किसान आंदोलन को फिर से परवान चढ़ाने को दिन ब दिन जत्थों का आना जारी है। गाजीपुर बॉर्डर पर जहां तिरंगा मार्च निकालकर 26 मई के कार्यक्रम को सफल बनाने को उत्साह दिखाई दिया तो सिंघु बॉर्डर पर करनाल से कई बड़े जत्थों के आने से पुरानी चहल-पहल लौट आई।
हज़ारो की संख्या में किसान अलग-अलग वाहनों से सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे। करनाल व आसपास के किसानों का काफिला किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी के नेतृत्व में सिंघु बॉर्डर पहुंचा, जिसका यहां पहले से मौजूद किसानों ने जोशोखरोश से स्वागत किया।
कटाई के सीजन के बाद लगातार किसान दिल्ली की सीमाओं पर लौट रहे हैं। 26 मई के आंदोलन के छह महीने और मोदी सरकार के सात साल पूरे होने पर देशव्यापी काला दिवस मनाने का ऐलान किया जा चुका है।
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इस बीच हरियाणा सरकार से भी किसानों की ठन गई है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर केस दर्ज करने और किसानों पर हिंसक हमला करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग को लेकर आज हजारों की तादाद में किसान हिसार कमिश्नर का घेराव करेंगे।
इसके अलावा आज दिल्ली की सीमाओं पर शहीद करतार सिंह सराभा का जन्म दिवस मनाया जाएगा। करतार सिंह सराभा ने कम उम्र में देश व समाज के लिए अपने आप को कुर्बान कर दिया था। यह आंदोलन उन्हें अपना आदर्श मानता है।