डेल्टा से भी ज्यादा जानलेवा है ‘लैंब्डा वेरिएंट’, UK समेत 30 देशों में फैला

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द लीडर हिंदी, नई दिल्ली। कोरोनावायरस लगातार अपना रूप बदल रहा है और हर बार एक नए वेरिएंट के साथ लोगों की मुश्किलें बढ़ा रहा है. कोरोना का सबसे ज्यादा संक्रामक वेरिएंट अब तक डेल्टा ही माना जा रहा था लेकिन अब धीरे-धीरे लैंब्डा वेरिएंट भी अपना खतरनाक रूप दिखा रहा है.

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यूके समेत 30 देशों में फैला वेरिएंट

ये वेरिएंट सबसे पहले पेरू में पाया गया था जो अब UK समेत 30 देशों में फैल चुका है. ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने आगाह करते हुए कहा है कि कोरोना वायरस का लैंब्डा वेरिएंट डेल्टा स्ट्रेन से भी ज्यादा खतरनाक है.

पेरू में इस वेरिएंट के 80% से अधिक नए मामले

पिछले महीने WHO ने भी लैंब्डा (C.37) को ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ घोषित किया था. अपने साप्ताहिक बुलेटिन में, WHO ने कहा था कि कई देशों में लैंब्डा का कम्युनिटी ट्रांसमिशन हो चुका है. इसकी वजह से COVID-19 के मामले अचानक से बढ़े हैं. पेरू में इस वेरिएंट के 80% से अधिक नए मामले सामने आए हैं.

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लैंब्डा में बहुत सारे म्यूटेशन आए जिससे संक्रमण दर बढ़ी

WHO का कहना है कि, फेनोटाइपिक के प्रभाव से लैंब्डा में बहुत सारे म्यूटेशन आ गए हैं. इसकी वजह से संक्रमण दर तेजी से बढ़ा है. ये वेरिएंट एंटीबॉडी को भी निष्क्रिय कर रहा है. ये वेरिएंट अब अमेरिका के चिली, इक्वाडोर और अर्जेंटीना में भी तेजी से बढ़ रहा है. WHO का कहना है कि जितना ज्यादा SARS-CoV-2 फैलेगा, उतना ही ज्यादा उसे म्यूटेशन का मौका मिलेगा.

WHO के अनुसार, Sars-CoV-2 समय के हिसाब से बहुत बदल चुका है. इनमें से कुछ बदलाव वायरस के गुणों को प्रभावित करते हैं, जैसे कि यह कितनी आसानी से फैलता है, ये बीमारी को कितना गंभीर करता है और वैक्सीन या दवाओं पर इसका कैसा असर है.

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WHO ने Sars-CoV-2 के बदलते स्वरूप पर नजर रखने और आकलन करने के लिए दुनिया भर में हेल्थ एक्सपर्ट्स का एक नेटवर्क बनाया है. महत्वपूर्ण बदलाव का पता चलते ही देशों को इसके बारे में सूचित किया जाता है ताकि इस वेरिएंट को फैलने से रोका जा सके.

लैंब्डा वेरिएंट तेजी से फैल रहा है और एंटीबॉडी को भी बाधित करता है. हालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस तथ्य को जानने के लिए और डेटा जुटाने की कोशिश की जा रही है. हाल ही में पेरू में हुई एक स्टडी में भी दावा किया गया था कि लैंब्डा वेरिएंट चीन की कोरोनावैक वैक्सीन से बनी एंटीबॉडी से आसानी से बचने में सक्षम है. हालांकि, इस स्टडी की समीक्षा की जानी अभी बाकी है.

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सिर्फ लैंब्डा ही नहीं बल्कि WHO की वेबसाइट पर इटा (B.1.525), लोटा (B.1.526) और कप्पा (B.1.617.1) को भी वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट बताया गया है. इन सभी वेरिएंट को फैलने से रोकने के लिए एक्सपर्ट हर किसी को वैक्सीन लगवाने की सलाह दे रहे हैं.

वेरिएंट को रोकने का एकमात्र जरिया वैक्सीन है

अमेरिका के वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में संक्रामक रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर डॉक्टर विलियम शेफनर ने सीएनएन को बताया, ‘वैक्सीन ना लगवाने लोग कोरोना वेरिएंट्स की चलती- फिरती फैक्ट्रीज हैं. जितने ज्यादा लोग वैक्सीन नहीं लगवाएंगे, वायरस को उतना ज्यादा फैलने का मौका मिलेगा.’ किसी भी वेरिएंट को फैलने से रोकने का एकमात्र जरिया वैक्सीन ही है.

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