द लीडर : दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन (Farmers Protest) बेशक शांतिपूर्ण है. लेकिन उससे दुखद खबरों का सिलसिला जारी है. इस आंदोलन में अब तक करीब 35 से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है. शनिवार की सुबह गाजीपुर बॉर्डर पर एक किसान ने शौचालय में फांसी लगाकर जान दे दी. (35 Deaths Farmer Movement)
किसान नेता राकेश टिकैत ने ये जानकारी साझा की है. उन्होंने कहा कि, ‘आज गाजीपुर बॉर्डर पर एक किसान ने आत्महत्या कर जीवन त्याग दिया है. ये किसान बिलासपुर-रामपुर निवासी सरदार कश्मीर सिंह थे. उनकी शहादत पर आंदोलन भूमि से विनम्र श्रद्धांजलि.’
मृतक कश्मीर सिंह के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है. राकेश टिकैत ने कहा कि किसान इस आंदोलन से भावनात्मक रूप से जुड़ चुका है. सरकार सुन नहीं रही. यही वजह है कि ऐसी दुखद घटनाएं सामने आ रही हैं. इससे पहले सिंघु बॉर्डर पर हरियाणा के करनाल के रहने वाले आध्यात्मिक नेता बाबा राम सिंह ने कथित तौर पर खुद को गोली मार ली थी.
ठंड से जा रही जानें
दिल्ली में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. आंदोलन में बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं शामिल हैं. आंदोलन स्थल पर कुछ मौतों को ठंड का कारण भी माना गया है. वहीं, कुछ सड़क दुर्घटना और अन्य कारणों से हुई हैं. बहरहाल, जैसे-जैसे आंदोलन में किसानों की मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है. वैसे-वैसे से सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है.
सरकार से बातचीत में नहीं निकल रहा हल
बीते 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर किसान डेरा डाले हैं. वे तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ हैं. उनकी मांग है कि सरकार तीनों कानूनों को रद् करे. अब तक सरकार के साथ किसान नेताओं की छह दौर की बातचीत हो चुकी है. अगली वार्ता 4 जनवरी को प्रस्तावित है.
पिछली बैठक में दो बिंदुओं पर किसान नेता और सरकार के बीच सहमति बनी थी. हालांकि प्रमुख मुद्दों पर गतिरोध बरकार है. एक दिन पहले ही किसान नेताओं ने बैठक कर स्पष्ट किया था कि 4 जनवरी को मांगें पूरी न हुईं तो आंदोलन को व्यापक रूप दिया जाएगा. (35 Deaths Farmer Movement)
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