द लीडर : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव भाजपा के धुर विरोधी माने जाते हैं. यही पहचान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की है. मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में यही दो ऐसे क्षत्रप दल हैं, जो भाजपा से सीधे मुचैटा ले रहे हैं. नजर दौड़ाकर देखेंगे तो बाकी, ज्यादातर क्षेत्रीय पार्टियां रक्षात्मक मुद्रा में नजर आएंगी. चूंकि बंगाल में विधानसभा का सियासी रण सजा चुका है. ऐसे में लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव का बंगाल जाकर ममता बनर्जी के साथ खड़ा होना, दो मायनों में खास है. (Bengal Tejaswi Mamta Lalu Yadav)
पहले ये जान लें कि बंगाल की 294 विधानसभा सीटों पर 27 मार्च से 8 चरणों में चुनाव होंगे. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (TMC)और भाजपा के बीच मुख्य मुकाबला है, इसमें कोई दोराय नहीं. कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी का गठबंधन है. हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी की (AIMIM)भी बंगाल में चुनाव लड़ेगी.
इस सबके बीच बंगाल में भाजपा का जनधार लगातार मजबूत हो रहा है. जिसका श्रेय, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह के बेमिसाल नेतृत्व को है.
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केंद्र की सत्तारूढ़ भाजपा आज देश की सबसे ताकतवर पार्टी है. जाहिर है कि उसके सामने टीएमसी अकेली और छोटी नजर आती है. जिस पर भाजपा ने मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करने का इल्जाम भी मढ़ रखा है.
ऐसे में बिहार-विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव का ममता बनर्जी के साथ खड़े होने का पहला संदेश तो भाजपा को है. तेजस्वी, ममता के साथ जाकर ये जतना चाहते हैं कि पिता लालू यादव के नक्शेकदम पर चलकर, हर मोर्च पर भाजपा से डटकर लड़ेंगे.
अगर लालू जी BJP से हाथ मिला लेते तो वो आज हिंदुस्तान के राजा हरीशचंद्र होते।तथाकथित चारा घोटाला दो मिनट में भाईचारा घोटाला हो जाता अगर लालू जी का DNA बदल जाता।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 26, 2017
इसके दो लाभ है. पहला-तेजस्वी की छवि लालू यादव जैसे बेबाक और धाकड़ नेता की बनेगी. जैसी कोशिश दिखती है. दूसरा, राजनीतिक स्तर पर ये संदेश जाएगा कि लालू की आरजेडी, हर हाल में भाजपा से लड़ने का दम रखती है. बंगाल जाने से न सिर्फ बिहार बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी तेजस्वी और उनकी पार्टी का कद ऊंचा होगा. इसमें कोई शंका नहीं है.
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दरअसल, पिछले साल बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी को भाजपा-जदयू गठनबंधन से शिकस्त खानी पड़ी थी. मगर चुनाव के बाद से तेजस्वी मुख्यमंत्री नितीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार को शिक्षा, रोजगार और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर लगातार कठघरे में खड़ा करते रहे हैं.
सदन में ऐसा भी एक मौका आ चुका है, जब मुख्यमंत्री नितीश कुमार को तेजस्वी यादव पर भड़कते देखा गया.
हाल में तेजस्वी यादव ने जिस तरह से रोजगार के मुद्दे पर नितीश सरकार की नाक में दम कर रखा है. और डबल इंजन की सरकार बोलकर हमला कर रहे हैं. वह एक मजबूत विपक्षी नेता की छवि बनाने में सफल होते दिख रहे हैं. और जिसे वह बड़े फलक पर प्रोजेक्ट करने की कोशिश में दिखते हैं.
सोमवार को तेजस्वी यादव ने बंगाल में ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद जो संदेश दिया. पहले, उसे समझ लीजिए. तेजस्वी ने कहा कि, ‘जहां भी जरूरत पड़े हम, ममता बनर्जी के साथ खड़े हैं. हमारी पहली कोशिश है कि भाजपा को यहां बढ़ने से रोकना.
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ममता जी को जिताने में हम पूरी ताकत लगाएंगे. भाजपा ने देश के लोगों को ठगने का काम किया है.’ इस दौरान तेजस्वी ने लोगों से ममता बनर्जी के पक्ष में वोट डालने का आह्वान भी किया है. इस बयान में भी तेजस्वी भाजपा को निशाने पर लिए हैं.
जहां भी ज़रूरत पड़े हम ममता बनर्जी के साथ खड़े हैं। हमारी पहली कोशिश है कि भाजपा को यहां पर बढ़ने से रोकना। ममता जी को जिताने में हम पूरी ताकत लगाएंगे। भाजपा ने देश के लोगों को ठगने का काम किया है: पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद, RJD नेता तेजस्वी यादव pic.twitter.com/wUgVLdF9M6
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 1, 2021
वहीं, तेजस्वी से मिलकर ममता बनर्जी ने कहा कि, ‘हम लड़ रहे हैं तो तेजस्वी भाई लड़ रहे हैं. अगर तेजस्वी लड़ रहे हैं तो हम लड़ रहे हैं. यह संदेश भाजपा को जाना चाहिए. आप जान लीजिए बिहार में आपकी सरकार नहीं टिकेगी. बंगाल में भी आपको कुछ नहीं मिलने वाला है.’
हम लड़ रहे हैं तो तेजस्वी भाई लड़ रहे हैं। अगर तेजस्वी लड़ रहे हैं तो हम लड़ रहे हैं। यह संदेश भाजपा को जाना चाहिए। आप जान लीजिए बिहार में आपकी सरकार नहीं टिकेगी। बंगाल में भी आपको कुछ नहीं मिलने वाला है: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तेजस्वी यादव से मुलाकात के बाद pic.twitter.com/DHuqLS2LI7
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 1, 2021
बंगाल में आरजेडी अपने प्रत्याशी मैदान में उतारेगी. पत्रकारों के इस सवाल को तेजस्वी टाल गए. हालांकि बंगाल में आरजेडी का कोई मजबूत जनाधार नहीं है. और जिस तरह से उन्होंने ममता के साथ खड़े होने का संदेश दिया है. उससे इस बात की संभावना कम ही बचती है कि आरजेडी अपने कैंडिटेड खड़े करेगी.