Friday, October 18, 2024
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राहुल गांधी बोले, सरकार के इरादे समझते हैं अन्नदाता, कानून वापस लो

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द लीडर : नए कृषि कानूनों (Farm Laws) पर सरकार और किसानों के बीच गतिरोध बरकरार है. एक दिन पहले ही सुप्रीमकोर्ट ने कानून के अमल पर होल्ड के संकेत दिए हैं. हालांकि किसान नेताओं का स्पष्ट मत है कि कानून वापस लिए जाएं. मंगलवार को इस मामले में सुप्रीमकोर्ट में फिर सुनवाई प्रस्तावित है. इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, ‘सत्याग्रही किसानों को इधर-उधर की बातों में उलझाने की सरकार की हर कोशिश बेकार है. अन्नदाता सरकार के इरादों को समझता है. उनकी मांग साफ है-कृषि विरोधी कानून वापस लो, बस.’ (Rahul Gandhi Government Law)

किसान नेता मंजीत राय ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा है कि, किसानों ने साफ बोल दिया कि वे कमेटी के सामने नहीं जाएंगे. किसान समिति बनाने के पक्षधर नहीं हैं. सरकार ने पहले ही समिति में आने के लिए कहा था, पर हमने मना कर दिया. उन्होंने सुप्रीमकोर्ट से कानूनों को रद करने के आदेश की मांग की है.

द‍िल्‍ली के टीकरी बॉर्डर पर धरने पर बैठे क‍िसान, फोटो द लीडर

दरअसल, सोमवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीमकोर्ट ने सरकार पर कड़ी टिप्पणियां की थीं. कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि अगर आप-सरकार कानून पर रोक नहीं लगा सकती है तो हम लगा दें. इसके साथ ही रिटायर चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाने की बात कही थी. इस8 मामले में मंगलवार यानी आज सुप्रीमकोर्ट का फैसला आ सकता है.


किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट के रुख के निहितार्थ क्या हैं


 

दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 47 दिनों से किसानों का धरना-प्रदर्शन जारी है. सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और यूपी गेट पर हजारों की संख्या में किसान जमा हैं. एक मांग के साथ कि कानून रद किए जाएं. सरकार और किसानों के बीच 8 दौर की बातचीत हो चुकी है, जिसमें कोई हल नहीं निकला. आंदोलन के इस अंतराल में अब तक करीब 50 से अधिक मौतें हो चुकी हैं. सोमवार को भी एक किसान ने आत्महत्या की कोशिश की थी.

घायल भारतीय शेरों के सामने नतमस्तक दिखे कंगारू

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वसीम अख्‍तर

द लीडर : टेस्ट क्रिकेट में ऐसे मैच कम ही देखने को मिले हैं. जब कमजोर आंकी जाने वाली टीम के खिलाड़ियों ने अपने हौसले और दिलेरी से मजबूत टीम को पस्त कर दिया हो. सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर मेजबान ऑस्ट्रेलिया तीसरे टेस्ट के अंतिम का खेल शुरू होने से पहले जीत की दहलीज पर खड़ी दिख रही थी. भारतीय टीम के आठ विकेट शेष थे.

रोहित शर्मा और शुभमन गिल तीसरे दिन ही पवेलियन लौट चुके थे. पांचवे दिन उसे 407 रन का विशाल स्कोर चेज करना था. ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाद पहली इनिंग से ही चढ़े हुए थे. उस पर सितम ये कि भारत के चार प्रमुख खिलाड़ी चोटिल थे. ऐसे में मैच का नतीजा क्या आने वाला है, साफ नजर आ रहा था. लेकिन भारतीय बल्लेबाजों ने तो कुछ और ही ठान रखा था.

उन्होंने अपने खेल से दिखा दिया कि तमाम विपरीत परिस्थितियों में भी वे हार मानने वाले नहीं हैं. जब हारा हुआ मैच बराबरी पर खत्म हुआ तो टीम के प्रशंसक खुशी से उछल पड़े और समीक्षक घायल भारतीय शेरों को सेल्यूट करने में लग गए. यकीनन विदेशी धरती पर ये ऐसा प्रदर्शन था, जो भारत के खेल प्रेमियों का सीना लंबे वक्त तक चौड़ा करता रहेगा.


