किसानों के साथ 11 दौर की बातचीत असफल होने के साथ ही ये साफ हो गया कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी. किसान, 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के अभ्यास में जुटे हैं. इसे रोकने के लिए मोदी सरकार भी जी-जान से लग गई है. टीकरी बॉर्डर समेत अन्य सीमाओं पर सीमेंट के पक्के बैरिकेड लगाए जा रहे हैं. दूसरी तरफ किसानों को पुलिस द्वारा नजरबंद करने की खबरें भी आ रही हैं. देखिए, दिल्ली से वरिष्ठ पत्रकार संदीप रौजी की रिपोर्ट.
अखिलेश यादव का भाजपा पर तंज, बोले-यूपी में डर और नफरत की राजनीति चल रही
रामपुर में आजम खान के घर पहुंचे सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भाजपा पर हमलावर दिखे. उन्होंने कहा कि ये सरकार झूठ और नफरत की राजनीति कर रही है. इनसे खुशहाली और पढ़ाई की क्या उम्मीद करेंगे. सुनिए अखिलेश यादव ने और क्या कहा.
आजम की रिहाई के लिए नहीं, उनकी जौहर यूनिवर्सिटी बचाने को साइकिल चलाएंगे अखिलेश
वसीम अख्तर
द लीडर. कांग्रेस नेताओं और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लेमीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी की आजम खान को लेकर खास दिलचस्पी के बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शुक्रवार को रामपुर पहुंच गए. पहले वह सांसद मोहम्मद आजम खां के घर पहुंचकर उनकी पत्नी डॉ. तजीन फातिमा, बेटे और बहू से मिले. बाद में जौहर यूनिवर्सिटी पहुंचकर वहां पढ़ने वाले स्टूडेंट्स से बात की.
आश्वस्त किया कि फिक्र नहीं करें, यूनिवर्सिटी की जमीन पर कब्जा रोकने की हम कोशिश करेंगे. यहां प्रेस कांफ्रेंस में ये भी साफ कर दिया कि सपा, आजम खां के साथ थी, है और रहेगी. जौहर यूनिवर्सिटी (Jauhar University) को बचाने के लिए विधानसभा के बजट सत्र बाद साइकिल यात्रा निकालेंगे. वह (अखिलेश) खुद भी साइकिल चलाएंगे. पत्रकारों से बातचीत में वह प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ भी खुलकर बोले. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम लिए बगैर निशाना साधा.
पूर्व मुख्यमंत्री ने आपराधिक घटनाओं खासतौर से बदायूं में आंगनवाड़ी कार्यकत्री के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को बहुत ही शर्मनाक बताया. किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार डराने में लगी है. जब किसानों का समर्थन किया तो हमारी फ्लीट नहीं निकलने दी. जबकि हम भी मुख्यमंत्री रहे हैं.
इल्जाम लगाया कि इन्हें आता ही यह है कि ठोक दें. मरवा दें, बुल्डोजर चलवा दें. जिन्होंने जिंदगी भर ठोकना और मारना सीखा हो, उनसे पढ़ाई कि उम्मीद ही नहीं की जा सकती. मुख्यमंत्री की भाषा नहीं देखी, विधानसभा में कहते हैं, ठोक देंगे. इसी का परिणाम है कि यूपी में कितने फेक एनकाउंडर हुए.
ओवैसी ने गरमाई यूपी की सियासत, अखिलेश यादव बोले-आजम हमारे नेता, दूसरों से ज्यादा हमें उनकी चिंता
शर्म आना चाहिए सरकार को, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने नोटिस लिया, सरकार से मुआवजा देने के लिए कहा, कस्टोडियन डेथ उप्र में सबसे ज्यादा हैं. यह धर्म को लेकर बात करते हैं. हमारा धर्म, हिंदू धर्म ऐसा नहीं है कि दूसरों को कष्ट दे. हमारा धर्म और किताबें यही कहती हैं कि योगी वही हैं जो दूसरों का दुख, दर्द अपना समझें.
