उत्तराखंड में कुदरत का कहर : भारी बारिश से कुमाऊं में बाढ़ जैसे हालात, रामगढ़ में फटा बादल, अब तक कई लोगों की मौत

द लीडर। उत्तराखंड में कुदरत अपना कहर बरपा रहा है। बता दें कि, पहाड़ी इलाकों में बारिश कहर बनकर टूटी है। अल्मोड़ा, चमोली ,नैनीताल, हरिद्वार, हल्द्वानी, ऋषिकेश सहित तमाम इलाकों में बारिश कहर बरपा रही है। कोसी नदी भी खतरे के निशान से कहीं ज्यादा ऊपर बह रही है। हल्द्वानी की तस्वीर वाकई डराने वाली है गोला नदी पर बना अप्रोच पुल पुल टूट गया है जिसकी वजह से आवागमन भी बाधित है। ऋषिकेष का त्रिवेणी घाट जो लोगों से गुलजार रहता था आज जलमग्न है।

ऋषिकेश में भी गंगा का जलस्तर बहुत ऊपर हो गया है। हरिद्वार में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। पानी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। तस्वीर बदरीनाथ हाईवे की है जहां इस गाड़ी को जेसीबी से निकाला जा रहा है। भारी बारिश के चलते यहां के हालात कितने बुरे हैं इसका अंदाजा आप लगा सकते हैं।  मौसम विभाग ने 2 दिनों पहले ही भारी बारिश की चेतावनी दी थी। पिछले दिनों हुआ मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान सही था पूरा उत्तराखंड भारी बारिश से जूझ रहा है।


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रामगढ़ में दोषापानी और तिशापानी में बादल फटा

कुमाऊं में बारिश के कारण मलबे में दबकर अभी तक सात लोगों की मौत हो चुकी है। मंगलवार सुबह नैनीताल जिले के रामगढ़ में धारी तहसील में दोषापानी और तिशापानी में बादल फट गया। इस दौरान मजदूरों की झोपड़ी पर रिटेनिंग दीवार गिर गई। जिसमें सात लोग मलबे में दब गए। जिसमें से हयात सिंह और उनकी माता के शव बरामद हुए। हयात सिंह की पत्नी, तीन बेटियां और एक बेटा अब भी मलबे में दबे हैं। राहत और बचाव कार्य जारी है। उधर, खैरना में झोपड़ी में पत्थर गिरने से दो लोगों की मौत की खबर है। चंपावत के तेलवाड़ में एक भूस्खलन की चपेट में आ गया। इस दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई। जबकि तीन लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। वहीं, अभी कुछ लोग मलबे में फंसे हैं।

रेस्क्यू दल ने करीब 65 लोगों को बचाया

बाजपुर के गांव झाड़खंडी में गडरी नदी में बहे किसान रामदत्त भट्ट (45) का शव मिल गया है। शव घटना स्थल से करीब 200 सौ मीटर दूर से बरादम किया गया है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं, टनकपुर में भारी बारिश के बाद आए सैलाब में फंसे लोगों को निकालने के लिए सेना की मदद ली गई। इस दौरान रेस्क्यू दल ने करीब 65 लोगों को बचाया।

भूस्खलन से मलबे में दबे दो बच्चों की मौत

अल्मोड़ा के भिकियासैंण में एक मकान भूस्खलन की चपेट में आ गया। इस दौरान दो बच्चे मलबे में दब गए। जिनके शव बरामद कर लिए गए हैं। वहीं, अल्मोड़ा के ही एनटीडी क्षेत्र में एक मकान मलबे की चपेट में आ गया। इस दौरान एक मासूम की मौत हो गई। वहीं, पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने दो लोगों को सुरक्षित निकल लिया। उधर, बाजपुर में लेवड़ा नदी उफान पर आ गई। जिससे मुख्य बाजार और कॉलोनियों में बाढ़ का पानी भर गया। पानी भरने से लोगों के घरों का सामान भी पूरी तरह खराब हो गया है। वहीं, बाजपुर में भी बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं।