शून्य के बाद स्मिथ का शानदार शतक, मुश्किल में भारत


 

सोमवार की सुबह जब पांचवें दिन का खेल शुरू हुआ तो जिन कार्यवाहक कप्तान अजिंक्य रहाणे से लंबी और करिश्माई पारी की उम्मीद की जा रही थी. वह अपने स्कोर में एक भी रन जोड़े ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज लियन का शिकार बनकर पवेलियन लौट आए. सारी जिम्मेदारी चेतेश्वर पुजारा के कांधों पर आ गई.

अजिंक्य के आउट होने पर घायल ऋषभ पंत मैदान पर आए तो दर्शकों के साथ टीवी पर मैच देख रहे लोग भी अचंभे से भर गए. ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को उम्मीद थी कि घायल पंत उनका सामना ज्यादा देर तक नहीं कर पाएंगे. पहली इनिंग में गेंद लगने से उनकी कलाई में चोट लगी थी, जिसकी वजह से वह ऑस्ट्रेलिया की दूसरी इनिंग में विकेट कीपिंग के लिए मैदान पर नहीं आ सके थे.

ये जिम्मेदारी साहा को संभालनी पड़ी थी. इस सबके बावजूद पंत कुछ और ही कर गुजरने की तैयारी में थे. मैदान पर आने के बाद पंत ने अाक्रामक रुख दिखाते हुए जबर्दस्त शाट खेले. दूसरे छोर पर पुजारा संभलकर खेलते रहे. पंत ने तीन छक्के और 12 चौकों की मदद से जब 97 रन बनाए तो ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को भी लगने लगा कि मैच उनके पंजे से निकलकर भारत की झोली में पहुंच गया है.


ऑस्ट्रेलिया में क्रिकेटर मुहम्मद सिराज पर एक बार फ‍िर नस्लीय टिप्पणी, आइसीसी ने निंदा कर मांगी रिपोर्ट


 

अगर पंत थोड़े और जोश के साथ हौसला दिखा जाते तो नतीजा भारत के पक्ष में आ जाता. पंत और पुजारा के बीच 148 रन की साझेदारी से यह लग भी रहा था लेकिन पंत के आउट होते ही ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज फिर से रंग में आ गए. पंत के बाद पुजारा भी 77 रन पर आउट हो गए.

जब भारतीय टीम पर हार का खतरा मंडरा रहा था तो मांसपेशियों में खिंचाव के बावजूद हनुमा विहारी और रविचंद्रन अश्विन पिच पर ऐसे जमे कि कंगारू गेदबाज पसीना-पसीना हो गए. विहारी और अश्विन मिलकर 48 ओवर खेल गए. इस तरह दोनों संभावित हार को टालकर टेस्ट ड्रा कराने में कामयाब हो गए.

मैच खत्म होने पर पृथी ने ट्वीट कर बताया कि उनके पति अश्विन से सुबह सोकर उठने पर खड़ा नहीं हुआ जा रहा था. उन्हीं अश्विन ने पिच पर खड़े रहकर 128 गेंद यानी 21 से ज्यादा ओवर तक बल्लेबाजी की.

मैच खत्म होने पर दुनियाभर में भारतीय बल्लेबाजों के खेल को सराहा जाने लगा. क्रिकेट के महान खिलाड़ियों ने पंत के साथ पुजारा, विहारी, अश्विन की खूब तारीफ की है. सिडनी ग्राउंड पर खेले गए इस मैच में खराब और अच्छे सभी तरह के रंग दिखाई दिए. यह मैच ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों की मुहम्मद सिराज पर नस्लीय टिप्पणी को लेकर भी याद किया जाएगा, जिसके लिए आइसीसी ने कड़ा रुख अपनाया और ऑस्ट्रेलियाई पुलिस को कार्रवाई करना पड़ी.


क्रिकेट की डिक्शनरी में डक शब्द जुलाई 1866 में हुआ शामिल


 

अब शुक्रवार को ब्रिस्बेन में सीरीज का निर्णाक मैच खेला जाएगा. चार टेस्ट मैच की सीरीज में दोनों टीम 1-1 से बराबरी पर हैं. भारत अगर अंतिम मैच भी ड्रा कराने में कामयाब रहा तो गावस्कर-बार्डर ट्राफी उसी के पास रहेगी. वैसे तीसरा टेस्ट ड्रा होने के साथ ही ऑस्ट्रेलिया और भारत दोनों ने ही टेस्ट रैंकिंग में अपने स्थान बनाए रखे हैं.