सवाल किया कि क्या यह मुख्यमंत्री ऐसे हैं, जो दूसरों का दुख अपना समझें, बल्कि यह दूसरों को दुख देते हैं. अखिलेश यादव ने कहा कि हम जौहर यूनिवर्सिटी के इसलिए भी साथ हैं क्योंकि आजम खान हमारी पार्टी के नेता हैं. इससे भविष्य बनने वाला है. इसमें अब आजम या उनके परिवार के लोग पढ़ने के लिए थोड़े आएंगे, इसमें आने वाली पीढ़ी पढ़ेगी.
राममंदिर के लिए चंदा नहीं, वहां जाकर दक्षिणा दूंगा: अखिलेश
अगर उनके सपने सरकार तोड़ रही है तो जनता सड़कों पर आएगी. सपा मुखिया ने जौहर यूनिवर्सिटी को बचाने की बात तो कही लेकिन आजम खां को रिहा कराने के प्रयास पर कुछ नहीं बोले. ओवैसी के आजम खां से जेल में मिलने जाने की बात का भी सीधा जवाब नहीं दिया. अखिलेश करीब चार घंटे रामपुर में रुककर यह साबित करने में लगे रहे कि वह और उनकी पार्टी हर तरह से आजम खां के साथ है.
अब जहां तक आजम खां और उनकी पत्नी का सवाल है कि वे इस कवायद से कितने संतुष्ट हैं, इसे लेकर उनका अभी कोई बयान नहीं आ है. हां, अखिलेश के रामपुर पहुंचने से इतना जरूर हुआ कि आजम खां के जेल जाने के बाद पहली बार उनके समर्थकों की इतनी ज्यादा भीड़ सड़कों पर दिखाई दी.
तूने मुझे बुलाया शेरावालिये के गायक नरेंद्र चंचल का निधन, प्रधानमंत्री ने जताया शोक
द लीडर : चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है… और तूने मुझे बुलाया शेरावालिये…जैसे मशहूर भक्ति गीतों को आवाज देने वाले प्रसिद्ध गीतकार नरेंद्र चंचल का शुक्रवार को निधन हो गया है. वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अन्य बड़ी हस्तियों ने उनके निधन पर शोक जताया है.
लोकप्रिय भजन गायक नरेंद्र चंचल जी के निधन के समाचार से अत्यंत दुख हुआ है। उन्होंने भजन गायन की दुनिया में अपनी ओजपूर्ण आवाज से विशिष्ट पहचान बनाई। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम् शांति!
— Narendra Modi (@narendramodi) January 22, 2021
मूल रूप से अमृतसर के रहने वाले नरेंद्र चंचल ने बॉलीवुड की मशहूर फिल्म बॉबी से अपने करियर की शुरुआत की थी. बाद में उन्होंने दो घुट पिला दे शाकिया…जैसे कई गीतों में अपनी आवाज से जान फूंकी. करीब 80 साल के नरेंद्र का पिछले तीन महीने से दिल्ली के अपोलो अस्पताल में इलाज चल रहा था. जहां उनका निधन हो गया.
नरेंद्र चंचल बॉलीवुड के गानों की वजह से कम बल्कि अपने भक्ति गीतों के कारण अधिक जाने जाते थे. उन्हें बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर का फिल्म फेयर अवार्ड भी मिल चुका है. उनका भक्ति गीत-तूने मुझे बुलाया शेरावालिये-अक्सर ही लोग गुनगुनाते मिल जाते हैं.
किसानों ने फिर नामंजूर किया कृषि कानूनों को होल्ड पर रखने का सरकारी प्रस्ताव
द लीडर : तीन नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच गतिरोध बरकरार है. शुक्रवार को 11वें दौर की बैठक भी बेनतीजा रही. केंद्र सरकार ने किसानों को फिर प्रस्ताव दिया कि डेढ़ के बजाय 2 साल तक कानूनों को होल्ड पर रखा जा सकता है. किसानों ने इस प्रस्ताव को भी नकार दिया है. अगली बैठक कब होगी-इसकी कोई तारीख तय नहीं हुई है.
देशभर के हजारों किसान पिछले 58 दिनों से कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे हैं. किसी तरह आंदोलन टल जाए-सरकार इस कोशिश में लगी है. इसी को लेकर सरकार और किसान संगठनों के बीच 11 दौर की बातचीत हो चुकी है.
