Thursday, October 17, 2024
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दिल्ली दंगा : तिहाड़ जेल में बंद सीएए एक्टिविस्ट और जेएनयू की शोध छात्रा नताशा नरवाल के पिता महावीर नरवाल का कोविड से निधन

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द लीडर : नताशा नरवाल. दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) की शोध छात्रा हैं. और पिंजड़ा तोड़ संगठन की एक्टिविस्ट भी. नताशा पिछले साल मई से तिहाड़ जेल में बंद हैं. फरवरी 2020 में दिल्ली दंगों की साजिश में उन्हें आरोपी बनाया गया था. और गैर कानून गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया गया था. नताशा के पिता वैज्ञानिक व कॉमरेड महावीर नरवाल का कोविड संक्रमण से निधन हो गया है. आखिरी समय में नताशा अपने पिता को नहीं देख सकीं और महावीर नरवाल की भी बेटी से बात करने की हसरत अधूरी रह गई.

महावीर नरवाल के निधन पर सीपीआइएमइ की नेता वृंदा करात ने उन्हें श्रृद्धांजलि देते हुए कहा कि सिस्टम ने गलत तरीके से एक बेटी को जेल में डाल रखा है, जो आखिरी समय में अपने पिता को भी नहीं देख सकीं. पूर्व नौकरशाह और एक्टिविस्ट हर्षमंदर, कांग्रेस नेता शशि थरूर, कविता कृष्णन समेत अन्य नेता और एक्टिविस्टों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है. इसी के साथ राजनीतिक बंदियों को कोविड काल में पैरोल पर रिहा किए जाने की मांग उठाई है.

नताशा नवराल की गिरफ्तारी के कुछ समय बाद महावीर नरवाल का एक इंटरव्यू सामने आया था. जिसमें वह अपनी बेटी पर गर्व जता रहे थे. सफदर हाशिमी को वो संदेश बयां करते हुए कि-औरतें उठतीं नहीं तो जुल्म बढ़ता है. इस अंदाज में नताशा की परवरिश करने वाले वैज्ञानिक और कॉमरेड महावीर प्रसाद के निधन पर आरजे सायमा ने लिखा है-वह मेरे हीरो हैं. महावीर अंकल श्रद्धांजलि. मैं कभी आपसे नहीं मिली, लेकिन आप हमेशा मेरे प्रेरणास्रोत रहेंंगे. मुझे आपकी बेटी पर गर्व है.


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इससे ज्यादा मलाल और गम इस बात का जताया जा रहा है कि महावीर नरवाल आखिरी समय में अपनी बेटी से बात करना और मिलना चाहते थे. मुलाकात कराने का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता, जब नताशा से उनकी बात तक नहीं कराई गई. नताशा बधवार लिखती हैं कि नताशा के पिता बेटी से बिना मिले ही चल बसे. अपनी बेटी की गलत तरीके से गिरफ्तारी पर उन्होंने कहा था कि जेल में रहने का कोई डर नहीं है. मेरी बेटी सकारात्मक है और मजबूत इरादों वाली है. जल्द वह आजाद होगी.

वहीं, दिल्ली हाईकोर्ट नताशा नरवाल की अंतरिम बेल की याचिका को सुन रहा है, जो पिता के देहांत के आधार पर लगाई गई है. लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक एडवोकेट अदिति एस पुजारी इस मामले को देख रहे हैं.

याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने नताशा को पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए तीन सप्ताह की अंतरिम जमानत दे दी है.


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नताशा नरवाल पढ़ाई के साथ महिलाओं के हक के लिए कार्यरत थीं. इसीलिए उन्होंने पिंजड़ा तोड़ संगठन की नींव रखी थी. नागरिकता संशोधन कानून-सीएए के खिलाफ शाहीन बाग समेत दिल्ली के अन्य हिस्सों में आयोजित प्रदर्शनों में नताशा ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था. और इसी बुनियाद पर उनके खिलाफ दंगा भड़काने की साजिश का आरोप लगाते कार्रवाई की गई है.

दिल्ली दंगों में जेएनयू, जामिया के कई मौजूदा और पुरातन छात्र जेल में बंद हैं. इसमें शरजील इमाम, उमर खालिद, नताशा नरवाल आदि शामिल हैं. कोविड की दूसरी लहर में लगातार ये मांग उठाई जा रही है कि इन कैदियों को पैरोल पर रिहा कर दिया जाए. क्योंकि इसमें कई संक्रमित हो चुके हैं.

राजस्थान में 24 मई तक संपूर्ण लॉकडाउन, जानें क्या-क्या लगाई गई पाबंदियां?

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जयपुर। कोरोना की दूसरी लहर ने राजस्थान को बेजार करके छोड़ दिया है. कोरोना महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए राज्य में आज 10 मई सुबह 5 बजे से लॉकडाउन शुरू हो गया है. यह 24 मई सुबह 5 तक जारी रहेगा. इस दौरान आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाओं पर पाबंदी रहेगी.

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एक शहर से दूसरे शहर जाने पर भी पाबंदी

बता दें कि, लॉकडाउन में अगर बेवजह घूमते पाए गए तो संस्थागत क्वॉरेंटाइन रहना पड़ेगा. इस लॉकडाउन में सार्वजनिक और निजी परिवहन सेवाओं पर पूरी तरह से रोक रहेगी. एक शहर से दूसरे शहर जाने पर भी पाबंदी लागू रहेगी. गांवों में भी इसी तरह की सख्ती रहेगी. शहर से गांवों और गांवों से शहर में आवाजाही पर भी रोक रहेगी. निजी और सार्वजनिक परिवहन के साधन बस, जीप आदि पूरी तरह बंद रहेंगे. बारात के लिए बस, ऑटो, टेम्पो, ट्रैक्टर, जीप आदि की मंजूरी नहीं दी जायेगी.

यह है लॉकडाउन की पूरी गाइडलाइन

  • वीकेंड पर पहले की तरह ही दूध, मेडिकल और फल सब्जी को छोड़ सबकुछ बंद रहेगा.
  • 24 मई तक आवश्यक सेवाओं को छोड़ सभी सरकारी दफ्तर, बाजार और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे.
  • शादियों में 11 से ज्यादा मेहमान एकत्र नहीं हो पायेंगे.
  • अंतिम संस्कार में 20 से ज्यादा लोग नहीं शामिल हो सकेंगे.
  • शादी समारोह, डीजे, बारात, दावत की मंजूरी 31 मई तक नहीं मिलेगी.
  • मैरिज गार्डन, मैरिज हॉल और होटल शादी-समारोह के लिए बंद रहेंगे.
  • राज्य के बाहर से आने वालों को 72 घंटे पहले कराई गई RT-PCR निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी.

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लॉक डाउन में यहां मिलेगी छूट

  • माल ढुलाई वाले वाहनों की आवाजाही पर रोक नहीं है.
  • उद्योगों और निर्माण से संबंधित सभी यूनिट खुलेंगी.
  • मजदूरों को आई कार्ड जारी करने होंगे.
  • पास जिला कलेक्टर जारी करेंगे.
  • प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थियों को प्रवेश-पत्र दिखाने पर आने जाने की मंजूरी होगी.

ये दुकानें खुलेंगी

  • शराब की दुकानें पहले की तरह सोमवार से शुक्रवार सुबह 6 से 11 बजे तक खुली रहेंगी.
  • फल, सब्जी, दूध, किराना जैसे आम जरूरत की चीजें मिलती रहेंगी.
  • फल सब्जी के ठेले सुबह 6 से शाम 5 बजे तक और किराना दुकानें सुबह 6 से 11 बजे तक खुलेंगी.
  • पशुओं के चारे की दुकानें सोमवार से शुक्रवार सुबह 6 से 11 बजे तक खुली रहेंगी.
  • खाद बीज की दुकानें, कृषि उपकरणों की दुकानें सोमवार से गुरुवार सुबह 6 से 11 बजे खुल सकेंगी.
  • साइकिल, रिक्शा, ऑटो रिक्शा और मोबाइल वैन को सुबह 6 से शाम 5 बजे तक मंजूरी.
  • डेयरी और दूध की दुकानों को सुबह 6 से 11 और शाम 5 से शाम 7 बजे तक खोलने की इजाजत है.
  • मेडिकल स्टोर, मेडिकल उपकरणों की दुकानें खुली रहेंगी.
  • मेडिकल, इमरजेंसी सेवाओं और परमिटेड कैटेगरी के ट्रांसपोर्टेशन में छूट रहेगी.
  • सभी उद्योग, निर्माण इकाइयों में श्रमिकों को काम करने की अनुमति होगी ताकि श्रमिकों का पलायन रोका जा सके.
  • श्रमिकों के आवागमन के लिए विशेष बस का संचालन किया जा सकेगा.
  • इन संस्थानों को श्रमिकों के पास के लिए पूरा विवरण जिला कलेक्टर कार्यालय में देना होगा.

