द लीडर. बाराबंकी में 100 साल पुरानी बताई जा रही मस्जिद को शहीद करने का मामला लगातार गर्म हो रहा है. ज्यादातर मुस्लिम गलियारों से पहले ही विरोध हो चुका है. दरगाह आला हजरत पर भी इस मामले में गुस्से का माहौल देखा जा रहा है. सज्जादानशीन मुफ्ती मुहम्मद अहसन रजा कादरी उर्फ अहसन मियां ने बयान जारी करके इसका अहसास भी कराया है. उनके स्तर से हालात का जायजा लेने के लिए उलमा का एक प्रतिनिधिमंडल बाराबंकी भेजा गया है. उसका रिपोर्ट के बाद आगे सख्त कदम उठाने की बात कही है.
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दरगाह आला हज़रत पर बाराबंकी मस्जिद प्रकरण को लेकर एक अहम बैठक हुई। सदारत करते हुए दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रज़ा खां (सुब्हानी मियां) ने बाराबंकी प्रशासन के 100 साल पुरानी गरीब नवाज़ मस्जिद शहीद किए जाने की बात कहते हुए सख्त नाराज़गी का इज़हार किया। सुब्हानी मियां ने मस्जिद के दोबारा तामीर (निर्माण) की मांग करते हुए ज़िम्मेदार अधिकारियों को निलंबित करने पर जोर दिया.
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सज्जादानशीन अहसन मियां ने निंदा करते हुए कहा कि मस्जिद 1963 से वक्फ बोर्ड में रजिस्टर्ड थी। वहां पांचों वक़्त की नमाज़ अदा की जा रही थी। इल्जाम लगाया कि स्थानीय प्रशासन ने गैर कानूनी तरीके से रात के अंधेरे में मस्जिद को शहीद कर दिया. तब जबकि मामला हाइकोर्ट में लंबित है। मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि पूरे मामले की जानकारी के लिए दरगाह से एक प्रतिनिधिमंडल मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी, मौलाना आज़म हशमती, मौलाना इब्राहीम रज़ा व अब्दुल हक़ के नेतृत्व में बाराबंकी भेजा गया है। रिपोर्ट मिलते ही आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। दरगाह से उलमा को लखनऊ भेजकर आला अफसरों पर बाराबंकी प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई का दबाव बनाएंगे.
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मौलाना शहाबुद्दीन ने यह कहा
दरगाह से भेजे गए प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने बताया कि बाराबंकी में डीएम से मुलाकात करके नाराजगी जताई है. मस्जिद के फिर से निर्माण की मांग की है. जल्द सज्जादानशीन को भी मामले की पूरी जानकारी देंगे.
यह है मामला
बाराबंकी की तहसील रामसनेही घाट में गरीब नवाज मस्जिद आबाद थी. बताते हैं कि मस्जिद भूमि से जुड़ा मामला हाईकोर्ट के समक्ष है. आरोप है कि इसके बावजूद प्रशासन ने पुलिस अभिरक्षा में कार्रवाई करके मस्जिद ध्वस्त करा दी. मीडिया रिपोर्ट्स में स्थानीय अधिकारियों के हवाले से मस्जिद ढहाने की पुष्टि की गई है. बाद में प्रशासन की तरफ से मस्जिद कमेटी और वक्फ निरीक्षक पर इस संबंध में मुकदमा भी दर्ज करा दिया गया.