Ali saved Krishnan: एक करोड़ में यूसुफ अली ने केरल के कृष्णन के लिए खरीदा दूसरा जीवन

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लीडर डेस्क।

संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई के कानून के मुताबिक मौत की सजा पा चुके केरल में त्रिशुर के मूल निवासी कृष्णन के लिए एम ए यूसुफ अली फरिश्ता बन कर सामने आ गए। यूएई से लेकर सूडान तक लंबी पैरवी और एक करोड़ रुपये खर्च कर आखिकार उन्होंने कृष्णन की जान बचा ली। कृष्णन कल ही भारत लौटा है। दूसरा जीवन पाने वाले और देने वाले इन दोनों का मजहब भले अलग हो लेकिन ये दोनों ही भारत के बेटे हैं।

दूसरा जीवन पाकर घर लौटा कृष्णन

सजा से बरी हुए कृष्णन ने भारत आकर कल अपने नए जीवनदाता और अपनी कहानी सुनाई। बेक कृष्णन यूएई की एक कंपनी में साधारण सा एग्जीक्यूटिव था। सितंबर 2012 में लापरवाही से गाड़ी चला रहा था तो चार लड़के उसकी कार से टकरा गए। इनमें से सूडान के एक लड़के की मौत हो गई। यूएई के कानून के मुताबिक इस अपराध की सज़ा मौत है। यूएई के उच्चतम न्यायालय ने उसे यही सजा सुनाई। अब एक गुंजाइश बचती है कि अगर पीड़ित परिवार माफ कर दे तो सज़ा माफ हो सकती है। कृष्णन के परिवार के पास कोई चारा नहीं था। मृतक का परिवार भी सूडान लौट चुका था।
फिर किसी ने उन्हें प्रतिष्ठित एनआरआई कारोबारी एम ए यूसुफ अली के पास जाने की सलाह दी। यूसुफ अली लूलू ग्रुप के चेयरमैन हैं। विदेशों में बसे केरल वासियों में उनका नाम मुथूट फाइनेंस के चेयरमैन एम जी जॉर्ज के बाद दूसरे नंबर पर आता है । 445 करोड़ डॉलर (करीब 32900 करोड़ रुपये)की संपत्ति वाले यूसुफ ने अपनी मातृभूमि और अपने प्रदेश केरल के इस 45 साल के युवक को बचाने के लिए काफी प्रयास किये। अदालत में पैरवी करने के साथ ही उन्होंने सूडान में मृतक के परिवार को खोजा। खासकर मृतक की माँ कृष्णन को माफ करने को कतई तैयार नहीं थी। उसने साफ कह दिया कानून को अपना काम करने दो। आखिरकार अली की कई बार की कोशिशों के बाद यह परिवार माना। इस क्रम में काफ़ी खर्च हुआ। अंत मे अली ने कोर्ट में लगभग एक करोड़ रुपये का हर्जाना भरा, जिसके बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।
कृष्णन को बुधवार तड़के अबूधाबी से त्रिशूर हवाई अड्डे पर लाया गया। उनकी पत्नी वीना तथा बेटा अद्वैथ, रिश्तेदार व दोस्त उन्हें लेने हवाई अड्डे पर पहुंचे। कृष्णन ने मीडिया से कहा, जब मुझे पता चला कि यूसुफ अली ने इस मामले में हस्तक्षेप किया है तो मुझे राहत मिली। यह मेरा दूसरा जीवन है। मैं यूसुफ अली का आभारी हूं। वह कई महीने से पीड़ित के परिवार से बात कर रहे थे।
उधर इस प्रकरण पर अली ने एक बयान में बताया है कि सूडानी लड़के के परिवार में हमें माता-पिता दोनों को मनाना था और इसीलिए इसमें कई महीने लग गए। शुरुआत में यह मुश्किल था क्योंकि लड़के की मां चाहती थी कि कानून अपना काम करे। कृष्णन को माफी देने के लिये उन्हें मनाना मुश्किल था। यूसुफ अली ने प्रयास जारी रखे और अंतत: जनवरी 2021 में सूडान में पीड़ित के परिवार ने कृष्णन को माफी दे दी। इसके बाद यूसुफ अली ने कृष्णन की रिहाई के लिये मुआवजे के तौर पर अदालत में पांच लाख दिरहम (लगभग एक करोड़ रुपये) जमा कराए। अबूधाबी में स्थित लूलू ग्रुप लूलू हाइपरमार्केट और शॉपिंग मॉल पर स्वामित्व रखता है। यह समूह मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका (एमईएनए) क्षेत्र के शीर्ष रिटेलरों में शामिल है।

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