Thursday, October 17, 2024
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कोरोना का सितम, महाराष्ट्र में 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं टली

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महाराष्ट्र। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए महाराष्ट्र में 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षा टाल दी गई है. महाराष्ट्र की शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि, महाराष्ट्र की वर्तमान कोरोना की स्थिति को देखते हुए, कक्षा 10 वीं और 12 वीं की बोर्ड परीक्षा स्थगित कर दी है.

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मई और जून में कराई जाएंगी परीक्षाएं

उन्होंने कहा कि, कक्षा 12वीं की परीक्षाएं मई के अंत तक आयोजित की जाएंगी, जबकि 10 वीं कक्षा की परीक्षाएं जून में होंगी. इसी के मुताबिक नए तारीखों की घोषणा की जाएगी. शिक्षा मंत्री ने कहा कि, वह CBSE,ICSE और IB से अनुरोध करेंगे कि, वह अपनी परीक्षा की तारीखों पर पुनर्विचार करें.

परीक्षा टाले जाने को लेकर उठ रही थी मांग

बता दें कि, सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा टाले जाने को लेकर लगातार मांग उठ रही है. वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखकर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने की छात्रों की मांग पर विचार करने का आग्रह किया है.

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राज्य में अब तक 34,07,245 लोग संक्रमित

महाराष्ट्र में कोविड-19 के अब तक के सर्वाधिक 63,294 नए मामले सामने आए. राज्य में अब तक 34,07,245 लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं और 57,987 लोगों की मौत हुई है. जिसके चलते परीक्षाओं को टालने का फैसला लिया गया है.

मुंबई का हाल बेहाल

कोरोना संक्रमितों की हो रही मौत से चिंता बढ़ गई है. पिछले 20 दिन में 425 कोरोना संक्रमितों की मौत हो चुकी है. राजधानी मुंबई में पिछले 24 घंटे में 9,989 नए केस सामने आए हैं, जबकि 58 की मौत हो गई. इस दौरान कोरोना का ग्रोथ रेट बढ़ा है, जबकि रिकवरी व डबलिंग रेट घट कर काफी कम हो गए हैं.

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भारत में रूसी वैक्सीन को मंजूरी, अब लगेगी तीसरी वैक्सीन स्पुतनिक-V

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस के विकराल रूप के बीच एक राहत की खबर आई है. भारत में अब एक और वैक्सीन को मंजूरी मिल गई है. वैक्सीन मामले की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने रूस की स्पुतनिक वी को मंजूरी दे दी है. यानी अब भारत में इस वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा सकेगा.

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कम हो सकती है वैक्सीन की कमी की शिकायत

सूत्रों की मानें, तो स्पुतनिक द्वारा ट्रायल का डाटा पेश किया गया है, जिसके आधार पर ये मंजूरी मिली है. आपको बता दें कि, भारत में स्पुतनिक वी हैदराबाद की डॉ. रेड्डी लैब्स के साथ मिलकर ट्रायल किया है. और उसी के साथ प्रोडक्शन चल रहा है. ऐसे में वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद भारत में वैक्सीन की कमी को लेकर शिकायत कम हो सकती है.

स्पुतनिक वी के द्वारा भारत में इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी मांगी गई थी. ऐसे में सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी की ओर से सोमवार को इस वैक्सीन की मंजूरी पर चर्चा हुई.

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अभी दो वैक्सीन का हो रहा इस्तेमाल

देश में अभी दो कोरोना वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का भारत में इस्तेमाल किया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक, अगस्त तक भारत में करीब 6 वैक्सीन को मंजूरी मिल सकती है, ताकि अधिक से अधिक संख्या में डोज़ तैयार किए जा सकें.

कई राज्यों में वैक्सीन की कमी

बता दें कि, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, यूपी समेत कई राज्यों में वैक्सीन की कमी रिपोर्ट की गई थी. महाराष्ट्र, ओडिशा में तो सैकड़ों सेंटर्स पर वैक्सीनेशन को रोक दिया गया था. ऐसे में लगातार मांग उठ रही थी कि, अन्य वैक्सीन को मंजूरी दी जाए, ताकि बड़ी संख्या में प्रोडक्शन हो और जरूरत पूरी की जाए.

