अल अक्सा मस्जिद में नमाज के दौरान इजरायली सैनिकों ने फिलिस्तीनियों पर दागे रबड़ के गोले, 180 नमाजी जख्मी

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Namaz Al Aqsa Mosque Israeli Soldiers Palestinians 180 Injured
अल अक्सा मस्जिद परिसर में मौजूद इजरायली सैनिक. शुक्रवार की रात यहां हिंसा भड़क गई थी. फोटो साभार ट्वीटर

द लीडर : फिलिस्तीनियों पर इजरायल का जुल्म जारी है. अलविदा के रोज भड़की हिंसा अल-अक्सा मस्जिद के अंदर तक पहुंच गई. यहां नमाज अदा करने आए करीब 180 फिलिस्तीनी नागरिक इजरायली सैनिकों की कार्रवाई में घायल हुए हैं. जिसमें 18 गंभीर रूप से जख्मी हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. द फिलिस्तीन रेड क्रिसेंट इमरजेंसी सर्विस ने भी अपने नागरिकों के घायल होने की पुष्टि की है.

अल अक्सा मुसलमानों की ऐतिहासिक मस्जिद है. यहां शुक्रवार की शाम को नमाज से पहले विवाद हुआ, जो बाद में मस्जिद तक पहुंच गया. इजरायली सैनिकों ने मस्जिद के अंदर मौजूद फिलिस्तीनियों पर आंसू गैस, रबड़ बुलेट दागे. जिसमें कईयों के आंख, चेहरे पर चोटें पहुंची हैं. अल अक्सा के अंदर झड़प के कुछ वीडियो भी सामने आए हैं.

एसोसिएट प्रेस के मुताबिक हिंसा में इजरायल सेना के छह सैनिक भी घायल हुए हैं. विवाद की शुरुआत शेख जर्राह से हुई्. ये येरुशलम का पूर्वी हिस्सा है. यहां इजरायली और फिलीस्तीनी नागरिकों में झड़प हो गई. यही विवाद क्षेत्र के अन्य हिस्सों तक जा पहुंचा.


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दरअसल, येरुशलम विवादित क्षेत्र है, जो इजरायल के कब्जे में है और फिलिस्तीन अपना हक जता रहा है. इसी हिस्से को लेकर अब तक हजारों बेकसूर लोग मारे जा चुके हैं और जो आए दिन हिंसा का सबब भी बनता रहता है. बहरहाल घटना पर संयुक्त राष्ट्र संघ के अलावा दुनिया के अन्य देशों ने भी संज्ञान लिया और इजरायल व फिलिस्तीन से शांति बनाए रखने की अपील की है.

मिस्र के विदेश मंत्रालय ने मस्जिद के अंदर हिंसा की कड़ी निंदा की है. और उन्होंने इजरायल से फिलिस्तीनी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा किए जाने की अपील की है. मंत्रालय के प्रवक्ता अहमद हफीज ने कहा कि फिलिस्तीन के अधिकार क्षेत्र वाले क्षेत्र में अवैध रूप धमकी दी जा रही है. जो अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करता है और दो राज्यों के समाधान तक पहुंचने को रोकता है. उन्होंने क्षेत्र की सुरक्षा और स्थितरता के प्रति खतरे का अंदेशा भी जताया है.


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अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रविवार को फिर से हिंसा भड़कने की आशंका है. इसलिए क्योंकि ये तारीख इस्लामिक कैलेंडर की महत्वपूर्ण रात है, जिसे डेस्टिनी ऑफ नाइट के रूप में जाना जाता है. इस दिन फिलिस्तीनी नागरिक अल अक्सा मस्जिद में एकत्र होंगे और नमाज अदा करेंगे. ये येरुशलम दिवस की शुरुआत भी है. इसी दिन इजरायल में राष्ट्रीय अवकाश भी है.

फिलिस्तीनियों पर इजरायली सेना की बबर्रता को लेकर दुनिया भर के मुस्लिम जगत से विरोध दर्ज कराया जा रहा है. और कूटनीतिक स्तर पर भी शांति व्यवस्था बनाए रखने की कोशिशें चल रही हैं.

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