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मलबे में दबकर दो मजदूरों की मौत

गरमपानी में भारी बारिश के चलते हाइवे के निर्माणधीन कंपनी के दो मजदूरो की टिन शेड में आए मलबे में दबने से मौत हो गई। एनएच में चौड़ीकरण की देखरेख कर रहे तैयब खान ने बताया हादसे में हसमूद (40) और इमरान (34) निवासी भोजीपुरा बरेली यूपी की दबकर मौत हो गई। घटना की सूचना मिलने पर तहसीलदार बरखा ने दोनों की मौत की पुष्टि की है।

नाले में फंसी कार का डरावना वीडियो

खतरे के निशान से ऊपर बह रही कोसी नदी

कोसी नदी में पानी बढ़ने से रामनगर के गर्जिया मंदिर को खतरा पैदा हो गया। पानी मंदिर की सीढ़ियों तक पहुंच गया है। वहीं बैराज के सभी फाटक खोल दिए गए हैं। कोसी बैराज पर कोसी नदी का जलस्तर 139000 क्यूसेक है। जो खतरे के निशान से काफी ऊपर है। कोसी बैराज में खतरे का निशान 80000 क्यूसेक है।


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गोला नदी का जलस्तर 90 हजार क्यूसेक पार

उधर, हल्द्वानी में गोला नदी उफान पर आने से नदी पर बना अप्रोच पुल टूट गया। जिसके कारण वहां आवाजाही बंद हो गई है। टनकपुर में शारदा नदी के उफान से क्रशर मार्ग ने नाले का रूप ले लिया है।  मंगलवार की सुबह गोला नदी का जलस्तर 90 हजार क्यूसेक पार हो गया। जिससे अप्रोच पुल टूट गया। सूचना पर प्रशासन और एनएचएआई के अधिकारियों ने सड़क का जायजा लिया। नदी का जलस्तर बढ़ने से गोला बैराज को खतरा पैदा हो गया है। बारिश के कारण नाला भी उफान पर आ गया जिससे नाले के किनारे बना एक मकान बह गया।

नैनीताल में सड़कों पर आया झील का पानी

उधर, नैनीताल में भारी बारिश से कई जगह पानी भर गया है। वहीं, तल्लीताल चौराहे में (डांठ) में लगभग दो इंच की दरार पड़ गई। सूचना मिलते ही एसडीएम और सीओ मौके पर पहुंच गए। कैंट रोड में पानी का बहाव बहुत तेज होने के कारण दुकानों के अंदर फंसे लोगों को सेना के जवानों ने रेस्क्यू कर निकाला। नदी के ओवरफ्लो होने से कोसी नदी का पानी रामनगर-रानीखेत मार्ग स्थित लेमन ट्री रिजॉर्ट में घुस गया था। डीजीपी अशोक कुमार के मुताबिक इस दौरान लगभग 100 लोग फंस गए थे। वे सभी सुरक्षित हैं।

हरिद्वार में खतरे के निशान पर पहुंची गंगा

पहाड़ों की बारिश के बाद हरिद्वार में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। सुबह साढ़े आठ बजे से पानी के जलस्तर में बढोतरी हुई है। जिसके बाद से प्रशासन अर्लट मोड पर है। बैराज के खतरे का निशान 294 मीटर पर है। उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के एसडीओ शिवकुमार कौशिक ने बताया कि रात 12:00 बजे के बाद टिहरी बांध व श्रीगंगानगर से पानी छोड़े जाने से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। जिससे क्षेत्र में अलर्ट जारी किया गया है.