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दिल्ली HC के 3 जज संक्रमित, 17 बड़े अस्पतालों में एक भी बेड खाली नहीं

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नई दिल्ली। राजधानी में कोरोना वायरस की दूसरी लहर कहर ढा रही है. दिल्ली हाईकोर्ट के तीन न्यायाधीश कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं. और वह अपने आवास में ही आइसोलेट हैं. बताया जा रहा है कि, तीनों न्यायाधीशों में संक्रमण के हल्के लक्षण हैं. ऐसे में उन्होंने सोमवार को खुद को अदालती कार्यवाही से दूर रखा है.

बार एसोसिएशन का दफ्तर 20 अप्रैल तक बंद

बार एसोसिएशन ने भी कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अपने दफ्तर को 20 अप्रैल तक बंद कर दिया है.

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सुप्रीम कोर्ट के 50 फीसदी कर्मचारी संक्रमित

अब कोरोना का प्रकोप देश की सर्वोच्च अदालत में भी दिखाई दे रहा है. सुप्रीम कोर्ट के 50 फीसदी से अधिक कर्मचारी कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं. इसके बाद फैसला किया गया है कि, कोर्ट के सभी जज अपने निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई करेंगे. वहीं सुप्रीम कोर्ट को सैनिटाइज किया जा रहा है.

कोरोना के नए केस तोड़ रहे रिकॉर्ड

राजधानी में कोरोना के नए केसेज ने भी रिकॉर्ड तोड़ना शुरू कर दिया है. दिल्ली में दैनिक कोरोनावायरस के मामलों ने महामारी शुरू होने के बाद पहली बार 10,000 का आंकड़ा पार किया. वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्थिति को बहुत गंभीर करार देते हुए लोगों से अपील की है कि, अनावश्यक घरों से बाहर न निकलें. मामलों में लगातार हो रही वृद्धि के बीच दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि, हमने केंद्र सरकार से अस्पतालों में कोविड -19 रोगियों के लिए बेड बढ़ाने की अपील की है.

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17 बड़े प्राइवेट अस्पतालों में एक भी बेड खाली नहीं

दिल्ली में करीब 17 बड़े अस्पताल ऐसे हैं, जहां पर एक भी कोरोना बेड खाली नहीं है. ऐसे में राजधानी में बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच सबसे बड़ा संकट खड़ा हो गया है. दिल्ली सरकार की ‘कोरोना एप’ के मुताबिक, 17 बड़े प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना बेड्स की संख्या शून्य हो गई है यानी इन अस्पतालों में सामान्य कोरोना मरीज़ के लिए एक भी कोरोना बेड उपलब्ध नहीं है.

1-    ओखला के होली फैमली अस्पताल में सभी 164 बेड फुल
2-    शालीमार बाग के मैक्स अस्पताल में अस्पताल में सभी 158 बेड फुल
3-    पंजाबी बाग के महाराजा अग्रसेन अस्पताल में सभी 150 बेड पर भर्ती हैं मरीज़
4-    रोहिणी के जयपुर गोल्डन अस्पताल में अस्पताल में सभी 124 बेड पर भर्ती हैं मरीज़
5-   द्वारका के वेंकटेश्वर अस्पताल में सभी 98 बेड पर भर्ती हैं मरीज़
6-   रोहिणी के सरोज अस्पताल में सभी 84 बेड फुल
7-   राजेंद्र नगर के BL कपूर अस्पताल में सभी 81 बेड फुल
8-   लाजपत नगर के VIMHANS अस्पताल में सभी 66 बेड पर भर्ती हैं मरीज़

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9-    द्वारका के आयुष्मान अस्पताल में सभी 65 बेड पर भर्ती हैं मरीज़
10-    कीर्ति नगर के कालरा अस्पताल में सभी 65 बेड पर भर्ती हैं मरीज़
11-    कृष्णा नगर के गोयल अस्पताल में सभी 60 बेड पर भर्ती हैं मरीज़
12-    निर्माण विहार के मलिक रेडिक्स अस्पताल में सभी 46 बेड पर भर्ती हैं मरीज़
13-   ईस्ट ऑफ कैलाश के नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट अस्पताल में सभी 46 बेड पर भर्ती हैं मरीज़
14-    पंचकुइयां रोड के हार्ट एंड लंग अस्पताल में सभी 43 बेड पर भर्ती हैं मरीज़
15-    द्वारका के महाराजा अग्रसेन अस्पताल में सभी 32 बेड्स पर भर्ती हैं मरीज़
16-    तिलक नगर के रिवाइव अस्पताल में सभी 28 बेड फुल
17-   द्वारका के भगत चन्द्र अस्पताल में सभी 23 बेड फुल

