द लीडर : उत्तर प्रदेश का मथुरा हाई अलर्ट पर है. धारा-144 पहले से ही लागू है. सोमवार को जिले की सारी सीमाएं सील कर दी गई हैं. चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा है. ड्रोन और सीसीटीवी के जरिये शहर की हर एक्टिविटी पर नजर रखी जा रही है. शाही ईदगाह और श्रीकृष्ण जन्मस्थान, दोनों धार्मिक स्थलों पर भारी सुरक्षा बल तैनात हैं. हाई सिक्योरिटी के बावजूद स्थानीय लोग चिंतित हैं. (Mathura Situation Shahi Eidgah)
दरअसल, चार राइट ग्रुप्स, जिनमें अखिल भारतीय हिंदू महासभा, श्रीकृष्ण जन्मभूमि न्यास, नारायणी सेना और श्रीकृष्ण मुक्ति दल शामिल हैं-इन्होंने 6 दिसंबर को मथुरा की ऐतिहासिक शाही ईदगाह में मूर्तियां रखने की धमकी दी थी. बाकायदा इसके लिए जिला प्रशासन से अनुमति भी मांगी. लेकिन प्रशासन ने इजाजत नहीं दी.
6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद शहीद कर दी गई थी. खास बात ये है कि मथुरा की शाही ईदगाह में मूर्तियां रखने के लिए इसी तारीख का चुनाव किया गया है.
आमतौर पर बाबरी मस्जिद शहादत के दिन मुस्लिम समुदाय अपना विरोध दर्ज कराता रहा है. लेकिन इस बार मथुरा की ईदगाह को लेकर राज्य में हाई अलर्ट जारी है. इसलिए कहीं विरोध-प्रदर्शन जैसी स्थिति सामने नहीं आई.
मथुरा में जिला प्रशासन ने राइट ग्रुप्स की चेतावनी को गंभीरता से लेते हुए पहले ही धारा-144 लगा रखी है. आज सोमवार यानी 6 दिसंबर है, तो पूरा शहर छावनी बना है. हर गली-मुहल्ले में आने-जाने वाले पर पैनी नजर रखी जा रही है.
मथुरा के एसएसपी गौरव ग्रोवर, बाहरी लोगों से ये अपील कर चुके हैं कि मथुरा कॉल में शामिल न हों. आयोजकों ने कार्यक्रम रद कर दिया है. लेकिन फिर भी सोमवार को ट्वीटर पर मथुरा चलो की मुहिम जारी है.
पुलिस-प्रशासन ने शहर को तीन हिस्सों में बांटकर सुरक्षा के कड़े बंदोवस्त कर रखे हैं. शाही ईदगाह और श्रीकृष्ण जन्म स्थल के 300 मीटर दायरे को रेड जोन में रखा है. जहां पुलिस बल तैनात है और हर आने-जाने वाली की जांच की जा रही है.
शहर में करीब 2100 से ज्यादा पुलिस, पीएसी और आरएएफ के जवान तैनात किए गए हैं. खुफिया एजेंसियां भी पल-पल की टोल ले रही हैं.
मथुरा में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हालात सामान्य हैं. ये श्रीक़ष्ण की नगरी है, जो प्रेम के प्रतीक माने जाते हैं-उनके शहर के अमन पर पूरा देश नजरें टिकाए हुए है.