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ऋषिकेश में त्रिवेणी घाट का आरती स्थल डूबा

ऋषिकेश में गंगा खतरे के निशान से महज 20 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। त्रिवेणी घाट के आरती स्थल समेत विभिन्न गंगा घाट जलमग्न हो गए हैं। प्रशासन तटीय क्षेत्रों में रह रहे लोगों को आश्रय स्थलों में शिफ्ट कर रहा है। ऋषिकेश में गंगा का जलस्तर 340.30 मीटर पर पहुंच गया है। गंगा चेतावनी निशान 340.50 मीटर के बिल्कुल करीब पहुंच गई है। केंद्रीय जल आयोग ने मैदानी जिलों के प्रशासन अलर्ट कर दिया है। पुलिस गंगा के तटीय क्षेत्र में रहने वाले लोगों लगातार अलर्ट कर रही है। वहीं चंद्रेश्वर नगर, मायाकुंड, चंद्रभागा के आसपास रहने वाले लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है। त्रिवेणी घाट का आरती स्थल, परमार्थ घाट, नाव घाट, शत्रुघ्न घाट आदि घाट पानी में डूब गए हैं।

पानी में डूबा नैनीताल

नैनीताल में बीते लगभग 40 घंटों से हो रही लगातार बारिश से सरोवरनगरी को दूसरे राज्यों से जोड़ने वाले हल्द्वानी, कालाढुंगी और भवाली रोड जगह-जगह भूस्खलन होने से बंद हो गए हैं। नैनीताल में जिलाधिकारी आवास भी भूस्खलन की चपेट में आ गया है। वहीं, नगर के ज्यादातर नाले पानी से चोक हो गए हैं, जबकि प्रसिद्ध नैनी झील का पानी सोमवार सुबह 9 बजे से निकासी के बावजूद भी तल्लीताल में मॉल रोड और डॉठ सड़क पर आ गया है। जिससे लोवर मॉल रोड पर भी जल भराव हो गया है।

नगर के मल्लीताल स्थित नगर की आराध्य देवी माता नयना देवी के मंदिर प्रांगण में भी नैनी झील का पानी भर गया है। दूसरी ओर भवाली रोड पर लगभग आधा दर्जन स्थानों पर भारी मात्रा में मलबा आ गया है। ऐसे में पुलिस-प्रशासन ने नैनीताल नगर से लौट रहे सैलानियों से रात्रि में नगर में ही रुकने की अपील की है। मौसम की बेरुखी को देखते हुए जिला प्रशासन ने कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी परिसर केपी छात्रावास के बी-ब्लॉक के भूस्खलन की जद में आने की संभावना को देखते हुए ए-ब्लॉक को भी खाली करा दिया है।


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चंपावत में अंडर कंस्ट्रक्शन पुल बहा

पीएम मोदी ने सीएम धामी से फोन पर ली नुकसान की जानकारी

पीएम नरेंद्र मोदी ने सीएम पुष्कर सिंह धामी से फोन पर प्रदेश में अतिवृष्टि से हुए नुकसान और संचालित बचाव व राहत कार्यों के बारे में जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने प्रदेश को हर आवश्यक सहयोग दिए जाने के प्रति आश्वस्त किया है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को जानकारी देते हुए कहा कि, प्रदेश में कुछ स्थानों पर नुकसान हुआ है। शासन प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। उत्तराखंड में दो दिन मूसलाधार बारिश के मौसम विभाग के सटीक पूर्वानुमान के साथ ही उत्तराखंड सरकार भी रविवार से ही बेहद चौकस और चौकन्नी नजर आई। आज भी सीएम मोर्चे पर दिखे।


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सीएम पुष्कर सिंह धामी सचिवालय स्थित आपदा कंट्रोल रूम पहुंचे और नुकसान की जानकारी ली। वे वरिष्ठ अधिकारियों औरजिलाधिकारियों से लगातार अपडेट ले रहे हैं। साथ ही राहत-बचाव कार्यों के संबंध मे जरूरी दिशा निर्देश दिए। वहीं, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भी सीएम पुष्कर सिंह धामी के साथ फोन पर बात कर प्रदेश में फंसे हुए गुजरात के तीर्थयात्रियों को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए अनुरोध किया।

सीएम ने की चारधाम श्रद्धालुओं से अपील

मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं से भी सावधानी बरतने की अपील की। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी प्रकार की आपदा की स्थिति में रिस्पांस टाइम कम से कम हो। यात्रियों को असुविधा न हो।


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