क्या देश में दोबारा लॉकडाउन लग रहा है? अमित शाह ने दिया जवाब

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दिल्ली | कोरोना की दूसरी लहर पूरी तरह से बेलगाम हो चुकी है। वायरस ने पूरे देश में तबाही मचा रखी है। हर रोज कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। बीते 24 घंटे में 2.60 लाख से अधिक कोरोना के नए मामले सामने आए हैं। देश के 12 राज्यों की स्थिति बेहद खराब है। महाराष्ट्र सबसे ज्यादा प्रभावित वाला राज्य है। राज्य में एक दिन में 60 हजार से ज्यादा नए केस आए हैं। वहीं दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश है यहां भी 27 हजार नए मामले सामने आए हैं। दिल्ली भी 19 हजार के आंकड़े को पार कर गई है।

बिगड़ती स्थिति को देखते हुए कई राज्यों में साप्ताहिक और आंशिक लॉकडाउन लागू है। उत्तर प्रदेश में तो रविवार को पूर्ण बंदी है। कोरोना की भयावह स्थिति को देखते लग रहा है कि भारत एक बार फिर लॉकडाउन की ओर बढ़ रहा है। हालांकि, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने साफ कर दिया है कि फिलहाल ऐसी स्थिति नहीं दिख रही है। देश में जल्दबाजी में लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा ।

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लॉकडाउन करने जैसी स्थिति नहीं दिख रही

दरअसल, इंडियन एक्सप्रेस को दिए गए एक इंटरव्यू में अमित शाह से जह पूछा गया कि पिछले साल की तरह, कोरोना को नियंत्रित करने के लिए क्या लॉकडाउन ही विकल्प है? शाह ने कहा- हम कई स्टेकहोल्डर्स के साथ चर्चा कर रहे हैं। शुरू में लॉकडाउन का उद्देश्य अलग था। हम बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर और उपचार की रेखा तैयार करना चाहते थे। तब हमारे पास कोई दवा या टीका नहीं था। अब स्थिति अलग है। फिर भी, हम मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा कर रहे हैं। आम सहमति जो भी हो, हम उसी के अनुसार आगे बढ़ेंगे। मगर जलदबाज़ी में लॉकडाउन करने जैसी स्थिति नहीं दिख रही।

केंद्र राज्यों के साथ लगातार संपर्क में है

गृहमंत्री अमित शाह से सवाल पूछा गया कि पिछले साल की तरह कोरोना को काबू में करने के लिए लॉकडाउन लगाया जाएगा। जिसपर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि पूर्ण बंदी करना अभी जल्दीबाजी होगी। उन्होंने कहा कि पिछले साल के लॉकडाउन का मकसद अलग था, उस वक्त देश के पास दवा या टीके नहीं थे।   लेकिन अब स्थिति अलग है। हम राज्यों के साथ लगातार संपर्क में हैं। राज्यों की जो सहमति होगी हम उनके साथ रहेंगे।

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कोरोना के नए म्यूटेंट चिंताजनक- शाह

साक्षात्कार में गृहमंत्री से पूछा गया कि कोरोना के नए म्यूटेंट को आप कितना खतरनाक मानते हैं। जिसपर गृहमंत्री शाह ने कहा कि हर कोई चिंतित है। मुझे भी इसकी चिंता है। लेकिन हमारे वैज्ञानिक इससे लड़ने के लिए दिन रात अध्ययन कर रहे हैं। मुझे भरोसा है कि हम जीतेंगे।

एक अन्य सवाल में शाह से पूछ गया कि- इससे पहले कोरोना की पहली लहर के दौरान कई पहल हुईं।आपातकाल वाली चीजें अब क्यों नहीं है? इसपर वह बोले- यह सच नहीं है। मुख्यमंत्रियों के साथ दो बैठकें हुईं और मैं भी मौजूद था। अभी, राज्य के राज्यपालों के साथ एक बैठक हुई थी। सरकारों के समर्थन के लिए सामाजिक क्षेत्र में शेयरहोल्डर्स  को आगे बढ़ाने के लिए हमारी बैठक हुई है।

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टीकाकरण के मोर्चे पर वैज्ञानिकों के साथ बात हुई है और चिकित्सा प्रोटोकॉल में सुधार के लिए एक बैठक हुई है। इससे लड़ने की तैयारी पूरी तरह से की जा रही है। इस समय संक्रमण की गति इतनी अधिक है कि यह लड़ाई थोड़ी मुश्किल है। लेकिन मुझे भरोसा है कि इस पर हमारी जीत होगी।

इंटरव्यू में गृहमंत्री से पूछा गया कि- कोरोना के नए वैरिएंट को अधिक भयानक बताया जा रहा है। क्या आप इसके बारे में चिंतित हैं? उन्होंने कहा कि- हर कोई चिंतित है। मुझे भी इसकी चिंता है। हमारे वैज्ञानिक इससे लड़ने के लिए काम कर रहे हैं। मुझे भरोसा है कि हम जीतेंगे।  मुझे लगता है कि उछाल मुख्य रूप से वायरस के नए म्यूटेंट के कारण है। कई देशों में उछाल देखा जा रहा है। वैज्ञानिक इसका अध्ययन कर रहे हैं और इस पर एक निष्कर्ष समय से पहले होगा।

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