ममता बनर्जी के 43 मंत्रियों ने ली शपथ, मंत्रिमंडल में 25 पुराने और 18 नए चेहरे शामिल

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल  में ममता बनर्जी ने सोमवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया. सोमवार को सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के 43 नेताओं को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई. 43 सदस्यीय मंत्रिमंडल में पूर्व वित्त मंत्री अमित मित्रा और पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी सहित कई नए चेहरों को मौका मिला है.

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ममता बनर्जी की टीम में 18 नए चेहरे शामिल

जानकारी के मुताबिक, ममता बनर्जी की इस टीम में 25 पुराने और 18 नए चेहरे शामिल हैं. इन 43 में से नौ विधायकों ने बतौर राज्यमंत्री शपथ ली. अमित मित्रा और दो अन्य विधायकों ने वर्चुअली शपथ ली. मित्रा की तबीयत ठीक नहीं है.

राज्यपाल ने नए विधायकों को दिलाई शपथ

राजभवन में राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सुबह 10.45 बजे थ्रोन हॉल में इन नए विधायकों को मंत्रिपद की शपथ दिलाई. इसके साथ ही नवनिर्वाचित सरकार की कैबिनेट की पहली बैठक दोपहर 3 बजे होगी.

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नई कैबिनेट में इन मंत्रियों की हुई वापसी

ममता बनर्जी की नई कैबिनेट में अनुभवी सुब्रत मुखर्जी, पार्थ चटर्जी, फिरहाद हकीम, अरूप विश्वास, सुजीत बोस, चंद्रिमा भट्टाचार्य और शशि पांजा मंत्री के रूप में वापसी की है. इसके अलावा मानस भुइयां को भी कैबिनेट टीम में जगह मिली. वो राज्यसभा सांसद थे और इस बार विधानसभा चुनाव लड़े थे.

तीसरी बार ममता के हाथ कमान

बता दें कि, पश्चिम बंगाल में राज्य विधानसभा चुनाव में धमाकेदार जीत के बाद तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने लगातार तीसरी बार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के तौर पर बुधवार को शपथ ली. राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के बीच राजभवन में आयोजित साधारण समारोह में उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.

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दिल्ली में मेट्रो सेवा पर ब्रेक, जानिए कितना सख्त है इस बार का लॉकडाउन

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नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण की बेकाबू हो चुकी रफ्तार पर ब्रेक लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने एक बार फिर लॉकडाउन की मियाद को एक हफ्ते के लिए और बढ़ा दिया है. बता दें कि, इस बार के लॉकडाउन में पहले से ज्यादा सख्ती बरती जाएगी.

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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया था कि, दिल्ली में लॉकडाउन को एक हफ़्ते के लिए बढ़ाया जा रहा है, लॉकडाउन 17 मई सोमवार की सुबह 5 बजे तक लागू रहेगा. इस बार लॉकडाउन में राजधानी में मेट्रो सेवा भी रोक दी गई है. आइए जानते हैं दिल्ली में इस बार लॉकडाउन के दौरान क्या-क्या पाबंदिया रहेंगी

1-मेट्रो सेवा पर लगा ब्रेक

राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण की भयानक रफ्तार को देखते हुए 19 अप्रैल को एक हफ्ते का लॉकडाउन लगाया गया था. उसके बाद से लगातार दिल्ली सरकार लॉकडाउन बढ़ा रही है. लेकिन इस दौरान मेट्रो सेवा जारी थी. लेकिन इस बार के लॉकडाउन में मेट्रो सेवा को भी बंद करने का फैसला लिया गया है. यानी आज से अगले सोमवार तक दिल्ली में मेट्रो सेवा बंद रहेगी. हालांकि दूसरे पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसे बस, ऑटो, टैक्सी पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है.

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2-शादियों में सिर्फ 20 मेहमानों को बुलाने की इजाजत

दिल्ली सरकार ने शादियों पर तो कोई रोक नहीं लगाई है लेकिन मेहमानों की संख्या घटा दी गई है. अभी तक शादियों में 50 मेहमानों को आमंत्रित किया जा सकता था लेकिन इस बार के लॉकडाउन में शादी में सिर्फ 20 मेहमानों को बुलाने की इजाजत दी गई है.