किसानों के साथ 11वें दौर की वार्ता से पूर्व कांग्रेस नेता राहुल गांधी सरकार पर हमलावर
शुक्रवार को बैठक के बाद किसान नेताओं ने कहा कि सरकार ने जो प्रस्ताव दिया था, उसे हमने अस्वीकार कर दिया. कृषि कानूनों को वापस लेने की बात सरकार ने मंजूर नहीं की. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार की तरफ से कहा गया कि डेढ के बजाय दो साल तक कृषि कानूनों को स्थगित करके चर्चा की जा सकती है.
सरकार की तरफ से कहा गया कि 1.5 साल की जगह 2 साल तक कृषि क़ानूनों को स्थगित करके चर्चा की जा सकती है। उन्होंने कहा अगर इस प्रस्ताव पर किसान तैयार हैं तो कल फिर से बात की जा सकती है, कोई अन्य प्रस्ताव सरकार ने नहीं दिया: राकेश टिकैत, किसान नेता #FarmersProtest pic.twitter.com/YnUQo5eqQL
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 22, 2021
उन्होंने कहा कि अगर इस प्रस्ताव पर किसान तैयार हैं तो कल फिर से बात की जा सकती है. सरकार ने कोई अन्य प्रस्ताव नहीं दिया.
वहीं, दूसरी तरफ किसान 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड की तैयारी में जुटे हैं. पुलिस चाहती है कि गणतंत्र दिवस पर किसान ये ट्रैक्टर परेड न करें. इस संबंध में किसान और पुलिस अधिकारियों के बीच तीन दौर की बातचीत हो चुकी है. हालांकि किसानों ने साफ कर दिया कि वे ट्रैक्टर रैली जरूर निकालेंगे.
ओवैसी ने गरमाई यूपी की सियासत, अखिलेश यादव बोले-आजम हमारे नेता, दूसरों से ज्यादा हमें उनकी चिंता
द लीडर : ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने जेल में बंद सांसद आजम खान से जेल में मुलाकात का ऐलान करके उत्तर प्रदेश (UP) की राजनीति में गर्माहट पैदा कर दी है. इससे पहले कि दोनों मुस्लिम नेताओं के बीच मुलाकात हो. समाजवादी पार्टी संभावित नुकसान की भरपाई में लग गई है. सपा मुखिया एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शुक्रवार को रामपुर पहुंच गए. पहले आजम खां की पत्नी डॉ. तजीन फातिमा से घर पहुंचकर मुलाकात की. उसके बाद जौहर यूनिवर्सिटी भी गए. (Owaisi Azam Akhilesh Yadav)
ये जुगत आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मुस्लिम वोटरों को साधने की है. इसके केंद्र में हैं रामपुर से सांसद आजम खान, जो पिछले करीब दस महीने से जेल में बंद हैं. उन्हीं, आजम खान को लेकर अचानक से सियासी जमातों की दिलचस्पी बढ़ गई है. कांग्रेस (Congress) से लेकर AIMIM हो या फिर समाजवादी पार्टी. सब आजम नाम जपने लगे हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बरेली दौरे पर हैं. पार्टी के एक प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होने वे गुरुवार को यहां पहुंचे थे. पत्रकारों ने अखिलेश यादव से आजम खान को लेकर सीधा सवाल पूछा-आपकी पार्टी में आजम खान का अगला विकल्प कौन होगा? अखिलेश यादव ने जवाब दिया-पार्टी, आजम खान और उनके परिवार के साथ खड़ी है.
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी, आजम खान से जेल में मिलना चाहते हैं? अखिलेश इस सवाल को टाल गए. बोले-पार्टी ने लगातार संघर्ष किया. रामपुर जाना पड़ा हो या फिर विधान परिषद की कार्यवाही स्थगित करानी पड़ी हो.
उवैसी के बंगाल में चुनाव लड़ने के एलान पर यूपी से मौलाना तौकीर का बड़ा एलान
आजम खान के साथ हम लोकसभा स्पीकर से भी मिले. उन्हें बताया कि यूपी सरकार फंसाने के लिए झूठे मुकदमे लिखवा रही है. दरअसल, ओवैसी यूपी की राजनीति में जगह तलाश रहे हैं. पिछले दिनों वे आजमगढ़ पहुंचे थे.
