द लीडर हिंदी, लखनऊ | कर्नाटक के मैसूर जिले में मंदिर तोड़ने के मुद्दे पर विवाद खड़ा हो गया है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने अधिकारियों को जल्दबाजी में कोई मंदिर ना गिराने का आदेश दिया है. साथ ही उन्होंने मैसूर में मंदिर तोड़ने को लेकर मैसूर डीसी और तहसीलदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत मैसूर के नंजनगुड स्थित मंदिर को गिराया गया. इसे लेकर राज्य में सियासत तेज हो गई है. कांग्रेस लगातार इस मुद्दे पर भाजपा सरकार पर निशाना साध रही है. ऐसे में इस पूरे मामले पर मुख्यमंत्री बोम्मई ने अपनी प्रतिक्रिया दी.
जारी हुआ कारण बताओ नोटिस
इस मामले में भाजपा के कार्यकर्ताओं ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया और पूर्व मुख्यमंत्री के सिद्धारमैया ने भी भाजपा पर हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया. वहीं अब कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई इस मामले पर बात प्रतिक्रिया दी है.
बोम्मई ने कहा है कि जिले में मंदिरों को गिराने से पहले लोगों को विश्वास में नहीं लेने के लिए मैसूर डीसी और तहसीलदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. विवरण सदन के सत्र में रखा जाएगा.
Show cause notice has been issued to Mysuru DC and Tahasildar for not taking people into confidence before demolishing the temples in the district. The details will be put forth in the session of the House: Karnataka CM Basavaraj Bommai
(File photo) pic.twitter.com/NGDLN22bAi
— ANI (@ANI) September 14, 2021
डिप्टी कमिश्नर को लिखी गई थी चिट्ठी
बताया जा रहा है कि इसी साल एक जुलाई को राज्य के मुख्य सचिव पी रवि कुमार ने सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नर को चिट्ठी लिखकर कहा था कि कर्नाटक में सार्वजनिक जगहों पर 6,395 ऐसी धार्मिक संरचनाएं हैं, जो अवैध रूप से बनीं हैं. पत्र में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए जिला प्रशासन और नगर निगमों को हर सप्ताह कम से कम 1 अवैध निर्माण को तोड़ना होगा. पिछले बारह सालों में तकरीबन 2887 धार्मिक जगहों को या तो हटा दिया गया या फिर उन्हें दूसरी जगह बनाया गया.
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भाजपा बैकफुट पर
वहीं, नंजनगोडू में 8 सितंबर को जिस महादेवअम्मा मंदिर पर बुल्डोजर चला उसके बारे में प्रशासन का कहना है कि मंदिर का ये ढांचा 12 साल से ज्यादा पुराना नहीं है. जबकि, स्थानीय लोगों का आरोप है कि ये ग्राम देवता का मंदिर है. आस पास के गांव के लोगों के लिए ये आस्था का केंद्र था और ये मंदिर 80 साल पुराना है.
कुछ साल पहले इसका जीर्णोद्धार किया गया और ये मंदिर अवैध निर्माण ढांचे की लिस्ट में था. गांव वालों को इसका अंदाजा भी नहीं था. गांव वालों का आरोप है कि बिना पूर्व सूचना के सुबह सुबह प्रशासन ने मंदिर पर बुल्डोजर चलवा दिया. अब इस पूरे मामले के सामने आने के बाद भाजपा बैकफुट पर है.
कर्नाटक में जल्दबाजी में ना गिराए जाएं मंदिर
बोम्मई ने कहा, मंदिर ढहाने के मुद्दे पर विधानसभा में चर्चा की जाएगी. उन्होंने बताया कि सरकार ने मंदिर को गिराने से पहले लोगों को विश्वास में नहीं लेने के लिए मैसूर डीसी और तहसीलदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. उन्होंने आदेश दिया, कर्नाटक में कोई भी मंदिर जल्दबाजी और आपात स्थिति में नहीं गिराया जाएगा.
जल्द जारी करेंगे निर्देश
सीएम बोम्मई ने कहा, हम इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को देखेंगे और जल्द निर्देश जारी करेंगे. हम इस मुद्दे पर कैबिनेट में भी चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा, राज्य में कोई भी मंदिर जल्दबाजी में ना गिराया जाए. इसके लिए सरकार दो दिन में गाइडलाइन जारी करेगी.
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