 

कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगा सकते हैं : सुप्रीमकोर्ट

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द लीडर : सुप्रीमकोर्ट ने इस बात पर निराशा जताई है कि केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ जारी आंदोलन (Protest) को ढंग से हैंडल नहीं किया है. सोमवार को चीफ जस्टिस एसए बोबड़े की अगुवाई वाली बेंच कृषि कानूनों से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी. सरकार के रुख को देखते हुए कोर्ट ने कानून के अमल पर रोक लगाने का संकेत दिया है. दूसरा, कानून पर बने गतिरोध का हल तलाशने के लिए रिटायर चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में समिति गठित करने की बात कही है. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने सरकार पर कुछ कड़ी टिप्पणी भी की हैं. (Supreme Court Agricultural Laws)

‘एनबीटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल की एपीएमसी से जुड़ी एक दलील पर चीफ जस्टिस ने कहा कि ये आपको समाधान की ओर नहीं ले जाएगा. आप क्या बातचीत कर रहे हैं और उसका क्या हल निकला है? हम बातचीत से हल चाहते हैं. यही हमारा मकसद है. पिछली बार भी बातचीत के लिए कहा था. आप क्यों नहीं कानून के अमल को होल्ड कर देते हैं. हम कमेटी बनाएंगे और वो तय करेगी किस तरह से सभी को सुना जाए. मगर आप ऐसा जता रहे हैं कि जैसे कानून हर हाल में लागू होगा.’

अदालत में इन वकीलों ने रखे पक्ष

केंद्र सरकार की ओर से इस मामले में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, किसान संगठन की ओर से एपी सिंह, दुष्यंत दवे पेश हुए. जबकि कानून का समर्थन करने वाले राज्य की ओर से हरीश साल्वे पेश हुए.

कड़ाके की ठंड में आंदोलन पर डटे किसान

पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश समेत कई अन्य राज्यों के हजारों किसान पिछले 47 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलनरत हैं. विरोध-प्रदर्शन के दौरान अब तक करीब 50 से अधिक मौतें हो चुकी हैं, जिसमें कुछ आत्महत्याएं भी शामिल हैं. सुप्रीमकोर्ट ने सुनवाई के दौरान इन आत्महत्याओं पर चिंता जताई है.


किसान आंदोलन पर सुप्रीमकोर्ट ने जताई चिंता, कोई बदलाव नजर नहीं आ रहा


26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड की चेतावनी

सरकार और किसान नेताओं के बीच अब तक 8वें दौर की बातचीत हो चुकी है. जिसमें कोई हल नहीं निकला है. दूसरी ओर से किसानों ने ये चेतावनी दे रखी कि कानून रद न होने पर वे 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड करेंगे. केंद्र सरकार की ओर इस मुद्​दे को भी एक दलील के रूप में अदालत के समक्ष रखा गया है. अदालत ने एक और महत्वपूर्ण टिप्पणी की है. वो ये कि किसी नागरिक के विरोध-प्रदर्शन करने के अधिकार पर रोक नहीं लगा सकते.

ऑस्ट्रेलिया से पार पाने को रहाणे से एक और करिश्माई इनिंग की उम्मीद

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वसीम अख्‍तर

द लीडर : भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरा टेस्ट निर्णायक मोड़ पर खड़ा हो गया है. खेल के पांचवें दिन सोमवार को एक टीम की हार तय है. हां, मैच में पड़ला ऑस्ट्रेलिया का भारी दिख रहा है. एक तो उसके बल्लेबाजों ने अपने शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारत को चेज करने के लिए 407 रन का मजबूत लक्ष्य दिया है.

दूसरे भारतीय टीम के दो महत्वपूर्ण बल्लेबाज चोटिल हैं. विकेट कीपर ऋषभ पंत और रविंद्र जडेजा का बल्लेबाजी करना मुश्किल दिख रहा है. दोनों ही पहली इनिंग में बल्लेबाजी के दौरान घायल हो गए थे. तेज गेंदबाज पैट कमिंस के बाउंसर से पंत की कलाई में चोट लगी थी. मिशेल स्टार्क की गेंदबाजी का सामना करते समय जडेजा का बाएं हाथ का अंगूठा जख्मी हो गया था.