हाल ही में कांग्रेस नेता और मशहूर शायर इमरान प्रतापगढ़ी रामपुर स्थित आजम खान के घर गए थे. उन्होंने आजम खान की बीवी डॉ. तंजीन फातिमा से मुलाकात की. साथ भोपाल से विधायक आरिफ मसूद भी थे. इससे जुड़े सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि जब से बरेली में हमारा सम्मेलन हुआ है ,पता नहीं दूसरे दलों को क्या हो गया है.
पत्रकारों पर सवाल उछालते हुए बोले-आप खुद जानते होंगे क्या आजम खान को फंसाने में कांग्रेस के नेता शामिल नहीं थे? क्या कांग्रेस नेताओं ने एफआइआर दर्ज कराने के लिए पत्र नहीं लिखे. क्या रामपुर में भाजपा और कांग्रेस एक नहीं है?
आजम खान पर करीब 84 मुकदमे दर्ज हैं. जिसमें से कई मुकदमों में उन्हें जमानत भी मिल चुकी है. आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान अभी भी जेल में हैं. जबकि उनकी बीवी डॉ. तंजीन फातिमा करीब 9 महीने की जेल काटकर बीते दिसंबर माह में ही रिहा हुई हैं. राज्य सरकार ने मौलाना जौहर अली यूनिवर्सिटी की करीब 70 हेक्टेयर जमीन भी अपने नाम कर ली है.
सबसे मुखर सियासतदानों में से एक आजम खान और उनका परिवार अकेले ही यह लड़ाई लड़ता रहा. आमतौर पर ये चर्चा भी उठी कि समाजवादी पार्टी ने अपने सबसे कद्दावर नेता को इस लड़ाई में अकेला छोड़ दिया.
पत्रकारों ने इसी रूप में सारे सवाल अखिलेश यादव के सामने रखे. यूनिवर्सिटी से जुड़े एक सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि आजम खान ने पीढ़ियों का भविष्य संवारने के लिए यूनिवर्सिटी बनवाई है.
सरकार, भूमि का नक्शा पास न होने का हवाला देकर मकानों पर बुल्डोजर चलवा रही है. एक बार फिर पत्रकारों की तरफ सवाल उछालते हुए कहा-मुख्यमंत्री के आवास का नक्शा पास है या नहीं? आप चेक करवा सकते हैं. सुना है कि गोरखुपर में मुख्यमंत्री एक तालाब पाटकर मेडिकल कॉलेज बनवा रहे हैं.
अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस पर निशाना साधते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि हम भाजपा को रोकना चाहते हैं. जबकि कांग्रेस बीजेपी से नहीं लड़ना चाहती है. आजम खान हमारे हैं. हमें, दूसरों से ज्यादा उनकी चिंता है. अगर दूसरों को चिंता थी तो ये बताओ कि उन्हें फंसाया किसने. उन्हें मतलब बीजेपी को हटाओगे या नहीं. असल में ये तमात ताकतें बीजेपी से लड़ना ही नहीं चाहतीं.
दिल्ली रिंग रोड पर ट्रैक्टर परेड की इजाजत नहीं, किसान बोले-रिंग रोड पर ही करेंगे रैली
द लीडर : किसानों ने गणतंत्र दिवस ( 26 जनवरी ) पर दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकालने का ऐलान कर रखा है. इसको लेकर दिल्ली पुलिस (Delhi Police) और केंद्र सरकार दोनों सकते में हैं. गुरुवार को दिल्ली पुलिस के साथ किसान नेताओं (Farmers Leader) की बैठक हुई. इसमें पुलिस ने किसानों से कहा कि आउटर रिंग रोड पर ट्रैक्टर रैली की अनुमति देना संभव नहीं है. दूसरी तरफ किसानों ने साफ कह दिया कि हम रिंग रोड पर ही रैली करेंगे. हालांकि शुक्रवार को एक बार फिर पुलिस और किसानों के साथ बातचीत तय हुई है. (Delhi Tractor Parade Farmers)
दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 57 दिनों से किसान, केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार के साथ 10 दौर की बातचीत हो चुकी है. जिसमें बुधवार की बैठक में सरकार ने किसानों को ये प्रस्ताव दिया था कि वो चाहें तो कानूनों को डेढ़ साल तक के लिए होल्ड पर रखा जा सकता है.