3- शादियां सिर्फ घर या कोर्ट में हो सकेंगी

इसके अलावा शादियां सिर्फ कोर्ट या घर पर ही आयोजित की जाएंगी. किसी मैरिज हॉल, बैंक्वेट हॉल या होटल में शादी की अनुमति नहीं दी गई है.  इसके साथ ही शादियों में टेंट, डीजे, कैटरिंग की परमिशन नहीं है. वहीं जिन लोगों ने डीजे, टेंट या कैटरिंग के लिए बुकिंग की हुई है उनके रुपये ऑपरेटरों को लौटाने होंगे या फिर किसी और तारीख पर वे प्रोग्राम आयोजित कर सकेंगे.

4- आवश्यक सेवाएं रहेंगी जारी

लॉकडाउन के दौरान आवश्यक सेवाएं और मेडिकल सेवाएं जारी रहेंगी वहीं दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा है कि बस अड्डो, रेलवे स्टेशनों, मंदिरों और दुकानों में कोविड उपयुक्त व्यवहार को सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी जिलाधिकारी, एसपी और संबंधित अथॉरिटी के कंधों पर होगी.

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लॉकडाउन के दौरान इन चीजों के लिए मिलेगी छूट

  • राजधानी दिल्ली में बस 50 फीसदी क्षमता के साथ चलेगी. मेट्रो सेवा पर रोक.
  • बस में सिर्फ जरूरी सेवाओं के लोगों को ही सफर की इजाजत है.
  • दिल्ली में लॉकडाउन के दौरान शादियां होंगी, लेकिन गेस्ट की संख्या 20 तय की गई है.
  • शादियों के लिए दिल्ली सरकार पास जारी करेगी.
  • सभी निजी दफ्तर बंद रहेंगे और वर्क फॉर्म होम करेंगे.
  • सरकारी दफ्तर और केंद्र सरकार के ऑफिस खुले रहेंगे.
  • सरकारी दफ्तर के लोग ऑफिस ID दिखाकर बाहर जा सकेंगे.
  • सभी मॉल, जिम, स्पा, ऑडिटोरियम, असेंबली हॉल बंद रहेंगे.
  • पेट्रोल पंप, एलपीजी, सीएनजी सेंटर खुले रहेंगे, बैंक, एटीएम भी खुले रहेंगे.
  • दिल्ली में रेस्तरां में जाकर खाने पर पाबंदी होगी, होम डिलिवरी या टेक अवे की इजाजत रहेगी.
  • रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और एयरपोर्ट जाने वाले लोगों को छूट रहेगी, हालांकि उन्हें वैलिड टिकट दिखाना होगा.
  • अगर किसी को अस्पताल जाना है, वैक्सीन लगवाने जाना है या किसी बीमार को ले जाना है, तो छूट होगी.

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  • प्राइवेट मेडिकल कर्मियों को वैध आईडी के उत्पादन पर छूट दी गई है.
  • मीडियाकर्मियों को ऑफिस ID कार्ड के साथ आवाजाही की इजाजत होगी.
  • जरूरी सामान जैसे फल सब्जी दूध दवा आदि से जुड़े दुकानदारों को ईपास बनवाना होगा.
  • धार्मिक स्थान खोले जा सकते हैं, लेकिन श्रद्धालुओं को इजाजत नहीं होगी.
  • अंतिम संस्कार में 20 से ज्यादा लोग शामिल नहीं हो सकते.
  • शॉपिंग सेंटर, मॉल, साप्ताहिक बाजार, रेस्टोरेंट और बार, ऑडिटोरियम असेंबली हॉल, एंटरटेनमेंट और वाटर पार्क, पब्लिक पार्क और गार्डन, स्पोर्ट्स कंपलेक्स, जिम, स्पा, बार्बर शॉप, सलून बंद रहेंगे.

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AMU : कैंपस में कोविड की तबाही, 17 प्रोफेसरों की मौत-कुलपति ने नए वैरिएंट का अंदेशा जताते हुए ICMR को भेजा सैंपल

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अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के 17  एक्टिंग (कार्यरत) प्रोफेसरों की कोविड-19 से मौत हो चुकी है. जरा सोचकर देखिए. ये कोई सामान्य घटना नहीं है. बल्कि असामान्य है. वे प्रोफेसर, जिनकी काबिलियत के बूते एमएमयू का देश-दुनियां में डंका बजता है. उन्हें एक अदृश्य वायरस लील गया. लगातार मौतों से चिंतित एमएयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के महानिदेशक बलराम भार्गव को पत्र लिखा है. जिसमें कैंपस और सिविल लाइंस इलाके में फैल रहे कोविड-19 के वैरिएंट का सैंपल भेजकर उसकी जांच की मांग की है.

