नई दिल्ली | एक तरफ कोरोना महामारी का संकट तो दूसरी तरफ अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत. हालात ऐसे हो चले हैं कि एक के बाद एक कई अस्पतालों में मरीज ऑक्सीजन की कमी के चलते दम तोड़ रहे हैं. ऑक्सीजन सप्लाई का मसला अब कोर्ट तक पहुंच चुका है. राज्य और केंद्र इसको लेकर प्रयास कर रहे हैं. इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने सेंट्रल गवर्नमेंट के अस्पतालों और दिल्ली के AIIMS में कोविड-19 प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा की.
समीक्षा के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पतालों में तत्काल आईसीयू और ऑक्सीजन बेड्स को बढ़ाने के लिए सभी कदम उठाने का निर्देश दिया. इसके अलावा उन्होंने आदेश दिया कि अस्पताल के इंफ्रास्ट्रक्चर के सुदृढ़ीकरण के लिए सभी उपाय तत्काल किए जाएं.
एम्स, सफदरजंग, एनसीआई झज्जर, आरएमएल और लेडी हार्डिंग अस्पताल में अब ऑक्सिजन प्लांट लगाए जाएंगे। शुक्रवार को हुई केंद्रीय मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन की अध्यक्षता में बैठक के दौरान यह फैसला किया। दिल्ली में केंद्र के इन अस्पतालों में बनने वाले इस ऑक्सिजन प्लांट में हर मिनट एक हजार लीटर ऑक्सिजन बनाने की क्षमता होगी। साथ ही एम्स सहित सभी अस्पतालों में कोविड बेड्स बढ़ाने का भी फैसला किया गया।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने दिल्ली के केन्द्र सरकार के अस्पतालों में पांच प्रेशर स्विंग ऐड्सॉर्प्शन प्लांट तेजी से लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी केन्द्र सरकार के अस्पतालों को कुछ दिनों में कोविड के मरीजों के समय पर इलाज उपलब्ध कराने के लिए विस्तार योजनाओं के लिए तैयार रहने को कहा। यह निर्णय लिया गया कि डीआरडीओ-टाटा संस ऑक्सिजन प्लांट तत्काल एम्स दिल्ली, एनआईसी झज्जर, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, सफदरजंग और आरएमएल में लगाएगा। इन प्लांट की प्रति मिनट एक हजार लीटर ऑक्सिजन बनाने की क्षमता होगी।
गौरतलब है कोरोना संकट के इस दौर में ऑक्सीजन की भारी कमी हो रही है. इसको लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. हाईकोर्ट ने ऑक्सीजन की कमी पर शनिवार को केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों की जमकर खिंचाई की. कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि केंद्र, राज्य, स्थानीय प्रशासन से जुड़ा कोई भी अधिकारी जो ऑक्सीजन की सप्लाई में दिक्कत पैदा करेगा, उसपर एक्शन लेंगे.