चूंकी अब 26 जनवरी नजदीक है. इस दिन किसानों ने दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकालने की घोषणा कर रखी है, जिसका अभ्यास भी जारी है. किसान नेताओं के मुताबिक हजारों की संख्या में किसान ट्रैक्टर लेकर रैली में पहुंचेंगे.
26 जनवरी के दिन किसानों की परेड को लेकर पुलिस और सरकार दोनों की बेचैनी बढ़ती जा रही है. पुलिस के साथ बैठक के बाद किसान नेता डॉ. दर्शनपाल सिंह ने पत्रकारों को बताया कि दिल्ली पुलिस ने आउटर रिंग रोड पर रैली निकालने की इजाजत देने में असमर्थता जताई है. हालांकि हमने साफ बोल दिया कि हम उसी रोड पर रैली निकालेंगे.
कृषि कानूनों को 2 साल तक होल्ड पर रखने को राजी मोदी सरकार, किसान बोले-आपस में बात करके देंगे जवाब
वहीं, स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव ने समाचार एजेंसी एएनआइ को बताया कि ट्रैक्टर रैली के बारे में हमारी दिल्ली, हरियाणा और यूपी पुलिस के अलावा गृह मंत्रालय के अधिकारियों से बातचीत चल रही है. आज इसका तीसरा दौर है. 26 जनवरी को किसान परेड तय कार्यक्रम के मुताबिक होगी.
ट्रैक्टर रैली के बारे में हमारी दिल्ली, हरियाणा, यूपी पुलिस और गृह मंत्रालय के अधिकारियों से बातचीत चल रही है। आज इसका तीसरा दौर है। 26 जनवरी को किसान गणतंत्र परेड पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होगी। इससे इस देश के गणतंत्र की शोभा बढ़ेगी: योगेंद्र यादव, स्वराज इंडिया pic.twitter.com/AeABqgHqIj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 21, 2021
वहीं, दिल्ली पुलिस के ज्वॉइंट सीपी ट्रैफिक-मनीष अग्रवाल ने एएनआइ से कहा कि गणतंत्र दिवस परेड को बिना किसी व्यवधान के कराना हमारा फर्ज है. हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा कि 23 जनवरी को विजय चौक, रफी मार्ग, जनपथ, मानसिंह रोड पर ट्रैफिक को अनुमति नहीं होगी.
23 जनवरी को विजय चौक, रफी मार्ग, जनपथ, मानसिंह रोड पर ट्रैफिक को अनुमति नहीं होगी। मेरी लोगों से अपील है कि 23 जनवरी की सुबह जब भी घर से निकलें तो ट्रैफिक एडवाइज़री को मद्देनज़र रखें। 26 जनवरी को सुबह 4 बजे से नेताजी सुभाष मार्ग को भी बंद कर दिया जाएगा: ज्वाइंट CP ट्रैफिक pic.twitter.com/S0thpj12Ze
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 21, 2021
उन्होंने लोगों से आह्वान है कि 23 जनवरी को वे ट्रैफिक एडवाइजरी देखकर घर से निकलें. 26 जनवरी की सुबह 4 बजे से नेताजी सुभाष मार्ग बंद कर दिया जाएगा.
ट्रंप ने अपनी सरकार में भारतीय मूल के लोगों को अहम जिम्मेदारी क्यों नहीं दी थी?
आखिरकार बाइडेन ने अमरीकी राष्ट्रपति पद की शपथ ले ली. भारत का ज्यादातर हिंदी और अंग्रेज़ी मीडिया इसकी लाइव कवरेज कर रहा था, पर अपनी आदत के मुताबिक मेरा ध्यान अंतरराष्ट्रीय मीडिया के प्रमुख टीवी चैनलों पर था. ये जानने की कोशिश थी कि वे इस घटना की कवरेज कैसे कर रहे हैं, और उनके पत्रकारों/एंकर्स की टिप्पणियां क्या हैं?
