लखनऊ | एक्ट्रेस जूही चावला ने 5G टेक्नोलॉजी को लागू किए जाने के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई है, जिस पर सोमवार को सुनवाई हुई।
कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 2 जून की तारीख मुकर्रर की है। जूही ने अदालत से मांग की है कि 5G टेक्नोलॉजी के इम्प्लीमेंटेशन से पहले इसे जुड़ी तमाम स्टडीज को गौर से पढ़ा जाए, जो कि रेडिएशन से मानव जाति, जीव-जंतुओं और पेड़-पौधों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में है।
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साथ ही यह भी साफ किया जाए कि इस टेक्नोलॉजी से देश की मौजूदा और आने वाली पीढ़ी को किसी तरह का नुकसान है या नहीं।
मैं टेक्नोलॉजी एडवांसमेंट के खिलाफ नहीं: जूही
जूही चावला ने अपने बयान में कहा, ‘मैं टेक्नोलॉजी एडवांसमेंट के इम्प्लांटेशन के खिलाफ बिल्कुल नहीं हूं। इसके उलट हम उन नए प्रोडक्ट को एन्जॉय करते हैं, जो टेक्नोलॉजी की दुनिया से हमें मिलते हैं।
इनमें वायरलेस कम्युनिकेशन भी शामिल है। हालांकि, हम वायरलेस डिवाइस के इस्तेमाल के समय हर वक्त दुविधा में रहते हैं।
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क्योंकि ऐसे गैजेट्स और नेटवर्क सेल टावर्स से जुड़ी हमारी अपनी रिसर्च और स्टडी इस ओर इशारा करती है कि रेडिएशन सेहत और सुरक्षा के लिए नुकसानदायक हैं।’
जूही रेडिएशन का विरोध अक्सर करती रही हैं
जूही चावला अक्सर मोबाइल टावरों से निकलने वाले हानिकारक रेडिएशन की मुखालफत करती रही हैं और इसे लेकर लोगों को जागरूक भी करती रही हैं।
2008 में उन्होंने महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लेटर लिखकर मोबाइल टावर और वाई-फाई हॉटस्पॉट से निकलने वाले रेडिएशन से मानव जाति, पशु-पक्षियों और पेड़-पौधों को होने वाले नुकसान के प्रति आगाह किया था।