ऑस्ट्रेलिया में क्रिकेटर मुहम्मद सिराज पर एक बार फ‍िर नस्लीय टिप्पणी, आइसीसी ने निंदा कर मांगी रिपोर्ट


 

दोनों ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी के दौरान मैदान पर भी नहीं उतर पाए. कीपिंग के लिए साहा को मैदान पर आना पड़ा. ऐसे में अगर दोनों बल्लेबाजी के लिए भी नहीं आ पाते तो भारत के लिए मुश्किल की घड़ी है. हार को टालने या जीत तक पहुंचने का दारोमदार कप्तान अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा की जोड़ी पर रहेगा. चौथे दिन का खेल खत्म होने पर रहाणे चार और पुजारा नौ रन बना चुके थे.

स‍िडनी टेस्‍ट सीरीज के दौरान टीम इंड‍िया के ख‍िलाड़ी, फाइल फोटो

दोनों के बीच लंबी साझेदारी हो, तभी भारतीय टीम हार से बच पाएगी. वरना मध्यक्रम में हनुमा विहारी को छोड़कर अन्य बल्लेबाजों से ज्यादा उम्मीद रखना बेमानी है. उपकप्तान रोहित शर्मा और शुभमन गिल पवेलियन लौट चुके हैं. दोनों ने भारत को अच्छी शुरुआत भले ही दी लेकिन जिताऊ पारी नहीं खेल सके.


शून्य के बाद स्मिथ का शानदार शतक, मुश्किल में भारत


 

रोहित 52 और गिल 31 रन ही बना सके. जोश हेजलवुड और पैट कमिंस को दूसरी पारी में एक-एक विकेट मिला है. इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी छह विकेट खोने के बाद 312 रन पर घोषित कर दी. इस तरह भारत को जीत के लिए 407 रन का लक्ष्य मिला है, जिसमें अभी सिर्फ 98 रन ही बन पाए हैं.

ऑस्ट्रेलिया जीत से आठ विकेट दूर है. भारत को टेस्ट सीरीज में आगे निकलने के लिए 309 रन दरकार हैं. सीरीज के इस तीसरे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया स्टीव स्मिथ के शतक और फिर दूसरी इनिंग में 81 रन के सबब मजबूत स्थिति में पहुंच गई है. दूसरी पारी में सर्वाधकि 84 रन कैमरन ग्रीन ने बनाए. जसप्रीत बुमराह की अगुवाई में भारतीय गेंदबाज ऑस्ट्रेलिया को बड़े लक्ष्य से रोकने में नाकाम रहे.

चार टेस्ट मैचों की सीरीज में दोनों टीमें एक-एक की बराबरी पर हैं. सिडनी के बाद दोनों टीम के बीच सीरीज का आखिरी टेस्ट ब्रिस्बेन में 15 जनवरी को खेला जाएगा। एडिलेड में खेल गए पहले डे-नाइट टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया ने 8 विकेट से जीत दर्ज की थी. मेलबर्न में बॉक्सिंग-डे टेस्ट भारत ने आठ विकेट से जीतकर सीरीज में बराबरी हासिल की थी.

नेपाल के प्रधानमंत्री ओली ने भारत से कालापानी समेत दो अन्य क्षेत्र वापस लेने का लिया संकल्प

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द लीडर : नेपाल (Nepal) में राजनीतिक अस्थिरता के बावजूद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली भारत-विरोधी आचरण से बाज नहीं आ रहे हैं. रविवार को नैशनल असेंबली (National Assembly ) की बैठक में ओली ने भारत से कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख क्षेत्र अपने कब्जे में लेने का संकल्प दोहराया है. पिछले साल भी ओली सरकार में भारत विरोधी स्वर सामने आए थे. (Nepal Pm Kalapani India)

नैशनल असेंबली की बैठक में उठाया गया ओली सरकार का ये कदम इसलिए भी चौंकाता है क्योंकि नेपाल में सियासी भूचला मचा है. पीएम ओली की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने दिसंबर में संसद (Parliament) भंग कर दी थी. जिसका-विपक्ष (Opposition) ही नहीं, बल्कि ओली के नेतृत्व वाले सत्ताधारी दल का एक धड़ा विरोध में खड़ा है.

