द लीडर. दुनियाभर में सुन्नी बरेलवी मुसलमानों का मरकज कही जाने वाली दरगाह आला हजरत से साफ किया गया है कि बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा के तरीके सीखने और जुल्म के खिलाफ आवाज बुलंद करने का पूरा हक है. अगर कहीं उनका उत्पीड़न किया जा रहा है तो उससे बचने के लिए वे सरकारी हेल्पलाइन पर इसकी इत्तेला संबंधित अफसरों को दे सकती हैं. ये सब जानकारी देने के लिए दरगाह पर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के बैनर तले सम्मेलन आयोजित किए गए.
मिशन शक्ति के तहत इस खास कार्यक्रम की सरपरस्ती दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खां सुब्हानी मियां ने की. महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंवन पर मदरसा शिक्षकों व बुद्धजीवियों ने तकरीर की. महिलाओं के भीतर जागरूकता पैदा करने का प्रयास किया गया.
सेल्फ डिफेंस के अन्तर्गत आत्म रक्षा उपायों पर मुख्य वक्ता के रूप में मुफ्ती मुहम्मद सलीम नूरी ने बताया कि हमारा मज़हब, हमारा संविधान और हमारी हुकूमत हमें प्रेरित करती है कि महिलाएं और बालिकाएं अपनी सुरक्षा व आत्म रक्षा के लिए प्रभावी तरीके सीखें. अपने अंदर से भय की भावना निकालें. अपने अंदर व समाज में व्याप्त बुराईयों, कुरीतियों से लड़ने और जुल्म के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने का जज़्बा पैदा करें. न खुद किसी पर जुल्म करें और न अपने ऊपर किसी को जुल्म करने दें।
उन्होंने नारी सुरक्षा के लिए शासन-प्रशासन की महिला हेल्पलाईन नबरों का हवाला देते हुए बताया कि अगर आपका कोई उत्पीड़न कर रहा है तो फौरन इन महिला हेल्पलाइन नम्बर पर संपर्क करें.
इस दौरान कन्या भ्रूण हत्या को लेकर भी दरगाह में स्थापित मदरसा मंज़रे इस्लाम ने अभियान चलाया. जिसमें मुफ्ती मुहम्मद आकिल और मुफ्ती मुहम्मद अफरोज़ नूरी ने बताया कि भ्रूण हत्या हराम है और बहुत बड़ा जुर्म है. कुरान व हदीस में सख्ती से मना फरमाया गया है. हमारे देश का कानून भी इसे हत्या मानता है.
मास्टर जुबैर रज़ा ने ज़ोर देकर कहा कि हमारे समाज को नारियों और बालिकाओं पर होने वाले इस जुल्म के खिलाफ एकजुट होकर आवाज़ बलंद करने की ज़रूरत है. दरगाह के मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी व मदरसा मंज़रे इस्लाम के प्रवक्ता सय्यद अनवारूल सादात ने बताया कि आला हज़रत की स्थापित शैक्षिक संस्था लगभग 116 साल से शिक्षा, समाज सुधार व बुराईयों के खात्मे के लिए निरंतर प्रयासरत है.
मदरसा मंज़रे इस्लाम के प्रधानाचार्य ने बताया कि शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता का कार्यक्रम मिशन शक्ति सात मार्च तक चलेगा. इसमें मदरसे के शिक्षक और कर्मचारियों के साथ महिलाएं व बालिकाएं शरई दायरे में रहकर बढ़चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं.