जब रामपुर आए दिलीप कुमार को आजम खां ने गंगा-जमुना का डाकू, मुगले आजम का बिगड़ैल शहजादा कहा

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Actor Dilip Kumar Rampur MP Azam Khan Called him Dacoit Ganga Jamuna Spoiled Prince Of Mughle Azam
सांसद आजम खान और अभिनेता दिलीप कुमार.

वसीम अख्तर


 

यह इत्तेफाक है. फिल्मी पर्दे पर जिंदगी के मुश्किल किरदारों को अपने शानदार अभिनय से अमर कर देने वाले युसूफ अली खां उर्फ दिलीप कुमार और राजनीतिक मंचों पर अपनी जानदार तकरीर का लोहा मनवाने वाले सांसद मुहम्मद आजम खां, दोनों ही अस्पताल में हैं. सांस लेने में तकलीफ की वजह से ट्रेजडी किंग मुंबई और समाजवादी पार्टी के फायर ब्रांड नेता का लखनऊ के मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा है. दोनों में एक समानता, अंदाज-ए-बयां की भी है. 25 साल पहले उनका एक वाकिया रामपुर के राजनीतिक गलियारों में अब भी काफी दिलचस्पी के साथ सुना और सुनाया जाता है.

एक सदाबहार अभिनेता, जिसके दुनिया में करोड़ों दीवाने हैं, उनके बारे में आजम खान ने आखिर ऐसा क्यों बोला. जाहिर है कि ये सवाल दिमाग को जरूर मथेगा. चलिए हम बताते हैं. इसके पीछे एक लंबी और रोमांचक कहानी है, जो फिल्मी और सियासी कॉकटेल है.

दिलीप कुमार की फिल्में ‘गंगा जमुना’ और ‘मुगले आजम’, आपने देखी होंगी. गंगा जमुना में वे डाकू का किरदार निभाते हैं और मुगले आजम में शहजादा का. चूंकि आजम खान के बारे में ये कहा जाता है कि वे खुद ‘मुगले आजम’ फिल्म के दीवाने थे. लेकिन एक सियासी मजबूरी में उन्हें दिलीप कुमार पर ये कमेंट करना पड़ा था. कैसे इसे पढ़िए.

जब रामपुर आए थे दिलीप कुमार

रामपुर नवाब घराने के चश्म-ओ-चिराग जुल्फिकार अली खां उर्फ मिक्की मियां का इंतकाल होने के बाद उनकी बेगम नूरबानो का 1996 में पहला चुनाव था. ठीक ईद के दिन दिल्ली से लौटते वक्त गजरौला के पास मिक्की मियां को सड़क हादसे ने उनके चाहने वालों से छीन लिया था. जब नूरबानो कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरीं तो पब्लिक में बेपनाह हमदर्दी थी. इसी चुनाव में कैम्पेन के लिए युसूफ अली खी उर्फ दिलीप कुमार रामपुर आए थे.

तब सन्नाटे में तब्दील हो गया था शोर

रात में दिलीप कुमार का जलसा (जनसभा) था. नवाबों के बनवाए हुए किला का मैदान खचाखच भरा था. भीड़ बेसब्री से ट्रेजडी किंग का इंतजार कर रही थी. शोर में कुछ भी सुनाई नहीं दे रहा था. रात नौ बजे जैसे ही दिलीप कुमार ने स्टेज पर कदम रखा, भीड़ बेकाबू हो गई. धक्का-मुक्की के बीच लोग मंच की तरफ बढ़ने लगे, तब दिलीप कुमार सीधे संबोधन के लिए आ गए. उनके खास अंदाज में भीड़ का अभिवादन करते ही कान फाड़ देने की तरफ बढ़ रहा शोर सन्नाटे में तब्दील हो गया.