पीएम का ममता पर हमला, कहा- आधे चुनाव में TMC साफ, दीदी की बढ़ी बौखलाहट

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कोलकाता। बंगाल चुनाव पर सभी की नजरें टिकी हुई है. पश्चिम बंगाल के बर्धमान में रैली करने पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने टीएमसी और ममता बनर्जी पर जमकर हमला बोला. प्रधानमंत्री ने कहा कि, आधे चुनाव में ही टीएमसी पूरी साफ हो गयी है. दीदी की बौखलाहट साफ दिख रही है और उनकी बौखलाहट बढ़ती जा रही है.उन्होंने कहा कि, समझ नहीं आता कि दीदी को कड़वाहट इतनी पसंद क्यों है ?

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आधे चुनाव में ही टीएमसी पूरी साफ- मोदी

रैली का संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, बर्धमान की 2 चीजें बहुत मशहूर हैं. एक तो चावल और दूसरा मिहिदाना. आपकी बोली, आपका व्यवहार, यहां का खान-पान हर चीज में भरपूर मिठास है. दीदी की कड़वाहट, उनका क्रोध, उनकी बौखलाहट बढ़ती ही जा रही है. जानते हैं क्यों? मैं बताता हूं. क्योंकि बंगाल में हुए आधे चुनावों में आपने टीएमसी को पूरा साफ कर दिया है. यानि आधे चुनाव में ही टीएमसी पूरी साफ.

बंगाल में दीदी की पारी समाप्त हो चुकी है- पीएम मोदी

चार चरणों के चुनाव में बंगाल की जागरूक जनता ने इतने चौके-छक्के मारे कि भाजपा की सीटों की सेंचुरी हो गई है. जो आपके साथ खैला करने की सोच रहे थें, उन्हीं के साथ खैला हो गया है. उन्होंने कहा कि, एक तो नंदीग्राम में बंगाल के लोगों ने दीदी को क्लीन बोल्ड कर दिया. यानि बंगाल में दीदी की पारी समाप्त हो चुकी है. दूसरा, बंगाल के लोगों ने दीदी का बहुत बड़ा प्लान फेल कर दिया.

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दीदी एक बार गई तो वापस नहीं आएंगी- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि, दीदी की पूरी टीम को ही बंगाल के लोगों ने मैदान से बाहर जाने को कह दिया है. दीदी को ये भी मालूम है कि एक बार बंगाल से कांग्रेस गई तो कभी वापस नहीं आई. वामपंथी वाले, लेफ्ट वाले गए वापस नहीं आएं. दीदी, आप भी एक बार गई तो कभी वापस नहीं आएंगी.अब दीदी बंगाल के लोगों से गुस्सा तो होंगी ही.

दीदी ने दलितों का बड़ा अपमान किया- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि, दीदी के लोग बंगाल के अनुसूचित जाति के भाई-बहनों को गाली देने लगे हैं. दीदी के करीबी लोग उन्हें भिखारी कहने लगे हैं. बाबा साहेब की आत्मा को दीदी के कड़वे शब्द सुनकर कितना कष्ट हुआ होगा. वो राजा राम मोहन राय जिन्होंने जाति प्रथा के खिलाफ देश को झकझोरा, इस कुरीति को मिटाने के लिए देश को दिशा दिखाई, उनके बंगाल में दीदी ने दलितों को इतना बड़ा अपमान किया है.

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दीदी अब अपने कार्यकर्ताओं को भड़का रही- पीएम

उन्होंने कहा कि, हार होती देख ये क्या हो गया आपको, आपके करीबियों को? हालत तो ये हो गई है कि दीदी अब केंद्रीय वाहिनी के खिलाफ अपने कार्यकर्ताओं को भड़का रही हैं. दीदी, आपको गुस्सा करना है तो मैं हूं न, मुझ पर कीजिए. जितनी मर्जी गाली दीजिए. लेकिन बंगाल की गरिमा, बंगाल की गौरवमयी परंपरा का अपमान मत कीजिए.

प्रशांत किशोर ने उठाए सवाल, कहा- ममता को कूच बिहार में जाने से क्यों रोका जा रहा?

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल के चुनावी रण में हर किसी की नज़र चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर पर टिकी हैं. वहीं वायरल ऑडियो को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा कि, उस ऑडियो में मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा, जो पब्लिक प्लेटफॉर्म ना कहा हो. प्रशांत किशोर ने फिर दावा किया कि बीजेपी बंगाल में 100 सीटों को पार नहीं कर पाएगी.

