मजहब के नाम पर घिनौना खेल, तो ऐसे मन्नू यादव बना अब्दुल मन्नान ?

0
332

द लीडर हिंदी, नई दिल्ली। यूपी के नोएडा में पकड़े गए धर्मांतरण रैकेट केस में एक वॉट्सऐप चैट सामने आई है. इस चैट में उमर का एक साथी एक मूक-बधिर से धर्मांतरण के लिए 5,500 रुपए और आधार कार्ड समेत सारे डॉक्यूमेंट्स लाने की बात कह रहा है. इसके बाद उमर के साथी ने उसका धर्मांतरण कराया और धर्म परिवर्तन का सर्टिफिकेट भी बनाकर दे दिया.

यह भी पढ़े: यूपी : भाजपा के सहयोगी दल निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने मांगा उपमुख्यमंत्री का पद

मूक-बधिर बच्चे का धर्मांतरण, वाट्सएप चैट आई सामने

हैरानी वाली बात ये है कि, जिसने उस मूक-बधिर बच्चे का धर्मांतरण कराया, वो खुद भी पहले हिंदू था और बाद में मुस्लिम बन गया था. इस मामले में जो वाट्सएप चैट सामने आई है वो मूक-बधिर मन्नू यादव और मोहम्मद आकिब गुप्ता की है.

मन्नू यादव हरियाणा का रहने वाला है जो नोएडा की डेफ सोसायटी में पढ़ता था. वहीं, मोहम्मद आकिब गुप्ता पहले हिंदू था जो बाद में अपना धर्म बदलकर मुस्लिम बन गया. मोहम्मद आकिब उमर गौतम का गुर्गा था.

मन्नू यादव को हिंदू से मुसलमान में कन्वर्ट किया

वॉट्सऐप चैट के जरिए मोहम्मद आकिब मन्नू यादव को जामिया मेट्रो स्टेशन पर बुला रहा है. साथ में आधार कार्ड और 5,500 रुपए भी लाने को कह रहा है. इसके बाद मन्नू यादव को हिंदू से मुसलमान में कन्वर्ट कर दिया गया और उसका सर्टिफिकेट भी जारी किया गया.

यह भी पढ़े:  ब्रिटेन HC से नीरव मोदी को झटका, भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने का आवेदन खारिज

मन्नू यादव को धर्मांतरण का सर्टिफिकेट भी दिया

19 साल के मन्नू यादव को धर्मांतरण का जो सर्टिफिकेट दिया गया, उसके मुताबिक उसने 11 जनवरी 2021 को हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम कबूल कर लिया था. इसके साथ ही उसने अपना नाम मन्नू यादव से अब्दुल मन्नान रख लिया था.

कुछ दिन पहले धर्मांतरण रैकेट का हुआ था भंडाफोड़

दरअसल, कुछ दिन पहले यूपी एटीएस ने नोएडा में चल रहे धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़ किया था. इस मामले में एटीएस ने मोहम्मद उमर गौतम और उसके साथी मौलाना मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी को गिरफ्तार किया था.

यह भी पढ़े:  ‘वसीम रिजवी ने बलात्कार करके बनाई मेरी वीडियो’-महिला के आरोप पर बोलीं फरहत नकवी-कुछ भी कर सकता शैतान

पुलिस को शक है कि, ये रैकेट सिर्फ दिल्ली-यूपी तक ही नहीं बल्कि देश के कई राज्यों में भी सक्रिय था.

मूक-बधिर बच्चों और गरीबों को बनाते है टारगेट

यूपी के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने बताया था कि, मोहम्मद उमर और उसके साथी मूक-बधिर बच्चों, महिलाओं और गरीबों को टारगेट करते थे. इनका डरा-धमकाकर या नौकरी-पैसे का लालच देकर धर्म बदल दिया जाता था.

यह भी पढ़े:  ‘घर-घर राशन स्कीम’ पर तकरार, केंद्र की चिट्ठी पर बोले केजरीवाल- इस पर झगड़ा मत कीजिए

इतना ही नहीं, ये लोग धर्मांतरण कराने के बाद उसका सर्टिफिकेट भी देते थे ताकि अवैध तरीके से धर्मांतरण को कानूनी मान्यता दिला सकें.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here