नैशनल असेंबली की बैठक करते प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, फोटो साभार ट़वीटर

माई रिपब्लिका की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ‘ओली ने दावा किया है कि सुगौली समझौते के अनुसार महाकाली नदी के पूर्व स्थित ये तीनों क्षेत्र नेपाल के हैं. कूटनीतिक संवाद के जरिये इन्हें भारत से वापस लिया जाएगा. रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया कि 1962 में भारत-चीन जंग के बाद से भारतीय सैनिक जहां तैनात हुए, नेपाल शासकों ने उन क्षेत्रों को कभी हासिल करने का प्रयास नहीं किया.’

चीन के पाले में झुकते ओली

नेपाल में चीन (China) के बढ़ते दखल के कारण प्रधानमंत्री ओली की जबरदस्त आलोचना हो रही है. नेपाल के राजनीतिक हालात पर चीन लगातार नजर बनाए है. वो पीएम ओली और दूसरे धड़े के बीच सुलह के प्रयास में जुटा है. समझौते के लिए पहुंचे चीन के दूत के खिलाफ नेपाल में विरोध-प्रदर्शन किए गए हैं.


नेपाल की संसद भंग, मध्यावधि चुनाव के ऐलान से सियासी भूचाल


नेपाल ने जारी किया था नक्शा

पिछले साल 2020 में नेपाल-भारत के बीच सीमा विवाद सामने आया था. ओली सरकार ने इसे सुलझाए बिना ही एक नया नक्शा जारी कर दिया था, जिसमें भारत के कुछ हिस्सों को नेपाल में दर्शाया गया था. इस सबसे बावजूद ओली सरकार का दावा है कि उनकी सरकार ने भारत-चीन दोनों के साथ द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत करने पर जोर दिया है. ये अलग बात है कि अपने कार्यकाल में ओली चीन के ज्यादा निकट रहे हैं.

ऑस्ट्रेलिया में क्रिकेटर मुहम्मद सिराज पर एक बार फ‍िर नस्लीय टिप्पणी, आइसीसी ने निंदा कर मांगी रिपोर्ट

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द लीडर : ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में जारी टेस्ट सीरीज के दरम्यान भारतीय खिलाड़ियों पर नस्लीय भेदभाव से जुड़ी टिप्पणियों का सिलसिला बरकरार है. रविवार को एक बार फिर से गेंदबाज मुहम्मद सिराज को ऐसी ही टिप्पणी का सामना करना पड़ा. सिराज की शिकायत पर कुछ देर के लिए मैच रुक गया. सिडनी में लगातार घटित हो रहीं इन घिनौनी घटनाओं पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC)ने संज्ञान लिया है. आइसीसी ने नस्लीय टिप्पणी की निंदा करते हुए ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट से पूरे मामले की कार्रवाई समेत रिपोर्ट तलब की है. (Racist Comments Siraj Australia)

आइसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनु साहनी ने कहा कि, ‘हम क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और संबंधित अधिकारियों को किसी भी आगामी जांच में पूर्ण समर्थन प्रदान करेंगे. क्योंकि हम अपने खेल में किसी भी तरह के नस्लवाद को बर्दाश्त नहीं करेंगे.’ उन्होंने कहा, हमारे खेल में भेदभाव के लिए कोई स्थान नहीं है. अगर प्रशंसकों को लगता है कि ये घिनौना व्यवहार स्वीकार्य होगा तो वो गलत हैं.

रविवार को ये घटना उस वक्त घटी जब मुहम्मद सिराज स्क्वायर लेग बाउंड्री पर खड़े थे. दर्शक दीर्घा में बैठे ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों के बीच से उन पर ये नस्लीय टिप्पणी की गई. सिराज ने इसकी शिकायत साथी खिलाड़ियों से की. इसके बाद सुरक्षाकर्मी दर्शक दीर्घा में गए और टिप्पणी करने वाले व्यक्ति को तलाशने लगे.

बाद में सुरक्षाकर्मियों ने दर्शकों के एक पूरे समूह को बाहर कर दिया. इससे पहले भी इसी सीरीज में सिराज ऐसी टिप्पणियों का सामना कर चुके हैं.