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प्रशांत किशोर ने कहा कि वो ऑडियो कोई लीक नहीं था, बल्कि सबकुछ पब्लिक था. अपने प्रतिद्वंदी को कमजोर नहीं समझना चाहिए और ना ही मैं समझता हूं. जिस व्यक्ति से मेरा मुकाबला है, तो मैं हमेशा उसकी ताकत ज्यादा ही मानकर आगे बढ़ूंगा. पीएम मोदी लोकप्रिय हैं, इसलिए देश के पीएम हैं.

ममता बनर्जी ने CRPF पर सीधे सवाल नहीं उठाए

प्रशांत किशोर ने कहा कि, ममता बनर्जी ने CRPF पर सीधे सवाल नहीं उठाए, बल्कि सरकार की ओर से जो निर्देश दिए जा रहे हैं वो गलत है. ममता बनर्जी ने इसलिए राज्यपाल के सामने अपील की. कूच बिहार को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा कि, केंद्रीय फोर्स की गोली से पांच लोगों की जान चली गई है. ममता बनर्जी ने कोई भड़काऊ बयान नहीं दिया, ममता बनर्जी ने कहा कि, अगर महिलाओं को वोट डालने में केंद्रीय फोर्स अड़चन डाल रही है, तो उनका घेराव कर लीजिए.

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ममता बनर्जी को कूच बिहार जाने से क्यों रोका जा रहा?

प्रशांत किशोर ने कहा कि, मुख्यमंत्री के तौर पर ममता बनर्जी को वहां जाने का हक है. पटना में 2014 में रैली के दौरान कुछ लोगों की जान चली गई, अगले ही दिन पीएम मोदी गुजरात से उनसे मिलने आए थे. लेकिन वहां चुनाव आयोग ने वहां कोई एक्शन नहीं लिया, लेकिन अब ममता बनर्जी को कूच बिहार जाने से रोका जा रहा है. जबकि कूच बिहार में चुनाव खत्म हो चुका है.

बता दें कि, कूच बिहार में चौथे चरण के मतदान के बीच केंद्रीय सुरक्षाबलों और स्थानीय लोगों में झड़प हो गई थी, जिसके बाद सुरक्षाबलों की गोली से कुछ लोगों की मौत हो गई थी. चुनाव आयोग ने यहां मतदान रद्द किया था, ममता बनर्जी ने इसको लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा था. जबकि बीजेपी ने ममता को घेरा था.

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‘100 से कम सीटोंपर सिमटेगी BJP’

वायरल ऑडियो पर प्रशांत किशोर ने कहा कि, मुझसे सवाल किया गया कि बीजेपी को 40 फीसदी वोट आ रहा है, तो मैंने बताया कि, वो वोट क्यों आ रहा है. बीजेपी को वोट मिलने का सबसे बड़ा कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. मैं एक बार फिर कह रहा हूं कि टीएमसी फिर से सरकार बनाने जा रही है और बीजेपी 100 सीटों से कम पर रुक जाएगी.

ऑडियो पर पीके बोले कि SC समुदाय, मतुआ समुदाय बीजेपी को वोट कर रहा है, लेकिन उस मात्रा में नहीं कर रहा है जैसा लोकसभा चुनाव के दौरान मिला था. बीजेपी को जो 40 फीसदी वोट मिल रहा है, उसके कारण पीएम मोदी की लोकप्रियता, ध्रुवीकरण, हिन्दी भाषी में बीजेपी पकड़ और SC समुदाय का बीजेपी को वोट करना है. अगर बीजेपी 40 फीसदी वोट पा रही है, तो टीएमसी भी 45 फीसदी से अधिक वोट ले जा रही है.

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#CoronaVirus: श्मशान घाट पर भीड़, अंतिम संस्कार के लिए लंबा इंतजार

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नई दिल्ली। अब देश के बाकी हिस्सों में कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है. झारखंड में कोरोना बेकाबू हो रहा है. एक तरफ संक्रमित मरीजों की संख्या तेज गति से बढ़ती जा रही है, वहीं मरने वालों का आंकड़ा भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. अब हालात यह हो गई है कि अस्पतालों में भर्ती कराने से लेकर श्मशान घाट तक वेटिंग ही वेटिंग मिल रही है.

दाह संस्कार के लिए परिजन परेशान

कब्रिस्तान से लेकर श्मशान तक मृतकों के दाह संस्कार के लिए उनके परिजन परेशान हैं. एक मृतक के बेटे ने कहा कि वह पिछले 40 घंटे से अपने पिता के दाह संस्कार के लिए खड़े हैं, लेकिन कहीं से कोई मदद नहीं मिल रही.

