‘नबी की शान के खिलाफ वसीम रिजवी की किताब’, मुस्लिम समाज ने उठाई बैन लगाने की मांग

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Waseem Rizvi Book Muslim
वसीम रिजवी, सदस्य शिया वक्फ बोर्ड.

द लीडर : उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के सदस्य और पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने एक बार फिर इस्लाम और मुसलमानों को लेकर विवाद को हवा दे दी है. इस बार पैगंबर-ए-इस्लाम को लेकर एक किताब लिखी है. जिसका विमोचन गाजियाबाद के डासना मंदिर में महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती से कराया. इस किताब को लेकर मुस्लिम समाज के सभी फिरकों में आक्रोश है और हर जगह से एक सुर में किताब पर बैन की आवाज आ रही है. (Waseem Rizvi Book Muslim)

वसीम रिजवी इस्लाम, कुरान, पैगंबर-ए-इस्लाम और मदरसा शिक्षा को लेकर अक्सर विवाद बयानबाजी, टिप्पणियां करते रहे हैं. वो कुरान की 26 आयतों को आतंक को बढ़ावा देने का इल्जाम लगा चुके हैं. यहां तक कि इन आयतों को हटाने के लिए सुप्रीमकोर्ट तक गए. जहां से उन्हें कड़ी फटकार के साथ 50 हजार रुपये का जुर्माना भरना पड़ा था.

अब रिजवी ने किबात लिखकर बखेड़ा खड़ा कर दिया है. जिसका शिया और सुन्नी दोनों समुदायों से विरोध किया जा रहा है. तंजीम उलमा-ए-इस्लाम के महासचिव और दरगाह आला हजरत से जुड़े मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने किताब पर तत्काल प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की है. (Waseem Rizvi Book Muslim)


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मौलाना ने कहा कि वसीम रिजवी चंद टकों की खातिर इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ बोल रहा है. पहले कुरान के खिलाफ बोला, तो अदालत से मुंह की खानी पड़ी. अब पैगंबर-ए-इस्लाम की शान के खिलाफ किताब लिखकर खुद रुसवा हो रहा है. किताब में पैगंबर साहब की एक फर्जी तस्वीर भी छापी है. उसकी ये हरकत किसी भी सूरत में बर्दाश्त के काबिल नहीं है.

इसलिए हम सरकार से मांग करते हैं कि किताब पर फौरन बंदिश लगाई जाए. इससे धार्मिक भावनाएं भड़क रही हैं, जिससे माहौल खराब होने का अंदेशा है. मौलाना ने कहा कि, समाज को कानूनी दायरे में रहकर वसीम की इस हरकत पर विरोध दर्ज कराना चाहिए. (Waseem Rizvi Book Muslim)

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शिया धर्मगुरु सैफ अब्बास ने भी किताब पर रोक लगाने और वसीम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि किताब का नाम ही तौहीन के अंदाज में लिखा गया है.

बता दें कि कुरान की 26 आयातों के विवाद के दौरान वसीम रिजवी के खिलाफ बरेली में केस दर्ज किया गया था. और दरगाह आला हजरत से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी.

डासना मंदिर में विमोचन

वसीम की तरह ही गाजियाबाद-डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती भी अपनी विवादित बयानबाजी को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. वह जिस मंदिर के महंत हैं, वहां मुसलमानों की एंट्री बैन का नोटिस लगा है. हाल ही में वह भाजपा की महिला नेताओं के किरदार पर अपनी एक कथित टिप्पणी को लेकर चर्चा में रहे थे. (Waseem Rizvi Book Muslim)


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पैगंबर-ए-इस्लाम और कुरान को लेकर वसीम रिजवी और नरसिंहानंद की बयानबाजी काफी हद तक मेल खाती है. शायद इसीलिए वसीम ने किताब के विमोचन के लिए नरसिंहानंद सरस्वती का चयन किया है.

 

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