एएमयू कैंपस में जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज है. इसकी माइक्रोबायोलॉजी लैबोरेटरी ने सिविल लाइंस और कैंपस में मिले कोविड वैरिएंट की जांच इंस्टीट्यूट ऑफ जिनोमिक एंड इंटैग्रेटेड बायोलॉजी से जांच कराने को कहा है. ये अंदेशा जताया जा रहा है कि कैंपस और इसके नजदीकी मुहल्लों में कोविड का ज्यादा घातक और नया वैरिएंट फैल रहा है, जिससे इतनी अधिक मानवीय क्षति हो रही हैं.

कुलपति ने आइसीएमआर से आग्रह किया है कि हमारी लैब से भेजे गए सैंपल का अध्ययन किया जाए. जिससे ये पता लग सके कि क्या अलीगढ़ में कोविड का कोई नया वैरिएंट तो नहीं फैल रहा है. ताकि संक्रमण की पहचान कर उसकी तीव्रता को थामा जा सके.


एएमयू के प्रोफेसर शकील समदानी और नदवातुल उलमा के उप नाजिम मौलाना मुहम्मद हमजा का इंतकाल


एएमयू कैंपस में संक्रमण की तबाही देश भर में चर्चा का विषय बनी है. शायद ये देश का पहला ऐसा शैक्षिक संस्थान है, जिसमें इतनी ज्यादा जाने गई हैं. अब तक मरने वालों में वर्तमान और रिटायर प्रोफेसरों की संख्या 40 से अधिक है, जिसमें कर्मचारी भी हैं.

हाल ही में लॉ विभाग के डीन प्रोफेसर शकील अहमद समदानी का इंतकाल हो गया था. उनकी मौत की खबर ने शिक्षकों के साथ छात्रों को भी झकझोर कर रख दिया है. छात्रों के मुताबिक कुछ ऐसे प्रोफेसरों की भी इस काल में मौत हुई है, जो पूरी तरह से फिट थे. इसमें अंग्रेजी के एक युवा प्रोफेसर भी शामिल हैं.


सिर्फ कोरोना वायरस नहीं, ये अदृश्य जीव भी ले रहे हर साल सात लाख इंसानों की जान


 

इन प्रोफेसरों की हो चुकी मौत

-प्रोफेसर शकील समदानी

पूर्व प्रॉक्टर – प्रोफेसर जमेशद सिद्दीकी

उर्दू विभाग के प्रोफेसर मौलाना बख्श अंसारी

सुन्नी थियोलॉजी के प्रोफेसर एहसानउल्ला फहाद

प्रोफेसर मुहम्मद अली खान
प्रोफेसर काजी मुहम्मद जमशेद

प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस सिद्दीकी

इलमुल अदबिया के चेयरमैन गुमरान अहमद

प्रोफेसर साजिद अली खान

प्रोफेसर मुहम्मदद इरफान

प्रोफेसर मुहम्मदद सैयदुज्जमन

प्रोफेसर जिबरैल, प्रोफेसर खालिद बिन यूसुफ

प्रोफेसर मुहम्मद यूसुफ अंसारी शामिल हैं.

16 दिन में 17 की मौत

पिछले एक पखवाड़े से कैंपस में रंजो-गम का आलम है. क्योंकि अमूमन हर एक-दो दिन में किसी की मौत हो जा रही है. बीते 16 दिनों में करीब 17 लोगों की मौत हो चुकी है. लगातार होने वाली कैजुअलटी को देखकर विवि प्रशासन भी हिल गया है और अब उसने कैंपस के वैरिएंट की जांच कराने की पहल की है.


बदायूं : जिला काजी सालिमुल कादरी के जनाजे में उमड़ी हजारों की भीड़, बेखबर पुलिस अब महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई में जुटी


 

इस कोविड काल में एएमयू का जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई शायद ही कभी हो पाए. प्रोफेसरों की मौत यकीनन उनके परिवार का व्यक्तिगत नुकसान है. लेकिन ये पूरे समाज और देश का भी बड़ा नुकसान है. इसलिए क्योंकि इन्हीं काबिल प्रोफेसरों की बदौलत एएमयू दुनिया में अपना रुतबा बनाए हुए है. बहरहाल, अब और क्षति न हो, इसको लेकर विवि प्रशासन ज्यादा एक्टिव हो गया है.

एएमयू के छात्रों ने अब तक कोविड से मारे जा चुके प्रोफेसरों की एक सूची जारी की है. हालांकि इसकी कोई अधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं हुई है. लेकिन छात्रों का तर्क है कि उन्होंने स्वयं ही सूची तैयार की है. ये और सही है.

#CoronaVirus: दूसरी लहर का प्रकोप जारी, 24 घंटे में 3.66 लाख नए मरीज, 4 दिन बाद 4 लाख से कम केस

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नई दिल्ली। देश कोरोना वायरस की दूसरी लहर का प्रकोप जारी है। चार दिन बाद आज यानी सोमवार को कोरोना संक्रमण के मामलों और कोविड से होने वाली मौतों में मामूली गिरावट दर्ज की गई है। देश में बीते 24 घंटे में 3.66 लाख से अधिक नए कोरोना मरीज मिले हैं और 3,754 लोगों की जान चली गई है।

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दूसरी लहर से देश में हाहाकार

इससे पहले, पिछले चार दिनों से लगातार हर रोज 4 लाख से ज्यादा नए कोरोना मरीज मिल रहे थे। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के चलते देश भर में हाहाकार मचा हुआ है। लगातार बढ़ते कोरोना मरीजों की वजह से देश भर के अस्पतालों में बेड, वेंटिलेटर, रेमडेसिविर और ऑक्सीजन की भारी किल्लत है।

24 घंटे में 3,754 लोगों ने दम तोड़ा

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में बीते 24 घंटों में 3,66,161 नए कोरोना मरीज मिल हैं। इसके साथ ही देश में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 2,26,62,575 पहुंच गई है। वहीं देश में लगातार दूसरे दिन 3,754 लोगों ने दम तोड़ा है। इसके साथ कोविड से मरने वालों की संख्या 2,46,116 पहुंच गई।

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देश में कोरोना की स्थिति

कुल कोरोना मामले- 2 करोड़ 26 लाख 62 हजार 575
कुल डिस्चार्ज-  1 करोड 86 लाख 71 हजार 222
कुल मौत- 2 लाख 46 हजार 116
एक्टिव केस-  37 लाख 45 हजार 732
कुल टीकाकरण- 17 करोड़ 01 लाख 76 हजार 603 लोगों को वैक्सीन दी गई

देश में तेजी से बढ़ रहे सक्रिय मामले

स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी जारी है। राहत की बात ये है कि, पिछले 24 घंटे में रिकॉर्ड 3,53,818 कोरोना मरीज स्वस्थ होकर अपने घर लौट गए हैं। इसके साथ ही देश में अब तक 1,86,71,222 मरीज कोरोना वायरस को मात देने में कामयाब हुए हैं।

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अमेरिका के बाद सबसे अधिक भारत में सक्रिय मामले

रोजाना के आधार पर दर्ज होने वाले नए कोरोना केसों की संख्या में ठीक होने वाले मरीजों की संख्या बेहद कम है। फिलहाल, देश में सक्रिय मामले बढ़कर 37,45,237 पहुंच गए हैं। सक्रिय मामलों की संख्या अमेरिका के बाद सबसे अधिक भारत में है।

 

बदायूं : जिला काजी सालिमुल कादरी के जनाजे में उमड़ी हजारों की भीड़, बेखबर पुलिस अब महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई में जुटी

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द लीडर : उत्तर प्रदेश के बदायूं शहर में जिला काजी अब्दुल हमीद मुहम्मद सालिमुल कादरी का रविवार को इंतकाल हो गया. करीब 80 वर्षीय सालिमुल कादरी लंबे समय से बीमार चल रहे थे. रविवार को जब उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया. तो उनके जनाजे में हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी. इसके कई वीडियो सामने आए हैं. जिसमें भारी भीड़ नजर आ रही है. कोविड-19 में इस भीड़ पर सवाल उठने के बाद स्थानीय पुलिस ने कार्रवाई की बात कही है. (Badaun Funeral Qazi Salimul Qadri Police Epidemic Act)

सालिमुल कादरी खानकाह आलिया कादरिया के सरपरस्त थे. बदायूं समेत रुहेलखंड परिक्षेत्र में उनके चाहने वालों की संख्या काफी बड़ी है. यही वजह है कि जब उनके इंतकाल की खबर आम हुई तो वे लॉकडाउन की बंदिशों को भूलकर उमड़ पड़े.

हालांकि हालात के मद्देनजर जिस तादाद में भीड़ जनाजे में शामिल हुई, उसको लेकर मुस्लिम समाज से भी बेचैनी सामने आई है. और सवाल उठाया जा रहा है कि कोविड के खतरे को भूलकर इस तरह जुटना गलत था. इस तरह की गलतियों से संक्रमण की चैनत तोड़ना मुश्किल होगा.


