क्या काम करेगा मोदी सरकार का नया ‘सहकारिता मंत्रालय’, क्यों पड़ी जरूरत ?

द लीडर हिंदी, नई दिल्ली। मोदी सरकार ने एक नए मंत्रालय ‘सहकारिता मंत्रालय’ (Ministry of Co-operation) का गठन किया है। बताया जा रहा है कि, मोदी सरकार ने ‘सहकार से समृद्धि’ के सपने को साकार करने के लिए यह ऐतिहासिक कदम उठाया है।

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सहकारिता आंदोलन को मजबूत करना मकसद

नया सहकारिता मंत्रालय देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के लिए एक अलग प्रशासनिक, कानूनी और नीतिगत ढांचा प्रदान करेगा। यह सहकारी समितियों को जमीनी स्तर तक पहुंचने वाले एक सच्चे जनभागीदारी आधारित आंदोलन को मजबूत बनाने में भी सहायता प्रदान करेगा।

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वित्त मंत्री ने बजट भाषण के दौरान की थी मंत्रालय बनाने की घोषणा

नए मंत्रालय के लिए एक प्रभारी मंत्री को जल्द नामित किया जा सकता है। बता दें कि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान अलग सहकारी मंत्रालय का गठन करने की घोषणा की थी।

सहकारिता आधारित आर्थिक विकास मॉडल बेहद प्रासंगिक

हमारे देश में सहकारिता आधारित आर्थिक विकास मॉडल बहुत प्रासंगिक है, जहां प्रत्येक सदस्य अपनी जिम्मेदारी की भावना के साथ कार्य करता है। को-कोऑपरेटिव्स के काम करने को लेकर लीगल फ्रेमवर्क की बेहद ज्यादा जरूरत थी।सहकारी समितियों को पिछड़ने से बचाने और उन्हें विकास के पथ पर आगे ले जाना जरूरी है।

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इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने नए सहकारिता मंत्रालय का गठन किया है। यह मंत्रालय सहकारी समितियों के लिए ‘कारोबार में सुगमता’ के लिए प्रक्रियाओं को कारगर बनाने और बहु-राज्य सहकारी समितियों (एमएससीएस) के विकास को सक्षम बनाने की दिशा में कार्य करेगा।

समुदाय आधारित विकासात्मक भागीदारी के प्रति प्रतिबद्ध है सरकार

केंद्र सरकार ने समुदाय आधारित विकासात्मक भागीदारी के प्रति अपनी गहरी प्रतिबद्धता का संकेत दिया है। वित्त मंत्री सीतारमण ने बुधवार को कहा कि, सहकारिता मंत्रालय कोऑपरेटिव मूवमेंट को मजबूती देने के लिए एक अगल प्रशासनिक, कानूनी और नीतिगत फ्रेमवर्क उपलब्ध कराएगा।

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किसानों को सशक्त बनाने के रूप में देखा जा रहा फैसला

केंद्र सरकार ने समुदाय आधारित विकासात्मक भागीदारी के प्रति अपनी गहरी प्रतिबद्धता का संकेत दिया है. वहीं, सूत्रों ने कहा कि, अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा की गई बजट घोषणा को भी पूरा करता है. इस फैसले को किसानों को सशक्त बनाने के कदम के रूप में भी देखा जा रहा है.

indra yadav

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