सुनाए थे अपनी फिल्मों के मशहूर डायलॉग

दिलीप कुमार जिंदाबाद, बेगम नूरबानो जिंदाबाद, मिक्की मियां अमर रहें, जैसे नारे लगाए जाने लगे. दिलीप कुमार ने मिक्की मियां से अपने रिश्ते गिनाते हुए बहुत ही असरदार भाषण दिया. वह जाने से पहले लोगों से दुल्हन बानो को जिताने का वायदा ले गए थे. जब उन्होंने कहा-जिताएंगे, भीड़ से जोरदार आवाज आई हां. भीड़ की फरमाइश पर दिलीप कुमार ने अपने मशहूर डायलॉग भी सुनाए थे.

पूर्व सांसद बेगम नूर बानो.

बेगम नूरबानो नहीं दुल्हन बानो कहा

दिलीप कुमार जब रामपुर आए थे तो उन्होंने मिक्की मियां की बेवा नूरबानो को दुल्हन बानो कहकर संबोधित किया था. द लीडर को बेगम नूरबानो ने इसकी वजह बताई. कहा कि दिलीप कुमार और मिक्की मियां के बीच बहुत मजबूत रिश्ते थे. बेगम नूरबानो ने बताया कि दिलीप कुमार और उनकी बेगम सायरा बानो हमारे मायके लोहारू स्टेट भी जाते थे, जो जयपुर में है. इन्हीं रिश्तों की बुनियाद पर दिलीप कुमार दुल्हन बानो कहकर पुकारते थे.

दुआ है कि सौ साल पूरे करें

बेगम नूरबानो ने कहा कि दुआ है कि दिलीप साहब जल्द सेहतमंद हो जाएं. साथ ही इत्मिनान भी जाहिर किया कि खुशी है कि जिंदगी के इस पड़ाव पर सायरा बानो ने दिलीप कुमार का बहुत अच्छी तरह ख्याल रखा है, जो वाकई तारीफ के काबिल है. उन्होंने लोगों से भी दुआ का आह्वान करते हुए कहा कि दिलीप साहब कम से कम सौ बरस तो पूरे कर लें.

तब आजम खां ने यह कहा

रामपुर के वरिष्ठ पत्रकार सईदुल अश्क बताते हैं कि बेगम नूरबानो के हिमायत में जलसा करके जाने के अगले दिन ही आजम खां ने भी किला मैदान में जलसा आयोजित किया. अपने कंडीडेट के समर्थन में आजम खां ने दिलीप को दिलीप कुमार या युसूफ खां कहने के बजाय सवाल उठाया था कि हम उन्हें क्या कहकर बुलाएं, गंगा-जमना का डाकू या फिर मुगले आजम का बिगड़ैल शहजादा. ऐसा कहने के पीछे आजम खां की राजनीतिक मंशा यह थी कि वह दिलीप कुमार की तकरीर के असर को कम करना चाहते थे लेकिन ऐसा कर नहीं पाए.

पब्लिक ने दिया जुमले का जवाब

सईदुल अश्क बताते हैं कि कांग्रेस की तरफ से आजम खां के उछाले गए जुमले का कोई जवाब नहीं दिया गया था. बेगम नूरबानो भारी वोटों से चुनाव जीतीं तो कांग्रेसियों ने यह कहकर जरूर आजम खां का मजाक उड़ाया कि दिलीप कुमार को अब क्या कहकर पुकारेंगे पब्लिक ने बता दिया.

तकरीर में ट्रेजडी किंग की झलक

सपा नेता आजम खां ने भले ही दिलीप कुमार को रामपुर आने पर निशाना बनाया हो लेकिन वरिष्ठ पत्रकार आदिल मुजद्ददी का कहना है कि दोनों की तकरीर में काफी हद तक समानता दिखती थी. आजम खां के पुराने साथी शब्बन खां तो मंचों से यह बात कहते थे कि सपा नेता ने तकरीर करने का अंदाज दिलीप कुमार की फिल्में देख-देखकर सीखा. फिल्म देखने के बाद वह शीशे के सामने खड़े होकर डायलॉग बोला करते थे.

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