द लीडर डेस्क : जानेमाने फिल्म अभिनेता दिलीप कुमार को सांस लेने में परेशानी की शिकायत के बाद एक बार फिर मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों के मुताबिक उनके फेफड़ों में पानी भरा है और सांस लेने में दिक्कत है लेकिन अभी उन्हें वेंटिलेटर पर नहीं रखा गया है।
सायरा बानो ने अपील की है कि साहब के लिए दुआ करें
उनकी पत्नी मशहूर अदाकारा सायरा बानो ने प्रशंसकों से अपील की है कि साहब के लिए दुआ करें और अपना भी ख्याल रखें। 98 साल के दिलीप कुमार को कुछ समय के अंतराल में फिर अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।
हिंदुजा के डॉक्टर जलील पारकर ने बताया कि यह उम्र का मसला है। अभी उन्हें वेंटिलेटर पर नहीं रखा गया है लेकिन कुछ नहीं कह सकते कि उन्हें कब तक अस्पताल में रखना पड़ेगा।
दिलीप कुमार को सुबह साढ़े आठ बजे के करीब अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एक महीने पहले भी वह यहां भर्ती हुए थे। दोपहर बाद बताया गया कि फेफड़ों में पानी भरा है और हालात स्थिर है।
दिलीप कुमार का बेहद ख्याल रखती हैं सायरा बानो
दिलीप कुमार की पत्नी सायरा बानो, दिलीप कुमार का बेहद ख्याल रखती हैं। सायरा बानो ने बताया है कि कुछ दिन से उन्हें सांस लेने में दिक्कत है । उन्हें नॉन कोविड वार्ड में रखा गया है।
डॉ. नितिन गोखले की टीम उनकी देखभाल कर रही है। सायरा बानो ने लोगों से अपील की है कि कृपया साहब के लिए दुआएं करते रहिए और आप भी सुरक्षित रहिए। डाक्टर कह रहे हैं ऑक्सीजन लेबल कम हो रहा है। दिसंबर 2020 से दिलीप कुमार की सेहत नासाज चल रही है। वह बहुत कमजोर हो गए हैं और उनकी इम्यूनिटी भी कम है।
पूरी तरह सायरा पर निर्भर
दिलीप कुमार लंबे समय से पूरी तरह सायरा पर निर्भर हैं। सायरा भी बच्चे की तरह उनका ख्याल रखती हैं। एक इंटरव्यू के दौरान सायरा बानो ने खुलासा किया कि जब वह 12 साल की थीं तब उन्हें दिलीप कुमार से प्यार हो गया था और आखिरकार उन्होंने शादी करने का फैसला किया। उन्होंने कहा था कि जब वह पहली बार मुंबई के महबूब स्टूडियो में दिलीप कुमार से मिलीं तो उन्हें तुरंत प्यार हो गया
सदा बाहर दिलीप कुमार
दिलीप कुमार ने हिन्दी सिनेमा को सबसे अधिक सफल फिल्में दी थीं। इंडस्ट्री में आने वाला हर नया कलाकार उन्हें अपना आदर्श के रूप में देखता है। एक्टिंग में सबसे ज्यादा नकल दिलीप कुमार के अभिनय की ही हुई है।
दिलीप कुमार का जन्म 11 दिसम्बर, 1922 को वर्तमान पाकिस्तान के पेशावर शहर में हुआ। उनके बचपन का नाम मोहम्मद युसूफ खान था।
उनका फिल्मी करियर 1944 में ‘ज्वार भाटा’ फिल्म से शुरू हुआ, लेकिन 1949 में बनी महबूब खान की फिल्म ‘अंदाज’ से वह चर्चा में आये। उनकी पहली हिट फिल्म ‘जुगनू’ थी। 1947 में रिलीज हुई इस फिल्म ने बॉलीवुड में दिलीप कुमार को हिट फिल्मों के स्टार की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया।
1949 में ‘अंदाज’ में दिलीप कुमार ने पहली बार राजकपूर के साथ काम किया। दीदार(1951) और देवदास(1955) जैसी फिल्मों में गंभीर भूमिकाओं के लिए मशहूर होने के कारण उन्हें ट्रैजेडी किंग कहा जाने लगा। मुगल-ए-आज़म (1960) में उन्होंने मुगल राजकुमार जहांगीर की भूमिका निभाई।
बॉलीवुड में 80 के देशक की सबसे सुपरहिट फिल्मों की बात की जाए तो इसमें ‘कर्मा’ का नाम भी सामने आता है। इस फिल्म में दिलीप कुमार ने एक पुलिस वाले की भूमिका निभाई है। फिल्म में ‘अनिल कपूर’ और ‘जैकी श्रॉफ’ भी मुख्य भूमिका में हैं।
ड्रामा और एक्शन से भरपूर फिल्म ‘क्रांति’ अभिनेता दिलीप कुमार की कभी ना भूलने वाली फिल्मों में से एक रही है। इस फिल्म ने सिनेमा घरों में अपार सफलता हासिल की थी।
बॉलीवुड में कुछ फिल्में ऐसे रही हैं जिनके किरदार हमेशा के लिए जीवित हो गए हैं। भारतीय सिनेमा की ऐसे ही एक फिल्म रही है ‘मुगले आजम’। सन 1960 में आई दिलीप कुमार की ये फिल्म इतनी हिट रही थी की आज भी इसकी कहानी के ऊपर गली मोहल्लों में नाटक का मंचन किया जाता है।
भारत की सबसे भावुक कर देने वाली उपन्यास में से एक रही है ‘देवदास’। यूं तो इसके ऊपर कई फिल्में बन चुकी हैं लेकिन हिंदी सिनेमा में सबसे पहले अभिनेता दिलीप कुमार को लेकर 1955 में यह फिल्म बनाई गयी थी।