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लंबे इंतजार के बाद हो रहा अंतिम संस्कार

झारखंड में कोरोना के इलाज के लिए पहले हॉस्पिटल्स में बेड का इंतजार और अब दाह संस्कार के लिए भी लाइन लगानी पड़ रही है. राजधानी रांची में कुछ ऐसे ही हालात बन गए हैं. शवों को श्मशान घाट ले जाया जा रहा है, लेकिन लंबे इंतजार के बाद ही उनका अंतिम संस्कार हो पा रहा.

बता दें कि, हरमू स्थित श्मशान घाट में कोरोना संक्रमित कुल 13 शव लाये गये. यहां कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के शवों का गैस क्रिमेटोरियम में दाह संस्कार किया जा रहा है. लेकिन मशीन में आई खराबी की वजह से शवों का अंतिम संस्कार नहीं हो सका. मृतक के परिजन शवों को लेकर घंटों श्मशान घाट के मुख्य दरवाजे के पास खड़े रहे. काफी मशक्कत के बाद देर रात जिला प्रशासन के निर्देश के बाद इन शवों को घाघरा ले जाकर अंतिम संस्कार कराया गया.

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’40 घंटे से अपने पिता के दाह संस्कार के लिए खड़े हैं’

वहीं एक मृतक के बेटे ने बताया कि, वह पिछले 40 घंटे से अपने पिता के दाह संस्कार के लिए खड़े हैं, कहीं से कोई मदद नहीं मिल रही है बहुत परेशानी हो रही है. वहीं, शवों को लेकर अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट पहुंचे एंबुलेंस के ड्राइवर भी काफी परेशान हो गए. गर्मी में उन्हें घंटों पीपीई किट में ही रहना पड़ रहा है.

रांची में मृतकों का आंकड़ा पिछले 10 दिनों में काफी बढ़ गया है. एक से लेकर 10 अप्रैल के बीच कुल 36 लोगों की मौत की पुष्टि जिला प्रशासन ने की है. यह सभी रांची के निवासी थे. वहीं अगर झारखंड की बात करें तो मौत का आंकड़ा 100 को पार कर गया है.

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कुरान से 26 आयतों को हटाने वाली याचिका SC ने की खारिज, वसीम रि‍जवी पर लगाया 50 हजार का जुर्माना

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द लीडर : Supreme court dismisses plea उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी की ओर से कुरान से 26 आयतों को हटाने, मदरसों में उनकी शिक्षा न देने की मांग वाली दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. जस्टिस नरीमन की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका को निराधार बताते हुए याचिकाकर्ता वसीम रिजवी पर 50 हजार का जुर्माना भी लगाया है. वसीम रि‍जवी ने दलील दी थी क‍ि इन 26 आयतों से आतंकवाद को बढ़ावा मि‍लता है. इस मामले में रजा अकादमी मुंंबई, तंंजीम उलमा-ए-इस्‍लाम समेत कई मुस्लिम संगठनों की ओर से जवाब दाखि‍ल क‍िया गया.

बीते माह दायर की थी याचिका

पिछले माह वसीम रिजवी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. इसमें उनकी ओर से दलील दी गई थी कि कुरान में शामिल 26 आयतें आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली है. जिन्हें मदरसों में पढ़ाया जा रहा है. इससे छात्रों को धर्म के नाम पर भ्रमित किया जा रहा है. उनका दावा था कि यह 26 आयतें कुरान में बाद में जोड़ी गई है. उन्होंने कोर्ट से इन आयतों को कुरान से हटाने और मदरसों में उनकी शिक्षा न देने की मांग की थी.

मुस्लिम समाज में फैल गया था आक्रोश

वसीम रिजवी की ओर से कुरान से 26 आयतें हटाने की याचिका दायर करने के बाद मुस्लिम समाज में उनके खिलाफ आक्रोश फैल गया था. देशभर में उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए गए थे. साथ ही उन पर कानूनी कार्रवाई की मांग उठाई गई थी. कई मुस्लिम संगठनों ने वसीम रिजवी के पुतले दहन कर अपना गुस्सा जाहिर किया था. पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के बरेली में इस्लामिया मैदान में दरगाह आला हजरत की ओर से वसीम रिजवी के खिलाफ विरोध किया गया था. इसमें हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ जुटी थी. दरगाह से जुड़े संगठन जमात-ए-मुस्तफा रजा की ओर से राष्ट्रपति को संबाेधित ज्ञापन भी सौंपा गया था. इसमें वसीम रिजवी पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई किए जाने की मांग की गई थी.