कोच लैंगर बोले शर्मनाक है नस्लीय घटना

ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों ने भी इस घटना की निंदा की है. कोच लैंगर ने नस्लीय टिप्पणी को शर्मनाक बताया. वहीं, ऑस्ट्रेलिया की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि यदि आप नस्लवादी दुरुपयोग में शामिल हैं तो ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में आपका स्वागत नहीं है.


शून्य के बाद स्मिथ का शानदार शतक, मुश्किल में भारत


 

उप-राज्‍यपाल किरण बेदी के खिलाफ तीन दिन से धरने पर बैठे पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी

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द लीडर : दक्षिण भारत के केंद्र शासित राज्य पुडुचेरी में उप-राज्यपाल और सरकार में ठन गई है. मुख्यमंत्री वी नारायणसामी पिछले तीन दिनों से उप-राज्यपाल किरण बेदी के खिलाफ धरने पर बैठे हैं. उनका आरोप है कि ‘उप-राज्यपाल निर्वाचित सरकार के कामकाज में बाधा डाल रही हैं. हर रोज प्रशासन में उनका दखल बढ़ता जा रहा है. इसलिए केंद्र सरकार से हमारी मांग है कि किरण बेदी को वापस बुलाया जाए.’

मुख्यमंत्री पार्टी नेताओं के साथ पिछली 8 जनवरी से राज निवास के पास धरना दे रहे हैं. ‘द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक वीसेकी नेता और सांसद थोल थिरुमावलन और भाकपा सचिव आर मथुरासन भी मुख्यमंत्री के साथ एकजुटता दिखाते हुए धरना स्थल पर पहुंचे हैं.

थिरुमावलन ने अपने संबोधन में कहा कि किरण बेदी के आचरण ने राज्यपालों और उप-राज्यपालों के पद को समाप्त करने की मांग में उनकी पार्टी को शामिल करने पर विवश किया है.

उन्होंने कहा कि ‘जब निर्वाचित प्रतिनिधियों को कानून बनाने का अधिकार है, तो फिर ऐसे पदों की कोई आवश्यकता नहीं है. केंद्र की यूपीए सरकार के दौरान किरण बेदी इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन का हिस्सा थीं. बाद में वह भाजपा में शामिल हो गईं और दिल्ली चुनाव भी लड़ा.


गजब : पुड्डुचेरी की जिलाधिकारी को परोस दी जहरीले पानी की बोतल


 

उन्होंने आरोप लगाया कि उप-राज्यपाल के तौर पर नियुक्ति के बाद से ही किरण बेदी भाजपा का एजेंडा पूरा करने की कोशिश में लगी हैं.’ इसलिए उन्हें वापस बुलाने की मांग का हम समर्थन करते हैं. करीब 12.50 लाख की आबादी वाले केंद्र शासित राज्य में राजनीतिक खींचतान अपने शीर्ष पर है. मुख्यमंत्री ने तीन दिवसीय धरना बुलाया था.

डीएम को पानी की बोतल में जहरी पानी का मामला

कुछ दिन पहले ही पुडुचेरी की जिलाधिकारी (डीएम) पूर्वा गर्ग को एक बैठक के दौरान विषाक्त पानी परोसने का मामला सामने आया था. इस घटना ने पूरे देश का ध्यान पुडुेचरी की तरफ खींचा था. राज्यपाल किरण बेदी ने स्वयं एक ट्वीट के माध्यम से इसकी जानकारी साझा की थी. इस मामले की विशेष जांच जारी है.

हर‍ियाणा : मुख्यमंत्री की किसान महापंचायत के विरोध में खड़े किसानों पर पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले

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द लीडर : हरियाणा के करनाल स्थित कैमला गांव में किसान महापंचायत से पहले बड़ा बखेड़ा खड़ा हो गया. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर महापंचायत को संबोधित करने वाले थे. कृषि कानूनों से नाराज किसान इसके विरोध में जमा हो गए. वे पुलिस के हटाने पर भी नहीं हटे. इस पर पुलिस ने पानी की बौछार और आंसू गैस के गोले दागकर विरोध में उतरी किसानों की भीड़ को तितर-बितर किया है.

केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों (Farm Laws)को लेकर किसान खफा हैं. इसको लेकर दिल्ली की सीमाओं पर पिछले करीब 46 दिनों से आंदोलन जारी है. इसमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, यूपी समेत अन्य राज्यों के हजारों किसान शामिल हैं. दिल्ली के सिंघु बॉर्डर, यूपी गेट और टिकरी बॉर्डर पर किसान धरने पर बैठे हैं.

इसी क्रम में रविवार को हरियाणा में किसानों की एक महापंचायत बुलाई गई. इस मकसद से कि किसानों को कृषि कानूनों के फायदे बताए जाएं. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को इसे संबोधित करना था. एडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक इसके विरोध में सैकड़ों किसान महापंचायत के पास पहुंच गए. तब पुलिस ने कार्रवाई की है.\


छह राज्यों के बाद यूपी में पहुंचा बर्ड फ्लू, कानपुर चिड़ियाघर में 10 पक्षियों की मौत


 

घटना पर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने एक ट्वीट कर खट्टर सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने लिखा, ‘माननीय मनोहर लाल जी करनाल के कैमला गांव में किसान महापंचायत का ढोंग बंद कीजिए. अन्नदाताओं की संवेदना-भावनाओं से खिलावाड़ कर कानून व्यवस्था बिगाड़ने की साजिश भी बंद कीजिए. अगर संवाद करना है तो पिछले 46 दिनों से सीमाओं पर धरना दे रहे किसानों से कीजिए.’

हर‍ियाणा के कैमला गांव में महापंचायत स्‍थल के पास पुल‍िस कार्रवाई से मची भगदड़, फोटो साभार एएनआइ

पहले भी किसानों पर दागे थे आंसू गैस के गोले

पिछले साल नवंबर में जब हरियाणा और पंजाब के किसानों ने दिल्ली के लिए कूच किया था. तब भी हरियाणा सरकार ने किसानों के विरुद्ध कार्रवाई की थी. इसमें आंसू गैस के गोले दागने, पानी की बौछार और सड़क काटने तक की कार्रवाईयां शामिल थीं. इसको लेकर राज्य सरकार की देशभर में कड़ी आलोचना भी हुई थी.


सिंघु बॉर्डर पर किसान ने की आत्महत्या तो चेन्नई में एक दूसरे किसान ने गंवाई जान


 

आठ दौर की असफल बातचीत

कृषि कानूनों को लेकर किसान नेताओं और सरकार के बीच आठ दौर की बातचीत हो चुकी है. जिसमें कोई हल नहीं निकला है. बीती 8 जनवरी को हुई बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ये संकेत दिया था कि अगर कानूनों के समर्थक किसान चाहेंगे तो उन्हें भी बैठक में शामिल करने पर विचार किया जाएगा. हालांकि अभी उन्हें चर्चा में शामिल करने का कोई इरादा नहीं है. हरियाणा में आयोजित महापंचायत को कृषि मंत्री के उसी बयान के संदर्भ में भी देखा जा रहा है.

बर्ड फ्लू : कानपुर में चिकन और अंडे की बिक्री पर रोक

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द लीडर : कोरोना महामारी के बीच बर्ड फ्लू (Bird flu) का खतरा मंडराया है. पिछले एक सप्ताह में छह राज्यों में इसकी दस्तक से कोहराम मचा है. इसमें हिमाचल प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली-एनसीआर और छत्तीसगढ़ शामिल हैं. कानपुर के चिड़ियाघर में 10 पक्षियों की मौत के साथ ही उत्तर प्रदेश (UP) में इसके असर की पुष्टि हो गई है. जो पॉल्ट्री उद्योग (मुर्गी पालन) के लिए ये बड़ा झटका माना जा रहा है. (Bird flu Reaches UP)

कानुपर में चिकन, अंडों की बिक्री पर रोक

कानुपर में फ्लू की पुष्टि के बाद चिकन और अंडे की बिक्री पर रोक की बात सामने आ रही हैं. स्थानीय दुकानदारों ने समाचार एजेंसी एएनआइ से बातचीत में दुकानें बंद कराए जाने की जानकारी साझा की है.

संक्रमण की पुष्टि के बाद कानपुर चिड़ियाघर को बंद कर दिया गया है. जांच में यहां मारे गए चार परिंदों में बर्ड फ्लू के लक्ष्ण मिले थे. कमिश्नर राजशेखर के आदेश पर चिड़ियाघर इलाके को रेड जोन घोषित किया गया है.

