शाहदाना वली के उर्स का आगाज, दरगाह आला हजरत के सज्जादानशीन ने अदा की परचम कुशाई की रस्म

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Shadana Vali Ala Hazrat
शाहदाना वली के उर्स में परचम कुशाई की रस्म.

द लीडर : शाहदाना वली रहमतुल्ला अलैह के सालाना उर्स का आगाज हो गया है. दरगाह आला हजरत के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा कादरी-अहसन मियां ने परचम कुशाई की रस्म अदा की. इससे पहले लाल मस्जिद से परचम लेकर अकीदतमंदों का काफिला आला हजरत की दरगाह होते हुए, शाहदाना वली के लिए निकला. कई जगहों पर इनका इस्तकबाल किया गया. (Shadana Vali Ala Hazrat)

परचम मलूकपुर लाल मस्जिद, हाजी अजहर बेग के आवास से निकाला. जिसकी सदारत अहसन मियां ने की. जुलूसगाह पर महफिल-ए-मिलाद हुई. मुहम्मद गुलफाम, मिराज हुसैन और चंदा हुसैन ने मिलाद पढ़ी. मुफ्ती अहसन मियां ने दुआ की.

जुलूस के आयोजक हाजी अज़हर बेग ने मुफ्ती अहसन मियां, दरगाह शाहदाना वली के मुतवल्ली अब्दुल वाजिद खान, नासिर कुरैशी, अब्दुल क़य्यूम, फरमान बेग, मुजाहिद बेग आदि की दस्तारबंदी कर इस्तकबाल किया. मुफ्ती अहसन मियां ने सय्यद चमन अली को पचरम सौंपकर जुलूस रवाना किया.


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इस दौरान परवेज नूरी, शाहिद नूरी, औरंगजेब नूरी, ताहिर अल्वी, आलेनबी, सय्यद शाबान, इशरत नूरी, मंजूर खान, वसी अहमद वारसी आदि रहे. शाहदाना वली का उर्स सात दिन तक चलेगा.

उर्स में बाहर से आने वाले जायरीन के लिए दरगाह इंताजमियां ने बंदोवस्त किए हैं. खाने-पीने के लिए लंगर और ठहरने का भी इंतजाम है. बता दें कि शाहदाना वली की दरगाह करीब 450 साल पुरानी है. आला हजरत भी यहां हाजिरी देने जाया करते थे. यही वजह है कि उनके उर्स में भी हर साल आला हजरत घराने के बुजुर्ग शामिल होते हैं.

 

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