शीर्ष अदालत ने याचिका को बताया निराधार

कुरान से 26 आयतें हटाने को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई की. इस दौरान देश की शीर्ष अदालत ने मुस्लिम धर्म के पवित्र धर्मग्रंथ कुरान से इन आयतों को हटाने की दलील को निराधार करार दिया. कोर्ट की ओर से वसीम रिजवी पर 50 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है.

मामले में पैरोकार के तौर पर मौजूद रहे मौलाना शहाबुद्दीन रजवी

दरअसल, याचिका में रजा अकादमी मुबंई, तंजीम उलमा-ए-इस्लाम समेत कई बड़े मुस्लिम संस्थानों व संगठनों को पार्टी बनाया गया था. रजा अकादमी की ओर से याचिका में जवाब दाखिल किया गया. सुनवाई के दौरान अकादमी के चेयरमैन मौलाना सईद नूरी और पैरोकार के तौर पर मौलाना शहाबुद्दीन रजवी कोर्ट में मौजूद रहे.

एक दिन पहले ही मुहम्मद सईद नूरी और तंजीम उलमा-ए-इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी उलमा-ए-वक्फ के साथ दिल्ली पहुंच गए थे.उनके साथ में सय्यद जमील रजवी, सलीम शहजाद, अजीम खान, फैजान कुरैशी आदि भी उपस्थित रहे. कोर्ट का फैसला आने के बाद सभी लोगों ने कोर्ट के बाहर खुशी का इजहार किया.

जमात रजा मुस्तफा ने किया फैसले का स्वागत

बरेली स्थित दरगाह आला हजरत और ताजुश्शरिया के संगठन जमात रजा-ए-मुस्तफा के उपाध्यक्ष सलमान हसन खां ने न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए खुशी जताई है. उन्होंने कहा कि वसीम रिजवी का विवादित बयान देकर सुर्खियों में बने रहना, शौक बन चुका था. कुरान के संबंध में न्यायालय ने जो फैसला दिया है, वो नजीर है. जमात के प्रवक्ता समरान खान ने ये जानकारी साझा की है.

 

बेलगाम कोरोना, DRDO का बड़ा फैसला, दिल्ली कैंट में बनेगा 500 बेड का अस्पताल

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नई दिल्ली। एक तरफ जहां कोरोना महामारी तेजी से फैल रही है. तो वहीं राजधानी दिल्ली में बढ़ रहे कोरोना केस के बीच डीआरडीओ ने बड़ी भूमिका निभाने का फैसला किया है. दिल्ली कैंट में अगले रविवार तक डीआरडीओ 500 बेड वाले आईसीयू सुविधाओं से लैस अस्पताल की शुरुआत करने जा रहा है.

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कोरोना के नए केस ने तोड़े पुराने सभी रिकॉर्ड

बता दें, कोरोना के नए केस ने पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए. देश के चार राज्यों में एक दिन में सबसे ज्यादा नए केस आए. इनमें महाराष्ट्र, दिल्ली, यूपी और मध्यप्रदेश शामिल हैं. महाराष्ट्र में पहली बार ये 24 घंटे में नए केस 63 हजार के पार हो गए. दिल्ली और यूपी में भी हाल बेहाल हैं. दिल्ली में साढ़े 10 हजार से ज्यादा नए मामले मिले. जिसने लोगों की चिंता और बढ़ा दी है.

500 बेड का अस्पताल बनाएगा DRDO

वहीं राजधानी दिल्ली में तेजी से बढ़ रहे कोरोना केस के बीच डीआरडीओ ने बड़ी भूमिका निभाने का फैसला किया है. बताया जा रहा है कि, दिल्ली कैंट में अगले रविवार तक डीआरडीओ 500 बेड वाले आईसीयू सुविधाओं से लैस अस्पताल की शुरुआत करने जा रहा है. पहले चरण में 7 दिनों के अंदर 250 बैड तैयार किए जाएंगे.

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डीआरडीओ के एक अधिकारी ने कहा कि, दिल्ली कैंट में अगले रविवार तक आईसीयू सुविधाओं से लैस 500 बेड वाला कोविड अस्पताल स्थापित किया जाएगा. सेना और अर्द्धसैनिक बलों की ओर से मरीजों के लिए डॉक्टर प्रदान किए जाएंगे.