गाजीपुर में 10 पॉल्ट्री फॉर्म बंद

इससे पहले दिल्ली सरकार बर्ड फ्लू से निपटने की तैयारी में जुट गई है. लगातार पक्षियों की मौत के बाद गाजीपुर क्षेत्र के 10 पॉल्ट्री फॉर्म बंद कर दिए गए हैं. और पक्षियों के आयात पर रोक लगा दी गई है. जिलेवार निगराने की टीमें गठित की गई हैं. पक्षियों की मौत की सूचना के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है.


सिंघु बॉर्डर पर किसान ने की आत्महत्या तो चेन्नई में एक दूसरे किसान ने गंवाई जान


हिमाचल में मारे गए 3500 परिंदे

हिमाचल प्रदेश के पेंग क्षेत्र में बर्ड फ्लू की दहशत है. फ्लू की पुष्टि के बाद क्षेत्र में करीब 3500 पक्षियों को मारा गया है. और सरकार ने रेड अलर्ट जारी किया है. कांगड़ा क्षेत्र के 8 किलोमीटर इलाके को सील कर दिया गया है और चिकन व अंडा बिक्री पर रोक लगा दी गई है.

राजस्थान के 11 रजिलों में खलबली

बर्ड फ्लू से सर्वाधिक प्रभावित राज्य राजस्थान माना जा रहा हैं. इसके 11 जिले फ्लू की चपेट में हैं. करीब 70 पक्षियों की मौत हो चुकी है. पार्कों के पक्षियों की निगरानी के लिए समितियां गठित की गई हैं.

सिंघु बॉर्डर पर किसान ने की आत्महत्या तो चेन्नई में एक दूसरे किसान ने गंवाई जान

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नई दिल्ली : कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन से दुखद खबरों के आने का सिलसिला बरकरार है. शनिवार को दो किसानों ने अलग-अलग स्थानों पर आत्महत्या कर ली है. इसमें एक घटना दिल्ली के सिंघु बॉर्डर की है, जहां पंजाब के जिला फतेहगढ़ साहिब निवासी 40 साल के अमरिंदर सिंह ने जहर खा लिया. अस्तपाल ले जाने के दौरान उनकी मौत हो गई. वहीं दूसरी घटना चेन्नई की है. पेरुमल नामक किसान ने अपनी जान गवां दी है. पेरुमल ने सुसाइड नोट में किसानों के समर्थन में ये इस कदम का जिक्र किया है.

इससे पहले यूपी गेट पर उत्तराखंड के एक किसान ने आत्महत्या कर ली थी. कृषि आंदोलन में अब तक करीब करीब 50 से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है. इन मौतों में करीब चार आत्महत्याएं बताई जा रही हैं.


किसान आंदोलन में 35 से अधिक मौतें, एक और किसान ने खत्म कर ली जिंदगी


 

पिछले 44 दिनों से किसान दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि सरकार तीनों कानून रद करे. इसको लेकर किसान नेता और सरकार के बीच 8 दौर की बातचीत हो चुकी है. जिसमें कोई हल नहीं निकला है. सरकार कानूनों में संशोधन तो किसान पूरी तरह से कानून निरस्त करने पर अड़े हैं.

क‍िसान आंदोलन की फाइल फोटो

ठंड और बार‍िश से बेहाल क‍िसान

दिल्ली में कड़ाके की ठंड के बीच प‍िछले द‍िनों लगातार बार‍िश भी हो चुकी है. आंदोलन में बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं शामिल हैं. ल‍िहाजा आंदोलन में कुछ मौतेंं ठंड के कारण भी होनी मानी जा रही हैं. वहीं, कुछ सड़क दुर्घटना और अन्य कारणों से हुई हैं. बहरहाल, जैसे-जैसे आंदोलन में किसानों की मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है. वैसे-वैसे से सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है.

आंदोलन में पहुंची स्‍वरा भास्‍कर

बीते 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर किसान डेरा डाले हैं. शनिवार को अभिनेत्री स्वरा भास्कर समेत अन्य लोगों ने किसानों के आंदोलन में पहुंचकर समर्थन जताया है.