुसलमान थे. बहराहल, उसे गिरफ्तार कर लिया गया है.


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हादसे में सबसे तकलीफदेह बात ये है कि इस हमले में परिवार की तीन पीढ़ियों के लोग मारे गए हैं. जिसमें एक 46 साल के फिजियोथेरेपिस्ट, उनकी बीवी जोकि पीएचडी छात्रा थीं-15 साल की एक बच्ची और उसकी दादी की मौत हुई है. हादसे से बिखरे हुए इस पीड़ित परिवार के बाकी सदस्यों ने पुलिस से मृतकों के नाम सार्वजनिक न किए जाने की अपील की थी.

कनाडा : एक मुस्लिम परिवार को ट्रक से कुचलने के बाद लोग मृतकों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करते हुए घटना स्थल पर फूल पेश कर रहे हैं-फोटो साभार ट्वीटर

पीड़ित परिवार पाकिस्तानी मूल का है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने हादसे को लेकर पश्चिम के देशों में बढ़ते इस्लामोफोबिया पर चिंता जाहिर की है. और मृतकों के हक में दुआ की है. वहीं, कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने इसे आतंकी घटना करार दिया है.


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इस सबके बीच हादसे पर स्थानीय लोगों के साथ दुनिया भर से अफसोस जाहिर किया जा रहा है. और पीड़ित परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की जा रही हैं. अच्छी बात ये है कि ओंटारियो के हजारों लोग घटना स्थल पर जाकर मृतकों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं. वे हादसे वाले स्थान पर फूल पेश करके प्रार्थना करते देखे जा रहे हैं.

कनाडा : घटना के बाद बड़ी संख्या में लोग घरों से बाहर आए और उन्होंने मृतक परिवारों को श्रद्धांजलि दी. फोटो साभार ट्वीटर

कनाडा के पीएम ट्रूडो अपने एक संदेश में कहा, ‘अफाजल परिवार को जानने वाले, घटना में जीवित बच्चे और लंदन के मुसलान या दूसरे कनाडाई नागरिक- जो दुखी और गुस्से में हैं या उनमें डर है. मैं उनसे कहना चाहता हूं कि आप अकेले नहीं हैं. हर एक कनाडाई आपके दुख में शरीक है और गम मना रहा है. आज रात ही नहीं बल्कि हमेशा आपके साथ खड़े हैं.’

इस घटना को लेकर जब एक तरफ गम और गुस्से का आलम है. दूसरी ओर कनाडा के प्रधानमंत्री और सरकार की सराहना भी हो रही है. इस बात को लेकर कि ट्रूडो ने फौरन समाने आकर न सिर्फ घटना की निंदा की बल्कि पीड़ित परिवार और मुस्लिम समुदाय को संबल भी दिया है.


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कनाडा के दूसरे मुसलमानों को संदेश दिया कि उन्हें भयभीत होने की जरूरत नहीं है और देश उनके साथ खड़ा है. पीएम की तरफ से ऐसा बयान, निश्चित रूप से उस सोच को परास्त करता है, जो मुसलमानों के प्रति नफरत फैलाने की कोशिश करती है.

न्यूजीलैंड की क्राइस्टचर्च मस्जिद पर आतंकी हमले जैसी कहानी

दो साल पहले-2019 में न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में मस्जिद पर एक आतंकी हमला हुआ था. इसमें करीब 50 से अधिक लोग मारे गए थे और इतने ही जख्मी हुए थे. हमलावर ब्रेंटन टैंरट ने इस घटना को फेसबुक पर लाइव किया था. टैरंट ने भी मुसलमानों से नफरत की बुनियाद पर मस्जिद में इस आतंकी घटना को अंजाम दिया था. लेकिन तब न्यूजीलैंड के बीच से जिस तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आई थीं, उसने पूरी दुनिया का दिल जीत लिया था.

पीएम जैसिंडा अर्डर्न ने पीड़ितों को लगाया गले

न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न इस घटना के बाद लोगों के बीच पहुंची और पीड़ित परिवारों की महिलाओं को गले लागकर फफक पड़ी थीं. पीड़ितों के प्रति इस तरह की हमदर्दी एक पीएम की ओर से व्यक्त करने को लेकर उनकी दुनिया भी में सराहना हुई थी. दो साल की के बीच ये दूसरी घटना है, जब मुसलमानों को उनकी इस्लामिक पहचान के कारण निशाना बनाया गया हो. और सरकारों ने अपने मानवीय दृष्टिकोण से उनके खिलाफ लगाई गई नफरत की इस आग पर पानी फेर दिया.

 

Ateeq Khan

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