मुख्यमंत्री की वादाखिलाफी और मंत्री के इनकार के बाद भड़के पुरोहित महाराज का पुतला फूंका

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द लीडर देहरादून।

त्रिवेंद्र सिंह को गद्दी से उतारकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान किये गए तीरथ सिंह रावत ने आते ही ताबड़तोड़ कई घोषणाएं कर डाली। कुम्भ के आयोजन पर उनका फैसला पूरे देश पर भारी पड़ा और बाकी जो भी फैसले पलटने की वह घोषणा कर रहे थे उनपर अमल नहीं कर पाए। गैरसैण कमिश्नरी हो देवस्थान बोर्ड सब जहाँ का तहां है। इस बीच पर्यटन मंत्री ने देवस्थानम बोर्ड भंग न करने की बात कह कर नया पंगा ले लिया। चारों धामों के तीर्थ पुरोहित फिर उग्र हो गए हैं। गंगोत्री में तो मंगलवार को महाराज का पुतला भी जलाया गया।
देवस्थानम बोर्ड को लेकर गया गंगोत्री धाम में तीर्थ पुरोहितों ने मंत्री का पुतला जलाने के साथ मुख्यमंत्री से मांग की है कि सतपाल महाराज को तत्काल मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए।

पिछले साल कोरोनाकाल से ही चारधाम यात्रा में संकट है। तीर्थ पुरोहित देवस्थानम बोर्ड का विरोध कर रहे हैं। यात्रा न चलने के कारण उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। सरकार की ओर से न ही उन्हें बिजली के बिलों में रियायत की गई और न ही पानी में। गंगोत्री में तो पहले भी देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ तीर्थ पुरोहितों ने लंबा आंदोलन भी किया। अभी तक वहां बोर्ड के हाथों में व्यवस्था नहीं आ पाई है। बोर्ड पदाधिकारियों और कर्मचारियों को विरोध के चलते रास्ते से वापस लौटना पड़ा था। ऐसे में गंगोत्री में बोर्ड का कार्यालय तक नहीं खुल पाया है।
तीर्थ पुरोहित मंदिर की व्यवस्थाएं पूर्व की भांति करने के लिए सीएम तीरथ सिंह रावत से भी मिले। उन्हें सीएम ने आश्वासन भी दिया था। इसके बावजूद सरकार के मंत्री बयान देकर मुख्यमंत्री के आश्वासन से उलट बात कर रहे हैं। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने एक बयान में कहा कि देवस्थानम बोर्ड के संबंध में सरकार कोई विचार नहीं करेगी। इससे पहले मुख्यमंत्री देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार और 51 मंदिरों को बोर्ड से बाहर करने का बयान साधु संतों के सानिध्य में हरिद्वार में 9 अप्रैल को दे चुके हैं।
मंगलवार को गंगोत्री के तीर्थ पुरोहितों ने इतिहास में पहली बार किसी का पुतला जलाया। साथ ही पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज को चेतावनी दी कि यदि शीघ्र आप अपना वक्तव्य वापस नहीं लेंगे तो चारों धामों के तीर्थ पुरोहित उग्र आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे। प्रदर्शन करने वालों में पांच मंदिर समिति के सचिव दीपक सेमवाल, सहसचिव राजेश सेमवाल, गंगा पुरोहित सभा के अध्यक्ष पवन सेमवाल, राकेश, शिव प्रकाश, दिनेश, कामेश्वर, संपूर्णा, विजय ,सुमेरू प्रसाद, गणेश, सुमन आदि शामिल रहे।

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