कोरोना से त्राहिमाम! देश में 24 घंटे में 3.23 लाख नए केस, कोरोना पर केंद्र की नई गाइडलाइन

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नई दिल्ली। देश में कोरोना लगातार पांव पसारता जा रहा है. देश में लगातार छठे दिन कोरोना के मामले 3 लाख पार गए. और 2,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई. वहीं इस दौरान देश में 25182 लोगों को डिस्चार्ज भी किया गया.

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अप्रैल सबसे घातक महीना साबित हुआ

देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बीते 6 दिनों से तीन लाख से ज्यादा ही पाये जा रहे हैं. महामारी की शुरुआत के बाद से अप्रैल 2021 सबसे घातक महीना साबित हुआ है. इस महीने हुई मौतों का आधे से ज्यादा हिस्सा बीते एक सप्ताह में हुआ.

अब तक 1, 45, 56, 209 लोग डिस्चार्ज

वहीं स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में फिलहाल 28,82, 204 एक्टिव केस हैं. और 1, 45, 56, 209 लोग डिस्चार्ज किये जा चुके हैं. मंत्रालय द्वारा जारी किये गये अपडेट के अनुसार बीते 24 घंटे में देश में 3,23,144 नये मामले पाये गये और 2771 लोगों की मौत हुई. इस दौरान देश में 25182 लोग डिस्चार्ज किये गये.

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24 घंटे में 68546 एक्टिव केस बढ़े

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में बीते 24 घंटे में 68546 एक्टिव केस बढ़े. मंत्रालय ने बताया कि, देश में अब तक 14,52,71,186 लोगों का टीकाकरण हो चुका है. सोमवार को 33,59,963 लोगों का टीकाकऱण हुआ. ICMR के अनुसार देश में 16,58,700 की जांच सोमवार को हुई. देश में फिलहाल एक्टिव केस का 16.34%, डिस्चार्ज मरीजों का प्रतिशत 82.54 और मृतकों का प्रतिशत 1.12 है.

कोरोना पर केंद्र की नई गाइडलाइन

देश में कोरोना के केस दिन-ब-दिन बढ़ रहे हैं. बिगड़ते हालात को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों के लिए गाइडलाइंस जारी की हैं. इसमें कहा गया है कि, अब राज्य सरकारों को लोगों पर सख्ती करनी होगी. ये भी बताया गया है कि, कितने प्रतिशत कोरोना केस आने पर कितनी कड़ाई करनी है.

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केंद्र ने राज्यों से कहा है कि, स्थानीय प्रशासन को ही तय करने दें कि, कहां कंटेनमेंट जोन बनाना है. और कहां इससे भी ज्यादा सख्ती करनी है. एडवाइजरी में लिखा है कि, किसी इलाके का पॉजिटिविटी रेट लगातार एक सप्ताह तक 10% आता है या कहीं अस्पतालों में 60% बेड भर जाते हैं, तो वहां 14 दिन की सख्त पाबंदियां लगाएं.

छोटे-छोटे कंटेनमेंट जोन बनाने की सलाह

राज्यों को जिलों में छोटे-छोटे कंटेनमेंट जोन बनाने की सलाह दी गई है. गृह मंत्रालय ने कहा है कि, बड़े कंटेनमेंट जोन बनाने से बचना चाहिए. जरूरत पड़े तो पूरी जांच-पड़ताल के बाद ही यह कदम उठाएं. पहले पता कर लें कि कितनी बड़ी आबादी में संक्रमण फैला है. और कितने इलाके को बंद किया जाना है. गृह मंत्रालय ने कहा कि, सख्ती करने से पहले एक फ्रेमवर्क तैयार करें, ताकि उसका मकसद पूरा हो सके.

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केंद्र की राज्यों के लिए गाइडलाइन

1- कर्फ्यू का समय तय करने की छूट स्थानीय प्रशासन को दें. नाइट कर्फ्यू में जरूरी चीजों को छोड़कर सभी तरह की आवाजाही बंद हो.

2- सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजन, शिक्षा, संस्कृति, धर्म और उत्सव से जुड़े भीड़ लगाने वाले आयोजनों पर रोक लगाएं.

3- लोगों को आपस में मिलने-जुलने से रोककर ही इस वायरस को फैलने से रोका जा सकता है.

4- शादियों में मेहमानों की संख्या 50 और अंतिम संस्कार में 20 तय कर दें.

5- शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, सिनेमा हॉल, रेस्टोरेंट-बार, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, जिम, स्पा, स्वीमिंग पूल और धार्मिक स्थलों को बंद करें.

6-पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर से जुड़ी जरूरी सेवाओं को ही चालू रखें.

7- ट्रेन, मेट्रो, बस और कैब आधी क्षमता के साथ चलने की छूट दे सकते हैं.

8- अंतरराज्यीय या राज्य के अंदर चलने वाले वाहनों पर पाबंदी ना लगाएं. जरूरी सामान से जुड़े ट्रांसपोर्ट वाहनों को बिल्कुल ना रोकें.

9- आधे कर्मचारियों के साथ ऑफिस खोलने की छूट दे सकते हैं.

10. फैक्ट्री और वैज्ञानिक रिसर्च से जुड़े संस्थानों को छूट दें, लेकिन वहां कोरोना से बचाव के नियमों का पालन हो. समय-समय पर कर्मचारियों का रेपिड एंटीजन टेस्ट हो.

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