लक्षद्वीप पर केरल का प्रस्ताव : केंद्र सरकार दखल दे और प्रशासक पद से प्रफुल पटेल को हटाए

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Keralas Proposal Lakshadeep Center Praful Patel
केरल विधानसभा-फोटो साभार विकिपीडिया.

द लीडर : मुस्लिम बहुल आबादी वाले भारत के सबसे छोटे केंद्र शासित प्रदेश ‘लक्षद्वीप’ में राजनीतिक संकट के बीच केरल विधानसभा ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है. इसमें केंद्र सरकार से घटनाक्रम पर हस्तक्षेप कर प्रफुल खोडा पटेल को लक्षद्वीप के प्रशासक पद से हटाए जाने की मांग की शामिल है. (Keralas Proposal Lakshadeep Center Praful Patel )

केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने सोमवार को सदन में ये प्रस्ताव पेश किया, जो सर्वसम्मति से पास हुआ है. एक ट्वीट में विजयन ने कहा, ” केंद्र शासित लक्षद्वीप के नागरिक और उसकी विविधताओं की रक्षा करने की जिम्मेदारी भारत सरकार के पास है. वर्तमान प्रशासक को तत्काल हटाया जाए. केरल विधानसभा ने सर्वसम्मति से केंद्रीय हस्तक्षेप की मांग करते हुए एक प्रस्तावत पारित किया है. केरल लक्षद्वीप के लोगों के साथ खड़ा है.”

प्रफुल पटेल, जोकि गुजरात के पूर्व गृह राज्यमंत्री रह चुके हैं. लक्षद्वीप के प्रशासक पद पर आसीन वह पहले ऐसे व्यक्ति हैं, जिनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि है. इससे पहले अब तक जो प्रशासक बनते रहे हैं, वे वर्तमान या रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट, सैन्य अफसर होते थे.


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पिछले साल दिसंबर 2020 में प्रफुल पटेल ने लक्षद्वीप के प्रशासक की जिम्मेदारी संभाली थीं. उन पर आरोप है कि वे जनविरोधी नीतियां बना रहे हैं, जिससे राज्य की विविधता, संस्कृति पर प्रतिकूल असर पड़ेगा.

इसको लेकर पिछले करीब एक महीने से लक्षद्वीप की जनता में प्रशासन के खिलाफ नाराजगी देखी जा रही है. पिछले दिनों कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी लक्षद्वीप की नई नीतियों की आलोचना की थी. (Keralas Proposal Lakshadeep Center Praful Patel )

शनिवार को जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने लक्षद्वीप के हालिया घटनाक्रम को लेकर भाजपा पर निशाना साधा था. कन्हैया ने एक ट्वीट में कहा कि, ” भाजपा यूपी चुनाव जीतने के लिए लक्षद्वीप पहुंच गई है. ये लोग आग लगाएंगे दक्षिण में, लाभ उठाएंगे उत्तर में.”

लक्षद्वीप आबादी करीब 70 हजार है, जिसमें मुसलमानों की तादाद 95 प्रतिशत है. 2020 तक लक्षद्वीप में शराबबंदी थीं. लेकिन नए प्रशासक ने राज्य में शराब बिक्री को हरी झंडी दे दी है. इसके अलावा गौवंश मीट प्रतिबंधित कर दिया है. विद्यालयों में दोपहर में दिए जाने वाले एमडीएम से भी मीट का मैन्यू हटाने का आदेश जारी किया गया है.

इसके अलावा राज्य में  प्रीवेंशन ऑफ एंटी सोशल एक्टिविटी (पीएएसए) एक्ट लागू कर दिया है. इसको लेकर सबसे ज्यादा नाराजगी है. स्थानीय लोग तर्क दे रहे हैं कि राज्य में अपराध दर दूसरे प्रदेशों की अपेक्षा न्यूनतम हैं. इसके बावजूद ये कानून लाया गया है. लोगों में भय है कि भविष्य में इस कानून के तहत उनका उत्पीड़न किया जाए.


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कोविड संक्रमण की दूसरी लहर से निपटने में भी पटेल की आलोचना हो रही है. कहा जा रहा है कि पहली लहर में लक्षद्वीप संक्रमणमुक्त रहा. क्योंकि यहां ऐसी व्यवस्था बनाई गई थी कि बाहर से कोई व्यक्ति सीधे टॉपू पर नहीं पहुंच सकता था. पहले उसे क्वारंटाइन किया जाता. सप्ताह भर के बाद ही उसे लक्षद्वीप जाने की अनुमति दी जाती थी. (Keralas Proposal Lakshadeep Center Praful Patel )

लेकिन दूसरी लहर में पटेल ने ये सारे बंदिशें हटा दीं. जिसका असर ये हुआ है कि लक्षद्वीप आबादी के लिहाज से संक्रमण की दर वाला देश का अव्वल राज्य बन गया है. इससे भी लोगों में नाराजगी है.

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