10 हजार से ज्यादा नए केस, 48 की मौत

दिल्ली में भी कोरोना का कहर जारी है. जहां एक दिन में 10 हजार से ज्यादा नए केस सामने आए हैं. वहीं 48 लोगों की मौत हुई है. ये 14 दिसंबर के बाद एक दिन में सबसे ज्यादा मौत का आंकड़ा हैं. राजधानी में साढ़े 5 हजार से ज्यादा कंटेनमेंट जोन हो चुके हैं. इसके अलावा 5,705 हॉटस्पॉट्स का आंकड़ा पहुंच गया है.

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#CoronaVirus: महाराष्ट्र ने अमेरिका, फ्रांस और ब्राजील को छोड़ा पीछे

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महाराष्ट्र। पिछले 24 घंटे में महाराष्ट्र में 63 हजार 294 नए कोरोना मरीज मिले हैं. दुनिया में कहीं भी इतने केस नहीं दर्ज हुए. अमेरिका, फ्रांस और ब्राजील जैसे देश भी अब महाराष्ट्र से पीछे हो गए हैं. राज्य में कोरोना की रफ्तार तेजी से फैल रही है. जिसको लेकर सरकार भी चिंतित है.

अब राज्य पर लटकी लॉकडाउन की तलवार

महाराष्ट्र में बेकाबू होते हालात को लेकर अब राज्य पर लॉकडाउन की तलवार लटकी है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी राज्य में तेज़ी से अस्पतालों में भरते जा रहे बेड्स को लेकर चिंता व्यक्त की. वर्ल्डोमीटर के मुताबिक, नए केस के मामले में महाराष्ट्र दुनिया में पहले नंबर पर पहुंच चुका है. महाराष्ट्र ने अमेरिका, फ्रांस और ब्राजील को पीछे छोड़ दिया है.

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महाराष्ट्र में लगभग 75 फीसदी बेड्स फुल

बताया जा रहा है कि, महाराष्ट्र राज्य में लगभग 75 फीसदी बेड्स भर चुके हैं, जबकि 67000 ऑक्सीजन बेड्स में से 40 फीसदी बेड्स भर चुके हैं. राज्य में करीब 11 से 12 जिले ऐसे हैं, जहां पर बेड्स ही नहीं बचे हैं. हालात ये हैं कि नंदूरबार में रेलवे बोगी में आईसोलेशन बेड्स तैयार किए गए हैं.

राज्य में 1.7 प्रतिशत मृत्यु दर

भारत के सबसे ज्यादा प्रभावित इस राज्य में मृत्यु दर 1.7 प्रतिशत है. कुल एक्टिव पेशेंट अब 5 लाख 65 हजार 587 हो चुके हैं. मुंबई में पिछले 20 दिन में 1 लाख 54 हजार 300 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. यहां औसतन 7,715 लोग हर रोज कोरोना पॉजिटिव हो रहे हैं. मुंबई में एक्टिव पेशेंट की संख्या 67,092 हो गई है.

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बता दें कि, भारत में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या हर दिन के साथ बढ़ती जा रही है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, बीते 24 घंटे में देश में कुल 1,68,912 नए केस दर्ज किए गए. जबकि 904 लोगों की मौत हुई है. जो अबतक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है, अगर यही रफ्तार रही तो देश जल्द ही हर रोज़ दो लाख तक मामले दर्ज करने लगेगा.

24 घंटे में 60 हजार से ज्यादा नए केस

इस वक्त सबसे बुरी हालत महाराष्ट्र की है, जहां बीते दिन 60 हज़ार से अधिक केस दर्ज किए गए. महाराष्ट्र में तो हर दिन 50 हज़ार से अधिक मामले सामने आ रहे हैं. लेकिन अगर अन्य राज्यों की ओर नज़र दौड़ाएं तो इस वक्त हर प्रदेश की हालत खस्ता नजर आ रही है. दिल्ली, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक जैसे राज्य हर दिन अपना पिछला रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं. चिंता की बात ये है कि छत्तीसगढ़ जैसा छोटा राज्य भी हर दिन दस हजार से अधिक मामले रिपोर्ट कर रहा है.

