दुनियाभर में मुस्लिम महिलाओं ने मनाया विश्व हिजाब दिवस

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दुनियाभर के तमाम देशों, खासतौर पर यूरोपीय देशों और अमेरिका में इस्लामोफोबिया बढने से हिजाब निशाने पर है। कई जगह हिजाब बैन कर दिया गया है। ऐसे में पूरी दुनिया में मुस्लिम महिलाओं ने हिजाब की अहमियत और निजी आजादी के प्रतीक स्वीकारने के लिए जोरशोर से विश्व हिजाब दिवस मनाया। एक फरवरी को हजारों महिलाओं ने मंगलवार को 10वां विश्व हिजाब दिवस सोशल मीडिया पर हैशटैग #DressedNotOppressed के साथ सेल्फी पोस्ट करके मनाया। (World Hijab Day)

विश्व हिजाब दिवस संगठन के एक प्रवक्ता ने अरब समाचार से कहा, “यह बड़ी दुखद बात है कि कुछ देश ऐसे हैं जो हमारे धार्मिक परिधानों पर प्रतिबंध लगाना चाहते हैं, हम हमारे धार्मिक पहनावे के अधिकार से वंचित करने के इस उत्पीड़न के खिलाफ हैं।


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एक कनाडाई मुस्लिम शिक्षिका को दिसंबर में क्यूबेक के एक स्कूल से हटा दिया गया था, क्योंकि वह हिजाब पहनती थीं। वहां 2019 में पारित एक कानून के तहत सिविल सेवकों को काम पर दिखाई देने वाले धार्मिक प्रतीकों को पहनने से रोक दिया गया है।

प्रवक्ता ने कहा “ऐसा लगता है कि कनाडा केवल क्यूबेक में यह कर रहा है, जहां उनके फ्रांस के साथ घनिष्ठ संबंध हैं, लेकिन कुछ देश पूरी तरह आक्रामक हैं और यह हमारे लिए बहुत कठोरता का बर्ताव है, कि जैसा वे चाहते हैं वैसा जीएं।

WHD ने कहा कि इस साल गैर-मुसलमानों की ओर से भी इस आयोजन को मदद मिली और कनाडा की शिक्षिका के समर्थन में “टीचर्स फॉर फतेमेह” अभियान ने रफ्तार पकड़ ली है। (World Hijab Day)


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उन्होंने कहा, “मुसलमानों को भी अपने गैर-मुस्लिम दोस्तों और परिवार को ठीक से शिक्षित करने के लिए तैयार रहना चाहिए।”

विश्व हिजाब दिवस को चिह्नित करने के लिए वैश्विक आभासी सम्मेलन किया गया, जिसमें वक्ताओं और अन्य प्रतिभागियों ने “हिजाबोफोबिया” जुड़े मुद्दों पर चर्चा की और रोजमर्रा की जिंदगी में आई मुश्किलों पर नजरिया पेश किया।

पहली बार, WHD ने अभियान को आगे बढ़ाने, जागरूकता बढ़ाने और अपनी पहुंच बढ़ाने की कोशिश में कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और व्यवसायों के साथ सहयोग किया – जिनमें अमेरिकन एयरलाइंस और फेसबुक की मूल कंपनी मेटा भी शामिल हैं। (World Hijab Day)

विश्व हिजाब दिवस हर साल 1 फरवरी को मनाया जाता है। इसके लिए गैर-लाभकारी संगठन की स्थापना 2013 में बांग्लादेशी अमेरिकी नज़मा खान ने की, जिसका मकसद लोगों को शिक्षित करना और जागरूकता बढ़ाना था। इसका पहला वार्षिक कार्यक्रम न्यूयॉर्क में फेसबुक पर आयोजित किया गया था, जो अब वैश्विक घटना बन गया है।

WHD ने कहा कि जो महिलाएं हिजाब पहनती हैं, जिन्हें हिजाबी के रूप में जाना जाता है, उन्हें अपने आसपास की तमाम बेसिरपैर की बातों का सामना करना पड़ता है, जिसमें यह विचार भी शामिल है कि इस्लाम एक हिंसक धर्म है, कि हिजाब आतंकवाद से जुड़ा है, और यह कि मुस्लिम महिलाओं पर अत्याचार किया जाता है और इसे पहनने के लिए मजबूर किया। जबकि हकीकत ये है कि हिजाब में रहने के बावजूद तमाम महिलाओं ने दुनियाभर में कीर्तिमान स्थापित किए हैं।


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