अल अक्सा मस्जिद में नमाज के दौरान इजरायली सैनिकों ने फिलिस्तीनियों पर दागे रबड़ के गोले, 180 नमाजी जख्मी


 

समाजवादी पार्टी से बदायूं के पूर्व सांसद धर्मेंद्र सिंह यादव ने सालिमुल कादरी के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि वह मेरे संरक्षक के रूप में थे. उनका जाना मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है. धर्मेंद्र यादव ने उनकी मगफिरत की दुआ की है.

सोशल मीडिया पर जनाजे में भीड़ जुटने के बाद जब सवाल उठने लगे. और लोग बदायूं पुलिस को टैग करके कार्रवाई का प्रश्न पूछने लगे. तब पुलिस ने कहा कि प्रकरण संज्ञान में आते ही कोतवाली थाने में धारा-188, 269 और 270 के तहत मामला दर्ज किया गया है. और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में टीम गठित कर साक्ष्य जुटाकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है.

गौरव मिश्रा नामक एक ट्वीटर यूजर ने वीडिया शेयर करते हुए लिखा-ये भीड़ कुंभी की नहीं है. होती तो विधवा विलाप शुरू हो जाता. ये बदायूं के अब्दुल हमीद सालिमुल कादरी बदायूंनी की मौत में उमड़ी भीड़ है. इसी तरह कई अन्य यूजर बदायूं पुलिस को ट्वीटर पर टैग कर रहे हैं.


जुल्म के खिलाफ डटकर खड़े होने वाले हजरत अली का आज शहादत दिवस है, मुसलमानों को उनके किरदार से सीखने की जरूरत


 

अभिषेक रस्तोगी ने लिखा-बदायूं में किसी मुस्लिम धर्मगुरु की अंतिम यात्रा में जनसैलाब. क्या इसी तरह लॉकडाउन का पालन किया जाना है. इससे बेहतर है कि लॉकडाउन हटा दिया जाए.

वहीं, कई लोग पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठा रहे हैं. इस तर्क के साथ कि मुस्लिम समाज की एक बड़ी धार्मिक हस्ती का निधन होने पर ये पता होना चाहिए कि भीड़ उमड़ेगी. पुलिस ने शुरुआत में ये व्यवस्था क्यों नहीं की, कि भीड़ न जुटे. एक तरह से पुलिस ने जनाजे में भीड़ को पूरी आजादी के साथ जुटने दिया. और कार्रवाई का तर्क गढ़ रही है. ठीक वैसे जब अपराध के बाद पुलिस सक्रिय होती है. उससे पहले अपराध रोकने की उसकी कोई जवाबदेही और जिम्मेदारी नहीं होती.

UP में युवक ने प्रेमिका के सामने पानी की टंकी से लगाई मौत की छलांग, देखें वीडियो

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द लीडर : उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में रविवार को एक युवक ने 100 फुट ऊंची पानी की टंकी से प्रेमिका के सामने छलांग लगा दी. युवक और उसकी प्रेमिका एक साथ अस्पताल में काम करते थे. घटना से पहले दोनों के बीच झगड़ा हुआ तो उसने टंकी से कूद कर जान दे दी. घटना सरायलखनसी थाना क्षेत्र की है.

बलिया के रसड़ा तहसील के बैजलपुर गांव निवासी सतीश कुमार ( 26 साल ) मऊ के फातिमा अस्पताल में लैब टेक्नीशियन थे. उसकी कथित प्रेमिका भी अस्पताल में काम करती है. रविवार को दोनों के बीच किसी बात पर झगड़ा हो गया. इसके बाद संतोष अस्पताल कैंपस में बनी पानी की टंकी पर चढ़ गया. अस्पताल प्रशासन की सूचना पर पुलिस पहुंच गई और संतोष को नीचे उतरने के लिए कहा, मगर वह प्रेमिका को बुलाने की मांग करने लगा ।

पुलिस ने प्रेमिका को बाहर बुलाया, तभी संतोष ने टंकी से छलांग लगा दी. इससे अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई. यह देख पुलिस और अस्पताल प्रशासन के लोग टंकी की तरफ दौड़ पड़े, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. पुलिस ने मृतक के परिवार को सूचित किया.

नोट : खबर के साथ अटैच वीडियो के दृश्य आपको विचलित कर सकते हैं. द लीडर इस तरह की घटनाओं का समर्थन नहीं करता है. 