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महाराष्ट्र – 63294
उत्तर प्रदेश – 15276
दिल्ली – 10774
छत्तीसगढ़ – 10521
कर्नाटक – 10250

बीते दिन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रदेश की कोविड टास्क फोर्स के साथ मीटिंग की. टास्क फोर्स ने राज्य में कम से कम 14 दिन और 21 दिन तक का संपूर्ण लॉकडाउन लगाने की मांग की है. हालांकि, अभी इसपर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है. लेकिन राज्य के जिस तरह के हालात हैं, उस हिसाब से महाराष्ट्र ऐसे ही लॉकडाउन की ओर बढ़ते दिख  रहा है.

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अब छोटे शहरों में तेजी से फैल रहा कोरोना, इन राज्यों में बढ़ा खतरा

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस कितनी तेज़ी से फैल रहा है, इसको परखने के कई पैमाने हैं जिनमें से एक रिप्रोडक्शन नंबर (R) है. इसके अनुसार, ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि उत्तर प्रदेश, झारखंड और बिहार में सबसे तेज़ी से कोरोना वायरस अपने पैर फैला रहा है.

एक व्यक्ति इतने लोगों को कर रहा संक्रमित

कोरोना वायरस ने बीते कुछ दिनों में भारत में जिस तरह से अपने पैर फैलाए हैं, उसने हर किसी का ध्यान खींचा है. करीब दो हफ्तों तक कोरोना के आंकड़ों को ट्रैक करने के बाद ये पता चलता है कि, उत्तर प्रदेश में रिप्रोडक्शन नंबर 2.14, झारखंड में 2.13 और बिहार में 2.09 है. यानी इस जगह पर एक व्यक्ति औसतन इतने लोगों को संक्रमित कर रहा है.

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आंकड़ों के अनुसार, यूपी में अगर एक व्यक्ति को कोरोना हो रहा है, तो वह दो से ज्यादा लोगों को संक्रमण फैला रहा है. अगर R वैल्यू एक से अधिक है, तो वायरस तेज़ी से फैल सकता है और कम है तो ये काबू में हो सकता है. बता दें कि, इस वक्त देश में R वैल्यू का औसत 1.32 है, यानी यूपी-झारखंड और बिहार राष्ट्रीय औसत से भी आगे चल रहे हैं.

क्या है R रेट ?

इसे R नॉट भी कहते हैं, जिसका मतलब है रिप्रोडक्टिव रेट. इसे इस बात की जांच के लिए इस्तेमाल किया जाता है कि, एक कोरोना मरीज अपनी बीमारी कितने लोगों तक फैला सकता है. एक्सपर्ट इसकी मदद से ये समझना चाह रहे हैं कि कोरोना संक्रमण कितनी तेजी से और कितनी दूर तक पहुंच सकता है. इसकी मदद से ही लॉकडाउन के नए नियम तय हो सकते हैं या फिर उसमें ज्यादा सख्ती या ढिलाई दी जा सकती है. जैसे अगर किसी वायरस का R रेट तीन है तो इसका मतलब है कि मरीज इसे तीन लोगों तक फैलाएगा. हालांकि R रेट से ये पता नहीं लगता है कि ये कितना घातक हो सकता है.

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यूपी-बिहार-झारखंड में डराने वाला है आंकड़ा

चेन्नई के मैथमैटिकल साइंस इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर सिन्हा के मुताबिक, भारत में अभी जो R वैल्यू (1.3) है, वो पिछले साल मार्च (1.92) और अप्रैल (1.53) के मुकाबले कम ही है. पिछले साल अप्रैल के बीच में भारत में ये घटकर 1.29 तक पहुंच गई थी.

यूपी-झारखंड-बिहार में बढ़ रहे मामले

अगर साप्ताहिक औसत को देखें, तो इस वक्त यूपी में हर दिन 3000 केस दर्ज हो रहे हैं. ऐसे ही झारखंड के साथ है, जहां पर इस वक्त 870 केस प्रतिदिन आ रहे हैं, जो वहीं पिछले महीने सिर्फ 45 केस का औसत था. बिहार में इस वक्त 732 केस हर रोज़ आ रहे हैं, मार्च में ये आंकड़ा 31 केस का था यानी एक महीने में 24 गुना मामले बढ़ गए हैं.

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तीनों ही राज्यों का आंकड़ा दिखाता है, कि यहां पर R-वैल्यू फिर लॉकडाउन की शुरुआत वाली जगह पहुंच रहा है. पिछले साल लॉकडाउन की शुरुआत के वक्त जैसे मामले फैल रहे थे, अब वही रफ्तार आती दिख रही है. जब 2020 में लॉकडाउन को बढ़ाया गया, तो मामलों में कमी देखी गई थी.