फिर शुरू हुए किसान मार्च, 24 मई को प्रदर्शन, 26 को बुद्ध पूर्णिमा के साथ ही मनाएंगे काला दिवस

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दिल्ली की सीमाओं पर तीन कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी की गारंटी की मांग पर जारी किसान आंदोलन कोविड की उतरती लहर के साथ ही नए तेवर में आने की तैयारी में है। गाजीपुर बॉर्डर पर 22 मई से फिर किसान मार्च शुरु हो गया, जो कोरोना महामारी के चलते महीने भर से स्थगित था।

किसानों की संख्या सभी बॉर्डर पर मौजूद धरने में बढ़ने लग है और 26 मई को काला दिवस मनाने की तैयारी जोर शोर से शुरू हो गई है। इस दिन किसान आंदोलन के छह महीने पूरे हो रहे हैं और मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दो साल समेत कुल सात साल भी पूरे हो रहे हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा ने गांव-शहर में सभी जगह काले झंडे लहराने के साथ ही प्रधानमंत्री का पुतला दहन करने का आह्वान किया है। किसान मोर्चा ने अपील की है कि सभी लोग घरों, दुकानों, वाहनों समेत सोशल मीडिया पर काले झंडे लगाकर मोदी सरकार का विरोध करें। इस मुहिम का देश की ट्रेड यूनियन, छात्र संगठन व तमाम जनवादी संगठन खुलकर समर्थन कर रहे हैं।

काला दिवस कार्यक्रम से पहले बुद्ध पूर्णिमा का भी आयोजन होगा। मोर्चा ने यह फैसला किया है कि उस दिन सभी मोर्चों और धरनों पर बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाएगी। जिसमें बुद्ध के करुणा और कल्याण के मार्ग पर चलकर शांति और उन्नति के मार्ग पर समाज निर्माण का संकल्प लिया जाएगा।

किसानों का कहना है कि संयुक्त राष्ट्र में बुद्ध के नाम पर ढिंढाेरा पीटने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने आम लोगों के प्रति कठोर बर्ताव किया है और साथ ही उसके विपरीत बुद्ध विरोधी विचारों को सत्ता के सहारे स्थापित करने का प्रयास किया है।

किसान नेताओं ने बताया कि हरियाणा के किसान संगठनों ने फैसला किया है कि 24 मई को हिसार कमिश्नरी का घेराव किया जाएगा। इसके लिए सुबह 10 बजे सभी किसान क्रांतिमान पार्क में इकट्ठे होंगे। किसान मोर्चा ने आपास के किसानों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचने की अपील की है।

विरोध प्रदर्शन में पंजाब के सीनियर किसान नेताओं के साथ ही सयुंक्त किसान मोर्चा के नेता भी पहुंचेंगे। किसानों की मांग है उन पुलिस अधिकारियों व पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई हो जिन्होंने अमानवीय तरीके से लाठीचार्ज, आंसू गैस और पत्थरबाजी के सहारे किसानों के प्रदर्शन को रोका।

किसान मोर्चा के नेताओं ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो, जिन्होंने कोविड गाइडलाइंस को दरकिनार करके यह कार्यक्रम किया।

हरियाणा के हिसार में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का विरोध कर रहे किसानों पर पुलिस ने हिंसक कार्रवाई की थी। इसमें अनेक किसानों को गहरी चोटें भी आई थी व कई किसानों को गिरफ्तार कर लिया गया था। उसी दिन किसानों के भारी विरोध के बाद पुलिस ने किसानों पर कोई केस न दर्ज करने का फैसला लिया था जबकि पुलिस ने 350 से अधिक किसानों के खिलाफ पुलिस केस दर्ज कर लिए।

मोर्चा की ओर से जारी बयान में यह भी बताया गया है कि 23 मई को मोहाली में शहीद भगत सिंह के भाई कुलबीर सिंह के बेटे अभय संधू के लिए अंतिम अरदास होगी व साथ ही दिल्ली के आसपास सभी धरना स्थलों पर किसानों द्वारा उनको श्रद्धांजलि दी जाएगी। अभय संधु अपने जीवन में अनेक आंदोलनों का हिस्सा रहे। वे किसान आंदोलन की भी एक महत्वपूर्ण आवाज थे। किसान मोर्चा ने उन्हें पगड़ी संभाल दिवस पर सम्मानित किया था।


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