सो अंग्रेज़ी के जितने प्रमुख अंतरराष्ट्रीय टीवी चैनलों तक मेरी पहुंच है, उन सबको खंगाला. ABC Australia और CNN की कवरेज व टीका-टिप्पणियां ठीक लगीं. अलजज़ीरा और चैनल न्यूज़ एशिया थोड़ी देर से इस पे आया. बीबीसी घटना पे बना तो हुआ था पर उसकी कवरेज मुझे बोरिंग लगी.
DW जर्मनी और फ्रांस के चैनल भी सुस्ता कर इसकी कवरेज पे आए. सबसे कमाल का रूस का रशिया टुडे चैनल रहा, जो लगातार अमरीका को गरियाता रहा. साजिश ढूंढता रहा. लग रहा था कि शीत युद्ध का असर गया नहीं अब तक.
अमेरिका की बाइडन सरकार के लिए भारतीय मूल की समीरा फाजिली आर्थिक परिषद की उप-निदेशक नामित
मैंने लंबे समय तक भारत सरकार की मॉनिटरिंग सर्विस (तब Central Monitoring Service,आया नगर, अब इसे NTRO यानी National Technical Research Organization के नाम से जाना जाता है) में बतौर News Monitor अंग्रेज़ी भाषा के विदेशी रेडियो/टीवी ब्रॉडकास्ट को मॉनिटर किया है.
तब उस ब्रॉडकास्ट को रिकॉर्ड करके उसे transcript करना पड़ता था. फिर उस पे रिपोर्ट बनती थी, जो Editing/Compilation के बाद भारत सरकार के सभी मंत्रालयों में जाती थी.
आज अपने उसी हुनर का इस्तेमाल करके मैं बारी-बारी सभी विदेशी अंग्रेज़ी ब्रॉडकास्ट को देख रहा था कि कमला हैरिस के भारत कनेक्शन पर कोई कुछ बोल रहा है या नहीं. उम्मीद थी कि कम से कम Channel News Asia तो इस पे कुछ विस्तार से बताएगा, पर जितना मैं देख पाया, उसने भी चुप्पी मारे रखी.
सिर्फ भारत के हिंदी चैनल सुबह से अमरीकी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह और कमला हैरिस के Indian connection पे उछल रहे थे. कुछ ने अपनी आदत के मुताबिक बाइडेन की अनसुनी घटिया कहानियां दिखाईं और कुछ कमला का गुणगान करते रहे.
अमेरिका में बाइडन युग शुरू, भारी मन से विदा हुए ट्रंप
बाकी जो हिंदी टीवी चैनल कल तक डोनाल्ड ट्रम्प की शान में कसीदे पढ़ रहे थे, आज वो ये बताते नज़र आए कि नए राष्ट्रपति बाइडेन ने 20 भारतीय मूल के लोगों को अहम ज़िम्मेदारी सौंपी है और अमरीका अब भारत को इग्नोर नहीं कर सकता.
हिंदी के वे मूर्ख टीवी एंकर/प्रोड्यूसर बस ये नहीं बता पाए कि ट्रम्प ने अब तक भारत को क्यों इग्नोर कर रखा था और भारतीय मूल के लोगों को अपनी सरकार में अहम ज़िम्मेदारी क्यों नहीं दी थी?
बहरहाल विदेशी अंग्रेज़ी ब्रॉडकास्टस की स्क्रीन बाइडेन के शपथ समारोह में कैसी दिख रही थी, वो आप नीचे फोटुक में देख सकते हैं, जिसे अपने मोबाइल में मैंने कैद कर लिया था.
(लेखक-नदीम एस अख्तर, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन में शिक्षक हैं. ये लेख उनकी फेसबुक वॉल पर प्रकाशित हुआ है.)
ट्रैक्टर परेड को लेकर किसानों से बात करने पहुंचे दिल्ली पुलिस के ज्वॉइंट कमिश्नर
द लीडर : 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के संबंध में दिल्ली पुलिस (Delhi Police ) के संयुक्त पुलिस आयुक्त एसएस यादव सिंघु बॉर्डर के पास एक रिजॉर्ट पहुंच गए हैं. यहां आंदोलनकारी किसान नेता और पुलिस अधिकारियों के बीच बातचीत होगी.
तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले 57 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि तीनों कानूनों को रद किया जाए. इसको लेकर किसान संगठन और सरकार के बीच 10 दौर की बातचीत हो चुकी है. इसी बीच किसानों ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड का आह्वान कर रखा है.
दिल्ली: ट्रैक्टर रैली को लेकर किसानों से बात करने के लिए दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर एस.एस. यादव सिंघु बॉर्डर के पास एक रिजॉर्ट पहुंचे। pic.twitter.com/NX1ES4utAS
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 21, 2021
ट्रैक्टर परेड का मामला सुप्रीमकोर्ट तक पहुंचा. जिस पर कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ये कानून व्यवस्था से जुड़ा मामला है. पुलिस खुद फैसला करे. इसी को लेकर दिल्ली पुलिस किसानों से संवाद के लिए आगे आई है.
दूसरी तरफ सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और यूपी गेट पर किसानों का धरना-प्रदर्शन जारी है. गुरुवार को भी किसानों ने प्रदर्शन किया और कानूनों को वापस लेने की मांग दोहराई.
कृषि कानूनों को 2 साल तक होल्ड पर रखने को राजी मोदी सरकार, किसान बोले-आपस में बात करके देंगे जवाब
बुधवार को हुई बैठक में सरकार ने किसानों को एक प्रस्ताव दिया था कि वे चाहें तो कानूनों को डेढ़ से दो साल तक के लिए होल्ड पर रखवा सकते हैं. इस पर किसानों का तर्क है कि सरकार कानूनों को होल्ड पर न रखकर पूरी तरह से रद करे. क्योंकि पश्चिमी देशों में पहले ये कानून लागू हो चुके हैं, जहां फेल साबित हुए.
अमेरिका में बाइडन युग शुरू, भारी मन से विदा हुए ट्रंप
द लीडर : जो-बाइडन, अमेरिका (America) के 46वें राष्ट्रपति (President) बन गए हैं. बुधवार की रात यूएस कैपिटल में आयोजित समारोह में सुप्रीमकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने जो-बाइडन को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई. भारतीय मूल की कमला हैरिस ने उप-राष्ट्रपति पद की शपथ ली है. इससे पहले तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पद से औपचारिक विदाई ली.
Today, we begin anew. Tune in for #Inauguration2021. https://t.co/HxfU8q5riA
— Joe Biden (@JoeBiden) January 20, 2021
शपथ ग्रहण से पहले राष्ट्रपति बाइडन और उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस ने अमेरिका में कोविड-19 में मारे गए करीब चार लाख लोगों को श्रद्धांजलि दी. बाइडन ने एक ट्वीट में कहा कि पिछले वर्ष हमें अकल्पनीय परीक्षण से गुजरना पड़ा. लेकिन अब समय आ गया कि हम इसे एक साथ ठीक करें. समारोह में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश, बिल क्लिंटन, बराक ओबामा समेत अन्य बड़ी हस्तियां मौजूद रहीं.
Tonight, in Washington, D.C. and across the nation, we came together to honor the over 400,000 Americans we’ve lost to COVID-19. The last year has tested us in unimaginable ways, but now it’s time we begin to heal and overcome — together. pic.twitter.com/DuWhN1xjNO
— Joe Biden (@JoeBiden) January 20, 2021
बीते दिनों अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बाद कैपिटल हिल्स में हिंसा भड़क गई थी. इसलिए क्योंकि तत्कालीन राष्ट्रपति ट्रंप अपनी हार मानने को तैयार नहीं थे. ट्रंप समर्थकों ने कैपिटल हिल्स स्थित संसद भवन पर हमला बोल दिया था. इसमें चार लोग मारे गए थे.
अमेरिका की बाइडन सरकार के लिए भारतीय मूल की समीरा फाजिली आर्थिक परिषद की उप-निदेशक नामित
इस घटनाक्रम के बाद ट्रंप ने अपनी हार स्वीकार की थी. हालांकि घटना के बाद से ही कैपिटल हिल्स इलाके में सुरक्षा-व्यवस्था के कड़े प्रबंध किए गए थे, जो बुधवार को शपथ समारोह के दिन तक और सख्त नजर आए. राजधानी में करीब 25 हजार नेशनल गार्ड तैनात किए गए हैं.