सीतापुर जेल में आजम खां की तबियत बिगड़ी, बेटे अब्दुल्ला के साथ लखनऊ के मेदान्ता अस्पताल में भर्ती

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिला कारागार में बंद आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को लखनऊ मेदान्ता हॉस्पिटल में शिफ्ट  कर दिया गया है। सीओ सहित कई थानों की पुलिस फोर्स की निगरानी में सांसद आजम खां और उनके बेटे को एम्बुलेंस ली मदद से लखनऊ भेजा गया था।जानकारी  के मुताबिक, बीती 1 मई को आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खां की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आयी थी, जिसके बाद से ही आजम खां की तबियत बिगड़ने लगी थी। जेल प्रशासन के मुताबिम आजम खां और उनके बेटे को सीतापुर सीएमओ की रिपोर्ट के आधार पर दोनों को बेहतर इलाज के लिए लखनऊ शिफ्ट किया गया हैं।

 सपा सांसद आजम खां और उनका बेटा अब्दुल्ला आजम खां पिछले 14 महीनों से सीतापुर जिला कारागार में बंद है। कोरोना संक्रमण के दौरान बीती 28 अप्रैल को बुखार की शिकायत पर जेल प्रशासन ने आजम खां और बेटे सहित अन्य बंदियों का एंटीजन टेस्ट करवाया था, जिसमें आजम खां और उनका बेटा पॉजिटिव पाए गए थे और जिसके बाद वह आरटीपीसीआर में भी पॉजिटिव पाये गए थे। बीती 1 मई को आजम खां की हालत बिगड़ने पर उन्हें लखनऊ के केजीएमयू हॉस्पिटल में शिफ्ट करने की तैयारी शुरू की गई और सभी तैयारियां पूरी भी हो गयी थी। जेल सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, 1 मई की शाम से देर रात तक जेल के अंदर आजम खां को मनाने की कोशिशें चलती रहीं और आखिरकार 3 घण्टे की कड़ी मशक्कत के बाद आजम खां ने लखनऊ हॉस्पिटल जाने से मना कर दिया और उनकी सुरक्षा में लगी फोर्स और एम्बुलेंस बैरंग लौट गई। बताते हैं कि आजम दिल्ली एम्स जाने की मांग कर रहे थे।

रविवार को फिर बिगड़ी आजम की हालत

रविवार को फिर आजम खां की हालत बिगड़ने की खबर आई, जिसके चलते जेल प्रशासन ने लखनऊ स्थित मेदान्ता हॉस्पिटल शिफ्ट करने की तैयारी में जुट गया। जेलर आरएस यादव का कहना है कि सीतापुर सीएमओ की रिपोर्ट के आधार पर ही आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को अडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम एम्बुलेंस के जरिए मेदान्ता भेजा गया हैं। जेल प्रशासन का कहना हैं कि डॉक्टरों की रिपोर्ट के बाद ही दोनों को लखनऊ शिफ्ट करने की योजना बनायी गई थी और उन्हें मेदान्ता अस्पताल में भर्ती कर दिया गया ।

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सांसद आजम खान की हालत बिगड़ी, लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराए जाने की उठ रही मांग

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द लीडर : रामपुर से सांसद आजम खान कोरोना संक्रमित हैं. रविवार को उनकी तबीयत बिगड़ गई. ऑक्सीजन का स्तर नीचे गिरने के बाद उन्हें मेदांता अस्पताल में भर्ती कराए जाने की तैयारियां चल रही हैं. रविवार को एसडीएम सदर अमित भट्ट और सीओ पीयूष कुमार सीतापुर जिला कारागार पहुंचे, जहां आजम खान बंद हैं. आजम खान के बेटे अदीब आजम खान ने बताया कि आजम खान ने स्वयं लखनऊ के मेदातां अस्पताल में ले जाने को कहा है. हालांकि अब उनकी हालत ठीक है और घबराने की कोई बात नहीं है.

आजम खान की तबीयत बिगड़ने की खबर सामने आने के बाद कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने आजम खान को उपचार के लिए अच्छे अस्पताल में भर्ती कराने और पैरोल पर रिहा किए जाने की मांग उठाई है. ट्वीटर पर आजम खान को रिहा किए जाने का ट्रेंड ऊपर आ रहा है.

आजम खान समाजवादी पार्टी के कद्दावरत नेता हैं. वह और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम पिछले साल से सीतापुर जेल में बंद हैं. पिछले दिनों दोनों लोग जेल में संक्रमित पाए गए थे. उसके बाद से ही उनके उपचार और सुरक्षा को लेकर लगातार मांग उठ रही है.