द लीडर : उत्तर प्रदेश के बनारस में काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण की तैयारियों के बीच एक मस्जिद को बिना इजाजत के, गेरुआ रंग में रंगने का मामला सामने आया है. प्रशासन की इस हरकत से अंजुमन इंताजमिया मसाजिद कमेटी नाराज है. और प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष कड़ी नाराजगी दर्ज कराई है. कमेटी के ज्वॉइंट सेक्रेटरी सैयद मुहम्मद यासीन ने कहा कि बगैर पूछे मस्जिद का रंग बदलना सरासर गलत है. इस तरह की मनमानी और नासमझी से हालात बिगड़ सकते हैं. (UP Kashi Vishwanath Mosque)
आमतौर पर मस्जिदों का रंग सफेद या हरा होता है. मुहम्मद यासीन ने कहा कि मस्जिद को गेरुआ रंग देने को लेकर हमने डीएम के समक्ष शिकायत दर्ज कराई है. हमें यकीन दिलाया गया कि मस्जिद जिस रंग में थी, दोबारा वो रंग कराया जाएगा.
13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण करेंगे. इसलिए काशी विश्वधाम जाने वाले रास्ते को खासतौर पर सजाया और संवारा जा रहा है. इस रास्ते मैदागिन से चौक के बीच पड़ने वाले सभी भवनों को एक विशेष रंग-गेरुआ रंग में रंगा जा रहा है. इसी क्रम में मस्जिद पर भी गेरुआ रंग पोत दिया गया. जिस पर मुस्लिम समाज ने आपत्ति दर्ज कराई है. . (UP Kashi Vishwanath Mosque)
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ये मस्जिद बुलानाला पर सड़क के किनारे है. मस्जिद प्रबंधन से जुड़े लोगों ने कहा कि वाराणसी विकास प्राधिकरण VDA ने मनमानी दिखाई है. वहीं काशी विश्वनाथ मंदिर के कार्यपालक अधिकारी और वीडीए के सचिव सुनील वर्मा ने कहा है कि हमें लिखित में कोई आपत्ति नहीं मिली है. मस्जिद को गेरुआ या भगवा रंग से नहीं रंगा गया है. मैदागिन से गोदौलिया तक जो रंग सभी बिल्डिंग्स पर किया गया है. वही रंग मस्जिद पर किया गया. फिर भी मामले को दिखवा रहे हैं.
सुनील वर्मा ने कहा कि एक रंग खूबसूरती की वजह से किया गया है. किसी की धार्मिक भावना को आह़्त करने के लिए रंग नहीं कराया गया है. इस मसले को प्राथमिकता पर हल कराएंगे. . (UP Kashi Vishwanath Mosque)